नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली आज सुबह 11 बजे संसद में मोदी सरकार का पांचवां बजट पेश करेंगे। उनके द्वारा पेश किया जाने वाला यह बजट मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने आवास से निकलकर संसद भवन के नॉर्थ ब्लाॉक में स्थित अपने मंत्रालय से बजट का पिटारा लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने के बाद संसद भवन पहुंच चुके हैं।
इस बीच संसद में बजट पेपर भी आ चुके हैं। इस बार के बजट में वित्त मंत्री के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है। उन्हें लोकप्रिय कदमों के साथ वित्तीय विवेक का परिचय देते हुए इस मुश्किल डगर को पार करना है। इस साल होने वाले तीन भाजपा शासित राज्यों के चुनाव और अगले वर्ष आम चुनाव से पहले यह बजट महत्वपूर्ण होगा।
आजादी के बाद पहली बार हिंदी में होगा बजट भाषण
वित्त मंत्री अरुण जेटली परंपरा तोड़ते हुए अपना बजट भाषण हिंदी में पेश कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, नरेंद्र मोदी सरकार चाहती है कि इसके जरिए ग्रामीण जनसंख्या से सीधा जुड़ा जा सकेगा। ऐसा हुआ तो अरुण जेटली आजादी के बाद हिंदी में बजट भाषण देने वाले पहले वित्त मंत्री बन जाएंगे।
गुजरात से लेंगे सबक, कृषि पर हो सकता है जोर
हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनाव में ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा का जनाधार कमजोर होने से सबक लेकर जेटली बजट में कृषि क्षेत्र पर सर्वाधिक जोर दे सकते हैं। इसके लिए वह मनरेगा जैसी योजना का आवंटन बढ़ाने के साथ, ग्रामीण आवास, सिंचाई परियोजनाएं व फसल बीमा का वित्तीय आवंटन बढ़ा सकते हैं।
छोटे व्यापारी पाएंगे राहत
देश के छोटे व्यापारियों को भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। जीएसटी व नोटबंदी से यह बुरी तरह आहत हुए हैं। जेटली उनके कुछ राहत का मरहम लगा सकते हैं। कर छूट बढ़ने की आसआम आदमी को बजट में आयकर छूट की मौजूदा सीमा 2.50 लाख रुपए से ज्यादा होने की आस है।
चार साल से मंद पड़ी विकास दर को बढ़ाने के लिए जेटली हाईवे और रेलवे के आधुनिकीकरण की बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं पर खर्च बढ़ा सकते हैं।
बजट घाटे पर काबू जरूरी
तमाम योजनाओं, परियोजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाने के साथ वित्त मंत्री की चुनौती एशियाई देशों में सर्वाधिक देश के बजट घाटे को काबू में रखना बड़ी चुनौती होगी। अन्यथा देश वैश्विक निवेशकों व क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की दृष्टि में गलत दिशा में चला जाएगा। पिछले साल ही इन एजेंसियों ने भारत को उत्तम (सावरेन) ग्रेड दी है। चालू वित्त वर्ष के लिए जेटली ने राजस्व घाटा 3.2 फीसदी और 2018-19 के लिए 3 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है।
पांच बड़ी चुनौतियां
1.खेती-किसानी का संकट।
2.रोजगार पैदा करना।
3.विकास दर बढ़ाना।
4.वित्तीय संतुलन।
5.तीन भाजपा शासित राज्यों समेत आठ राज्यों में विस चुनाव व अगले वर्ष आम चुनाव।
15 साल में 50 हजार से 2.5 लाख हुई आयकर छूट सीमा, 3 साल से यथास्थिति
वित्त वर्ष 1999-2000 के लिए आयकर छूट की सीमा रुपए 50 हजार रुपए तय की गई थी, जो धीरे-धीरे बढ़ते हुए वित्त वर्ष 2014-15 में 2.5 लाख रुपए हो गई। उसके बाद पिछले 3 वर्षों से करदाता छूट सीमा बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर छूट सीमा बढ़ने की पूरी उम्मीद है। इसके कई कारण हैं, मसलन सातवें वेतनमान की वजह से सरकारी कर्मचारियों की आय में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है और 2018 चुनावी वर्ष है। ऐसे में केंद्र सरकार चाहेगी कि आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर सभी वर्गों के करदाताओं को खुश किया जाए।
स्टैंडर्ड डिडक्शन की वापसी संभव
ऐसे करदाता, जिनकी वेतन से आय 5 लाख रुपए तक हुआ करती थी, उन्हें वित्त वर्ष 2004-05 तक आयकर की गणना से पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) की छूट दी जाती थी। यह छूट, प्राप्त वेतन का 40 फीसदी या 30 हजार (दोनों में से जो कम हो) के बराबर दी जाती थी। स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट देने का उद्देश्य यह था कि व्यापारी वर्ग को तो व्यवसाय से आय के लिए होने वाले खर्च की संपूर्ण छूट मिल जाती है, लेकिन वेतन पाने वाले करदाता को "परफॉर्मेंस ऑफ ड्यूटी" पर होने वाले खर्च की छूट नहीं मिलती। इसीलिए उन्हें वेतन में से मानक छूट देने की व्यवस्था की गई थी। वित्त वर्ष 2005-06 से स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट बंद कर दी गई है, लेकिन इस बजट से उम्मीद है कि यह छूट बहाल कर दी जाएगी।
धारा 80-सी के तहत छूट सीमा बढ़ने की उम्मीद
जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम, स्कूल फीस, पीएफ, एनएससी और होमलोन के भुगतान जैसे खर्च एवं अन्य निवेश पर कुल आय में से 1.5 लाख रुपए तक की छूट आयकर की धारा 80-सी के तहत दी जाती है। फिर शेष आय पर टैक्स की गणना की जाती है। अधिकांश करदाता इस छूट का लाभ लेते हैं, लेकिन अधिकतम छूट की रकम 1.5 लाख रुपए ही है। करदाता इस उम्मीद में हैं कि इस बजट में छूट की यह राशि बढ़ा दी जाएगी।
नई दिल्ली। पिछले सात कारोबारी सेशन में अदाणी समूह का मार्केट कैप नौ लाख करोड़ कम हो गया है। 24 जनवरी 2023 को अदाणी समूह का कुल मार्केट कैप 19.2 लाख करोड़ था तो 3 फरवरी के कारोबारी सेशन के बाद महज 10 लाख करोड़ रह गया।
नई दिल्ली। वेतनशुदा मध्यमवर्ग के लिए सबसे तकलीफदेह यही होता है। इस मध्यम वर्ग के लिए कम से कम इनकम टैक्स के मामले में कुछ अच्छे दिन आते दिख रहे हैं। वजह है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में आयकर को लेकर पांच बड़े एलान। आइए इस बारे में बारी-बारी से जानते हैं...
नई दिल्ली। वर्ष 2023 में भी वैश्विक मंदी का माहौल रह सकता है। इस दौरान खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा और महंगाई का अतरिक्त दबाव देखने को मिल सकता है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सर्वे में इस बात का दावा किया गया है।
नई दिल्ली। दुनियाभर के लोग नए साल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन आने वाला साल दुनिया के लिए चुनौतपूर्ण होने वाला है। दरअसल, सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (CEBR) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया को 2023 में मंदी का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, आसमान छूती महंगाई को काबू करने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करेंगे। इससे बाजार मांग में कमी आएगी। यह पूरी दुनिया को मंदी की चपेट में धकेलने का काम करेगा। वहीं, भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।
नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) ने तीन दिनों तक चली एमपीसी की बैठक के बाद रेपो रेट को बढ़ाने का एलान किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35% बढ़ोतरी का एलान किया है। अब आरबीआई की रेपो रेट 5.4% से बढ़कर 6.25% हो गई है। आरबीआई ने लगातार पांचवी बार इसे बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक ने मई 2022 में रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा के साथ इसकी शुरुआत की थी।
नई दिल्ली। सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के रेट (Petrol Diesel Latest Price) जारी कर दिए हैं। बता दें कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव के बावजूद महाराष्ट्र और मेघालय को छोड़ बंगाल, राजस्थान, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश ,यूपी समेत सभी राज्यों में 164वें दिन भी ईंधन के दाम स्थिर हैं। 1 नवंबर 2022, मंगलवार से पेट्रोल और डीजल 40 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है। नई कीमतें मंगलवार सुबह छह बजे से प्रभावी हो गईं।
नई दिल्ली। सरकार ने कहा कि त्योहारी सीजन में लोगों को प्याज और दालों की महंगाई नहीं सताएगी। पर्याप्त बफर स्टॉक होने की वजह से प्याज और दालों की कीमतें दिसंबर तक नहीं बढ़ेंगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के पास 2022-23 के लिए 2.5 लाख टन से ज्यादा प्याज का भंडार है। इसमें 54 लाख टन प्याज राज्यों को जारी किया गया है।
नई दिल्ली। एलन मस्क (Elon Musk) ने सोशल मीडिया कंपनी के मालिक बनने पर ट्विटर (Twitter) के अधिकांश कर्मचारियों की छंटनी (Layoff) करने की योजना बनाई है। अगर एलन मस्क ने ट्विटर को खरीद लिया तो कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी।
नई दिल्ली। हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार हरे निशान पर खुला है। बाजार की शुरुआत में सेंसेक्स लगभग 200 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार करता दिख रहा है। निफ्टी में भी 50 अंकों की मजबूती है। फिलहाल सेंसेक्स 151.58 अंकों की बढ़त के साथ 59,397.07 के लेवल पर तो निफ्टी 52.95 अंकों की बढ़त के साथ 17,616.90 अंकों पर कारोबार कर रहा है।
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बरकरार है। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार को सेंसेक्स 843.79 अंक यानी 1.46 प्रतिशत लुढ़ककर 57,147.32 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 940.71 अंक तक नीचे चला गया था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 257.45 अंक यानी 1.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,983.55 अंक पर बंद हुआ।