इंदौर.इंदौर एक बार फिर देश का सबसे साफ-सुथरा शहर बनकर उभरा है। इंदौर ने लगातार दूसरे साल यह रुतबा हासिल किया है। आवास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार शाम स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 के नतीजे घोषित किए। उन्होंने कहा- मुझे आश्चर्य नहीं है यह बताते हुए कि इंदौर फिर नं.1 चुना गया है। सर्वेे में भोपाल दूसरे और चंडीगढ़ तीसरे नंबर पर है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 में झारखंड सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य चुना गया। इसके बाद महाराष्ट्र तथा छत्तीसगढ़ का स्थान रहा। सर्वेे का मकसद शहरों में स्वच्छता के स्तर का आकलन करना है। पुरी ने कहा कि सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले शहरों के नाम पुरस्कार वितरण के दिन घोषित किए जाएंगे।
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के तहत देश के सभी 4203 शहरों में सफाई की स्थिति का आकलन किया गया। सर्वेक्षण 4 जनवरी से शुरू किया गया था। पिछले साल इसमें 434 बड़े शहरों को शामिल किया गया था। 2016 में 73 शहर थे। 2014 से स्वच्छ भारत अभियान के तहत शुरू किया गया यह तीसरा सर्वेक्षण है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानियों में ग्रेटर मुंबई देश की सबसे साफ-सुथरी राजधानी बनकर उभरी है।
10 लाख से ज्यादा वाले शहरों की स्थिति
- सबसे साफ-सुथरा शहर- विजयवाड़ा
- फास्टेस्ट मूवर बिग सिटी- गाजियाबाद
- बेस्ट सिटी इन सिटीजन फीडबैक- कोटा
- बेस्ट सिटी इन इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज- नागपुर
- बेस्ट सिटी, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट- नवी मुंबई
3-10 लाख की आबादी वाले शहर
- सबसे साफ-सुथरा शहर- मैसूर
- फास्टेस्ट मूवर मीडियम सिटी- भिवंडी
- बेस्ट सिटी इन सिटीजन फीडबैक- परभणी, महाराष्ट्र
- बेस्ट सिटी इन इनोवेशन एंड बेस्ट प्रैक्टिसेज- अलीगढ़
- बेस्ट सिटी इन सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट- मेंगलोर
स्वच्छता को लोगों ने संस्कृति ही बना लिया है, अब तो इसे मजबूती देनी है, भास्कर और आईआईएम की पड़ताल
10 गुना चुनौती
- साल 2017 में 434 शहर ही इस सर्वेक्षण में शामिल हुए थे, इस बार 4203 शहरों के बीच प्रतियोगिता थी।
- 300 शहरों ने हमारा मॉडल देखा, समझा और 40 शहरों ने इसे अपनाया भी यानी हमें कॉपी किया।
- पिछली बार पिछड़े विशाखापट्टनम, सूरत, मैसूर, चंडीगढ़ सहित कई प्रतिस्पर्धी शहर ने पूरी ताकत लगा दी थी।
8 आदतें डालीं
1. घर-दुकान से दे रहे कचरा
निगम ने पेटियां हटाकर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुरू किया तो लोग घर, दुकान से कचरा देने लगे। उसमें भी गीला और सूखा कचरा अलग-अलग।
2. कचरे से बना रहे खाद
लोकमान्य नगर में 750 परिवार टेराकोटा पॉट से कचरे से खाद बना रहे हैं। हफ्ते में दो बार ही निगम को कचरा देते हैं।
3. कचरे का वहीं निपटान
गीले कचरे को डि-सेंट्रलाइज्ड किया, खाद के लिए प्लांट लगाए। बगीचे, होटल, स्कूल में 700 से ज्यादा यूनिट लगी।
4. पॉलिथीन का कम उपयोग
कचरा फैलने का बड़ा कारण पॉलिथीन थी। लोगाें ने इस्तेमाल कम कर दिया। दुकानदार भी मानक स्तर की ही पॉलिथीन देने लगे।
5. वाहनों में रख रहे डस्टबिन
लोग कार में छोटे डस्टबिन रखने लगे, ताकि कचरा सड़क पर नहीं फेंकना पड़े। पान-गुटखा खाने वाले भी डस्टबिन का इस्तेमाल करने लगे।
6. बच्चे टोकने लगे बड़ों को
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के अनुसार एक बस्ती में महिला ने बताया कि बच्चे कहते हैं कचरा अलग-अलग करके दो।
7. आयोजनों में विशेष ध्यान
जुलूस, रैली या धार्मिक आयोजन, लोग वहां भी सफाई पर विशेष ध्यान देने लगे। जुलूस के तत्काल बाद लोग सफाई कर देते हैं।
8. आठवां वचन सफाई का
लोग स्वच्छता के लिए इतने जागरूक हो गए कि सामूहिक विवाह में नवदंपती आठवां वचन सफाई का लेने लगे हैं। डस्टबिन बांटे जा रहे हैं।
चार फॉर्मूले अपनाए
- कचरा पेटियां हटाईं
पहले शहर में सड़क किनारे कचरा पेटियां थीं। वे भर जाती थीं, तब भी कचरा नहीं उठता था। इससे गदंगी होती थी। आवारा पशु वहीं डटे रहते थे। सफाई के लिए निगम ने सबसे पहले कचरा पेटियां ही हटाईं।
- रात में भी होने लगी सफाई
बाजारों में पहले सुबह ही सफाई होती थी। निगम ने इस व्यवस्था को बदला। शाम को दुकानों से कचरा लेने लगे। इसके अलावा रात में भी बाजारों में सफाई होने लगी।
- वाहनों की डिजाइन बदली
पूरे देश में 1.8 क्यूबिक मीटर क्षमता के कचरा वाहन चलते हैं। इससे 300 घर ही कवर होते थे। इंदौर नगर निगम ने 3.3 क्यूबिक मीटर क्षमता वाली गाड़ियां बनवाईं। अब एक गाड़ी 800 से एक हजार घरों से कचरा लेती है।
- बच्चे बने ब्रांड एंबेसेडर
सफाई के लिए बच्चे ब्रांड एंबेसेडर बने, ताकि घर में सफाई में खामी रहने पर वे बड़े लोगों को टोक सके। इसके अलावा स्कूल और काॅलेजों में स्वच्छता समितियों का गठन किया गया।
6 व्यवस्थाएं बदलीं
- शहर में पहले कई स्थान ऐसे थे जहां कचरे के ढेर लगे रहते थे, लेकिन लोगों ने और निगम ने वहां वॉल बनवा दी और उस पर सुंदर पेंटिंग्स की। अब ऐसे स्थल लोगों के लिए सेल्फी पॉइंट बन गए हैं।
- कचरे का अंतिम तौर पर निपटान करने के लिए देवगुराड़िया प्रोसेसिंग प्लांट को विकसित किया गया। वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए। अंदर सड़कें बनाईं और ग्रीन बेल्ट का निर्माण किया, ताकि बदबू नहीं आए और बारिश में भी कचरा अंदर तक डाला जा सके।
- शहर को कचरापेटी मुक्त बनाया तो लोग बाहर कचरा फेंकने के बजाय घरों में एकत्रित करने लगे। सड़कों से धूल हटाने की मशीनों का उपयोग शुरू किया।
- लोगों ने खुले में शौच जाना बंद कर दिया। स्पॉट फाइन के डर से सड़कों पर थूकना बंद कर दिया।
- कर्मचारी संगठनों को विश्वास में लिया। पदाधिकारियों को व्यापार के अन्य वैधानिक तरीके ऑफर किए, ताकि होने वाले परिवर्तन का विरोध कम किया जा सके।
- 190 अस्पताल और नर्सिंग होम, 155 होटल, 104 मैरिज गार्डन और धर्मशालाओं और 17 मॉल और सुपर बाजार, इन जगहों से कचरा एकत्रित करने के लिए विशेष वाहनों की व्यवस्था की गई। रात में भी निगम कर्मचारी सड़कों पर सफाई करने निकले।
3 शहर... जिन्होंने इंदौर के सफाई के तरीके अपनाए
1- गाजियाबाद
शहर में हुई 3-आर कॉन्फ्रेंस के बाद गाजियाबाद ने घर-घर कचरा कलेक्शन शुरू किया।
2- कानपुर
जिस तरह कचरा अलग-अलग किया जाता है, उसी तर्ज पर कानपुर में भी किया जा रहा है।
3- अहमदाबाद
हमारे कचरा ट्रांसफर स्टेशन जैसा बनाना चाहते हैं। दिल्ली ने भी इसके टेंडर किए हैं।
3 बातें जो इंदौर के सम्मान में कही गईं
- महिंद्र ग्रुप के प्रमुख आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करते हुए कहा कि पत्नी से पहली मुलाकात इंदौर में हुई थी। उस समय बहुत गंदा शहर था। सुना है अब बदल रहा है। मैं देखने के लिए जाना चाहता हूं।
- अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि इंदौर बहुत साफ-सुथरा है। महिला के नेतृत्व में सफाई में नं.-1 बना है, यह सराहनीय है।
- सिंगापुर के सेकंड चॉइस प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन मोहम्मद सलेह मेरीकन ने कहा कि शादी के बाद हिंदुस्तान घूमने आया था। कई शहरों को देखा। अब इंदौर को देखा। यह दूसरे शहरों से काफी साफ नजर आया।
पल... जब इंदौर के लोग गौरवान्वित हुए
- इस साल अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र संघ की अंतरराष्ट्रीय रीजनल 3-आर फोरम इन एशिया एंड द पेसिफिक कॉन्फ्रेंस देश में पहली बार इंदौर में हुई। 40 देशों के 70 शहरों के मेयर और प्रतिनिधियों ने तीन दिन तक कचरे के निपटान पर मंथन किया। सभी ने यहां की सफाई की तारीफ की। यह निष्कर्ष भी निकला कि इंदौर जो कर रहा है, वही काम पूरी दुनिया करे। इसमें इंदौर की स्टडी को प्रमुख स्थान दिया गया।
भोपाल। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा कि सिल्क टूरिज्म के विकास से रेशम का व्यापक प्रचार प्रसार होगा और लोग रेशम का उपयोग करने के लिए प्रेरित होंगे। रेशम को बढ़ावा देकर आम लोगों में रेशम के वस्त्रों के प्रति रुझान बढ़ाया जाएगा। पर्यटन स्थलों पर आने वाले टूरिस्ट को भी रेशम वस्त्र की जानकारी दी जाएगी। उन्हें रेशम के वस्त्र खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन का "विशेष उपहार" दिए जाने पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने प्रदेश की जनता की ओर से उनके प्रति हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करते हुए उनका अभिनंदन किया है। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए किया जा रहे प्रयासों को मजबूती मिलेगी और महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त होंगी।
भोपाल। मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) में 6 हजार 36 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्य आने वाले समय में किए जाएंगे। इससे विद्युत वितरण व्यवस्था की तस्वीर बदल जाएगी। जहॉं एक ओर उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति मिलेगी वहीं विद्युत वितरण प्रणाली मजबूत होगी। ब्रेकडाउन कम होंगे और प्रणाली की क्षमता वृद्धि से उपभोक्ताओं को सीधे फायदा मिलेगा।
भोपाल। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी का वर्ष 2023-24 का बजट मंगलवार को संचालक मंडल की बैठक में प्रस्तुत किया गया। आगामी वित्तीय वर्ष के कुल 18 हजार 551 करोड़ रूपये के बजट की मंजूरी दी गई है।
भोपाल। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामकिशोर ‘नानो’ कावरे ने कहा है कि संत रविदास जयंती 5 फरवरी से शुरू होने वाली विकास यात्रा का उद्देश्य जन-कल्याण, स्वराज के लक्ष्य को प्राप्त करना है। साथ ही विकास यात्रा के माध्यम से सरकारी योजना से छूटे हितग्राहियों को लाभान्वित करना भी है। उन्होंने अधिकारियों से अपने विभाग से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी अपडेट करने के लिये भी कहा। राज्य मंत्री एवं उमरिया जिले के प्रभारी मंत्री कावरे आज जिला अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले के ग्राम जैत में नर्मदा नदी के किनारे 4 करोड़ 88 लाख रूपये की लागत से बन रहे नर्मदा घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने घाट पर चल रहे निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इन्दौर में 29 अक्टूबर को होने जा रहे प्रदेश के 73 सीएम राइज स्कूलों के भूमि-पूजन कार्यक्रम का आयोजन बेहतर रूप में हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास पर आयोजन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी सहित अधिकारी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आगामी 15 नवम्बर को बिरसा मुंडा जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा। प्रदेश की सभी पंचायतों में यह कार्यक्रम होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास कार्यालय पर कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
भोपाल। दमोह जिले के दमोह देहात थाना के ग्राम देवरान में मंगलवार की सुबह गोली चलने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु होने की खबर मिलते ही जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई कर मुख्य आरोपी जगदीश पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना की बारीकी से जाँच की जा रही है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
भोपाल। आयुर्वेद हमारे देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है वर्तमान समय में इसे और लोकप्रिय बनाने की जरूरत है। आयुर्वेद ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें मानव शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। आयुर्वेद में उपयोग होने वाली दवाएँ हमारे आस-पास ही मौजूद होती हैं। आयुर्वेद और योग को अपना कर हम अपने जीवन को स्वस्थ एवं सुखी बना सकते हैं।