भारत के सरकारी बैंकों ने वित्तीय वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में 55 हजार 356 करोड़ रुपये के लोन को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। ये खुलासा इंडियन एक्सप्रेस द्वारा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से सूचना के अधिकार के तहत ली गई जानकारी से हुआ है। अगर पिछले 10 साल के आंकड़ों को देखा जाए तो पता चलता है कि सरकारी बैंकों ने लगभग 3 लाख 60 हजार करोड़ की राशि को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। सरकारी बैंकों के कर्जदारों में कई कॉरपोरेट घराने, फर्म और बड़े बिजनेसमैन शामिल हैं। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक बैंकों ने वित्तीय वर्ष 2007-08 से लेकर 2015-16 यानी की नौ सालों के दरम्यान 2,28, 253 करोड़ की राशि को बट्टा खाने में डाल दिया है। इस वित्तीय वर्ष में राइट ऑफ, यानी की ठंडे बस्ते में डालना की राशि, पिछले साल के 35, 985 करोड़ के मुकाबले 54 फीसदी ज्यादा है। रिजर्व बैंक ने इस प्रक्रिया को समझाते हुए कहा है कि बैंकों द्वारा एनपीए यानी की गैर लाभकारी संपत्तियों को राइट ऑफ करना एक सामान्य प्रक्रिया है। बैंक अपने बैलेंस शीट को साफ सुथरा बनाने के लिए ऐसा करते हैं।
रिजर्व बैंक के मुताबिक जब किसी भी लोन को राइट ऑफ किया जाता है तो इसका ये मतलब नहीं है कि बैंक उस कर्ज की वसूली का अधिकार खो देता है। आरबीआई के मुताबिक लोन को राइट ऑफ करने के लिए बैंक एक प्रोविजन तैयार करते हैं। इस प्रोविजन में राशि डाली जाती है। इसी का सहारा लेकर लोन को राइट ऑफ किया जाता है। बाद में यदि कर्ज की वसूली हो जाती है तो वसूली की गई राशि को इस कर्ज के विरुद्ध एडजस्ट कर दिया जाता है। इंडियन ओवरसीज बैंक के पूर्व एमडी एम नरेन्द्र ने इस प्रक्रिया को समझाते हुए कहा, ‘राइट ऑफ एक टेक्निकल एंट्री है, इसमें बैंक को कोई नुकसान नहीं होता है, इसका मतलब ये नहीं है कि बैंक ने उन संपत्तियों को छोड़ दिया, राइट ऑफ के बाद भी बैंक कर्ज वसूली की प्रक्रिया जारी रखते हैं।’
हालांकि दूसरे आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि हर साल आप लोन को राइट ऑफ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘ आप ऐसे लोन को हर तिमाही में या हर साल क्लियर नहीं कर सकते हैं, ये पांच या दस साल में की जाने वाली प्रक्रिया है। इसके अलावा राइट ऑफ की जाने वाली रकम भी छोटी होनी चाहिए। ऐसा नहीं होने पर राइट ऑफ की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं रह जाती है।’
नई दिल्ली। पिछले सात कारोबारी सेशन में अदाणी समूह का मार्केट कैप नौ लाख करोड़ कम हो गया है। 24 जनवरी 2023 को अदाणी समूह का कुल मार्केट कैप 19.2 लाख करोड़ था तो 3 फरवरी के कारोबारी सेशन के बाद महज 10 लाख करोड़ रह गया।
नई दिल्ली। वेतनशुदा मध्यमवर्ग के लिए सबसे तकलीफदेह यही होता है। इस मध्यम वर्ग के लिए कम से कम इनकम टैक्स के मामले में कुछ अच्छे दिन आते दिख रहे हैं। वजह है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में आयकर को लेकर पांच बड़े एलान। आइए इस बारे में बारी-बारी से जानते हैं...
नई दिल्ली। वर्ष 2023 में भी वैश्विक मंदी का माहौल रह सकता है। इस दौरान खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा और महंगाई का अतरिक्त दबाव देखने को मिल सकता है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सर्वे में इस बात का दावा किया गया है।
नई दिल्ली। दुनियाभर के लोग नए साल का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लेकिन आने वाला साल दुनिया के लिए चुनौतपूर्ण होने वाला है। दरअसल, सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (CEBR) की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया को 2023 में मंदी का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, आसमान छूती महंगाई को काबू करने के लिए दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में वृद्धि करेंगे। इससे बाजार मांग में कमी आएगी। यह पूरी दुनिया को मंदी की चपेट में धकेलने का काम करेगा। वहीं, भारत के लिए अच्छी खबर यह है कि भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।
नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर (RBI Governor) ने तीन दिनों तक चली एमपीसी की बैठक के बाद रेपो रेट को बढ़ाने का एलान किया है। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.35% बढ़ोतरी का एलान किया है। अब आरबीआई की रेपो रेट 5.4% से बढ़कर 6.25% हो गई है। आरबीआई ने लगातार पांचवी बार इसे बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय बैंक ने मई 2022 में रेपो रेट को 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा के साथ इसकी शुरुआत की थी।
नई दिल्ली। सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के रेट (Petrol Diesel Latest Price) जारी कर दिए हैं। बता दें कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव के बावजूद महाराष्ट्र और मेघालय को छोड़ बंगाल, राजस्थान, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश ,यूपी समेत सभी राज्यों में 164वें दिन भी ईंधन के दाम स्थिर हैं। 1 नवंबर 2022, मंगलवार से पेट्रोल और डीजल 40 पैसे प्रति लीटर सस्ता हो गया है। नई कीमतें मंगलवार सुबह छह बजे से प्रभावी हो गईं।
नई दिल्ली। सरकार ने कहा कि त्योहारी सीजन में लोगों को प्याज और दालों की महंगाई नहीं सताएगी। पर्याप्त बफर स्टॉक होने की वजह से प्याज और दालों की कीमतें दिसंबर तक नहीं बढ़ेंगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि सरकार के पास 2022-23 के लिए 2.5 लाख टन से ज्यादा प्याज का भंडार है। इसमें 54 लाख टन प्याज राज्यों को जारी किया गया है।
नई दिल्ली। एलन मस्क (Elon Musk) ने सोशल मीडिया कंपनी के मालिक बनने पर ट्विटर (Twitter) के अधिकांश कर्मचारियों की छंटनी (Layoff) करने की योजना बनाई है। अगर एलन मस्क ने ट्विटर को खरीद लिया तो कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी।
नई दिल्ली। हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार हरे निशान पर खुला है। बाजार की शुरुआत में सेंसेक्स लगभग 200 अंकों की बढ़त के साथ कारोबार करता दिख रहा है। निफ्टी में भी 50 अंकों की मजबूती है। फिलहाल सेंसेक्स 151.58 अंकों की बढ़त के साथ 59,397.07 के लेवल पर तो निफ्टी 52.95 अंकों की बढ़त के साथ 17,616.90 अंकों पर कारोबार कर रहा है।
नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बरकरार है। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार को सेंसेक्स 843.79 अंक यानी 1.46 प्रतिशत लुढ़ककर 57,147.32 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 940.71 अंक तक नीचे चला गया था। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 257.45 अंक यानी 1.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,983.55 अंक पर बंद हुआ।