दिल्ली की मार्केटिंग एग्जिक्यूटिव ख्याति मल्होत्रा बिना दो चीज लिए घर से बाहर नहीं निकलती हैं। टेजर गन (इलेक्ट्रोशॉक वेपन) और पेपर स्प्रे। यह उस निवेश का छोटा सा हिस्सा है, जो वह खुद को सुरक्षित रखने के लिए करती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं में बीते एक दशक के दौरान 80 फीसद तक का इजाफा हुआ है। इसके अलावा मल्होत्रा के वेतन का बढ़ा हिस्सा कार और ड्राइवर रखने में खर्च होता है। यह उन्हें पब्लिक ट्रांसपोर्ट से बचने के लिए करना पड़ता है क्योंकि वहां महिलाओं से छेड़खानी और उनके उत्पीड़न की आशंका काफी ज्यादा होती है। इस तरह के ऐसे तमाम खर्चे होते हैं जिन्हें महिलाओं अपने आप को महफूज रखने के मकसद से खर्च करती हैं। कुल मिलाकर इसका सीधा सरोकार अर्थव्यवस्था से होता है।
अपनी सुरक्षा पर खर्च करने वाली ख्याति अकेली महिला नहीं हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी की 4000 से ज्यादा छात्राओं को सुरक्षित यात्रा के लिए पुरुषों की तुलना में 20 हजार रुपये ज्यादा खर्च करने पड़ते हैं क्योंकि ज्यादातर लड़कियों को यात्रा के दौरान उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। एमसीकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट ने दावा किया है कि महिला उत्पीड़न की घटनाएं देश की अर्थव्यवस्था की प्रगति रोक रही है। अगर ज्यादा से ज्यादा महिलाएं काम करें और बराबरी को बढ़ावा मिले तो देश की जीडीपी 2025 तक 770 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है।
बेंगलुरु की विद्या लक्ष्मण एक मल्टीनेशनल कंपनी में एग्जिक्यूटिव हैं। उन्हें अपने बच्चों की हिफाजत के लिए सिक्योरिटी कैमरे पर काफी खर्च करना पड़ता है। दिल्ली की संजना नायर को तो लाखों डॉलर के पैकेज की नौकरी छोड़नी पड़ी क्योंकि उन्हें अपनी बच्ची के लिए सुरक्षित क्रच नहीं मिला।
दो करोड़ महिलाएं छोड़ चुकी हैं नौकरी: अपनी और अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता के चलते कई महिलाएं नौकरी छोड़ देती हैं। विश्व बैंक का अनुमान है कि 2004 के बाद आठ साल में दो करोड़ से ज्यादा भारतीय महिलाएं वर्क फोर्स से गायब हो चुकी हैं। शानदार कार्पोरेट नौकरी छोड़ चुकी इंदु भंडारी कहती हैं कि ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां मैं बिना चिंता के अपने बच्चों को छोड़ सकती थी। मैं जानती हूं कि बच्चों पर उत्पीड़न का खतरा काफी ज्यादा होता है। स्थानीय हो या अंतरराष्ट्रीय कंपनियां। वे ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को नौकरी देना चाहती हैं। पर उत्पीड़न के खतरे के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाता है। इससे विदेशी निवेश बढ़ाने की सरकार की कोशिशों को भी झटका लगता है।
सिर्फ 27 प्रतिशत महिलाएं कामकाजी: इंडिया स्पेंड की रिपोर्ट के मुताबिक देश में सिर्फ 27 प्रतिशत महिलाएं कामकाजी हैं। यह संख्या सभी विकासशील और जी—20 देशों में सबसे कम है। भारत की स्थिति सिर्फ सउदी अरब से बेहतर है। मुंबई की रहने वाली अर्थशास्त्री अंजली वर्मा कहती हैं कि अगर हम सुरक्षित वातावरण स्थापित करने में कामयाब रहे तो महिलाएं नौकरी के लिए बाहर निकलेंगी। इससे वर्क फोर्स बढ़ेगा।
बढ़ते अपराधों के चलते दबाव में महिलाएं: नर्इ दिल्ली की 24 साल की जेबा को परिवार के पुरुष सदस्यों ने नर्सिंग स्कूल जाने से रोक दिया क्योंकि पास की एक जगह पर दुष्कर्म की घटना हुई थी। जेबा कहती हैं कि अगर मैं पुरुष होती तो स्थितियां अलग होतीं। मैं जरूर ज्यादा अमीर होती।
नई दिल्ली। पिछले सात कारोबारी सेशन में अदाणी समूह का मार्केट कैप नौ लाख करोड़ कम हो गया है। 24 जनवरी 2023 को अदाणी समूह का कुल मार्केट कैप 19.2 लाख करोड़ था तो 3 फरवरी के कारोबारी सेशन के बाद महज 10 लाख करोड़ रह गया।
नई दिल्ली। वेतनशुदा मध्यमवर्ग के लिए सबसे तकलीफदेह यही होता है। इस मध्यम वर्ग के लिए कम से कम इनकम टैक्स के मामले में कुछ अच्छे दिन आते दिख रहे हैं। वजह है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में आयकर को लेकर पांच बड़े एलान। आइए इस बारे में बारी-बारी से जानते हैं...
नई दिल्ली। वर्ष 2023 में भी वैश्विक मंदी का माहौल रह सकता है। इस दौरान खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा और महंगाई का अतरिक्त दबाव देखने को मिल सकता है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सर्वे में इस बात का दावा किया गया है।
नई दिल्ली। दुनियाभर के लोग नए साल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन आने वाला साल दुनिया के लिए चुनौतपूर्ण होने वाला है। दरअसल, सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (CEBR) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया को 2023 में मंदी का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, आसमान छूती महंगाई को काबू करने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करेंगे। इससे बाजार मांग में कमी आएगी। यह पूरी दुनिया को मंदी की चपेट में धकेलने का काम करेगा। वहीं, भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।
नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) ने तीन दिनों तक चली एमपीसी की बैठक के बाद रेपो रेट को बढ़ाने का एलान किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35% बढ़ोतरी का एलान किया है। अब आरबीआई की रेपो रेट 5.4% से बढ़कर 6.25% हो गई है। आरबीआई ने लगातार पांचवी बार इसे बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक ने मई 2022 में रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा के साथ इसकी शुरुआत की थी।
नई दिल्ली। सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के रेट (Petrol Diesel Latest Price) जारी कर दिए हैं। बता दें कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव के बावजूद महाराष्ट्र और मेघालय को छोड़ बंगाल, राजस्थान, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश ,यूपी समेत सभी राज्यों में 164वें दिन भी ईंधन के दाम स्थिर हैं। 1 नवंबर 2022, मंगलवार से पेट्रोल और डीजल 40 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है। नई कीमतें मंगलवार सुबह छह बजे से प्रभावी हो गईं।
नई दिल्ली। सरकार ने कहा कि त्योहारी सीजन में लोगों को प्याज और दालों की महंगाई नहीं सताएगी। पर्याप्त बफर स्टॉक होने की वजह से प्याज और दालों की कीमतें दिसंबर तक नहीं बढ़ेंगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के पास 2022-23 के लिए 2.5 लाख टन से ज्यादा प्याज का भंडार है। इसमें 54 लाख टन प्याज राज्यों को जारी किया गया है।
नई दिल्ली। एलन मस्क (Elon Musk) ने सोशल मीडिया कंपनी के मालिक बनने पर ट्विटर (Twitter) के अधिकांश कर्मचारियों की छंटनी (Layoff) करने की योजना बनाई है। अगर एलन मस्क ने ट्विटर को खरीद लिया तो कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी।
नई दिल्ली। हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार हरे निशान पर खुला है। बाजार की शुरुआत में सेंसेक्स लगभग 200 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार करता दिख रहा है। निफ्टी में भी 50 अंकों की मजबूती है। फिलहाल सेंसेक्स 151.58 अंकों की बढ़त के साथ 59,397.07 के लेवल पर तो निफ्टी 52.95 अंकों की बढ़त के साथ 17,616.90 अंकों पर कारोबार कर रहा है।
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बरकरार है। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार को सेंसेक्स 843.79 अंक यानी 1.46 प्रतिशत लुढ़ककर 57,147.32 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 940.71 अंक तक नीचे चला गया था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 257.45 अंक यानी 1.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,983.55 अंक पर बंद हुआ।