मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संकल्प और साहसी निर्णयों ने आज मध्यप्रदेश को विकासशील राज्य की अग्रिम पंक्ति में लाकर खड़ा किया है। उनके प्रयासों और संकल्प से आज पर्यटन क्षेत्र आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की संजीवनी के रूप में उभरा है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मध्यप्रदेश एक दूसरे के पूरक है।
नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य और अद्भुत स्थापत्य कला के धनी मध्यप्रदेश का गौरवशाली इतिहास और समृद्ध संस्कृति पूरे भारत में अद्वितीय है। जिस तरह हीरे की असली परख जौहरी को ही होती है उसी तरह मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार और विकास की असीम संभावनाओं को तलाशने का हुनर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान में ही है। उन्होंने न सिर्फ प्रदेश के नैसर्गिक और लुभावने स्थलों को पर्यटन के लिए विकसित किया बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा किए। अब पर्यटन सिर्फ मनोरंजन नहीं रहा बल्कि रोजगार, स्थानीय संस्कृति और खान-पान, कला और स्थापत्य कला का केंद्र-बिंदु भी बनके उभरा है।
कोरोना काल में भी हुए नवाचार
मुख्यमंत्री श्री चौहान के निर्देशन में पर्यटन विभाग ने कोविड के बाद की परिस्थितियों के अवसरों को तलशाना जारी रखा। नित नए प्रयासों और नवाचारों से मध्यप्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं को ढूंढने के उद्देश्य को लेकर सतत प्रयास किया। पर्यटन के प्रमुख क्षेत्र वाइल्ड लाइफ टूरिज्म, हेरिटेज टूरिज्म, लेइश्यरू टूरिज्म और पिलग्रिमेज टूरिज्म की सभी संभावनाओं को विकसित किया गया। सभी उम्र के व्यक्तियों की रुचियों को ध्यान में रखकर गतिविधियाँ आयोजित की गई। रूरल टूरिज्म, हेरिटेज वॉक, इंस्टाग्राम मांडू टूर, साइकिल टूर, आर्ट एंड क्राफ्ट बाजार, म्यूजिकल कंसर्ट और फूड बाजार जैसे नवाचार किये गये।
एडवेंचर टूरिज्म का हॉटस्पॉट मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश एडवेंचर टूरिज्म का हॉटस्पॉट बनके उभरा है। यहाँ का प्राकृतिक सौंदर्य और मनभावन वातावरण अनायास ही ट्रेकिंग, सफारी और कैंपिंग के शौकीनों को आकर्षित करता है। एडवेंचर टूरिज्म की इन्हीं संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन विभाग ने प्रदेशभर में 30 से ज्यादा कैंपिंग साइट विकसित किए गए हैं। पर्यटकों के हॉलिडे को 'एक्टिव हॉलिडे' में परिवर्तित करते हुए टूर-डे सतपुड़ा, हेरिटेज रन, पचमढ़ी मॉनसून मैराथन जैसे कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू की गई है। बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में बैलून सफारी, टाइग्रेस ऑन ट्रेल और भोपाल में प्रदेश के पहले ड्राइव इन सिनेमा की स्थापना आदि प्रमुख नवाचार रहे हैं।
वर्तमान में भी मध्यप्रदेश को '365 डेज का टूरिस्ट डेस्टिनेशन' बनाने का संकल्प लेकर सतत प्रयास किये जा रहे हैं। वार्षिक आयोजनों की श्रृंखला में 5 जल महोत्सवों और ओरछा महोत्सव का आयोजन किया गया है। वेब सीरीज पंचायत, गुल्लक और धाकड़ के फिल्मांकन से मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। इसी दिशा में 'ग्रामीण पर्यटन' की संकल्पना पर वैल्यू फॉर मनी डेस्टिनेशन के विकास कार्य में स्थानीय लोगों को भागीदार बनाया जाएगा। इससे क्षेत्र विशेष की संस्कृति और धरोहर से पर्यटक परिचित हो सकेंगे।
वैलनेस एंड माइंडफुल टूरिज्म
मध्यप्रदेश को 'वैलनेस एंड माइंडफुल टूरिज्म' के केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में भी निरंतर प्रयास जारी है। इसमें पर्यटकों को पर्यटन के साथ योग, ध्यान और नेचुरोपैथी आदि से जोड़ा जाएगा। साथ ही 'आस-पास टूरिज्म' की अवधारणा पर पड़ोसी राज्य के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए छोटी अवधि के टूर प्लान बनाए गए हैं। इससे पर्यटक अपने वीकेंड का प्लान मध्यप्रदेश में कर सकेंगे। इन छोटे-छोटे टूरिस्ट पैकेज से मध्यप्रदेश में पर्यटकों का निरंतर आवागमन भी बना रहेगा और इस आवागमन से आस-पास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियाँ भी बढ़ेंगी।
पर्यटन-संस्कृति का बेजोड़ संगम और मध्यप्रदेश
प्रदेश में कोरोना संक्रमण से उपजे अवसाद और तनाव के समय में प्रदेशवासियों को राहत देते हुए इस साल पर्यटन विभाग ने उत्सवों का आयोजन किया। इन उत्सवों में पर्यटन और संस्कृति का बेजोड़ संगम देखने को मिला। पर्यटकों ने न सिर्फ स्थान विशेष के नैसर्गिक सौंदर्य को निहारा बल्कि क्षेत्र विशेष की स्थानीय संस्कृति और खान-पान से भी परिचित हुए। नव वर्ष के शुभारंभ के साथ ही मशहूर प्राचीन शहर मांडू में 13-15 फरवरी को 'मांडू फेस्टिवल' और विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में 20 -26 फरवरी 2021 तक 47वां खजुराहो नृत्य समारोह किया गया। भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों पर केन्द्रित देश का शीर्षस्थ समारोह 'खजुराहो नृत्य समारोह' राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त है। इसमें देश एवं विश्व के विख्यात कलाकार अपनी नृत्य प्रस्तुतियाँ देते हैं।
इसी तरह प्राचीन शहर मांडू में मांडू फेस्टिवल के दौरान ऐतिहासिक शहर के अनेक रोचक पहलु से पर्यटकों को अवगत कराया गया। उत्सव के दौरान कबीर कैफे, मुक्ति म्यूजिक बैंड और स्थानीय कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। प्रातःकालीन योग सत्र, हेरिटेज वॉक्स, साइकिलिंग टूर, स्टोरी टेलिंग, ट्रेजर हंट, फोटो प्रतियोगिता जैसी रोचक गतिविधियों में हिस्सा लेने के साथ स्थानीय संस्कृति, कला और स्थानीय व्यंजनों के स्वाद से भी पर्यटक परिचित हुए।
प्रयास यह है कि पर्यटकों को कोई असुविधा नहीं हो और वे मध्यप्रदेश से अविस्मरणीय अनुभवों को अपने साथ ले जाए। प्रदेश की संस्कृति भी पर्यटन का प्रमुख आधार है। पर्यटन के साथ-साथ क्षेत्र विशेष की संस्कृति, धरोहरों, परंपराओं, रीति-रिवाजों और खान-पान से भी पर्यटकों को अवगत कराया जा रहा है। मध्य प्रदेश ने न केवल अपने प्राचीन सुंदर रूप को सालों पहले सा बनाए रखा है, बल्कि इस समय के यात्रियों के लिए भी यह एक लुभावना गंतव्य है। पहाड़, जंगल, नदियाँ, समृद्ध विरासत, रोमांचक वन्य-जीवन और सांस्कृतिक विविधता से सजी मध्यप्रदेश की प्राकृतिक रचना, इसे वैभवशाली भूमि बनाती है। इस गौरवशाली और अद्भुत धरोहर और संस्कृति को सहेजने और पर्यटकों के लिए सुलभ बनाने के लिए पर्यटन विभाग सतत प्रयासरत है।
देश के हृदय स्थल मध्यप्रदेश ने पिछले डेढ़ दशक में विकास के नये आयाम स्थापित कर विकसित राज्य की पहचान बना ली है। मध्यप्रदेश की सुशासन और विकास रिपोर्ट-2022 के अनुसार राज्य में आए बदलाव से मध्यप्रदेश बीमारू से विकसित प्रदेशों की पंक्ति में उदाहरण बन कर खड़ा हुआ है। इस महती उपलब्धि में प्रदेश में जन-भागीदारी से विकास के मॉडल ने अहम भूमिका निभाई है।
इन दिनों पूरे मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की जानकारी देने और बहनों के फार्म भरवाये जाने के लिये विभिन्न गतिविधियाँ जारी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं जिला स्तरीय महासम्मेलनों में बहनों को योजना के प्रावधानों से अवगत करा रहे हैं। मुख्यमंत्री पहले सम्मेलन में आई बहनों का फूलों की वर्षा कर स्वागत-अभिनंदन करते है और संवाद की शुरूआत फिल्मी तराने "फूलों का तारों का सबका कहना है-एक हजारों में मेरी बहना है" के साथ करते है। मुख्यमंत्री का यह जुदा अंदाज प्रदेश की बहनों को खूब भा रहा है।
राज्य सरकार की 03 साल की प्रमुख उपलब्धियां - एक नजर में
भोपाल। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसे ज्वलंत मुद्दों से जूझते विश्व की पर्यावरणीय सुरक्षा के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा फ्रांस में नवम्बर 2015 में लिये गए संकल्प में मध्यप्रदेश बेहतरीन योगदान दे रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश ने पिछले 11 वर्षों में सोलर ऊर्जा में 54 और पवन ऊर्जा में 23 प्रतिशत की वृद्धि की है। वर्तमान में साढ़े पाँच हजार मेगावाट ग्रीन ऊर्जा का उत्पादन हो रहा है। इससे एक करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है जो 17 करोड़ पेड़ के बराबर है।
भोपाल। देश के विकास में भारतवंशियों के योगदान पर गौरवान्वित होने के लिए हर साल 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है।इस बार 9 जनवरी 2023 को प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन मध्यप्रदेश की धरती इंदौर में होने जा रहा है, जो पूरे प्रदेश के लिए गौरव और सौभाग्य की बात है। देश का सबसे साफ शहर इंदौर सभी प्रवासी भारतीयों का स्वागत करने के लिए आतुर है।
मध्यप्रदेश सरकार की स्टार्ट-अप फ्रेंडली नीतियों के परिणामस्वरूप प्रदेश स्टार्टअप्स का हब बन रहा है। मध्यप्रदेश, देश के उन अग्रणी राज्यों में शामिल है, जो स्टार्ट-अप्स के लिए विश्व स्तरीय ईकोसिस्टम प्रदान करते हैं। स्टार्ट-अप ब्लिंक की रिपोर्ट के अनुसार देश में इंदौर 14वें स्थान पर और भोपाल 29वें स्थान पर है। मध्यप्रदेश के 2500 से अधिक स्टार्ट-अप भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग में पंजीकृत हैं।
भोपाल। पशुपालन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश अनेक राष्ट्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन में देश में प्रथम स्थान पर है। अन्य राज्यों के लिए मध्यप्रदेश मॉडल राज्य के रूप में उभरा है।
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में प्रदेश में 2 करोड़ 92 लाख 51 हजार गौ-भैंस वंशीय पशु पंजीकृत हैं। इन पशुओं को यूआईडी टैग लगा कर इनॉफ पोर्टल पर दर्ज किया गया है, जो देश में सर्वाधिक है।
मध्यप्रदेश को यह गौरव हासिल है कि यह देश की सर्वाधिक जनजातीय जनसंख्या का घर है। प्रदेश का इन्द्रधनुषीय जनजातीय परिदृश्य अपनी विशिष्टताओं की वजह से मानव-शास्त्रियों, सांस्कृतिक अध्येताओं, नेतृत्व शास्त्रियों और शोधार्थियों के विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा है। यहाँ की जनजातियाँ सदैव से अपनी बहुवर्णी संस्कृति, भाषाओं, रीति-रिवाज और देशज तथा जातीय परम्पराओं के साथ प्रदेश के गौरव का अविभाज्य अंग रही है।
मध्यप्रदेश के इन्द्रधनुषी जनजातीय संसार में जीवन अपनी सहज निश्छलता के साथ आदिम मुस्कान बिखेरता हुआ पहाड़ी झरने की तरह गतिमान है। मध्यप्रदेश सघन वनों से आच्छादित एक ऐसा प्रदेश है, जहाँ विन्ध्याचल, सतपुड़ा और अन्य पर्वत-श्रेणियों के उन्नत मस्तकों का गौरव-गान करती हवाएँ और उनकी उपत्यकाओं में अपने कल-कल निनाद से आनंदित करती नर्मदा, ताप्ती, तवा, पुनासा, बेतवा, चंबल, दूधी आदि नदियों की वेगवाही रजत-धवल धाराएँ मानो,वसुंधरा के हरे पृष्ठों पर अंकित पारंपरिक गीतों की मधुर पंक्तियाँ।
धरती पुत्र शिवराज सिंह चौहान ने जबसे प्रदेश की कमान सम्हाली है, तभी से स्वर्णिम मध्यप्रदेश के सपने को साकार करने में हर पल गुजरा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान कहते हैं कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास में किसान की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने इसी सोच के मद्देनजर किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिये निरंतर कार्य किये हैं, जो आज भी बदस्तूर जारी हैं। अपनी स्थापना के 67वें वर्ष में मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में अग्रणी प्रदेश है, जिसने कई कीर्तिमान रचते हुए लगातार 7 बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त किया है।