भोपाल। देश के विकास में भारतवंशियों के योगदान पर गौरवान्वित होने के लिए हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है।इस बार 9 जनवरी 2023 को प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन मध्यप्रदेश की धरती इंदौर में होने जा रहा है, जो पूरे प्रदेश के लिए गौरव और सौभाग्य की बात है। देश का सबसे साफ शहर इंदौर सभी प्रवासी भारतीयों का स्वागत करने के लिए आतुर है। इंदौर समेत पूरे मध्यप्रदेश को मेहमाननवाजी का सुनहरा अवसर मिला है। देश का दिल मध्यप्रदेश है और इंदौर अपने स्वागत-सत्कार और संस्कृति से सभी अतिथियों का दिल जीतने को बेसब्र है।
सबसे पहले प्रवासी भारतीय दिवस वर्ष 2003 में मनाया गया था। वर्ष 1915 की 9 जनवरी को महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश वापस आए थे। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित करने का प्रमुख उद्देश्य भी प्रवासी भारतीय समुदाय की उपलब्धियों को दुनिया के सामने लाना है ताकि दुनिया को उनकी ताकत का अहसास हो सके। देश के विकास में भारतवंशियों का योगदान अविस्मरणीय है। वर्ष 2015 के बाद से हर दो साल में एक बार प्रवासी भारतीय दिवस देश में मनाया जा रहा है।
दुनिया भर में फैला है अप्रवासी भारतीयों का नेटवर्क
प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का निर्णय एल.एम. सिंघवी की अध्यक्षता में भारत सरकार द्वारा स्थापित भारतीय डायस्पोरा पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुसार लिया गया था। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री, अटल बिहारी वाजपेयी ने 8 जनवरी 2002 को नई दिल्ली में विज्ञान भवन में एक सार्वजनिक समारोह में 9 जनवरी 2002 को प्रवासी भारतीय दिवस को व्यापक स्तर पर मनाने की घोषणा की। इस आयोजन ने प्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति सोच को सही मायनों में बदलने का काम किया है। साथ ही इसने प्रवासी भारतीयों को देशवासियों से जुड़ने का एक अवसर उपलब्ध करवाया है। इसके माध्यम से दुनिया भर में फैले अप्रवासी भारतीयों का बड़ा नेटवर्क बनाने में भी मदद मिली है, जिससे भारतीय अर्थ-व्यवस्था को भी एक गति मिली है। हमारे देश की युवा पीढ़ी को भी जहाँ इसके माध्यम से विदेशों में बसे अप्रवासियों से जुड़ने में मदद मिली है वहीँ विदेशों में रह रहे प्रवासियों के माध्यम से देश में निवेश के अवसरों को बढ़ाने में सहयोग मिल रहा है।
प्रवासियों को देश से जोड़ने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका उल्लेखनीय
प्रवासी भारतीय समुदाय को भारत से जोड़ने में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की भूमिका उल्लेखनीय रही है। वह अपने विदेशी दौरों में जिस भी देश में जाते हैं वहाँ के प्रवासी भारतीयों के बीच भारत की एक अलग पहचान लेकर जाते हैं। इससे उनमें अपनेपन की भावना का अहसास होता है और प्रवासी भारतीय भारत की ओर आकर्षित होते हैं। विश्व में विदेशों में जाने वाले प्रवासियों की संख्या के संदर्भ में भारत शीर्ष पर है। भारत सरकार ‘ब्रेन-ड्रेन’ को ‘ब्रेन-गेन’ में बदलने के लिये तत्परता के साथ काम कर रही है। आर्थिक अवसरों की तलाश के लिये सरकार इनको अपने देश की जड़ों से जोड़ने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के संबोधन में प्रवासी जिस उत्साह के साथ जुटते हैं वह इस बात को साबित करता है कि प्रवासी प्रधानमंत्री के नेतृत्व को उम्मीदों भरी नज़रों से देखते हैं और उनसे उनको बड़ी उम्मीदें हैं। भारतीय प्रवासियों की तादाद दुनिया भर में फैली है। आज दुनिया के कई देशों में भारतीय मूल के लोग रह रहे हैं जो विभिन्न कार्यों में संलग्न हैं। यदि भारत सरकार और प्रवासी भारतीयों के बीच आपसी समन्वय और विश्वास और अधिक बढ़ सके तो इससे दोनों को लाभ होगा। भारत की विकास यात्रा में प्रवासी भारतीय भी हमारे साथ हैं।
इंदौर में आयोजित होगा 17वां प्रवासी भारतीय दिवस
17वां प्रवासी भारतीय दिवस अगले वर्ष जनवरी में इंदौर में आयोजित होगा। प्रवासी भारतीय सम्मेलन को सफल बनाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार विभिन्न देशों के भारतवंशियों, फ्रेंडस आफ एमपी के सदस्य और उद्योग व्यापार से जुड़े दिग्गज भारतीयों से सहयोग ले रही है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों विदेशों में रह रहे भारतवंशियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस में चर्चा करते हुए इंदौर में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन की सफलता के लिए सहयोग की अपील की है।
प्रवासी भारतीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि गोयाना के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफान अली होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी इंदौर में शिरकत करने जा रहे हैं हैं। इस सम्मेलन में मध्यप्रदेश की विशिष्ट कला-संस्कृति का प्रदर्शन होगा। साथ ही रीयल एस्टेट प्रोजेक्ट भी दिखाए जाएंगे।
17वां प्रवासी भारतीय दिवस प्रदेश के लिए असाधारण अवसर : मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का मानना है कि प्रवासी भारतीय दिवस का इंदौर में आयोजन प्रदेश के लिए असाधारण अवसर है। इस अवसर पर मध्यप्रदेश की विशेषताओं पर केन्द्रित प्रस्तुतिकरण होना जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रतिभागी मध्यप्रदेश की प्रशंसा करते हुए वापस जाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में पूरे देश के सामने अपनी जो ख़ास पहचान स्थापित की है उसी के अनुरूप यह सम्मेलन भी अपने उद्देश्यों को पूरा करने में सफल होगा। इससे इंदौर और मध्यप्रदेश का कद दुनिया में बढ़ेगा।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट मध्यप्रदेश के लिए ख़ास, निवेश की संभावनाओं को लगेंगे नए पर
मध्यप्रदेश के लिए जनवरी 2023 विशेष अवसर है। इस माह की 8 जनवरी को यूथ प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाएगा। अगले दिन 9 जनवरी को 17वें प्रवासी भारतीय दिवस कन्वेंशन-2023 का शुभारंभ होगा और 10 जनवरी को 17वें प्रवासी भारतीय दिवस कन्वेंशन का समापन होगा। इंदौर में अगले वर्ष ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट भी 11-12 जनवरी 2023 को होगी। इसमें 9 सेक्टरों पर केन्द्रित 14 सेशन होंगे, जिसमें उद्योगपतियों से सीधा संवाद भी होगा। समिट में 17 देशों को आमंत्रित किया गया है। एमपीआईडीसी इसके लिए अपनी विशेष तैयारियों में जुटा है। कार्यक्रम के पहले प्रदेश में बड़े स्तर पर वर्चुअल इन्वेटर रोड-शो किये जाने पर सहमति बनी है।
उद्योगपतियों और निवेशकों से वन-टू-वन चर्चा कर रहे हैं सीएम शिवराज
मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाओं को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान लगातार उद्योगपतियों से वन-टू-वन मीटिंग कर रहे हैं। इसी कड़ी में उनके द्वारा बैंगलुरू और मुंबई में पिछले माह उद्योगपतियों से चर्चा की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को प्रदेश में निवेश की संभावनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला प्रदेश हैं। मध्यप्रदेश वन संपदा, खनिज संपदा, जल संपदा और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है जो अब टाइगर स्टेट, लेपर्ट स्टेट, वल्चर स्टेट और अब चीता स्टेट भी हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिये आमंत्रित करते हुए कहा कि निवेश के लिए जो चीजें चाहिए वह सारी मध्य प्रदेश में हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी न केवल भारत बल्कि दुनिया के कल्याण के लिए प्रयत्नरत हैं। उनके नेतृत्व में गौरवशाली, वैभवशाली, संपन्न और समृद्ध भारत का निर्माण तो हो ही रहा है लेकिन दुनिया की समृद्धि और विकास के लिए हम उनके नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए प्रयासरत हैं।
अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग करें अधिकारी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन में फ्रेंडस आफ एमपी के सदस्यों के सुझावों पर भी अमल किया जाएगा। एनआरआइ निवेशकों को जमीन आवंटन जैसी सुविधा प्राथमिकता से उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रवासी भारतीय दिवस और सम्मेलन की वेबसाइट पर 1000 से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इंदौर के स्टेडियम में प्रधानमंत्री का विशेष पोट्रेट चित्र तैयार कर भेंट करने की योजना बनी है। साथ ही आमंत्रित निवेशकों को उज्जैन में श्रीमहाकाल महालोक के दर्शन भी कराये जाएंगे।
देश के हृदय स्थल मध्यप्रदेश ने पिछले डेढ़ दशक में विकास के नये आयाम स्थापित कर विकसित राज्य की पहचान बना ली है। मध्यप्रदेश की सुशासन और विकास रिपोर्ट-2022 के अनुसार राज्य में आए बदलाव से मध्यप्रदेश बीमारू से विकसित प्रदेशों की पंक्ति में उदाहरण बन कर खड़ा हुआ है। इस महती उपलब्धि में प्रदेश में जन-भागीदारी से विकास के मॉडल ने अहम भूमिका निभाई है।
इन दिनों पूरे मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की जानकारी देने और बहनों के फार्म भरवाये जाने के लिये विभिन्न गतिविधियाँ जारी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं जिला स्तरीय महासम्मेलनों में बहनों को योजना के प्रावधानों से अवगत करा रहे हैं। मुख्यमंत्री पहले सम्मेलन में आई बहनों का फूलों की वर्षा कर स्वागत-अभिनंदन करते है और संवाद की शुरूआत फिल्मी तराने "फूलों का तारों का सबका कहना है-एक हजारों में मेरी बहना है" के साथ करते है। मुख्यमंत्री का यह जुदा अंदाज प्रदेश की बहनों को खूब भा रहा है।
राज्य सरकार की 03 साल की प्रमुख उपलब्धियां - एक नजर में
भोपाल। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसे ज्वलंत मुद्दों से जूझते विश्व की पर्यावरणीय सुरक्षा के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा फ्रांस में नवम्बर 2015 में लिये गए संकल्प में मध्यप्रदेश बेहतरीन योगदान दे रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश ने पिछले 11 वर्षों में सोलर ऊर्जा में 54 और पवन ऊर्जा में 23 प्रतिशत की वृद्धि की है। वर्तमान में साढ़े पाँच हजार मेगावाट ग्रीन ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। इससे एक करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है जो 17 करोड़ पेड़ के बराबर है।
भोपाल। देश के विकास में भारतवंशियों के योगदान पर गौरवान्वित होने के लिए हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है।इस बार 9 जनवरी 2023 को प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन मध्यप्रदेश की धरती इंदौर में होने जा रहा है, जो पूरे प्रदेश के लिए गौरव और सौभाग्य की बात है। देश का सबसे साफ शहर इंदौर सभी प्रवासी भारतीयों का स्वागत करने के लिए आतुर है।
मध्यप्रदेश सरकार की स्टार्ट-अप फ्रेंडली नीतियों के परिणामस्वरूप प्रदेश स्टार्टअप्स का हब बन रहा है। मध्यप्रदेश, देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल है, जो स्टार्ट-अप्स के लिए विश्व स्तरीय ईकोसिस्टम प्रदान करते हैं। स्टार्ट-अप ब्लिंक की रिपोर्ट के अनुसार देश में इंदौर 14वें स्थान पर और भोपाल 29वें स्थान पर है। मध्यप्रदेश के 2500 से अधिक स्टार्ट-अप भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग में पंजीकृत हैं।
भोपाल। पशुपालन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश अनेक राष्ट्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में देश में प्रथम स्थान पर है। अन्य राज्यों के लिए मध्यप्रदेश मॉडल राज्य के रूप में उभरा है।
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में प्रदेश में 2 करोड़ 92 लाख 51 हजार गौ-भैंस वंशीय पशु पंजीकृत हैं। इन पशुओं को यूआईडी टैग लगा कर इनॉफ पोर्टल पर दर्ज किया गया है, जो देश में सर्वाधिक है।
मध्यप्रदेश को यह गौरव हासिल है कि यह देश की सर्वाधिक जनजातीय जनसंख्या का घर है। प्रदेश का इन्द्रधनुषीय जनजातीय परिदृश्य अपनी विशिष्टताओं की वजह से मानव-शास्त्रियों, सांस्कृतिक अध्येताओं, नेतृत्व शास्त्रियों और शोधार्थियों के विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा है। यहाँ की जनजातियाँ सदैव से अपनी बहुवर्णी संस्कृति, भाषाओं, रीति-रिवाज और देशज तथा जातीय परम्पराओं के साथ प्रदेश के गौरव का अविभाज्य अंग रही है।
मध्यप्रदेश के इन्द्रधनुषी जनजातीय संसार में जीवन अपनी सहज निश्छलता के साथ आदिम मुस्कान बिखेरता हुआ पहाड़ी झरने की तरह गतिमान है। मध्यप्रदेश सघन वनों से आच्छादित एक ऐसा प्रदेश है, जहाँ विन्ध्याचल, सतपुड़ा और अन्य पर्वत-श्रेणियों के उन्नत मस्तकों का गौरव-गान करती हवाएँ और उनकी उपत्यकाओं में अपने कल-कल निनाद से आनंदित करती नर्मदा, ताप्ती, तवा, पुनासा, बेतवा, चंबल, दूधी आदि नदियों की वेगवाही रजत-धवल धाराएँ मानो,वसुंधरा के हरे पृष्ठों पर अंकित पारंपरिक गीतों की मधुर पंक्तियाँ।
धरती पुत्र शिवराज सिंह चौहान ने जबसे प्रदेश की कमान सम्हाली है, तभी से स्वर्णिम मध्यप्रदेश के सपने को साकार करने में हर पल गुजरा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान कहते हैं कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास में किसान की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने इसी सोच के मद्देनजर किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये निरंतर कार्य किये हैं, जो आज भी बदस्तूर जारी हैं। अपनी स्थापना के 67वें वर्ष में मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश है, जिसने कई कीर्तिमान रचते हुए लगातार 7 बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त किया है।