भारतीय राजनीति में कुछ ऐसे नेता हैं जो विवादास्पद और भड़काऊ बयान देने के कारण अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। इनके बयानों से सियासत में एक नई बहस छिड़ जाती है। ऐसे ही एक नेता हैं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी जो चर्चित ही विवादों भरे बयानों को लेकर हैं। ओवैसी का जन्म 13 मई 1969 को हुआ था और वह लगातार तीन बार से हैदराबाद के सांसद हैं। सियासत उन्हें पिता से विरासत में मिली और आज इसे अपने अंदाज में आगे भी बढ़ा रहे हैं। उनकी कोशिश हैदराबाद से बाहर निकलकर दूसरे राज्यों में पैर फैलाने की है।
1994 में राजनीति में उतरे
ओवैसी ने अपने राजनीति की शुरुआत 1994 में आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में उतरकर की। उन्होंने हैदराबाद के चारमीनार से मजलिस बचाओ तहरीक के उम्मीदवार को 40 हजार वोटों से हराकर चुनाव जीता। ये सीट एमआईएम के पास 1967 से ही थी। फिर 1999 चुनाव में तेलुगु देशम पार्टी के सैयद शाह नुरुल हक कादरी को 93 हजार वोटों से हराया। 2004 चुनाव में उन्होंने पिता की जगह हैदराबाद से लोकसभा चुनाव जीता।
एआईएमआईएम करीब 80 साल पुराना संगठन है जिसकी शुरुआत एक धार्मिक और सामाजिक संस्था के रूप में हुई थी। लेकिन बाद में यह एक राजनीतिक पार्टी में तब्दील हो गई जो हैदराबाद में एक बड़ी ताकत बन चुकी है। हालांकि इस संगठन पर 1957 में बैन भी लगा था। हैदराबाद की सियासत पर चर्चा उनका और उनकी पार्टी का जिक्र किए बिना नहीं हो सकता। हैदराबाद की लोकसभा सीट पर एमआईएम का कब्जा 1984 से ही रहा है। हैदराबाद के मेयर भी इसी पार्टी के हैं।
करीब पांच दशकों में इस पार्टी का प्रभाव हैदराबाद में जबरदस्त तरीके से बढ़ा है। तेलंगाना विधानसभा में उसके सात विधायक हैं और विधान परिषद में दो सदस्य। मजलिस को एक मुस्लिम सियासी संगठन के तौर पर देखा जाता है और हैदराबाद के मुसलमान इस पार्टी का जबरदस्त समर्थन करते हैं। आज हैदराबाद में एमआईएम एक बड़ी ताकत है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। ओवैसी परिवार अक्सर विवादों में भी रहा है। समुदाय के भीतर से ही परिवार के खिलाफ आवाजें उठीं, लेकिन इसकी ताकत बरकरार रही। इस परिवार के हाथ में पार्टी की कमान 1957 में पाबंदी हटने के बाद आई थी।
सियासी इतिहास बेहद दिलचस्प
असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी
इस पार्टी का सियासी इतिहास बेहद दिलचस्प है। 1928 में नवाब महमूद नवाज खान ने इसकी स्थापना की थी। ये संगठन हैदराबाद को अलग मुस्लिम राष्ट्र बनाने की मांग करता था। 1948 में हैदराबाद के भारत विलय के बाद संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। 1957 में पार्टी से पाबंदी हटी तो इसमें ऑल इंडिया नाम जोड़ दिया गया और संविधान भी बदला गया। हैदराबाद के खिलाफ भारत सरकार की कार्रवाई के समय कासिम रिजवी इसके अध्यक्ष थे। पाकिस्तान जाने से पहले वह पार्टी की कमान मशहूर वकील अब्दुल वाहेद ओवैसी के हाथ दे गए।
तभी से पार्टी ओवैसी परिवार के हाथों में रही। अब्दुल वाहेद के बाद सलाहुद्दीन ओवैसी पार्टी के अध्यक्ष बने। अब उनके बेटे असदुद्दीन ओवैसी एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद हैं। छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी विधानसभा में पार्टी के नेता हैं। ये वही अकबरुद्दीन हैं जो अपने भड़काऊ भाषण के लिए जेल भी जा चुके हैं। आज भी विरोधी पार्टियां अकबरुद्दीन के उसी भाषण का जिक्र कर असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी को निशाना बनाते हैं।
हैदराबाद सीट रही ओवैसी परिवार के कब्जे में
1984 में अब्दुल ओवैसी पहली बार हैदराबाद से जीतकर लोक सभा पहुंचे। इसके बाद से ही जीत का सिलसिला उनके बेटे असदुद्दीन ओवैसी ने जारी रखा। एआईएमआईएम और ओवैसी पर सांप्रदायिक होने के आरोप लगते रहे हैं। छोटे भाई अकबरुद्दीन के एक भड़काऊ बयान ने न सिर्फ उन्हें जेल पहुंचाया, असदुद्दीन ओवैसी के लिए असहज स्थिति भी पैदा कर दी। चाहे बात पीएम मोदी को उनके बयानों पर घेरने की हो, या कांग्रेस को खरी खरी सुनाने की, ओवैसी ने सख्त बयानों ने उन्हें खूब सुर्खियां दिलाई हैं। ओवैसी अब हैदराबाद के बाहर पार्टी का प्रभाव बढ़ाने की जुगत में हैं। महाराष्ट्र में वह लगातार अपना प्रभाव बढ़ा रहे हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव में पार्टी को उतार चुके हैं। अब तेलंगाना में केसी राव की पार्टी से उनका अंदरखाने का समझौता बताया जाता है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की बेटियों को शिक्षा में सहयोग के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सामाजिक नेतृत्व के लिए सक्षम बनाया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 का क्रियान्वयन इसी उद्देश्य से ही प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज रविन्द्र भवन भोपाल में योजना के अंतर्गत 1477 लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए 1 करोड़ 85 लाख रूपये की राशि अंतरित कर संबोधित कर रहे थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विकास कार्य गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करें। यह हमारा कर्त्तव्य और धर्म है कि योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति कोमिले, लोगों की कठिनाईयाँ दूर हों और उनका जीवन सुगम हों। शासन-प्रशासन के माध्यम से हमें जन-सेवा का मौका मिला है। हम ईमानदारी के साथ मिशन मोड में अपने कर्त्तव्यों को निभाएँ। इससे प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।
भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 70 हजार शिक्षकों की कमी है। ऐसे में स्कूलों में 40 हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी चल रही है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में और सीएम राइज स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
विदिशा। जिले में सोमवार रात को वर्षा थमने के बावजूद बेतवा का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण बेतवा किनारे बसी बस्तियों और गांवों में पानी घुस गया है। शहर के एक दर्जन से अधिक इलाकों में तीन से चार फीट पानी होने के कारण नाव से लोगों को निकालना पड़ रहा है।
भोपाल। यातायात को सुगम बनाने और औद्योगिक विकास के लिए मध्य प्रदेश में अधोसंरचना विकास के काम तेजी के साथ किए जा रहे हैं। भोपाल, इंदौर सहित 15 स्थानों पर रोप-वे बनाए जाएंगे। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग लाजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी और लोक निर्माण विभाग के बीच अनुबंध हो चुका है।
भोपाल। पार्टी मुझे दरी बिछाने को कहेगी, तो शिवराज सिंह चौहान दरी बिछाने को भी राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का काम मानकर करेगा। दिल्ली जाओगे कि वहां जाओगे। मुझे कहीं नहीं जाना। पार्टी कहेगी कि जैत में रहो, तो जैत में रहूंगा। पार्टी कहेगी भोपाल में रहो, तो भोपाल में रहूंगा। मुझे कोई अहं नहीं।
कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में भी बुलंदशहर में दो साधुओं की नृशंस हत्या पर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस ने बुलंदशहर में डबल मर्डर (दो साधुओं की हत्या) के मामले में प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
Rajya Sabha Election 2020: गुजरात के राज्यसभा चुनाव में खींचतान के बीच भाजपा के लिए एक राहत की खबर यह है कि भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) ने चुनाव में समर्थन करने के संकेत दिए हैं। पार्टी के विधायक महेश वसावा ने उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से मुलाकात के बाद कहा कि 24 मार्च को कार्यकारणी की बैठक में समर्थन पर अंतिम फैसला होगा।
राज्यसभा चुनाव का प्रक्रिया जारी है और इस बीच बुधवार को 37 लोगों को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिया गया। इनमें NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) प्रमुख शरद पवार, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह शामिल हैं। बुधवार को नामांकन वापस लेने की समयसीमा बीत जाने के बाद इन प्रत्याशियों को निर्वाचित घोषित किया गया। मालूम हो की राज्यसभा की 55 सीटों के लिए 17 राज्यों में नामांकन भरे गए थे जिनमें से 37 का निर्विरोध चुनाव हो चुका है वहीं अब 26 मार्च को बची हुई 18 सीटों के लिए मतदान करावाया जाएगा। जिन सीटों के लिए मतदान होगा उनमें गुजरात और आंध्र प्रदेश में चार-चार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में तीन-तीन, झारखंड में दो और मणिपुर एवं मेघालय में एक-एक सीट शामिल है।
Three years of Yogi Sarkar : उत्तर प्रदेश में भारतीय जानता पार्टी (BJP) की योगी सरकार ने 18 मार्च को अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे कर लिये हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को बताया। लखनऊ में बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चुनौतियों और संभावनाओं के महासमर में संकल्पों और सिद्धांतों की नाव से यात्रा करते हुए आज उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार ने तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं।