दिग्विजय और कमलनाथ की नजदीकियों से ज्योतिरादित्य सिंधिया हो रहे साइडलाइन मीडिया में भी जगह नहीं बना पा रहे सिंधिया, चुनाव प्रचार में भी मुखर नहीं फोकस वर्ड- सिंधिया, कमलनाथ मध्यप्रदेश, दिग्विजय मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की ओर से बड़े नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया साइडलाइन होते नजर आ रहे हैं। ग्राउंड पर ही नहीं अगर मीडिया की भी बात करें तो सिंधिया नदारद दिख रहे हैं। वहीं दिग्विजय सिंह और कमलनाथ खूब टीआरपी बटोर रहे हैं। यह इससे भी स्पष्ट होता है कि कांग्रेस द्वारा जारी प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में अधिकतर कमलनाथ समर्थित थे। वहीं दूसरी और तीसरी लिस्ट में दिग्विजय सिंह के समर्थकों को भी टिकट दिया गया है लेकिन सिंधिया का प्रभुत्व प्रत्याशियों की लिस्ट में ज्यादा नज़र नहीं आ रहा। उम्मीद्वारों के चयन के समय स्वयं राहुल गांधी की मौजूदगी में दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच भारी टकराव देखने को मिला था। हालांकि, दो दिन बाद ही विवाद सुलझाने के लिए तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई थी जिसमें अहमद पटेल, अशोक गहलोत और वीरप्पा मोइली शामिल थे। इसके बाद पार्टी के बड़े नेताओं द्वारा दोनों के बीच विवाद को सुलझा लिए जाने का दावा जरूर किया जा रहा हैं लेकिन यह दावा असल में दिखाई नहीं दे रहा। वहीं प्रत्याशियों की सूची में सिंधिया के चाहने वालों का अभाव और चुनाव प्रचार में उनका मुखर ना होना तो यही बताता है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में दिग्विजय और कमलनाथ का दबदबा सिधिंया को साइडलाइन कर दे रहा है। दिग्विजय और सिंधिया के बीच की तनातनी भले ही अब बाहर से दिखाई नहीं दे रही हो लेकिन जिस तरह से दिग्विजय की कमलनाथ से नजदीकियां है और सिंधिया से किनारा, वह तो यही बताता है कि अंदरखाने सिंधिया को साइडलाइन करने की तैयारी जोरों पर है। ये परिस्थितियां निश्चित रूप से कांग्रेस की सेंट्रल लीडरशिप के फेलियर को भी दिखाती है। चुनावी दौर में प्रदेश के बड़े नेताओं की खींचतान राहुल गांधी के पार्टी में प्रभुत्व को भी एक तरह से चुनौती ही दे रही है।
मीडिया में भी जगह नहीं बना पा रहे सिंधिया-
आलम यह है कि चुनावी दौर में ज्योतिरादित्य मीडिया में भी जगह नहीं बना पा रहे हैं। वहीं दिग्विजय और कमलनाथ मीडिया में बने हुए हैं। कमलनाथ तो हाल ही में अपनी वायरल वीडियो के कारण धार्मिक तुष्टिकरण को लेकर विवादों में हैं। संघ के नाम पर हिंदू-मुसलमान की राजनीति कर रहे कमलनाथ को जनता भी आढ़े हाथों ले रही है। वहीं दिग्विजय सिंह सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के बारे में टिप्पणियां कर सुर्खियां बटौर रहे हैं। उधर एमपी कांग्रेस में कद्दावर नेता समझे जाने वाले प्रदेश चुनाव समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया कहीं नहीं दिखाई पड़ रहे। उनका साइडलाइन होना कांग्रेस के लिए प्रदेश में भारी पड़ सकता है। वह इसलिए क्योंकि मध्यप्रदेश में सिंधिया के अपने अच्छे खासे समर्थक हैं। उनका प्रभुत्व कम होने से समर्थकों के भी डगमगाने के आसार तो रहेंगे ही कांग्रेस को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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भोपाल। मध्यप्रदेश के नशामुक्ति अभियान में दिव्यांग किशोर सिंह डोडिया अपनी क्षमता का दर्शन करा रहे हैं। उन्होंने अपनी 3 पहिया गाड़ी को नशामुक्ति रथ के रूप में तैयार किया है। इसके माध्यम से वह सेक्टर के लगभग सभी गांवों में जाकर प्रचार-प्रसार करते हैं। उन्होंने लोगों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराने के साथ ही नशा ना करने की शपथ भी दिलवाने का कार्य किया है। वह 60 प्रतिशत दिव्यांग हैं और जिला मुख्यालय से 100 कि.मी दूर आलोट विकासखंड के ग्राम नारायणी में रहते हैं।
भोपाल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश में बुरहानपुर के रास्ते बुधवार को प्रवेश करेगी। प्रदेश में अगले वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में पार्टी इस यात्रा को बड़े अवसर के रूप में देख रही है। पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं को कांग्रेस के पक्ष में माहौल होने का संदेश देने के लिए मेगा शो की तैयारी है।
इंदौर। विद्यार्थियों को नियमों के फेर में छात्रवृत्ति से वंचित करने के विरोध में युवा कांग्रेस ने शनिवार को इंदौर में कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। छात्र नेताओं को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का लाठी चार्ज भी करना पड़ा। हालांकि, विद्यार्थियों की समस्या को लेकर हुए इस प्रदर्शन में शहर कांग्रेस के सभी बड़े नेता नदारद रहे।
जयपुर। कांग्रेस आलाकमान को अपनी ताकत दिखाने की कोशिश राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भारी पड़ रही है। एक तरफ कांग्रेस के अध्यक्ष पद की रेस से वो बाहर हो गये हैं, तो दूसरी तरफ उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी खतरा मंडरा रहा है।
नई दिल्ली। असली शिवसेना किसकी है' इस मामले में उद्धव ठाकरे गुट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी की वो याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उद्धव ठाकरे गुट की मांग की थी कि विधायकों की अयोग्यता पर फैसले से पहले, चुनाव आयोग पार्टी सिंबल पर सुनवाई न करे।
नई दिल्ली। कांग्रेस में नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की कवायद जारी है। अब तक उम्मीदवारों को लेकर चल रही बहस पर विराम लग गया है। साफ हो गया है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उम्मीदवार होंगे। माना जा रहा है कि अशोक गहलोत के सामने कुछ और नेता भाग्य आजमा सकते हैं। इस बीच, अशोक गहलोत ने शुक्रवार सुबह बड़ा ऐलान किया। अशोक गहलोत के मुताबिक, राहुल गांधी ने उन्हें कहा है कि इस बार गांधी परिवार का कोई सदस्य पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए।
नई दिल्ली। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सोमवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। कैप्टन को कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर और किरण रिजिजू ने पार्टी की सदस्यता दिलवाई। नरेंद्र तोमर ने कैप्टन को पार्टी सदस्यता की पर्ची दी।
भोपाल। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अब प्रदेश में 8 से 10 दिन देरी से एंट्री लेगी। तय शेड्यूल के मुताबिक मप्र में उनकी यात्रा 24 नवंबर को प्रवेश करने वाली थी और 10 दिसंबर को उज्जैन से कोटा के लिए प्रदेश से बाहर होने वाली थी। अब जो देरी हो रही है, उसका कारण यह सामने आ रहा है कि राहुल की स्पीड तो तय शेड्यूल के हिसाब से है, लेकिन उनके साथ चल रही टीम की स्पीड धीमी है।
नई दिल्ली। भाजपा ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। मंगलवार शाम दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में अमित शाह और जेपी नड्डा की अगुवाई में बड़ी बैठक हुई। केंद्रीय मंत्रियों समेत तमाम बड़े नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में अमित शाह ने पिछले चुनावों से अधिक सीटें जीतने की बात कही।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा। 19 अक्टूबर को मतगणना होगी। जानकारी के मुताबिक, चुनाव के लिए 22 सितंबर को अधिसूचना जारी होगी। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से शुरू होगी। इसकी अंतिम तिथि 30 सितंबर तय की गई है।