भोपाल। पिछले तीन साल से मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों की पदोन्नति पर रोक लगी हुई है । इसकी वजह है मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का वह फैसला, जिसमें कोर्ट ने मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम 2002 को खारिज कर दिया था। इस नियम के तहत एसटीएससी कर्मचारियों को पदोन्नति में भी आरक्षण की व्यवस्था दी गई थी। तत्कालीन शिवराज सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
तब से मामला यथास्थिति के निर्देश के साथ लंबित है। अब सरकार सशर्त पदोन्नति देने के जो दावे कर रही है। पिछले महीने विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने भी सदन में पक्ष-विपक्ष के विधायकों के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ की एक कमेटी बनाने का ऐलान किया था, ताकि पदोन्नति के लिए रास्ता निकाला जा सके। इसके बाद सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने पदोन्नति के नियमों का मसौदा जीएडी से मांगा।
हालांकि कानूनी जानकारों का कहना है कि बिना सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के कोई रास्ता नहीं निकाला जा सकता है। वे कहते हैं कि जब पदोन्नति का कोई नियम ही अस्तित्व में नहीं है तो पदोन्नति कैसे दी जा सकती है। कानूनी जानकार कहते हैं कि नए नियम तो बनाए जा सकते हैं, लेकिन कोई भी उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर स्थगित करा सकता है।
सरकार को पदोन्नति शुरू करने से पहले सुप्रीम कोर्ट से पूछना होगा कि वे किन नियमों के तहत कर्मचारियों को पदोन्न्ति दे सकती हैं। कानूनी झमेला यह है कि सरकार आरक्षण के साथ पदोन्न्ति देती है तो सुप्रीम कोर्ट की अवमानना होगी और यदि बिना आरक्षण के पदोन्न्ति देने पर सरकार विचार करती है तो उसके लिए कोई नियम नहीं हैं ।
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने पहले भी सशर्त पदोन्नति देने का आग्रह सुप्रीम कोर्ट से किया था, लेकिन उस पर कोर्ट ने अब तक अनुमति नहीं दी है। विधि विशेषज्ञों का मानना है कि मामला सिर्फ मप्र अकेले राज्य का नहीं है,यह कई राज्यों से जुड़ा है इसलिए किसी एक राज्य के लिए राहत मिल पाना कठिन काम है ।
अवमानना हो सकती है
पदोन्नति में आरक्षण विषय पर सुप्रीम कोर्ट में मप्र के स्टैंडिंग काउंसिल मनोज गोरकेला ने इस बारे में नवदुनिया से कहा कि सशर्त पदोन्नति के लिए भी सुप्रीम कोर्ट की अनुमति अनिवार्य है। यदि बिना अनुमति के पदोन्नति दी गई तो यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के आयरे में आएगा।
गोरकेला ने कहा कि राज्य सरकार चाहे तो कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए आवेदन लगाया जा सकता है। साथ ही सशर्त पदोन्न्ति का भी आग्रह किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यथाथिति का मतलब ही है कि इस बारे में किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
वहीं मप्र के पूर्व एडवोकेट जनरल पुरूषेंद्र कौरव कहते हैं कि सरकार को पदोन्नति शुरू करने से पहले नए नियम बनाना पड़ेगा, लेकिन इसमें संदेह यह है कि किसी ने नए नियम को चुनौती दी तो फिर मामला उलझ सकता है ।
भोपाल। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा कि सिल्क टूरिज्म के विकास से रेशम का व्यापक प्रचार प्रसार होगा और लोग रेशम का उपयोग करने के लिए प्रेरित होंगे। रेशम को बढ़ावा देकर आम लोगों में रेशम के वस्त्रों के प्रति रुझान बढ़ाया जाएगा। पर्यटन स्थलों पर आने वाले टूरिस्ट को भी रेशम वस्त्र की जानकारी दी जाएगी। उन्हें रेशम के वस्त्र खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन का "विशेष उपहार" दिए जाने पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने प्रदेश की जनता की ओर से उनके प्रति हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करते हुए उनका अभिनंदन किया है। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए किया जा रहे प्रयासों को मजबूती मिलेगी और महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त होंगी।
भोपाल। मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) में 6 हजार 36 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्य आने वाले समय में किए जाएंगे। इससे विद्युत वितरण व्यवस्था की तस्वीर बदल जाएगी। जहॉं एक ओर उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति मिलेगी वहीं विद्युत वितरण प्रणाली मजबूत होगी। ब्रेकडाउन कम होंगे और प्रणाली की क्षमता वृद्धि से उपभोक्ताओं को सीधे फायदा मिलेगा।
भोपाल। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी का वर्ष 2023-24 का बजट मंगलवार को संचालक मंडल की बैठक में प्रस्तुत किया गया। आगामी वित्तीय वर्ष के कुल 18 हजार 551 करोड़ रूपये के बजट की मंजूरी दी गई है।
भोपाल। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामकिशोर ‘नानो’ कावरे ने कहा है कि संत रविदास जयंती 5 फरवरी से शुरू होने वाली विकास यात्रा का उद्देश्य जन-कल्याण, स्वराज के लक्ष्य को प्राप्त करना है। साथ ही विकास यात्रा के माध्यम से सरकारी योजना से छूटे हितग्राहियों को लाभान्वित करना भी है। उन्होंने अधिकारियों से अपने विभाग से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी अपडेट करने के लिये भी कहा। राज्य मंत्री एवं उमरिया जिले के प्रभारी मंत्री कावरे आज जिला अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले के ग्राम जैत में नर्मदा नदी के किनारे 4 करोड़ 88 लाख रूपये की लागत से बन रहे नर्मदा घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने घाट पर चल रहे निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इन्दौर में 29 अक्टूबर को होने जा रहे प्रदेश के 73 सीएम राइज स्कूलों के भूमि-पूजन कार्यक्रम का आयोजन बेहतर रूप में हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास पर आयोजन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी सहित अधिकारी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आगामी 15 नवम्बर को बिरसा मुंडा जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा। प्रदेश की सभी पंचायतों में यह कार्यक्रम होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास कार्यालय पर कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
भोपाल। दमोह जिले के दमोह देहात थाना के ग्राम देवरान में मंगलवार की सुबह गोली चलने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु होने की खबर मिलते ही जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई कर मुख्य आरोपी जगदीश पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना की बारीकी से जाँच की जा रही है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
भोपाल। आयुर्वेद हमारे देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है वर्तमान समय में इसे और लोकप्रिय बनाने की जरूरत है। आयुर्वेद ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें मानव शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। आयुर्वेद में उपयोग होने वाली दवाएँ हमारे आस-पास ही मौजूद होती हैं। आयुर्वेद और योग को अपना कर हम अपने जीवन को स्वस्थ एवं सुखी बना सकते हैं।