Union Budget 2018: राष्ट्रपति से मिलकर संसद भवन पहुंचे अरुण जेटली

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली आज सुबह 11 बजे संसद में मोदी सरकार का पांचवां बजट पेश करेंगे। उनके द्वारा पेश किया जाने वाला यह बजट मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने आवास से निकलकर संसद भवन के नॉर्थ ब्लाॉक में स्थित अपने मंत्रालय से बजट का पिटारा लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने के बाद संसद भवन पहुंच चुके हैं।

इस बीच संसद में बजट पेपर भी आ चुके हैं। इस बार के बजट में वित्त मंत्री के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है। उन्हें लोकप्रिय कदमों के साथ वित्तीय विवेक का परिचय देते हुए इस मुश्किल डगर को पार करना है। इस साल होने वाले तीन भाजपा शासित राज्यों के चुनाव और अगले वर्ष आम चुनाव से पहले यह बजट महत्वपूर्ण होगा।

आजादी के बाद पहली बार हिंदी में होगा बजट भाषण

वित्त मंत्री अरुण जेटली परंपरा तोड़ते हुए अपना बजट भाषण हिंदी में पेश कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, नरेंद्र मोदी सरकार चाहती है कि इसके जरिए ग्रामीण जनसंख्या से सीधा जुड़ा जा सकेगा। ऐसा हुआ तो अरुण जेटली आजादी के बाद हिंदी में बजट भाषण देने वाले पहले वित्त मंत्री बन जाएंगे।

गुजरात से लेंगे सबक, कृषि पर हो सकता है जोर
हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनाव में ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा का जनाधार कमजोर होने से सबक लेकर जेटली बजट में कृषि क्षेत्र पर सर्वाधिक जोर दे सकते हैं। इसके लिए वह मनरेगा जैसी योजना का आवंटन बढ़ाने के साथ, ग्रामीण आवास, सिंचाई परियोजनाएं व फसल बीमा का वित्तीय आवंटन बढ़ा सकते हैं।

छोटे व्यापारी पाएंगे राहत

देश के छोटे व्यापारियों को भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। जीएसटी व नोटबंदी से यह बुरी तरह आहत हुए हैं। जेटली उनके कुछ राहत का मरहम लगा सकते हैं। कर छूट बढ़ने की आसआम आदमी को बजट में आयकर छूट की मौजूदा सीमा 2.50 लाख रुपए से ज्यादा होने की आस है।

चार साल से मंद पड़ी विकास दर को बढ़ाने के लिए जेटली हाईवे और रेलवे के आधुनिकीकरण की बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं पर खर्च बढ़ा सकते हैं।

बजट घाटे पर काबू जरूरी

तमाम योजनाओं, परियोजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाने के साथ वित्त मंत्री की चुनौती एशियाई देशों में सर्वाधिक देश के बजट घाटे को काबू में रखना बड़ी चुनौती होगी। अन्यथा देश वैश्विक निवेशकों व क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की दृष्टि में गलत दिशा में चला जाएगा। पिछले साल ही इन एजेंसियों ने भारत को उत्तम (सावरेन) ग्रेड दी है। चालू वित्त वर्ष के लिए जेटली ने राजस्व घाटा 3.2 फीसदी और 2018-19 के लिए 3 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है।

पांच बड़ी चुनौतियां

1.खेती-किसानी का संकट।

2.रोजगार पैदा करना।

3.विकास दर बढ़ाना।

4.वित्तीय संतुलन।

5.तीन भाजपा शासित राज्यों समेत आठ राज्यों में विस चुनाव व अगले वर्ष आम चुनाव।

15 साल में 50 हजार से 2.5 लाख हुई आयकर छूट सीमा, 3 साल से यथास्थिति

वित्त वर्ष 1999-2000 के लिए आयकर छूट की सीमा रुपए 50 हजार रुपए तय की गई थी, जो धीरे-धीरे बढ़ते हुए वित्त वर्ष 2014-15 में 2.5 लाख रुपए हो गई। उसके बाद पिछले 3 वर्षों से करदाता छूट सीमा बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आयकर छूट सीमा बढ़ने की पूरी उम्मीद है। इसके कई कारण हैं, मसलन सातवें वेतनमान की वजह से सरकारी कर्मचारियों की आय में अच्छा-खासा इजाफा हुआ है और 2018 चुनावी वर्ष है। ऐसे में केंद्र सरकार चाहेगी कि आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर सभी वर्गों के करदाताओं को खुश किया जाए।

स्टैंडर्ड डिडक्शन की वापसी संभव

ऐसे करदाता, जिनकी वेतन से आय 5 लाख रुपए तक हुआ करती थी, उन्हें वित्त वर्ष 2004-05 तक आयकर की गणना से पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) की छूट दी जाती थी। यह छूट, प्राप्त वेतन का 40 फीसदी या 30 हजार (दोनों में से जो कम हो) के बराबर दी जाती थी। स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट देने का उद्देश्य यह था कि व्यापारी वर्ग को तो व्यवसाय से आय के लिए होने वाले खर्च की संपूर्ण छूट मिल जाती है, लेकिन वेतन पाने वाले करदाता को "परफॉर्मेंस ऑफ ड्यूटी" पर होने वाले खर्च की छूट नहीं मिलती। इसीलिए उन्हें वेतन में से मानक छूट देने की व्यवस्था की गई थी। वित्त वर्ष 2005-06 से स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट बंद कर दी गई है, लेकिन इस बजट से उम्मीद है कि यह छूट बहाल कर दी जाएगी।

धारा 80-सी के तहत छूट सीमा बढ़ने की उम्मीद

जीवन बीमा पॉलिसी के प्रीमियम, स्कूल फीस, पीएफ, एनएससी और होमलोन के भुगतान जैसे खर्च एवं अन्य निवेश पर कुल आय में से 1.5 लाख रुपए तक की छूट आयकर की धारा 80-सी के तहत दी जाती है। फिर शेष आय पर टैक्स की गणना की जाती है। अधिकांश करदाता इस छूट का लाभ लेते हैं, लेकिन अधिकतम छूट की रकम 1.5 लाख रुपए ही है। करदाता इस उम्मीद में हैं कि इस बजट में छूट की यह राशि बढ़ा दी जाएगी।

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