राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के आनुषांगिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने एअर इंडिया के निजीकरण का विरोध किया है. बीएमएस का कहना है कि इससे देश के कम मुनाफे या घाटे वाले वाले रूट की कनेक्टिविटी पर असर पड़ेगा. संगठन ने कहा कि इन रूट पर भला कौन निजी कंपनी सेवा देना चाहेगी?
सिर्फ मुनाफा ही आधार नहीं हो सकता
भारतीय मजदूर संघ ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि एअर इंडिया के घाटे और मुनाफे की गणना करने में इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि देश के कई घाटे वाले या कम मुनाफे वाले रूट में यात्रियों की सेवा करने में एअर इंडिया की क्या भूमिका रही है.
बयान में कहा गया है, 'एअर इंडिया के निजीकरण का काफी व्यापक असर होगा. कई ऐसे एयरपोर्ट हैं जहां पहले से ही फ्लाइट कम हैं वहां और संकट हो सकता है. कई उभरते शहरों को कनेक्टिविटी की समस्या आ सकती है. मजदूर संघ ने कहा कि कोई भी निजी कंपनी नुकसान वाले रूट पर केवल यात्रियों की सेवा करने या राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए एक से दूसरे शहर को कनेक्ट करने जैसे काम नहीं करेगी. '
क्या कहा बीएमएस ने
भारतीय मजदूर संघ के महासचिव विरजेश उपाध्याय ने कहा, 'जब सार्वजनिक क्षेत्र की बात हो तो हमें इस पर विचार करना होगा कि हम उनके प्रदर्शन को मापने के लिए क्या मानदंड अपना रहे हैं. सिर्फ मौद्रिक लाभ या नुकसान को आधार बनाना गलत है. जैसा कि हमने पहले भी कहा है कि सार्वजनिक कंपनियों का उद्देश्य और लक्ष्य अलग होता है.'
उन्होंने कहा, 'सार्वजनिक कंपनियां देश की सेवा करती हैं, बेहतरीन नौकरियों का सृजन करती है, बेहतर जीवन दशा, बेहतर उपभोग और जिम्मेदार सामाजिक व्यवहार को बढ़ावा देती हैं. एअर इंडिया के घाटे और मुनाफे की गणना करते समय हमें इस तथ्य को ध्यान में रखना होगा कि एअर इंडिया कई कम मुनाफे या घाटे वाले रूट पर भी संचालित हो रही है, सिर्फ यात्रियों की सेवा और एक से दूसर इलाके के लोगों के संपर्क के लिए.'
क्या है सरकार का प्लान
गौरतलब है कि दो दिन पहले ही सरकार ने एअर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का प्लान पेश कर दिया है. तमाम विरोध के बावजूद सरकार एअर इंडिया को बेचने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार ने सोमवार को इस बारे में प्रारंभिक जानकारी वाला मेमोरंडम जारी कर दिया.
सरकार द्वारा जारी बिड डॉक्यूमेंट के मुताबिक एयर इंडिया एक्सप्रेस की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी. इसके अलावा एअर इंडिया और SATS की जॉइंट वेंचर कंपनी AISATS में एअर इंडिया की 50 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी. एअर इंडिया का मैनेजमेंट कंट्रोल भी बोली जीतने वाली कंपनी को मिल जाएगा.
निजी कंपनियों को क्यों मिलता है फायदा
मजदूर संघ के बयान में कहा गया है, 'टैक्सपेयर्स का पैसा बचाने और सामाजिक योजनाओं पर व्यय के लिए संसाधन जुटाने के नाम पर पीएसयू को बेचने का विचार ही खामी भरा है. जब एविएशन सेक्टर की बात आती है तो ये तर्क और बेकार लगता है, क्योंकि इसमें तो एक से एक निजी कंपनियां भी विफल साबित होती रही हैं, किंगफिशर इसका अच्छा उदाहरण है.'
उपाध्याय ने कहा, 'ऐसे कई उदाहरण हैं जब सरकार ने टैक्सपेयर्स के पैसे से किसी निजी कंपनी या बैंक को राहत पैकेज दी है. यह भी तो एक तरह से अप्रत्यक्ष तरीके से निजी कारोबार को फंड देना है, जबकि फायदे में रहने पर ऐसी कंपनियां सरकार को टैक्स के अलावा कुछ नहीं देतीं. यह मुनाफे के निजीकरण और घाटे के सामाजिकरण का आदर्श उदाहरण है. इन बातों को ध्यान में रखते हुए ही भारतीय मजदूर संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि वह एयर इंडिया के विनिवेश से पहले सौ दफा सोचे.'
नई दिल्ली। पिछले सात कारोबारी सेशन में अदाणी समूह का मार्केट कैप नौ लाख करोड़ कम हो गया है। 24 जनवरी 2023 को अदाणी समूह का कुल मार्केट कैप 19.2 लाख करोड़ था तो 3 फरवरी के कारोबारी सेशन के बाद महज 10 लाख करोड़ रह गया।
नई दिल्ली। वेतनशुदा मध्यमवर्ग के लिए सबसे तकलीफदेह यही होता है। इस मध्यम वर्ग के लिए कम से कम इनकम टैक्स के मामले में कुछ अच्छे दिन आते दिख रहे हैं। वजह है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में आयकर को लेकर पांच बड़े एलान। आइए इस बारे में बारी-बारी से जानते हैं...
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नई दिल्ली। सरकार ने कहा कि त्योहारी सीजन में लोगों को प्याज और दालों की महंगाई नहीं सताएगी। पर्याप्त बफर स्टॉक होने की वजह से प्याज और दालों की कीमतें दिसंबर तक नहीं बढ़ेंगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के पास 2022-23 के लिए 2.5 लाख टन से ज्यादा प्याज का भंडार है। इसमें 54 लाख टन प्याज राज्यों को जारी किया गया है।
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नई दिल्ली। हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार हरे निशान पर खुला है। बाजार की शुरुआत में सेंसेक्स लगभग 200 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार करता दिख रहा है। निफ्टी में भी 50 अंकों की मजबूती है। फिलहाल सेंसेक्स 151.58 अंकों की बढ़त के साथ 59,397.07 के लेवल पर तो निफ्टी 52.95 अंकों की बढ़त के साथ 17,616.90 अंकों पर कारोबार कर रहा है।
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बरकरार है। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार को सेंसेक्स 843.79 अंक यानी 1.46 प्रतिशत लुढ़ककर 57,147.32 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 940.71 अंक तक नीचे चला गया था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 257.45 अंक यानी 1.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,983.55 अंक पर बंद हुआ।