पटना । लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में बिहार की पांच सीटों (सीतामढ़ी, मधुबनी, सारण, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर) के लिए वोट डाले जा रहे हैं। पांचवें चरण में सारण को छोड़कर, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के बीच सीधी टक्कर है, अन्य सभी सीटों पर क्षेत्रीय या अन्य छोटे दल एक-दूसरे को चुनौती दे रहे हैं।
पिछले चुनाव में पांचवे चरण की सभी सीटें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के तत्कालीन घटक दलों के खाते में गईं थीं। हालांकि, इस बार परिस्थितियां बदल गईं हैं। तब राजग के साथ रही राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) अब विपक्षी महागठबंधन में है तो विपक्ष में रहा जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अब राजग में है।
मुजफ्फरपुर: भाजपा के मुकाबले में वीआइपी उम्मीदवार
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर राजग की तरफ से भाजपा ने सिटिंग सांसद अजय निषाद को मैदान में उतारा है। उनके सामने महगठबंधन के नए व छोटे घटक दल विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के राज भूषण चौधरी निषाद ताल ठोक रहे हैं। यहां निषाद (मल्लाह) वोटर निर्णायक हैसियत रखते हैं। वीआइपी के प्रमुख मुकेश साहनी बिहार में 'सन ऑफ मल्लाह' की इमेज को देखते हुए इस बार टक्कर आसान नहीं दिख रही है।
मुजफ्फरपुर में करीब पौने दो लाख यादव और लगभग ढाई लाख मुस्लिम मतदाताओं से भी वीआइपी को उम्मीद है। वहीं, लगभग चार लाख सवर्ण और ढाई लाख वैश्य मतदाताओं पर भाजपा की नजर है। इसमें महागठबंधन भी सेंधमारी की कोशिश करता रहा है। यहां अनुसूचित जाति और अन्य जातियों के करीब पौने छह लाख मतदाता निर्णायक हो सकते हैं।
मधुबनी: भाजपा व वीआइपी के बीच बागी का त्रिकोण
मधुबनी लोकसभा क्षेत्र में भी वीआइपी के बद्री कुमार पूर्वे मैदान में हैं। उनका मुकाबला पांच बार सांसद रहे हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे व भाजपा प्रत्याशी अशोक यादव से है। यहां कांग्रेस के बागी नेता शकील अहमद निर्दलीय ताल ठोक कर मुकाबले को त्रिपक्षीय बनाते दिख रहे हैं।
मधुबनी में महागठबंधन के वीआइपी प्रत्याशी बद्री कुमार पूर्वे की राह में कांग्रेस के बागी शकील अहमद रोड़ा बनकर खड़े हैं। बड़ा मुस्लिम चेहरा होने के कारण शकील अहमद बद्री पूर्वे के लिए मुकाबला कड़ा बनाते दिख रहे हैं। हालांकि, उन्हें (बद्री पूर्वे को) महागठबंधन के वोट बैंक पर भरोसा है। उधर, अशोक यादव की अपनी राजनीतिक विरासत है। उनके साथ राजग के वोट बैंक का बड़ा आाधार भी है।
हाजीपुर: लोजपा बनाम राजद मुकाबले में भितरघात का पेंच
हाजीपुर लोकसभा सीट को रामविलास पासवान से जोड़कर देखा जाता रहा है। 67 वर्षों के संसदीय इतिहास में यहां 42 वर्षों तक रामविलास पासवान का दबदबा रहा है। यहां इस बार पासवान खुद चुनाव मैदान में नहीं हैं। हाजीपुर से उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) से रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस मैदान में हैं। लाोजपा भी राजग में शामिल छोटी पार्टी है। पशुपति कुमार पारस पर हाजीपुर में परिवार के गढ़ को बचाने की चुनौती है। उनके खिलाफ राजद के शिव चंद्र राम हैं।
पशुपति कुमार पारस लोजपा के प्रत्याशी हैं। वे राज्य सरकार में मंत्री हैं। राजद के शिवचंद्र राम राजापाकर (सुरक्षित) विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं। पशुपति को राजग के आधार वोटों के साथ नरेंद्र मोदी के नाम और नीतीश कुमार के काम पर यकीन है। हालांकि, वैशाली के नाराज निर्वतमान सांसद रामा सिंह के लोजपा को बाय-बाय कर विरोध में सक्रिय रहने के कारण भितरघात की आशंका भी है। उधर, शिवचंद्र राम को महागठबंधन के आधार वोटों का भरोसा है।
सीतामढ़ी: शरद यादव व नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर
कभी समाजवाद की सरजमीं रहे सीतामढ़ी में आज समाजवादियों को खेमों में बंट जाने के कारण वजूद बचाने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है। इस कारण राजग फील गुड की स्थिति में है। यहां शरद यादव व नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
सीतामढ़ी में महागठबंधन में राजद के अर्जुन राय और राजग में जदयू के सुनील कुमार पिंटू के बीच मुकाबला है। रालोसपा के राजग से बाहर जाने के बाद यह सीट जदयू के खाते में आई है। अर्जुन राय शरद यादव के सहयोगी अर्जुन राय राजद के टिकट पर उम्मीदवार हैं। अर्जुन राय राजद के टिकट पर मैदान में हैं, लेकिन वे शरद यादव के करीबी तथा उनकी नई पार्टी 'लोकतांत्रिक जनता दल' के राष्ट्रीय महासचिव रहे हैं।
राजग की बात करें तो सीतामढ़ी में जदयू के सुनील कुमार पिंटू की उम्मीदवारी आनन-फानन में तय हुई। सीतामढ़ी से पहले घोषित जदयू उम्मीदवार डॉ. वरुण कुमार द्वारा टिकट वापस किए जाने के बाद पार्टी ने उन्हें मैदान में उतारा। ऐसे में यहां राजग, खासकर जदयू के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है। ऐसे में आश्चर्य नहीं कि यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार जनसभाएं कीं।
जातिवाद की गिरफ्त में जकड़े सीतामढ़ी में राजनेताओं को कर्पूरी याद आते रहे। यह जननायक कर्पूरी ठाकुर का क्षेत्र जो रहा है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की बेटियों को शिक्षा में सहयोग के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सामाजिक नेतृत्व के लिए सक्षम बनाया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 का क्रियान्वयन इसी उद्देश्य से ही प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज रविन्द्र भवन भोपाल में योजना के अंतर्गत 1477 लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए 1 करोड़ 85 लाख रूपये की राशि अंतरित कर संबोधित कर रहे थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विकास कार्य गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करें। यह हमारा कर्त्तव्य और धर्म है कि योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति कोमिले, लोगों की कठिनाईयाँ दूर हों और उनका जीवन सुगम हों। शासन-प्रशासन के माध्यम से हमें जन-सेवा का मौका मिला है। हम ईमानदारी के साथ मिशन मोड में अपने कर्त्तव्यों को निभाएँ। इससे प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।
भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 70 हजार शिक्षकों की कमी है। ऐसे में स्कूलों में 40 हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी चल रही है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में और सीएम राइज स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
विदिशा। जिले में सोमवार रात को वर्षा थमने के बावजूद बेतवा का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण बेतवा किनारे बसी बस्तियों और गांवों में पानी घुस गया है। शहर के एक दर्जन से अधिक इलाकों में तीन से चार फीट पानी होने के कारण नाव से लोगों को निकालना पड़ रहा है।
भोपाल। यातायात को सुगम बनाने और औद्योगिक विकास के लिए मध्य प्रदेश में अधोसंरचना विकास के काम तेजी के साथ किए जा रहे हैं। भोपाल, इंदौर सहित 15 स्थानों पर रोप-वे बनाए जाएंगे। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग लाजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी और लोक निर्माण विभाग के बीच अनुबंध हो चुका है।
भोपाल। पार्टी मुझे दरी बिछाने को कहेगी, तो शिवराज सिंह चौहान दरी बिछाने को भी राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का काम मानकर करेगा। दिल्ली जाओगे कि वहां जाओगे। मुझे कहीं नहीं जाना। पार्टी कहेगी कि जैत में रहो, तो जैत में रहूंगा। पार्टी कहेगी भोपाल में रहो, तो भोपाल में रहूंगा। मुझे कोई अहं नहीं।
कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में भी बुलंदशहर में दो साधुओं की नृशंस हत्या पर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस ने बुलंदशहर में डबल मर्डर (दो साधुओं की हत्या) के मामले में प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
Rajya Sabha Election 2020: गुजरात के राज्यसभा चुनाव में खींचतान के बीच भाजपा के लिए एक राहत की खबर यह है कि भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) ने चुनाव में समर्थन करने के संकेत दिए हैं। पार्टी के विधायक महेश वसावा ने उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से मुलाकात के बाद कहा कि 24 मार्च को कार्यकारणी की बैठक में समर्थन पर अंतिम फैसला होगा।
राज्यसभा चुनाव का प्रक्रिया जारी है और इस बीच बुधवार को 37 लोगों को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिया गया। इनमें NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) प्रमुख शरद पवार, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह शामिल हैं। बुधवार को नामांकन वापस लेने की समयसीमा बीत जाने के बाद इन प्रत्याशियों को निर्वाचित घोषित किया गया। मालूम हो की राज्यसभा की 55 सीटों के लिए 17 राज्यों में नामांकन भरे गए थे जिनमें से 37 का निर्विरोध चुनाव हो चुका है वहीं अब 26 मार्च को बची हुई 18 सीटों के लिए मतदान करावाया जाएगा। जिन सीटों के लिए मतदान होगा उनमें गुजरात और आंध्र प्रदेश में चार-चार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में तीन-तीन, झारखंड में दो और मणिपुर एवं मेघालय में एक-एक सीट शामिल है।
Three years of Yogi Sarkar : उत्तर प्रदेश में भारतीय जानता पार्टी (BJP) की योगी सरकार ने 18 मार्च को अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे कर लिये हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को बताया। लखनऊ में बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चुनौतियों और संभावनाओं के महासमर में संकल्पों और सिद्धांतों की नाव से यात्रा करते हुए आज उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार ने तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं।