मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने अपने परिवार की खातिर अमेरिका वापस लौटने का फैसला कर लिया है. उन्हें 16 अक्टूबर 2014 में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया था. 2017 में उनके तीन साल पूरे हो गए थे जिसके बाद उनका कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ाया गया था. लेकिन अब अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद संभालने से पहले वो अमेरिका में इकोनॉमिस्ट थे.
सुब्रमण्यन से पहले रघुराम राजन मुख्य आर्थिक सलाहकार थे. भारत आने से पहले सुब्रमण्यन ने इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड (आईएमएफ) में रघुराम राजन के साथ काफी काम किया था. जानकारों का मानना है कि रघुराम राजन के साथ अच्छे संबंधों की वजह से ही सुब्रमण्यन को मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद सौंपा गया था.
रेवेन्यू पर रहा है फोकस
2014 में अपनी नियुक्ति से पहले उन्होंने वित्त मंत्री अरुण जेटली के पहले बजट की आलोचना की थी. उनका कहना था कि इस बजट में रेवेन्यू के अनुमानों को काफी बढ़ाचढ़ा कर दिखाया गया है. लिहाजा पद संभालन के बाद भी उनका फोकस सरकार की आमदनी बढ़ाने पर रही. अपने कार्यकाल में उनका फोकस हमेशा रेवेन्यू जुटाने और उसको दूसरी कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने की रही है.
सुब्रमण्यन के कार्यकाल में ही 16 जून 2017 से डीजल और पेट्रोल की कीमतों की समीक्षा हर दिन होनी शुरू हुई थी. यानी अंतरराष्ट्रीय कीमतों के अनुसार घरेलू बाजार में भी हर दिन पेट्रोल डीजल की कीमतों में कमी बेशी की जाएगी. इसका फायदा ऑयल कंपनियों को मिला और उनका घाटा कम हुआ. लिहाजा सरकार की तरफ से इन कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी में भी कमी आई. नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में उज्ज्वला योजना, जनधन योजना, मुद्रा योजना, कैशलेस को बढ़ावा देने जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं. सुब्रमण्यन की पॉलिसी की वजह से इन योजनाओं के लिए सरकार के पास ज्यादा फंड होता है.
इन नीतियों पर रहा फोकस
सुब्रमण्यन की एक कोशिश देश में सबको बैंकिंग सुविधाओं के दायरे में लाने की रही है. शायद यही वजह थी कि नरेंद्र मोदी ने जनधन जैसी महत्वाकांक्षी योजना शुरू की. यह बात अरुण जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में साफ लिखी है. सुब्रमण्यन के इस्तीफे के बाद जेटली ने थैंक्यू कहते हुए जो पोस्ट लिखी है, उसमें उन्होंने सुब्रमण्यन की योजनाओं की तारीफ की है.
जेटली ने लिखा है कि सुब्रमण्यन की वजह से ही JAM (जनधन, आधार, मोबाइल) मुमकिन हो पाया है. आधार को लेकर भले ही देश भर में कितने बवाल हुए हों लेकिन इसकी अहमियत बढ़ाने में सुब्रमण्यन का बड़ा योगदान है. नोटबंदी के बाद जब कैशलेस को बढ़ावा देने की बात कई लोगों को नागंवार गुजरी थी. लेकिन पश्चिमी देशों की तरह कैशलेस को भारत में लोकप्रिय बनाने की शुरुआत करने की हिम्मत सुब्रमण्यन ने ही दिखाई.
इतना ही नहीं जेटली ने सुब्रमण्यन के आर्थिक सर्वे की भी तारीफ की है. उन्होंने लिखा है कि सुब्रमण्यन ने जिस तरह आर्थिक सर्वे तैयार किया है वह देशभर के लिए वैल्यूएबल डेटा बन गया है. मुख्य आर्थिक सलाहकार का काम सालाना इकोनॉमिक सर्वे तैयार करना होता है. बजट से एक दिन पहले इकोनॉमिक सर्वे पेश किया जाता है, जिसमें पिछले साल का लेखाजोखा होता है.
नई दिल्ली। पिछले सात कारोबारी सेशन में अदाणी समूह का मार्केट कैप नौ लाख करोड़ कम हो गया है। 24 जनवरी 2023 को अदाणी समूह का कुल मार्केट कैप 19.2 लाख करोड़ था तो 3 फरवरी के कारोबारी सेशन के बाद महज 10 लाख करोड़ रह गया।
नई दिल्ली। वेतनशुदा मध्यमवर्ग के लिए सबसे तकलीफदेह यही होता है। इस मध्यम वर्ग के लिए कम से कम इनकम टैक्स के मामले में कुछ अच्छे दिन आते दिख रहे हैं। वजह है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में आयकर को लेकर पांच बड़े एलान। आइए इस बारे में बारी-बारी से जानते हैं...
नई दिल्ली। वर्ष 2023 में भी वैश्विक मंदी का माहौल रह सकता है। इस दौरान खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा और महंगाई का अतरिक्त दबाव देखने को मिल सकता है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सर्वे में इस बात का दावा किया गया है।
नई दिल्ली। दुनियाभर के लोग नए साल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन आने वाला साल दुनिया के लिए चुनौतपूर्ण होने वाला है। दरअसल, सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (CEBR) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया को 2023 में मंदी का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, आसमान छूती महंगाई को काबू करने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करेंगे। इससे बाजार मांग में कमी आएगी। यह पूरी दुनिया को मंदी की चपेट में धकेलने का काम करेगा। वहीं, भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।
नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) ने तीन दिनों तक चली एमपीसी की बैठक के बाद रेपो रेट को बढ़ाने का एलान किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35% बढ़ोतरी का एलान किया है। अब आरबीआई की रेपो रेट 5.4% से बढ़कर 6.25% हो गई है। आरबीआई ने लगातार पांचवी बार इसे बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक ने मई 2022 में रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा के साथ इसकी शुरुआत की थी।
नई दिल्ली। सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के रेट (Petrol Diesel Latest Price) जारी कर दिए हैं। बता दें कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव के बावजूद महाराष्ट्र और मेघालय को छोड़ बंगाल, राजस्थान, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश ,यूपी समेत सभी राज्यों में 164वें दिन भी ईंधन के दाम स्थिर हैं। 1 नवंबर 2022, मंगलवार से पेट्रोल और डीजल 40 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है। नई कीमतें मंगलवार सुबह छह बजे से प्रभावी हो गईं।
नई दिल्ली। सरकार ने कहा कि त्योहारी सीजन में लोगों को प्याज और दालों की महंगाई नहीं सताएगी। पर्याप्त बफर स्टॉक होने की वजह से प्याज और दालों की कीमतें दिसंबर तक नहीं बढ़ेंगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के पास 2022-23 के लिए 2.5 लाख टन से ज्यादा प्याज का भंडार है। इसमें 54 लाख टन प्याज राज्यों को जारी किया गया है।
नई दिल्ली। एलन मस्क (Elon Musk) ने सोशल मीडिया कंपनी के मालिक बनने पर ट्विटर (Twitter) के अधिकांश कर्मचारियों की छंटनी (Layoff) करने की योजना बनाई है। अगर एलन मस्क ने ट्विटर को खरीद लिया तो कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी।
नई दिल्ली। हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार हरे निशान पर खुला है। बाजार की शुरुआत में सेंसेक्स लगभग 200 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार करता दिख रहा है। निफ्टी में भी 50 अंकों की मजबूती है। फिलहाल सेंसेक्स 151.58 अंकों की बढ़त के साथ 59,397.07 के लेवल पर तो निफ्टी 52.95 अंकों की बढ़त के साथ 17,616.90 अंकों पर कारोबार कर रहा है।
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बरकरार है। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार को सेंसेक्स 843.79 अंक यानी 1.46 प्रतिशत लुढ़ककर 57,147.32 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 940.71 अंक तक नीचे चला गया था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 257.45 अंक यानी 1.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,983.55 अंक पर बंद हुआ।