नई दिल्ली। नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित सुपरटेक ट्विन टावर जमींदोज हो चुके हैं। दोपहर ठीक 2:30 बजे तेज धमाके के साथ 32 मंजिला पूरी इमारत मिट्टी में मिल गई। इस गगनचुंबी इमारत को ढहने में महज आठ सेकेंड का वक्त लगा। भ्रष्टाचार की नींव पर खड़ी इस इमारत के निर्माण में बिल्डर और नोएडा प्राधिकरण के कर्मचारियों द्वारा नियमों की जितनी अनदेखी की गई, उतनी ही बड़ी लड़ाई बिल्डर के खिलाफ आम नागरिकों को लड़नी पड़ी। आखिर कौन हैं ये आम लोग? कौन है ट्विन टावर का मालिक? और क्या है ट्विन टॉवर का इतिहास?
ट्विन टावर का इतिहास
कहानी 23 नंवबर 2004 से शुरू होती है। जब नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर-93ए स्थित प्लॉट नंबर-4 को एमराल्ड कोर्ट के लिए आवंटित किया। आवंटन के साथ ग्राउंड फ्लोर समेत 9 मंजिल के 14 टावर बनाने की अनुमति मिली।
कब-कब बढ़ाई गई टॉवरों की ऊंचाई?
जमीन आवंटन के दो साल बाद 29 दिसंबर 2006 को अनुमति में संशोधन कर दिया गया। नोएडा अथॉरिटी ने संशोधन करके सुपरटेक को नौ की जगह 11 मंजिल तक फ्लैट बनाने की अनुमति दे दी। इसके साथ ही टावरों की संख्या भी बढ़ाई गई। पहले 15 और फिर इनकी संख्या 16 हुई। 2009 में इसमें फिर से इजाफा किया गया। 26 नवंबर 2009 को नोएडा अथॉरिटी ने फिर से 17 टावर बनाने का नक्शा पास कर दिया। इसके बाद भी ये अनुमति लगातार बढ़ती गई।
जानिए कौन है ट्विन टावर का मालिक?
एमराल्ड कोर्ट परियोजना में बने ट्विन टावरों को बनाने वाली कंपनी सुपरटेक लिमिटेड है। यह एक गैर-सरकारी कंपनी है। इस कंपनी को सात दिसंबर, 1995 में निगमित किया गया था। सुपरटेक के फाउंडर आरके अरोड़ा हैं। उन्होंने अपनी 34 कंपनियां खड़ी की हैं। 1999 में आरके अरोड़ा की पत्नी संगीता अरोड़ा ने दूसरी कंपनी सुपरटेक बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी शुरू की।
12 शहरों में लांच किए प्रोजेक्ट
सुपरटेक ने अब तक नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, दिल्ली-एनसीआर समेत देशभर के 12 शहरों में रियल स्टेट प्रोजेक्ट लांच किए हैं। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने इसी साल कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया। कंपनी पर अभी करीब 400 करोड़ का कर्ज बकाया है।
कब शुरू हुआ खेल?
दो मार्च, 2012 को टावर नंबर 16 और 17 के लिए फिर से संशोधन किया गया। इन दोनों टावरों को 40 मंजिल तक करने की अनुमति दी गई। इनकी ऊंचाई 121 मीटर तय कर दी गई। वहीं दोनों टावरों के बीच की दूरी भी नौ मीटर रखी गई, जबकि यह 16 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
कहां हुई नियमों की अनदेखी?
सुपरटेक को 13.5 एकड़ जमीन आवंटित की गई थी। परियोजना का 90 फीसदी यानी करीब 12 एकड़ हिस्से पर 2009 में ही निर्माण पूरा कर लिया गया था। 10 फीसदी हिस्से को ग्रीन जोन दिखाया गया। 2011 आते-आते दो नए टावरों के बनने की खबरें आने लगीं। 12 एकड़ में जितना निर्माण किया गया, उतना एफएआर का खेल खेलकर दो गगनचुंबी इमारतों के जरिये 1.6 एकड़ में ही करने का काम तेजी से जारी था। अंदाजा लगाया जा सकता है कि 12 एकड़ में 900 परिवार रह रहे हैं, इतने ही परिवार 1.6 एकड़ में बसाने की तैयारी थी।
किन लोगों ने लड़ी लड़ाई?
फ्लैट बायर्स ने 2009 में आरडब्ल्यू बनाया। इसी आरडब्ल्यू ने सुपरटेक के खिलाफ कानूनी लड़ाई की शुरुआत की। ट्विन टावर के अवैध निर्माण को लेकर आरडब्ल्यू ने पहले नोएडा अथॉरिटी मे गुहार लगाई। अथॉरिटी में कोई सुनवाई नहीं होने पर आरडब्ल्यू इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा। 2014 में हाईकोर्ट ने ट्विन टावर तोड़ने का आदेश जारी किया। इस लड़ाई में यूबीएस तेवतिया, एसके शर्मा, रवि बजाज, वशिष्ठ शर्मा, गौरव देवनाथ, आरपी टंडन, अजय गोयल ने अग्रणी भूमिका निभाई।
सुप्रीम कोर्ट में क्यों पहुंचा मामला?
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुपरटेक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट में सात साल चली लड़ाई के बाद 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने के अंदर ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया।
कैसे जमीदोंज हुए ट्विन टावर?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टावर को गिराने के लिए इसमें 3700 किलो विस्फोटक लगाया गया था। इमारत से करीब 70 मीटर दूर रिमोट रखा गया था। दोपहर ठीक 2:30 बजे रिमोट की बटन दबाई गई और तेज धमाके के साथ पूरी इमारत मिट्टी में मिल गई। इसके बाद कई मीटर तक धूल का गुबार छा गया।
टावर गिराने में कितना आया खर्च?
200 करोड़ से ज्यादा की लागत में बने ट्विन टावर्स को गिराने में करीब 20 करोड़ का खर्च आने की बात कही जा रही है। यह रकम भी बिल्डर्स से ही वसूली जाएगी। मौजूदा समय में इमारत की कीमत करीब 800 करोड़ रुपये आंकी गई थी।
पूरे मामले पर सुपरटेक ने क्या कहा?
ट्विन टावर मामले पर सुपरटेक का बयान आया है। बयान में कहा गया है कि प्राधिकरण को पूरा भुगतान करने के बाद हमने टावर का निर्माण किया था। हालांकि, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने तकनीकी आधार पर निर्माण को संतोषजनक नहीं पाया है और दोनों टावरों को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए। हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं। हमने करीब 70000 से अधिक लोगों फ्लैट्स तैयार करके दे दिए हैं। बाकी लोगों को भी निर्धारित समय में फ्लैट देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नई दिल्ली। चंद्रयान-3 ने बुधवार को चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत (India) ने इतिहास रच दिया है। चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान उतारने वाला भारत पूरी दुनिया में पहला देश बन गया है। अब तक किसी भी देश ने ऐसा नहीं किया था।
भोपाल। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इंदौर जिले के जानापाव में भगवान श्री परशुरामजी जन्म-स्थली में दर्शन और पूजन-अर्चन किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, इंदौर जिले के प्रभारी तथा प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सांसद वी.डी. शर्मा, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, धार सांसद छतर सिंह दरबार ने भी दर्शन और पूजन-अर्चन किया।
भोपाल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आयुष्मान कार्ड हर भारतीय के लिये अच्छे स्वास्थ्य की गारंटी है। इस कार्ड में गरीबों के नि:शुल्क 5 लाख रूपये तक के इलाज की गारंटी है। हिन्दुस्तान में आपका कहीं भी स्वास्थ्य खराब हो, अस्पताल में जाकर यह कार्ड दिखा देना आपको 5 लाख रूपये तक का नि:शुल्क इलाज मिल जायेगा। गरीब की सबसे बड़ी चिंता बीमारी होती है और यह कार्ड आपके इलाज की गारंटी है।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शहडोल जिले के ग्राम पकरिया पहुँचे। प्रधानमंत्री ने ग्राम पकरिया में जनजातीय मुखियाओं, पेसा समितियों के सदस्यों, स्व-सहायता समूहों की लखपति दीदियों और फुटबॉल खिलाड़ियों से संवाद किया।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से 5 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने इनमें से तीन वंदे भारत ट्रेन को वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रेन में यात्रा कर रहे बच्चों के साथ संवाद भी किया। बच्चों ने अपने प्रिय प्रधानमंत्री से खुलकर बातचीत की।
भोपाल। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि किसान अन्नदाता ही नहीं, भारत का भाग्य विधाता भी है। किसान के बेटों ने सीमाओं की रक्षा की है। भारत को ताकतवर बनाने के लिए किसानों को ताकतवर बनाना होगा। चाहे स्वतंत्रता की लड़ाई हो, वर्ष 1857 का संग्राम हो, चम्पारण का सत्याग्रह हो या गुजरात के बारडोली का आंदोलन, किसानों ने अंग्रेजों की चूल्हें हिला दी थीं। आज मध्यप्रदेश में इस किसान-कल्याण महाकुंभ में किसानों की बड़ी संख्या में उपस्थिति हर्षित करने वाली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में विकास और किसान, गरीब, बेटियों आदि सभी के लिये करिश्माई कार्य कर रहे हैं। वे जनता के लिये तहे दिल से कार्य कर रहे हैं। जनता उन्हें कितना अधिक प्यार करती है, यह आज मैं देख रहा हूँ।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ लेकर बहनें मजबूत होंगी, वे अब मजबूर नहीं रहेंगी। योजना में प्रति माह 1000 रूपये की राशि देने के प्रावधान में संशोधन कर बहनों को क्रमश: बढ़ी हुई राशि का भुगतान किया जाएगा। आवश्यक वित्त व्यवस्था के फलस्वरूप योजना में 1000 रूपये के स्थान पर क्रमश: 1250 रुपए, इसके बाद 1500 रूपए, फिर 1750 रूपए, फिर 2 हजार रूपए और इसके बाद 2250 रुपए, 2500 रूपए और 2750 रूपए करते हुए राशि को 3 हजार रूपए तक बढ़ाया जाएगा।
इसी तरह योजना के लिए विवाहित पात्र बहन की आयु न्यूनतम 23 वर्ष के स्थान पर 21 वर्ष की जाएगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित सम्मेलन केंद्र में 'विकसित भारत @ 2047: टीम इंडिया की भूमिका' पर नीति आयोग की शासी परिषद की 8वीं बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक की अध्यक्षता की। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, पदेन सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष और अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व के अनेक देशों में सम्मान मिला है। इससे भारतवासी गर्वित, आनंदित और सम्मानित महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी अभिनन्दन के पात्र हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री जी को पापुआ न्यू गिनी और फिजी ने अपने सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया है। इन देशों के राष्ट्र प्रमुख कहते हैं कि भारत हमारी आवाज बन कर उभर रहा है।
भोपाल। राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज डिंडोरी जिले के रजत जयंती समारोह और महिला सम्मेलन में शामिल हुए। उन्होंने जिले की स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने पर विकास की अनेक सौगातें देते हुए विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया। समारोह में मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना में हितग्राहियों को आवासीय भूमि के अधिकार-पत्र और विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं में हितलाभ वितरित किए