नई दिल्ली। प्रत्येक वर्ष भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन (14 नवंबर 1889) को देश भर में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था, इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। एक बार एक बच्चा उनसे भरी सभा में नाराज हो गया था, फिर जानते हैं चाचा नेहरू न उसे कैसे मनाया और क्या थी उस बच्चे के नाराज होने की वजह?
चाचा नेहरू एक बार एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. यहां एक बच्चे ने अपनी ऑटोग्राफ पुस्तिका उनके सामने रखते हुए कहा- साइन कर दीजिए। नेहरू जी बच्चे के अनुरोध को नकार नहीं सके और उन्होंने ऑटोग्राफ कर बच्चे को पुस्तिका वापस कर दी। बच्चे ने उनके ऑटोग्राफ देखे, लेकिन उस पर तारिख नहीं लिखी थी। बच्चे ने चाचा नेहरू से कहा कि आपने ऑटोग्राफ में तारीख तो लिखी ही नहीं है। इतना सुनते ही चाचा नेहरू के मन में बच्चों जैसी शरारत आ गई। उन्होंने उस बच्चे से ऑटोग्राफ की पुस्तिका ली और उस पर तारीख लिखकर उसे लौटा दी।
इस बार बच्चा उनके ऑटोग्राफ और उसके साथ लिखी तारीख देखकर गुस्सा गया। उसने चाचा नेहरू से कहा कि आपने तो तारीख उर्दू के अंकों में लिख दी है। इस पर चाचा नेहरू ने मजाक भरे लहजे में बच्चे से कहा कि भाई आपने पहले अंग्रेजी में साइन करने को कहा तो मैनें साइन कर दिए। फिर आपने उर्दू में तारीख लिखने को कहा तो मैनें उर्दू में तारीख डाल दी। चाचा नेहरू का ये जवाब सुनकर वहां मौजूद सभी लोग हंस पड़े। बच्चा भी समझ गया कि चाचा नेहरू उससे मजाक कर रहे हैं और उसका गुस्सा तुरंत शांत हो गया। ऐसा था देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का स्वभाव। वह देश को लेकर जितने गंभीर थे, बच्चों के साथ उतने ही बचपने और हंसी-मजाक से रहते थे।
उनका बचपने खुद भी एक प्रेरणा है
पंडित जवाहर लाल नेहरू का बचपन खुद दूसरे बच्चों और लोगों के लिए एक प्रेरणास्रोत रहा है। बात उन दिनों की है जब पंडित जवाहर लाल नेहरू स्कूल में पढ़ाई करते थे। एक दिन सुबह वह अपने स्कूल के जूतों पर पॉलिश कर रहे थे। इसी दौरान उनके पिता पंडित मोतीलाल नेहरू ने उन्हें जूतों में पॉलिश करते हुए देख लिया। उन्होंने नेहरू जी से कहा कि तुम ये क्या कर रहे हो। जूतों में पॉलिश के लिए तुम नौकरों से कह सकते थे। इस पर नेहरू जी ने पिता से कहा कि जो काम मैं खुद कर सकता हूं, उसे नौकरों से क्यों कराऊं? उनके इस जवाब से पंडित मोतीलाल नेहरू बहुत प्रभावित हुए। दरअसल जवाहर लाल नेहरू का मानना था कि छोटे-छोटे कामों के लिए किसी का सहारा नहीं लेना चाहिए। इन्हीं छोटे-छोटे कामों से व्यक्ति आत्मनिर्भर होता है।
जवाहर लाल नेहरू के बचपन के कुछ दिलचस्प किस्से
जवाहर लाल जब छोटे थे उनके पिता मोतीलाल नेहरू को उपहार में दो बेशकीमती फाउंटेन पेन मिले थे। जवाहर लाल ने उनमें से एक पेन ले लिया। इसके पीछे उनकी सोच थी कि उनके पिता को एक ही वक्त में दो पेन की जरूरत कभी नहीं पड़ेगी। जब मोतीलाल नेहरू को पता चला कि उनका एक पेन गायब है तो उन्होंने उसकी तलाश कराई। वह इतने नाराज थे कि जवाहर लाल उनके सामने जाकर अपनी गलती स्वीकारने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। काफी खोजबीन के बाद जब वह पेन जवाहर लाल के पास से बरामद हा तो उनके पिता ने उनकी जमकर पिटाई की। पिटाई से वह इस कदर घायल हो गए कि उनके पूरे शरीर पर दवा लगानी पड़ी थी। इसके बाद वह पिता से काफी डरने लगे थे।
जब घर से बिना बताए पिता को घोड़ा लेकर निकले नेहरू घायल हो गए थे
बच्चों में साइकल, बाइक या अन्य वाहनों का क्रेज बहुत ज्यादा होता है। अक्सर हमारे घरों या आसपास के बच्चे घर में बिना बताए चुपके से साइकल या गाड़ी लेकर बाहर निकल जाते हैं। जवाहर लाल नेहरू भी अपने बचपन में इसी तरह आम बच्चों की तरह शरारतें किया करते थे। एक बार बचपन में वह अपने घर आनंद भवन में पिता के अरबी घोड़े की सवारी कर रहे थे। सब लोग अपने-अपने काम में व्यस्त थे। इसी दौरान नेहरू जी घोड़ा लेकर घर से बाहर निकल गए और किसी ने उन पर ध्यान नहीं दिया। थोड़ी देर बाद घोड़ा अकेला वापस आनंद भवन लौट आया, लेकिन बालक जवाहर लाल नेहरू उस पर सवार नहीं थे। इसके बाद बड़े पैमाने पर पूरे शहर में उनकी खोज शुरू हुई। इस दौरान मोतीलाल ने खुद बेटे जवाहर लाल को एक सड़क पर पाया। उन्हें चोल लगी हुई थी और वह धीरे-धीरे घर की तरफ लौट रहे थे। पूछने पर पता चला कि घर से बाहर निकलने के बाद वह घोड़े की पीठ से गिरकर घायल हो गए थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को देवास के सोनकच्छ के ग्राम पीपलरांवा से एक करोड़ 27 लाख लाड़ली बहनों के खाते में 1553 करोड़ रूपए, 56 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशन हितग्राहियों के खाते में 337 करोड़ रूपए और 81 लाख किसानों के खाते में 1624 करोड़ रूपये सिंगल क्लिक से अंतरित किये। उन्होंने कार्यक्रम में 144.84 करोड़ रूपये लागत के 53 कार्यों का भूमि-पूजन एवं लोकार्पण भी किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास के नए दौर में प्रवेश कर रहा है और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 इस बदलाव का सबसे बड़ा प्रमाण बनेगी। पहली बार राजधानी भोपाल में हो रहे इस आयोजन को लेकर यह न सिर्फ एक निवेश सम्मेलन है, अपितु भोपाल को औद्योगिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राजधानी के पास पहले से ही औद्योगिक विकास के लिए मजबूत आधार मौजूद है। जीआईएस-2025 से भोपाल का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ेगा।
नई दिल्ली। चंद्रयान-3 ने बुधवार को चांद की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफल लैंडिंग के साथ ही भारत (India) ने इतिहास रच दिया है। चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान उतारने वाला भारत पूरी दुनिया में पहला देश बन गया है। अब तक किसी भी देश ने ऐसा नहीं किया था।
भोपाल। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इंदौर जिले के जानापाव में भगवान श्री परशुरामजी जन्म-स्थली में दर्शन और पूजन-अर्चन किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, इंदौर जिले के प्रभारी तथा प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, सांसद वी.डी. शर्मा, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर, धार सांसद छतर सिंह दरबार ने भी दर्शन और पूजन-अर्चन किया।
भोपाल । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आयुष्मान कार्ड हर भारतीय के लिये अच्छे स्वास्थ्य की गारंटी है। इस कार्ड में गरीबों के नि:शुल्क 5 लाख रूपये तक के इलाज की गारंटी है। हिन्दुस्तान में आपका कहीं भी स्वास्थ्य खराब हो, अस्पताल में जाकर यह कार्ड दिखा देना आपको 5 लाख रूपये तक का नि:शुल्क इलाज मिल जायेगा। गरीब की सबसे बड़ी चिंता बीमारी होती है और यह कार्ड आपके इलाज की गारंटी है।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शहडोल जिले के ग्राम पकरिया पहुँचे। प्रधानमंत्री ने ग्राम पकरिया में जनजातीय मुखियाओं, पेसा समितियों के सदस्यों, स्व-सहायता समूहों की लखपति दीदियों और फुटबॉल खिलाड़ियों से संवाद किया।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से 5 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने इनमें से तीन वंदे भारत ट्रेन को वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रेन में यात्रा कर रहे बच्चों के साथ संवाद भी किया। बच्चों ने अपने प्रिय प्रधानमंत्री से खुलकर बातचीत की।
भोपाल। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि किसान अन्नदाता ही नहीं, भारत का भाग्य विधाता भी है। किसान के बेटों ने सीमाओं की रक्षा की है। भारत को ताकतवर बनाने के लिए किसानों को ताकतवर बनाना होगा। चाहे स्वतंत्रता की लड़ाई हो, वर्ष 1857 का संग्राम हो, चम्पारण का सत्याग्रह हो या गुजरात के बारडोली का आंदोलन, किसानों ने अंग्रेजों की चूल्हें हिला दी थीं। आज मध्यप्रदेश में इस किसान-कल्याण महाकुंभ में किसानों की बड़ी संख्या में उपस्थिति हर्षित करने वाली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश में विकास और किसान, गरीब, बेटियों आदि सभी के लिये करिश्माई कार्य कर रहे हैं। वे जनता के लिये तहे दिल से कार्य कर रहे हैं। जनता उन्हें कितना अधिक प्यार करती है, यह आज मैं देख रहा हूँ।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ लेकर बहनें मजबूत होंगी, वे अब मजबूर नहीं रहेंगी। योजना में प्रति माह 1000 रूपये की राशि देने के प्रावधान में संशोधन कर बहनों को क्रमश: बढ़ी हुई राशि का भुगतान किया जाएगा। आवश्यक वित्त व्यवस्था के फलस्वरूप योजना में 1000 रूपये के स्थान पर क्रमश: 1250 रुपए, इसके बाद 1500 रूपए, फिर 1750 रूपए, फिर 2 हजार रूपए और इसके बाद 2250 रुपए, 2500 रूपए और 2750 रूपए करते हुए राशि को 3 हजार रूपए तक बढ़ाया जाएगा।
इसी तरह योजना के लिए विवाहित पात्र बहन की आयु न्यूनतम 23 वर्ष के स्थान पर 21 वर्ष की जाएगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित सम्मेलन केंद्र में 'विकसित भारत @ 2047: टीम इंडिया की भूमिका' पर नीति आयोग की शासी परिषद की 8वीं बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक की अध्यक्षता की। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, पदेन सदस्य के रूप में केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष और अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।