हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, इस वर्ष की आखिरी विनायक चतुर्थी 27 फरवरी दिन गुरुवार को है। हर मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी 27 फरवरी को है, इस दिन गणेश जी विधि विधान से पूजा करें। फाल्गुन मास हिन्दू कैलेंडर का आखिरी यानी 12वां मास है, इसलिए इस मास की विनायक चतुर्थी इस वर्ष की आखिरी विनायक चतुर्थी है। इस दिन गणेश जी के महामंत्र का जाप करने से व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि के साथ सफलता की प्राप्ति होती है।
कालाष्टमी हिन्दू कैलेंडर के हर मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। फाल्गुन मास की कालाष्टमी 15 फरवरी दिन शनिवार को है। काल अष्टमी के दिन भगवान शिव के काल भैरव स्वरूप की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। काल अष्टमी को भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। काल अष्टमी के दिन काल भैरव के साथ मां दुर्गा की भी पूजा की जाती है। काल भैरव की पूजा करने से कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
Vrat Evam Tyohar 2020: नववर्ष 2020 के पहले माह जनवरी का अंतिम सप्ताह प्रारंभ हो गया है। माघ मास का शुक्ल पक्ष भी प्रारंभ हो चुका है। इस पक्ष में ही विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है, जो वसंत पंचमी के दिन होता है। इस सप्ताह में वसंत पंचमी, शीतला षष्ठी, अचला सप्तमी, भीष्म अष्टमी और महानंदा नवमी जैसे व्रत एवं त्योहार आ रहे हैं। आइए जानते हैं कि ये व्रत एवं त्योहार किस दिन पड़ रहे हैं।
Saturn Transit 2020: आज मौनी अमावस्या है। आज ही शनि देव अपनी राशि मकर में प्रवेश किए हैं। इस वजह से आज से कुछ राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो गई है। आज से धनु, मकर और कुम्भ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव पड़ना शुरू होगा, तो वहीं तुला और मिथुन राशि के लोगों पर शनि की ढैय्या शुरू हो गई है। आइए ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा से जानते हैं कि इन पांच राशियों धनु, मकर, कुम्भ, तुला और मिथुन पर क्या प्रभाव पड़ने वाले हैं।
माघ चतुर्दशी को ही नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन नरक निवारण चतुर्दशी होती है, जो आज 23 फरवरी दिन गुरुवार को है। इस दिन व्रत रखने और भगवान शिव, माता पार्वती तथा विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करने से भक्तों के सभी पापों का नाश होता है, आयु में वृद्धि होती है, नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है। नरक निवारण चतुर्दशी के दिन भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व माना गया है।
Chandra Grahan 2020 Sutak Time: आज पौष मास की पूर्णिमा है। आज रात लगने वाला चंद्र ग्रहण माद्य श्रेणी का होगा। यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। इसम चंद्र ग्रहण में चांद का कोई भी भाग छिपता नहीं है। वह मटमैले या हल्के गुलाबी रंगत का दिखाई दे सकता है। ग्रहण लगने से कुछ समय पहले से ही सूतक काल शुरू होता है। सूतक काल क्या है, आइए जानते हैं?
सूर्य देव और छठ मैया की उपासना का पर्व छठ पूजा गुरुवार को नहाय-खाय से प्रारंभ हो चुका है। आज छठ का दूसरा दिन है, इस दिन को खरना कहा जाता है। इससे पहले नहाय-खाय के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति स्नान के बाद व्रत का संकल्प लिए होंगे। संकल्प में 36 घंटे निर्जला व्रत रखने और विधिपूर्वक व्रत पूर्ण करने का प्रण लिया जाता है। खरना के दिन शाम को व्रती महिलाएं गुड़ और चावल का खीर बनाती हैं और उसे खाकर ही 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं। खरना के शाम से लेकर उगते सूर्य को अर्घ्य देने तक बिना कुछ खाए-पीए व्रत रखना होता है। इस बार खरना और अर्घ्य के समय विशेष योग भी बना हुआ है।
दीपावली का प्रारंभ धनतेरस से माना जाता है, जो इस वर्ष 25 अक्टूबर को है। यह हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। इस दिन हम खरीदारी करते हैं, जो हमारे लिए शुभ हो और सुख-समृद्धि में वृद्धि करने वाला हो। लोगों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन शुभ वस्तुओं की खरीदारी करने से लक्ष्मी माता की कृपा उनके परिवार पर होती है और वर्षभर आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। धनतेरस पर आप भी खरदारी करेंगे, ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि कौन सी वस्तु आपके लिए शुभ और मंगलकारी होगी और कौन सी वस्तु आपको नहीं खरीदनी चाहिए।
हर साल स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है. ऐसे में इस दिन को भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय का पूजन किया जाता है. वहीं इस बार ये पर्व 19 अक्टूबर, यानी शनिवार को है और ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत व पूजा करने से उत्तम संतान की प्राप्ति होती है. जी हाँ, तो आइए जानते हैं इस व्रत को करने का महत्व.
आप सभी को बता दें कि 13 अक्टूबर यानी रविवार के दिन शरद पूर्णिमा का त्यौहार है. ऐसे में इस साल की शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चांद अपनी सोलह संपूर्ण कलाओं में होता है. ऐसे में हिंदू धर्म में आने वाली प्रत्येक पूर्णिमा का अधिक महत्व माना जाता है लेकिन साल में आने वाले शरद पूर्णिमा सबसे खास मानी जाती है. इसी वजह से शरद ऋतु की इस पूर्णिमा का हर किसी को इंतजार रहता है. ऐसे में मान्यताओं की माने तो शरद पूर्णिमा की रात को चांद अमृत की वर्षा करता है और इस अमृत से व्यक्ति धन, स्वास्थ्य और प्रेम पा सकता है. इस कारण से इस दिन हर कोई इस अमृत का पान करना चाहता है. आपको बता दें कि इस अमृत को प्राप्त करने के लिए शरद पूर्णिमा के दिन खीर को चांद की रोशनी में रखने की परपंरा कई वर्षों से चली आ रही है और खीर को चांद की रोशनी में रखने से पहले श्री कृष्ण को भोग लगाया जाता है. वहीं आज हम कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जो आप इस दिन कर सकते हैं.