Prayagraj Kumbh 2019 : जानें कब शुरू हुआ कुंभ और कैसा रहा है इसका इतिहास

कुंभ के बारे में कुछ कथाएं बहुत प्रचलित हैं। सबसे ज्यादा प्रचलित कथा देव-दानवों द्वारा समुद्र मंथन की है, जिसमें अमृत निकलता है। उसे झपटने के लिए देव-दानवों में खींचतान मचती है और अमृत की कुछ बूंदें छलक जाती है। एक कथा के अनुसार, देवता और दैत्यों के युद्ध में महर्षि दुर्वासा के शापवश इंद्र समेत उनके सैनिक (देवता) दैत्यों से हार जाते हैं। विष्णु की सलाह पर सागर मंथन होता है और अमृत कुंभ के लिए देव-दानवों में बारह दिन तक अविराम युद्ध होता रहा। इस मार-काट के दौरान पृथ्वी के चार स्थानों (प्रयाग, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक) पर कलश से अमृत बूंदें गिरी थीं। कथा कहती है कि सूर्य चंद्रादि ग्रहों ने जिन राशियों में रहते हुए अमृत की रक्षा की थी, उस समय कुंभ का योग होता है। अर्थात जिस वर्ष, जिस राशि पर सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति का संयोग होता है, उसी वर्ष, उसी राशि के योग में, जहां-जहां अमृत बूंद गिरी थी, वहां-वहां कुंभ पर्व होता है। 

क्या कहते हैं इतिहासकार
यह तो हुए पौराणिक संदर्भ, ऐतिहासिक तथ्य कुंभ पर्व को डेढ़ से दो ढाई हजार साल पहले शुरू होने की गवाही देते हैं। इससे पहले कुंभ या किसी तरह के बड़े आयोजनों का उल्लेख देखने में नहीं आया। बुद्ध से पहले (छठी सदी ई.पू) नदी मेलों का जिक्र आता है। प्रसिद्ध इतिहासकार एस बी रॉय ने नदी में स्नान का जिक्र किया है। लेकिन इस तरह के आयोजनों में ज्यादा से ज्यादा कुछ सौ लोग ही शामिल होते थे। बुद्ध के समय में आख्यानों, देशनाओं और संगीतियों के प्रसंग आए हैं पर इस तरह के आयोजनों में शामिल होने की संख्या भी कुछ सौ तक ही रहती थी। कहते जरूर हैं कि बड़े यज्ञों से-राजसूय, वाजपेय और अश्वमेध यज्ञों से मेलों आदि का चलन हुआ, लेकिन इतिहासकार दावा करते हैं कि ईसा पूर्व छह सौ साल पहले तक तो नदियों किनारे के मेलों का जिक्र मिलता है। 

इस सम्राट के समय हुई शुरुआत!
करीब ढाई हजार साल पहले सम्राट चंद्रगुप्त के दरबार में यूनानी दूत मेगस्थनीज ने भी राजा को इस तरह के मेलों का विवरण दिया है। तब चंद्रगुप्त मौर्य के दरबार में यूनान के शासक सेल्यूकस ने मेगस्थनीज को दूत बनाकर भेजा था। इसके बाद छठी शताब्दी मे चीनी यात्री ह्वेनसांग ने प्रयाग (वर्तमान इलाहाबाद) पर सम्राट हर्ष द्वारा आयोजित कुंभ में स्नान किया। हर्षवर्धन बेशक सनातन धर्म का अनुयायी था, लेकिन अन्य धर्मों के प्रति भी उदार नीति बरतता था। ह्वेनसांग ने उसकी बड़ी प्रशंसा की है। कादंबरी के लेखक बाणभट्ट उनके अनन्य मित्र थे। हर्ष की लिखी तीन नाटिकाएं नागानन्द, रत्नावली और प्रियदर्शिका संस्कृत साहित्य की अमूल्य निधियां हैं। दावे के साथ कहना कठिन है कि किस समय या उसके आसपास, कब कुंभ शुरू हुआ, लेकिन इतिहासकारों के अनुसार कुंभ पर्व हर्ष के समय या उसके आस-पास ही शुरू हुआ।

"धर्म-संस्कृति" से अन्य खबरें

Hanuman Jayanti 2023 : हनुमान जयंती पर राशि के अनुसार करें मंत्रों का जाप, जरूर मिलेगा पूजा का फल

Hanuman Jayanti 2023 Upay : हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन रुद्रावतार हनुमान जी का जन्म दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 6 अप्रैल 2023, गुरुवार (Hanuman Jayanti 2023 Date) के दिन मनाया जाएगा। इस विशेष दिन पर हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से साधकों को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।

Read More

700 साल बाद बना पंच महायोग, इन 4 राशियों को मिलेगी बेशुमार दौलत

सभी नौ ग्रह सही समय पर राशि चक्र में गोचर करते हैं। अन्य ग्रहों के साथ युति भी बनाते हैं। इन ग्रहों के गोचर और युति से शुभ और अशुभ योग बनते हैं। इस समय शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में है। कुंभ में सूर्य देव भी हैं। वहीं देवगुरु बृहस्पति और शुक्र मीन राशि में युति कर रहे हैं। इस प्रकार इन ग्रहों की स्थिति पंच महायोग बना रही है। 19 फरवरी से केदार योग, शंख योग, शश योग, ज्येष्ठ योग और सर्वार्थसिद्धि योग बना है। 5 महायोगों का दुर्लभ संयोग 700 साल बाद अपना प्रभाव दिखाएगा। कुछ राशियों पर इस योग का शुभ प्रभाव दिखाई देगा।

Read More

आर्थिक तंगी से परेशान हैं तो होलिका दहन पर करें ये आसान उपाय, नहीं होगी धन की कमी

यदि आप आर्थिक तंगी से परेशान है। आय से अधिक खर्च हो रहा है। कई बार प्रयास करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल रही है। कारोबार को लेकर परेशान हैं या किसी रोग से पीड़ित हैं, तो हम आपको होलिका दहन के समय किए जाने वाले कुछ उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह उपाय सही दिन और सही समय पर किया जाए, तो नौकरी, शिक्षा, धन, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Read More

Shani Gochar 2023: कुंभ राशि में 30 साल बाद आ रहे हैं शनिदेव, इन राशियों की बदलेगी किस्मत

Shani Gochar 2023: शनिदेव 30 साल बाद कुंभ राशि में दोबारा से गोचर करने वाले हैं। ज्योतिष में शनि का गोचर हमेशा से ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि सभी ग्रहों में शनि सबसे मंदगति से चलने वाले ग्रह हैं। ये एक से दूसरी राशि में गोचर करने में करीब ढाई वर्षो का समय लेते हैं। इस वजह से किसी राशि पर इनका ज्यादा और दूरगामी प्रभाव पड़ता है। 15 जनवरी को सूर्यदेव अपने पुत्र शनि की राशि में प्रवेश करेंगे फिर उसके दो दिन बाद यानी 17 जनवरी को शनिदेव भी कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। ये महायोग कई राशियों के जातकों के लिए जीवन में बड़े बदलाव लानेवाला है।

Read More

Surya Gochar 2023: अगले हफ्ते होगा सूर्य-शनि का दुर्लभ संयोग, इन राशियों का बदल सकता है भाग्य

Surya Gochar 2023: इस महीने सूर्य और शनि का दुर्लभ संयोग होने वाला है। 14 जनवरी को रात 8 बजकर 57 मिनट पर ग्रहों के राजा सूर्य मकर राशि में प्रवेश करने वाले हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि, मकर राशि के स्वामी हैं। वहीं सूर्य को शनि का पिता माना जाता है। सूर्य के पास राज करने के अधिकार हैं, तो शनि को उनका सेवक माना जाता है। लेकिन शनि को कर्मफलदाता भी माना जाता है। ज्योतिष में इन दोनों के बीच शत्रुता कही गई है। 

Read More

इन तीन राशियों पर बन रहती है भगवान विष्णु की विशेष कृपा, कभी नहीं होता आर्थिक नुकसान

 Astrology News: संपूर्ण ब्राह्मांड के पालनकर्ता श्री हरि विष्णु भगवान को गुरुवार का दिन समर्पित होता है। इस दिन यदि कोई जातक उनका व्रत रखता है एवं विशेष पूजा करता है तो उसे अपार धन लाभ होता है। विष्णु भगवान की पूजा से उसे लक्ष्मी माता की कृपा भी प्राप्त हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि कुछ राशियों ऐसी भी जिन्हें भगवान विष्णु की कृपा से कभी धन की हानि का सामना नहीं करना पड़ता है। आइये जानते हैं उन राशियों के बारे में पूरी जानकारी।

Read More

Libra Yearly Horoscope 2023: तुला राशि वालों के लिए लाभप्रद होगा नया साल

Libra Yearly Horoscope 2023:  इस वर्ष तुला राशि के जातकों को हर क्षेत्र में लाभ होने वाला है। साथ ही आकस्मिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है। जनवरी की शुरूआत में परिवार में कोई धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। जिसके कारण परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा। इस वर्ष आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है। पढ़िए सम्पूर्ण वार्षिक राशिफल।

 

Read More

Astro Tips: अशोक के पत्ते से करें ये 4 उपाय, बदल जाएगा भाग्य, होगा धनलाभ

अशोक के पत्तों का उपयोग धार्मिक और मांगलिक कार्यों के लिए प्राचीन समय से होता आ रहा है। अशोक के पत्ते बेहद शुभ माने जाते हैं। किसी भी शुभ अवसर पर घर के मुख्य द्वार पर अशोक या आम के पत्तों से बनी माला अवश्य लटकाई जाती है। ऐसा करने के पीछे कई ज्योतिषीय कारण बताए जाते हैं। इसके पत्ते पूजा के कलश में भी रखे जाते हैं। ज्योतिष में अशोक के पत्तों के कई उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को करके आप अपने जीवन की समस्त समस्याओं से पीछा छुड़ा सकते हैं। 

Read More

Shani Gochar 2023: इन 3 राशि के जातकों को रहना होगा सावधान, 17 जनवरी से शुरू होगा मुश्किल समय

Shani Gochar 2023: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि देव 17 जनवरी 2023 को स्वराशि कुंभ में गोचर करेंगे। मार्च 2025 तक कुंभ में ही रहेंगे। शनि के स्वराशि कुंभ में गोचर करते ही कुछ राशियों से शनि साढ़े साती और ढैय्या हट जाएगी। वहीं, कुंभ, मीन, मकर राशि के लिए कठिन समय शुरू हो जाएगा। सबसे ज्यादा मुश्किल समय 2023 से 2025 तक कुंभ राशि वालों के लिए रहेगा। इस दौरान तीनों राशि के जातकों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा और गुस्से पर नियंत्रण पाना होगा।

Read More

गरुड़ पुराण के अनुसार आज ही छोड़ दें ये 5 आदतें वरना हो जाएंगे कंगाल

Garuda Purana: सनातन धर्म के 18 महापुराणों में से एक गरुड़ पुराण में कुछ ऐसी आदतों का जिक्र किया गया है। जिनका समय पर त्याग कर देना चाहिए। यदि इन आदतों को समय पर नहीं छोड़ा गया तो व्यक्ति कंगाल हो जाता है। कुछ ही समय में राजा से रंक बन जाता है। गरुड़ पुराण में वर्णित बातों का अनुसरण करने पर व्यक्ति अपने जीवन में सुखों का भोग करता है। जानते हैं वो कौन सी आदतें हैं, जिनसे व्यक्ति को दूरी बनाने में ही भलाई है।

Read More