केन्द्रीय रिजर्व बैंक एक बार फिर ब्याज दरों में इजाफा करने का फैसला कर सकता है. रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति (एमपीसी बैठक) में लगातार बढ़ती महंगाई और सुधार की दिशा में बढ़ती अर्थव्यवस्था में सामंजस्य बैठाने के लिए यह फैसला ले सकती है.
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक की ब्याज दरों को बढ़ाने अथवा घटाने के लिए अपनी क्रेडिट पॉलिसी पर बैठक कर रही हे. इस बैठक का आज आखिरी दिन है और शाम तक रिजर्व बैंक अपना फैसला सुनाएगी.
रॉयटर की खबर के मुताबिक वैश्विक आर्थिक परिस्थिति और घरेलू बाजार पर जारी दबाव के चलते रिजर्व बैंक लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में इजाफा करने का फैसला कर सकता है. गौरतलब है कि अक्टूबर 2013 के बाद यह पहला मौका होगा जब रिजर्व बैंक लगातार दो बार ब्याज दरों में इजाफा करेगा.
इससे पहले रिजर्व बैंक ने अक्टूबर 2013 में लगातार दो बार ब्याज दरों में इजाफा करने का फैसला लिया था. रिजर्व बैंक ने जून में चार साल के बाद पहली बार ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट का इजाफा करते हुए ब्याज दर को 6.25 कर दिया था. यदि एक बार फिर इजाफा किया जाता है तो देश में प्राइम लेंडिंग रेट 6.5 फीसदी पर पहुंच जाएगा जो मौजूदा सरकार के कार्यकाल में शीर्ष स्तर होगा.
रॉयटर ने पिछले हफ्ते 63 अर्थशास्त्रियों के एक सर्वे में पाया कि 37 अर्थशास्त्री मानते हैं कि मौजूदा आर्थिक हालात में रिजर्व बैंक ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है. वहीं 22 अर्थशास्त्रियों का दावा है कि ब्याज दरों में इजाफा अगली मौद्रिक नीति अथवा 2019 की पहली मौद्रिक नीति के दौरान किया जा सकता है.
एल एंड टी फाइनेंस होल्डिंग्स के प्रमुख अर्थशास्त्री का मानना है कि चूंकि रिजर्व बैंक देश में बढ़ रही महंगाई पर लगाम लगाने के लिए तत्पर है लिहाजा उसके पास ब्याज दरों में इजाफे के अलावा और कोई विकल्प नहीं मौजूद है.
हालांकि जून में मौद्रिक समीक्षा के दौरान रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में इजाफा किया लेकिन अपने नीतिगत दृष्टिकोण को तत्कालीन चुनौतियों के चलते जारी रखा था. वहीं इस बैठक के दौरान रिजर्व बैंक के सामने क्रूड ऑयल की कीमतों समेत कई मुद्दे हैं जिनसे चुनौतियों में इजाफा हुआ है. लिहाजा माना जा सकता है कि रिजर्व बैंक एक बार फिर अपने नीतिगत दृष्टिकोंण में कोई बदलाव न करे.
गौरतलब है कि जून के दौरान वार्षित उपभोक्ता महंगाई 5 फीसदी के स्तर को छू चुकी है और यह लगातार आठवां महीना है जब महंगाई का आंकड़ा रिजर्व बैंक के 4 फीसदी के टार्गेट से ऊपर बना है.
ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें इस साल लगभग 20 फीसदी बढ़ चुकी है और मई के दौरान क्रूड ऑयल 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से ऊपर चला गया. क्रूड का यह स्तर 2014 के बाद का सर्वाधिक स्तर है. इस इजाफे से केन्द्र सरकार के आयात बिल में बड़ा इजाफा हुआ है वहीं इसके विपरीत रुपये का स्तर डॉलर के मुकाबले बेहद कमजोर चल रहा है. लिहाजा, रिजर्व बैंक को आयातित महंगाई का डर सता रहा है.
खास बात है कि इस साल रिजर्व बैंक को अच्छे मानसून से महंगाई में राहत की उम्मीद थी लेकिन मॉनसून के ताजे आंकड़े रिजर्व बैंक की परेशानी को बढ़ा रहे हैं. मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल देशभर में मानसून पैटर्न डिस्टर्ब रहा है और कई क्षेत्रों में असंतुलित बारिश दर्ज हुई है. इसके चलते रिजर्व बैंक को डर है कि उसकी सबसे बड़ी उम्मीद कि खरीफ पैदावार से महंगाई को काबू किया जा सकता है पर पानी फिर सकता है. इस उम्मीद के उलट खरीफ पैदावार कमजोर पड़ने की स्थिति में महंगाई के बेकाबू होने का भी खतरा मंडरा रहा है.
हालांकि कोटक म्यूचुअल फंड के अर्थशास्त्री की दलील है कि यह संभव है कि रिजर्व बैंक फिलहाल स्थिति का सटीक आंकलन करने के लिए इंतजार करने की नीति पर जा सकती है और इस बैठक के दौरान ब्याज दरों में परिवर्तन को टाल सकती है.
नई दिल्ली। पिछले सात कारोबारी सेशन में अदाणी समूह का मार्केट कैप नौ लाख करोड़ कम हो गया है। 24 जनवरी 2023 को अदाणी समूह का कुल मार्केट कैप 19.2 लाख करोड़ था तो 3 फरवरी के कारोबारी सेशन के बाद महज 10 लाख करोड़ रह गया।
नई दिल्ली। वेतनशुदा मध्यमवर्ग के लिए सबसे तकलीफदेह यही होता है। इस मध्यम वर्ग के लिए कम से कम इनकम टैक्स के मामले में कुछ अच्छे दिन आते दिख रहे हैं। वजह है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में आयकर को लेकर पांच बड़े एलान। आइए इस बारे में बारी-बारी से जानते हैं...
नई दिल्ली। वर्ष 2023 में भी वैश्विक मंदी का माहौल रह सकता है। इस दौरान खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा और महंगाई का अतरिक्त दबाव देखने को मिल सकता है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सर्वे में इस बात का दावा किया गया है।
नई दिल्ली। दुनियाभर के लोग नए साल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन आने वाला साल दुनिया के लिए चुनौतपूर्ण होने वाला है। दरअसल, सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (CEBR) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया को 2023 में मंदी का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, आसमान छूती महंगाई को काबू करने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करेंगे। इससे बाजार मांग में कमी आएगी। यह पूरी दुनिया को मंदी की चपेट में धकेलने का काम करेगा। वहीं, भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।
नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) ने तीन दिनों तक चली एमपीसी की बैठक के बाद रेपो रेट को बढ़ाने का एलान किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35% बढ़ोतरी का एलान किया है। अब आरबीआई की रेपो रेट 5.4% से बढ़कर 6.25% हो गई है। आरबीआई ने लगातार पांचवी बार इसे बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक ने मई 2022 में रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा के साथ इसकी शुरुआत की थी।
नई दिल्ली। सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के रेट (Petrol Diesel Latest Price) जारी कर दिए हैं। बता दें कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव के बावजूद महाराष्ट्र और मेघालय को छोड़ बंगाल, राजस्थान, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश ,यूपी समेत सभी राज्यों में 164वें दिन भी ईंधन के दाम स्थिर हैं। 1 नवंबर 2022, मंगलवार से पेट्रोल और डीजल 40 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है। नई कीमतें मंगलवार सुबह छह बजे से प्रभावी हो गईं।
नई दिल्ली। सरकार ने कहा कि त्योहारी सीजन में लोगों को प्याज और दालों की महंगाई नहीं सताएगी। पर्याप्त बफर स्टॉक होने की वजह से प्याज और दालों की कीमतें दिसंबर तक नहीं बढ़ेंगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के पास 2022-23 के लिए 2.5 लाख टन से ज्यादा प्याज का भंडार है। इसमें 54 लाख टन प्याज राज्यों को जारी किया गया है।
नई दिल्ली। एलन मस्क (Elon Musk) ने सोशल मीडिया कंपनी के मालिक बनने पर ट्विटर (Twitter) के अधिकांश कर्मचारियों की छंटनी (Layoff) करने की योजना बनाई है। अगर एलन मस्क ने ट्विटर को खरीद लिया तो कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी।
नई दिल्ली। हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार हरे निशान पर खुला है। बाजार की शुरुआत में सेंसेक्स लगभग 200 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार करता दिख रहा है। निफ्टी में भी 50 अंकों की मजबूती है। फिलहाल सेंसेक्स 151.58 अंकों की बढ़त के साथ 59,397.07 के लेवल पर तो निफ्टी 52.95 अंकों की बढ़त के साथ 17,616.90 अंकों पर कारोबार कर रहा है।
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बरकरार है। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार को सेंसेक्स 843.79 अंक यानी 1.46 प्रतिशत लुढ़ककर 57,147.32 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 940.71 अंक तक नीचे चला गया था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 257.45 अंक यानी 1.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,983.55 अंक पर बंद हुआ।