सरकार को लग सकता है झटका, फिच ने घटाया जीडीपी का अनुमान

फिच रेटिंग्स ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटा दिया है। फिच के अनुसार, जीडीपी 5.5 फीसदी पर रहेगी। यह भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) के अनुमान से भी कम है। इसके साथ ही उसने कहा है कि शैडो बैंकों के ऋण समाधानों ने देश के आर्थिक विकास को छह साल के निचले स्तर पर पहुंचा दिया है। 

बता दें, अप्रैल 2019 में शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए फिच ने इस साल जून में भारत की जीडीपी वृद्धि दर को 6.6 फीसदी पर रखा था। फिच ने कहा कि हाल ही में कॉर्पोरेट कर दरों में कटौती सहित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के सरकारी उपायों से धीरे-धीरे विकास में वृद्धि होगी।

आरबीआई ने भी घटाया था अनुमान
चार अक्तूबर को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी का अनुमान 6.9 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया था। वहीं वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी का अनुमान 7.2 फीसदी कर दिया था। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया। इससे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के पांच ट्रिलियन यानी 50 खरब इकोनॉमी बनने की कवायद को झटका लग सकता है। 

छह साल के निचले स्तर पर विकास दर 
सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जून की तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर छह साल के सबसे निचले स्तर पर पांच फीसदी पर पहुंच गई। पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा आठ फीसदी था।

सरकार को लग सकता है झटका
विकास दर को घटाने के अनुमान से केंद्र सरकार की देश को 50 खरब इकोनॉमी बनाने की कवायद को भी झटका लग सकता है। अगर अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर देखने को या फिर धीमी रफ्तार रहेगी तो इसका असर भविष्य में भी देखने को मिलेगा। फिलहाल देश में कई सेक्टरों में उत्पादन लगभग ठप हो गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि लोग पुराने स्टॉक को भी नहीं खरीद रहे हैं। 50 खरब इकोनॉमी बनाने के लिए विकास दर में तेजी रखने के लिए कोशिशों को जारी रखना होगा।

आईएमएफ ने भी घटाया था अनुमान
इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भी भारत की वित्त वर्ष 2019-20 में रहने वाली विकास दर के लिए अनुमान घटा दिया था। आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक भारत की जीडीपी इस साल 6.1 फीसदी की रफ्तार से ग्रोथ करेगी। अप्रैल माह में इसके 7.3 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था। 

विश्व बैंक ने भी घटाया अनुमान
आईएमएफ से पहले विश्व बैंक ने भी रविवार को जीडीपी का अनुमान घटाकर के छह फीसदी कर दिया था। इससे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को झटका लग सकता है। विश्व बैंक के अनुसार, भारत की विकास दर छह फीसदी रह सकती है। जबकि साल 2018-19 में वृद्धि दर 6.9 फीसदी थी। विश्व बैंक का कहना है कि साल 2021 में वृद्धि दर दोबारा 6.9 फीसदी पर आ सकती है। वहीं 2022 में इसमें और भी सुधार हो सकता है। साल 2022 में भारत की विकास दर 7.2 फीसदी पर रहने का अनुमान है। 

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