पशुपालन की राष्ट्रीय योजनाओं में अग्रणी है मध्यप्रदेश

  • "उपलब्धियों और नवाचारों का एक वर्ष"

भोपाल। पशुपालन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश अनेक राष्ट्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में देश में प्रथम स्थान पर है। अन्य राज्यों के लिए मध्यप्रदेश मॉडल राज्य के रूप में उभरा है।

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में प्रदेश में 2 करोड़ 92 लाख 51 हजार गौ-भैंस वंशीय पशु पंजीकृत हैं। इन पशुओं को यूआईडी टैग लगा कर इनॉफ पोर्टल पर दर्ज किया गया है, जो देश में सर्वाधिक है।

 

एफएमडी (मुंहपका खुरपका रोग) टीकाकरण में भी मध्यप्रदेश देश में प्रथम है। प्रदेश में पहले चरण में 2 करोड़ 50 लाख 63 हजार पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। दूसरे चरण में टीकाकरण जारी है। माह नवंबर के प्रथम सप्ताह तक 36 लाख 14 हजार पशुओं का टीकाकरण किया गया।

 

मध्यप्रदेश ब्रुसेल्ला टीकाकरण में भी देश में शीर्ष पर है। पहले चरण में 4 से 8 माह की 17 लाख 45 हजार गौ-भैंस वंशीय बछियों का टीकाकरण किया गया। दूसरे चरण में 7 नवंबर 2022 तक 39 जिलों के 10 लाख 50 हजार बछियों का टीकाकरण किया जाकर इनॉफ (इंफारमेशन नेटवर्क फॉर एनिमल प्रोडक्टविटी एण्ड हेल्थ) पोर्टल में जानकारी दर्ज की जा चुकी है।

 

केन्द्र सरकार द्वारा पशुपालन और मत्स्य व्यवसायिक किसानों की कार्यशील पूँजी आवश्यकताओं के लिए किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा का विस्तार किया गया है। इसमें भी मध्यप्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। राष्ट्रव्यापी केसीसी अभियान में 2 दिसम्बर 2022 तक प्रदेश के 2 लाख 5 हजार 70 पशुपालकों को क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किये गये हैं। पशुपालकों को जिला सहकारी बैंकों के माध्यम से शून्य प्रतिशत ब्याज अनुदान पर कार्यशील पूँजी के लिए ऋण उपलब्ध कराया जाता है।

राष्ट्रीय पशुधन मिशन के उद्यमिता विकास कार्यक्रम में बकरी, सूकर, मुर्गी पालन और चरी-चारा के लगभग 1860 से अधिक प्रस्ताव विभाग को ऑनलाइन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 27 प्रकरणों में केन्द्र सरकार से अनुदान राशि प्राप्त हो चुकी है, जो राष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक है।

  •  सुनीता दुबे

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