नई दिल्ली। साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण अब समाप्त हो चुका है। यह ग्रहण शाम 05 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होकर और शाम 06 बजकर 20 मिनट तक रहा। भारत के ज्यादातर शहरों में ग्रहण का मोक्ष काल शाम 07:26 बजे के करीब माना गया। ग्रहण समाप्त होते ही देशभर के मंदिरों में शुद्धिकरण के बाद मंदिरों के कपाट लोगों के दर्शन के लिए खोल दिए गए। इससे पहले 25 अक्टूबर को कार्तिक अमावस्या को साल 2022 का आखिरी सूर्यग्रहण देखने को मिला था। 8 नवंबर के बाद पूर्ण चंद्र ग्रहण अब तीन साल बाद देखने को मिलेगा क्योंकि इसके बादा 14 मार्च 2025 में ही पूर्ण चंद्र ग्रहण पड़ेगा।
नासा के अनुसार, यह ग्रहण पूरे अमेरिका, कोलंबिया, पश्चिमी वेनेजुएला और पेरू, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अलास्का और हवाई में दृश्यमान रहेगा। इस ग्रहण को नंगी आंख से देख सकते हैं। इसके लिए किसी विशेष चश्में या अन्य यंत्र की जरूरत नहीं होगी।
भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई पड़ने के कारण सूतक काल मान्य होगा। सूतक काल में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाएगा। वहीं ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियां अपनाने की बातें कही जाती हैं। ग्रहण के दौरान भोजन करना सा सोना भी वर्जित है। हालांकि खाने में तुलसी दल डालकर रखें और बीमार, वृद्ध व बच्चे खाना भी खा सकते हैं।
ग्रहण समाप्त होने के बाद होगा यह काम
ग्रहण समाप्त होने के लोग स्नानकर अपने घर के मंदिर में बैठे भगवान के विग्रह स्वरूप का स्नान कराएं, गंगाजल छिड़कर पवित्र करेंगे। इसके बाद पूजा करेंगे। वहीं मंदिरों में पूजारी मंदिर की साफ-सफाई व पवित्र करने के बाद भगवान को भी पवित्र करेंगे और पूजा की जाएगी।
चंद्र ग्रहा का राशियों पर प्रभाव
ज्योतिषशात्र के अनुसार, ग्रह-नक्षत्रों के परिवर्तन की तरह ग्रहण का असर भी सभी राशियों पर देखने को मिलता है, चाहे यह सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण। ग्रुहण के बाद आने वाले करीब एक महीने तक का समय बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। जो आइए जानते हैं कि आने वाला समय ग्रहण के प्रभाव के चलते किन राशियों के जातकों को लाभ और किन राशियों के लिए हानि के योग बना रहा है।
खबरों के अनुसार, 8 नवंबर 2022 साल के आखिरी ग्रहण से 4 राशियों मिथुन, कर्क, वृश्चिक और कुंभ के लिए लाभकारी साबित होगा। वहीं 4 राशियों मेष, वृष, कन्या और मकर के लिए हानि के योग लेकर आ रहा है। इसके आलावा बाकी चार राशियों को ग्रहण के चलते मध्यम फल मिलेगा।
Chandra Grahan: गर्भवती महिलाएं अपनाएं ये सावधानियां
ग्रहण के सूतक के समय बच्चे, वृद्ध, गर्भवती महिला, एवं रोगी को जरूरी आहार अथवा दवा लेने में कोई दोष नहीं लगता है। गर्भवती महिलाएं ग्रहण खास सावधानी बरतें, चाकू, सुई , इत्यादि से कोई कार्य न करे। सम्भव हो तो टहलें, सोये नही तो अच्छा रहेगा। पंडित राजीश द्विवेदी केअनुसार, ग्रहण में सूतक का पालन तो करना ही चाहिए।
इस दौरान गर्भवती महिलाओं को भी विशेष सावधानी वर्तनी चाहिए। खासकर ग्रहण के दौरान अपने पास किसी भी प्रकार का धारदार हथियार, चाकू, असलाह आदि न रखें। ग्रहण के दौरान ज्यादा से ज्यादा समय मंत्र जाप करें। ग्रहण के बाद स्नान दान करें। इससे ग्रहण का दुष्प्रभाव कम होगा।
जानकारों के मुताबिक ग्रहण काल में गर्भ में पल रहे बच्चों को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिस विभिन्न उपाय अपनाने चाहिए। गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। बाहर निकलना जरूरी हो तो गर्भ पर चंदन और तुलसी के पत्तों का लेप कर लें। इससे ग्रहण का प्रभाव गर्भ में पल रहे शिशु पर नहीं होगा। गर्भवती महिलाएं ग्रहण के वक्त खुले आसमान के नीचे न जाएं, चाकू, सुई इत्यादि से कोई कार्य न करे। सम्भव हो तो टहलें, सोये नही तो अच्छा रहेगा।
Chandra Grahan 2022: क्यों पड़ता है चंद्रग्रहण ?
खगोलशास्त्र के अनुसार, सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा जब एक ही सीध पर आ जाते हैं तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि पृथ्वी द्वारा कुछ देर के लिए सूर्य की रोशनी चंद्रमा पर जाने बाधित की जाती है। इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं। चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को होता जबकि अमावस्या को सूर्य ग्रहण पड़ता है।
Hanuman Jayanti 2023 Upay : हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 6 अप्रैल 2023, गुरुवार (Hanuman Jayanti 2023 Date) के दिन मनाया जाएगा। इस विशेष दिन पर हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से साधकों को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
सभी नौ ग्रह सही समय पर राशि चक्र में गोचर करते हैं। अन्य ग्रहों के साथ युति भी बनाते हैं। इन ग्रहों के गोचर और युति से शुभ और अशुभ योग बनते हैं। इस समय शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में है। कुंभ में सूर्य देव भी हैं। वहीं देवगुरु बृहस्पति और शुक्र मीन राशि में युति कर रहे हैं। इस प्रकार इन ग्रहों की स्थिति पंच महायोग बना रही है। 19 फरवरी से केदार योग, शंख योग, शश योग, ज्येष्ठ योग और सर्वार्थसिद्धि योग बना है। 5 महायोगों का दुर्लभ संयोग 700 साल बाद अपना प्रभाव दिखाएगा। कुछ राशियों पर इस योग का शुभ प्रभाव दिखाई देगा।
यदि आप आर्थिक तंगी से परेशान है। आय से अधिक खर्च हो रहा है। कई बार प्रयास करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही है। कारोबार को लेकर परेशान हैं या किसी रोग से पीड़ित हैं, तो हम आपको होलिका दहन के समय किए जाने वाले कुछ उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह उपाय सही दिन और सही समय पर किया जाए, तो नौकरी, शिक्षा, धन, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
Shani Gochar 2023: शनिदेव 30 साल बाद कुंभ राशि में दोबारा से गोचर करने वाले हैं। ज्योतिष में शनि का गोचर हमेशा से ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि सभी ग्रहों में शनि सबसे मंदगति से चलने वाले ग्रह हैं। ये एक से दूसरी राशि में गोचर करने में करीब ढाई वर्षो का समय लेते हैं। इस वजह से किसी राशि पर इनका ज्यादा और दूरगामी प्रभाव पड़ता है। 15 जनवरी को सूर्यदेव अपने पुत्र शनि की राशि में प्रवेश करेंगे फिर उसके दो दिन बाद यानी 17 जनवरी को शनिदेव भी कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। ये महायोग कई राशियों के जातकों के लिए जीवन में बड़े बदलाव लानेवाला है।
Surya Gochar 2023: इस महीने सूर्य और शनि का दुर्लभ संयोग होने वाला है। 14 जनवरी को रात 8 बजकर 57 मिनट पर ग्रहों के राजा सूर्य मकर राशि में प्रवेश करने वाले हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि, मकर राशि के स्वामी हैं। वहीं सूर्य को शनि का पिता माना जाता है। सूर्य के पास राज करने के अधिकार हैं, तो शनि को उनका सेवक माना जाता है। लेकिन शनि को कर्मफलदाता भी माना जाता है। ज्योतिष में इन दोनों के बीच शत्रुता कही गई है।
Astrology News: संपूर्ण ब्राह्मांड के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु भगवान को गुरुवार का दिन समर्पित होता है। इस दिन यदि कोई जातक उनका व्रत रखता है एवं विशेष पूजा करता है तो उसे अपार धन लाभ होता है। विष्णु भगवान की पूजा से उसे लक्ष्मी माता की कृपा भी प्राप्त हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि कुछ राशियों ऐसी भी जिन्हें भगवान विष्णु की कृपा से कभी धन की हानि का सामना नहीं करना पड़ता है। आइये जानते हैं उन राशियों के बारे में पूरी जानकारी।
Libra Yearly Horoscope 2023: इस वर्ष तुला राशि के जातकों को हर क्षेत्र में लाभ होने वाला है। साथ ही आकस्मिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। जनवरी की शुरूआत में परिवार में कोई धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। जिसके कारण परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा। इस वर्ष आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है। पढ़िए सम्पूर्ण वार्षिक राशिफल।
अशोक के पत्तों का उपयोग धार्मिक और मांगलिक कार्यों के लिए प्राचीन समय से होता आ रहा है। अशोक के पत्ते बेहद शुभ माने जाते हैं। किसी भी शुभ अवसर पर घर के मुख्य द्वार पर अशोक या आम के पत्तों से बनी माला अवश्य लटकाई जाती है। ऐसा करने के पीछे कई ज्योतिषीय कारण बताए जाते हैं। इसके पत्ते पूजा के कलश में भी रखे जाते हैं। ज्योतिष में अशोक के पत्तों के कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को करके आप अपने जीवन की समस्त समस्याओं से पीछा छुड़ा सकते हैं।
Shani Gochar 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव 17 जनवरी 2023 को स्वराशि कुंभ में गोचर करेंगे। मार्च 2025 तक कुंभ में ही रहेंगे। शनि के स्वराशि कुंभ में गोचर करते ही कुछ राशियों से शनि साढ़े साती और ढैय्या हट जाएगी। वहीं, कुंभ, मीन, मकर राशि के लिए कठिन समय शुरू हो जाएगा। सबसे ज्यादा मुश्किल समय 2023 से 2025 तक कुंभ राशि वालों के लिए रहेगा। इस दौरान तीनों राशि के जातकों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा और गुस्से पर नियंत्रण पाना होगा।
Garuda Purana: सनातन धर्म के 18 महापुराणों में से एक गरुड़ पुराण में कुछ ऐसी आदतों का जिक्र किया गया है। जिनका समय पर त्याग कर देना चाहिए। यदि इन आदतों को समय पर नहीं छोड़ा गया तो व्यक्ति कंगाल हो जाता है। कुछ ही समय में राजा से रंक बन जाता है। गरुड़ पुराण में वर्णित बातों का अनुसरण करने पर व्यक्ति अपने जीवन में सुखों का भोग करता है। जानते हैं वो कौन सी आदतें हैं, जिनसे व्यक्ति को दूरी बनाने में ही भलाई है।