5 प्रसिद्ध गणेश मंदिर, जहां दर्शन मात्र से पूरी होती हैं मनोकामनाएं

विघ्नहर्ता, मंगलमूर्ति, गजानन, गणपति, गणेश जैसे नामों से प्रसिद्ध भगवान शिव और माता पार्वती के छोटे पुत्र गणेश जी की पूजा बुधवार को की जाती है। इस दिन विधि विधान से गणेश जी की पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं, उनके कष्ट दूर होते हैं। हमारे देश में भगवान गणेश के ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनके दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

आइए जानते हैं गणेश जी के पांच प्रमुख मंदिरों के बारे में —

1. सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

यह प्रसिद्ध मंदिर महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में स्थित है, यह शहर के वैभवशाली मंदिरों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण 1801 में लक्ष्मण विठु और देउबाई पाटिल ने कराया था। इस मंदिर में गणपत बप्पा के दर्शनों के लिए देश—विदेश से नेता, अभिनेता और अन्य गणमान्य लोग आते हैं।

2. श्रीमंत दग्दूसेठ हलवाई मंदिर, पुणे

श्रीमंत दग्दूसेठ हलवाई मंदिर महाराष्ट्र का दूसरा लोकप्रिय गणेश मंदिर है, जो पुणे में स्थित है। यह मंदिर अपने वास्तु कला के लिए भी प्रसिद्ध है। पुणे के दग्दूसेठ हलवाई के बेटे की प्लेग से मौत होने के बाद उसने इस मंदिर को 1893 में बनवाया था। इस मंदिर में देश—विदेश से लोग भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं। 

3. उच्ची पिल्लयार कोइल मंदिर, तमिलनाडु

यह प्राचीन प्रसिद्ध गणेश मंदिर तमिलनाडु के तिरूचिरापल्ली में स्थित है। यह मंदिर 272 फीट ऊंचे पहाड़ पर है। एक मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश ने वहां पर भगवान रंगनाथ की मूर्ति स्थापित की थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रावण के वध के बाद श्रीराम ने विभीषण को भगवान रंगनाथ की मूर्ति भेंट की थी। श्रीराम ने विभीषण से कहा था कि इस बात का ध्यान रखना कि एक बार जहां भी यह मूर्ति रखोगे, वहीं यह स्थापित हो जाएगी। विभीषण उस मूर्ति को लंका ले जाना चाहते थे। रास्ते में विभीषण की इच्छा कावेरी नदी में स्नान करने की हुई, लेकिन वह मूर्ति को जमीन पर नहीं रखना चाहते थे। तभी भगवान गणेश चरवाहे का रूप धारण कर वहां आए और बोले कि तुम स्नान कर लो तब तक वे मूर्ति अपने पास रखेंगे। विभीषण मूर्ति देकर स्नान करने गए तभी गणेश जी ने भगवान रंगनाथ की मूर्ति को वहीं जमीन पर रख दिया।

4. रणथम्बौर गणेश मंदिर, राजस्थान

रणथम्बौर का गणेश मंदिर देश के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, यह राजस्थान के रणथम्बौर जिले में है। भक्त यहां पर गणेश जी के त्रिनेत्र स्वरूप के दर्शन करने आते हैं। इस मंदिर के पीछे एक रोचक कहानी है। भगवान श्रीकृष्ण और रुकमणी के विवाह का निमंत्रण इस मंदिर को भी मिला था। इसके बाद से देशभर से लोग अपने विवाह का निमंत्रण इस मंदिर को भेजते हैं। हर वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन मंदिर के पास गणेश मेला का आयोजन होता है, जहां लाखों लोग आते हैं।

5. कनिपकम विनायक मंदिर, चित्तूर

यह विनायक मंदिर आंध्र प्रदेश में चित्तूर जिले में कनिपकम में स्थित है। कुलोथुंग चोला ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। बाद में 14वीं सदी के प्रारंभ में विजयनगर साम्राज्य के शासकों ने इस मंदिर का विस्तार कराया। भगवान गणेश की पूजा अर्चना के लिए लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। अधिकतर भक्त ब्रह्मोत्सवम फेस्टिवल के दौरान गणेश चतुर्थी को विनायक के दर्शन के लिए आते हैं।

 

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