भोपाल। मध्यप्रदेश में 2015-16 से 2019-21 के बीच 1 करोड़ 36 लाख लोग गरीबी के चक्र से बाहर आ गए हैं। प्रदेश में गरीबी की तीव्रता 47.25% से घटकर 43.70% हो गई है।देश से गरीबी का बोझ कम करने में मध्य प्रदेश ने 10% का उल्लेखनीय योगदान दिया है।
मध्य प्रदेश में पाँच वर्षों की अवधि में गरीबों की संख्या में 15.94% की गिरावट आई है। वर्ष 2015-16 में 36.57% से घटकर यह 2019-21 में 20.63% रह गई है। सभी राज्यों में मध्यप्रदेश में सबसे तेजी से कमी देखी गई है।
गरीबों की संख्या में कमी के मामले में सबसे उल्लेखनीय सुधार अलीराजपुर, बड़वानी,खंडवा, बालाघाट, और टीकमगढ़ में हुआ है। बहुआयामी गरीबी सूचकांक-2023 पर नीति आयोग की दूसरी रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।
नीति आयोग 8 अगस्त को कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में बहुआयामी गरीबी पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। इस अवसर पर मध्यप्रदेश में 1 करोड़ 36 लाख लोगों को गरीबी से मुक्त करने की यात्रा पर पॉलिसी ब्रीफ जारी की जायेगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान मुख्य वक्तव्य देंगे। वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन के बेरी और सदस्य डॉ. वी. के. सारस्वत मध्यप्रदेश की उपलब्धियों और विकास यात्रा पर चर्चा करेंगे। राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, प्रधानमंत्री सलाहकार परिषद के सदस्य प्रोफेसर शमिका रवि, मप्र राज्य सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष श्री प्रवीण श्रीवास्तव, यूएन रेसीडेंट कोआर्डिनेटर श्री शोम्बी शार्प विशेष वक्तव्य देंगे। नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. योगेश सूरी बहुआयामी गरीबी संकेतकों पर प्रारंभिक वक्तव्य देंगे।
क्या है बहुआयामी गरीबी?
गरीबी का आकलन करने के वर्तमान मापदंडों के अनुसार गरीबी को केवल पैसे की कमी से नही आँका जाता। स्वास्थ्य, पोषण, साफ पानी, बिजली, जीवन की गुणवत्ता, स्कूली शिक्षा, स्वच्छ्ता, शिशु मृत्यु, मातृत्व मृत्यु, आवास, बैंक खाता, परिसम्पत्तियां, भोजन के लिए ईंधन आदि से वंचित रहने को भी गरीबी का कारण माना जाता है।
मध्यप्रदेश में 1.36 करोड़ लोगों का गरीबी रेखा ऊपर आने का मतलब है स्वास्थ्य, पोषण, साफ पानी, बिजली, जीवन की गुणवत्ता, स्कूली शिक्षा, स्वच्छ्ता एवं अन्य मापदण्डों की स्थिति में ज़बरदस्त सुधार हुआ है।यह संख्या सिंगापुर और लीबिया जैसे देशों की कुल आबादी के दोगुने से भी ज़्यादा है।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4-(2015-16)में अलीराजपुर में गरीबों की संख्या 71.31 प्रतिशत थी जो एनएचएचएस-5 (2019-21)में घटकर 40.25% रह गई। इस प्रकार 31.5 प्रतिशत सुधार हुआ है। बड़वानी में 61.60 प्रतिशत से कम होकर 33.52 प्रतिशत रह गई है। इस प्रकार 28.08% का सुधार हुआ है। खंडवा में गरीबी का प्रतिशत 42.53 से कम होकर 15.15% पर आ गया है। इस प्रकार 27.38 प्रतिशत सुधार हुआ है। बालाघाट में 26.48 प्रतिशत और टीकमगढ़ में 26.33 प्रतिशत सुधार हुआ है।
देश में गरीबी में भारी कमी देखी गई है। पाँच सालों में गरीबी से बाहर आने वाले लगभग 135 मिलियन लोग हैं।वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक-2023 में यह् बात साफ हो गयी है कि देश में 15 वर्षों के भीतर 415 मिलियन लोग गरीबी से मुक्ति पा चुके हैं। स्पष्ट है कि जीवन स्तर की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक में स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर की गुणवत्ता की कमी का भी आकलन् किया गया है। इसके 12 मापदंड हैं। इसमें अखिल भारतीय राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आँकड़ों का भी उपयोग किया गया है। इन आंकड़ों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के समन्वय से अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान द्वारा जारी किया जाता है।बहुआयामी ग़रीबी सूचकांक 2023 की रिपोर्ट एनएफएचएस 4 (2015-16) और एनएफएचएस 5 (2019-21)के बीच गरीबी में आए बदलाव को दिखाती है।
सतत विकास के लक्ष्यों में 2030 तक गरीबी को कम से कम आधा करना शामिल है। देश इस लक्ष्य को समय से पहले प्राप्त करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में जिस तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं और गरीबी पैदा करने वाली स्थितियों पर नियंत्रण पाया जा रहा है उससे गरीबी को समाप्त करने का लक्ष्य प्राप्त करने की पूरी संभावनाएँ बन रही हैं।
ग्रामीण, शहरी क्षेत्रों में गरीबी में कमी
मध्यप्रदेश की ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों की आबादी में 20.58% की गिरावट आई है। एनएफएचएस 4 (2015-16) में यह 45.9% थी, जो एनएफएचएस-5 (2019-21)में कम होकर 25.32% तक आ गई है। गरीबी की तीव्रता भी 3.75% (47.57% से 43.82%) तक कम हो गई है और गरीबी सूचकांक 0.218 घटकर 0.111 लगभग आधा हो गया है।
शहरी गरीब आबादी में 6.62% की गिरावट आई है। एनएफएचएस 4 (2015-16) में यह 13.72%थी जो एनएफएचएस-5 (2019-21)में कम होकर 7.1% तक आ गई है। शहरी गरीबी की तीव्रता 2.11% (44.62% से 42.51%) तक कम हो गई है।
हर क्षेत्र में विकास से गरीबी में आई कमी
स्वच्छता में सबसे उल्लेखनीय सुधार हुआ है। स्वच्छता से वंचित लोगों में 19.81% प्रतिशत की कमी आई है। खाना पकाने के ईंधन से वंचित लोगों के अभाव में 16.28% की कमी, आवास से वंचित रहने वालों की संख्या में 15.12%, पोषण अभाव में रहने वालों की संख्या में 13.6% की कमी आई है। मातृ स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित लोगों की संख्या में 9.54% की कमी, पेयजल अभाव में 8.84% की कमी और आई है।
स्कूली शिक्षा के अभाव के वर्षों में 6.06% की कमी देखी गई है। बैंक खाते जैसी वित्तीय सुविधा से वंचित लोगों में 5.98% की कमी आई है। संपत्ति के अभाव में 5.68% की गिरावट आई है। भरपूर बिजली मिलने से बिजली की कमी नहीं रही । इसलिए बिजली की सुविधा से वंचित रहने वालों की संख्या में 5.6% की गिरावट आई है। स्कूल उपस्थिति में 2.48% की वृद्धि एवं बाल और वयस्क मृत्यु दर में 1.26% की गिरावट देखी गई है।
अलीराजपुर जिले में गरीबों का अनुपात सबसे अधिक 31.06 प्रतिशत कम हुआ है, जो 71.31 प्रतिशत से 40.25 प्रतिशत हो गया है। बड़वानी में 28.08 प्रतिशत कम हुआ, खंडवा में 27.38 प्रतिशत, बालाघाट में 26.47 प्रतिशत, टीकमगढ़ में 26.33 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है । बहुआयामी गरीब आबादी का अनुपात झाबुआ में 68.66% से गिरकर वर्तमान में 49.62% है, जो जिले के मल्टीडायमेंशनल पावर्टी से बचने वाली 19.24% आबादी को दर्शाता है। भोपाल जिले में यह अनुपात 12.66% से घटकर 6.75%, इंदौर में 10.76% से 4.93% घटकर 5.83% और जबलपुर में 19.5% से 14.78% हो गया है।
गरीबी की गहनता में कमी
अलीराजपुर जिले में गरीबी की गहनता में 9.29% की गिरावट दर्ज हुई है जो 57.06% से घटकर 47.77% हो गई है। बड़वानी जिले में 7.53% की गिरावट दर्ज हुई है जो 61.6% से घटकर 49.74% हुई, झाबुआ में 7.05% घटी, धार में 49.34% से 7.04% घटकर 42.3% हो गई, जबलपुर में 45.39% से 6.71% गिरकर 38.68% और सीहोर जिले में 46.5% से 6.38% घटकर 40.12% देखी गई है।
बहुआयामी गरीबी सूचकांक अलीराजपुर जिले में 0.407 से घटकर 0.192 हो गया है।यह 0.215 की गिरावट आधे से अधिक की कमी दिखाता है। इसके बाद बड़वानी जिले में 0.353 से घटकर 0.167, झाबुआ जिले में 0.385 से घटकर 0.243, खंडवा में 0.202 से घटकर 0.067, 0.135 की कमी आई है।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 16 दिसम्बर से आरंभ हो रही "विकसित भारत संकल्प यात्रा" के संबंध में कमिश्नर-कलेक्टर्स को मंत्रालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप जनहित और जनकल्याण के लिए आरंभ की गई यात्रा का क्रियान्वयन मोदी की गारंटी की साख और गरिमा के अनुरूप हो। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की जनहितैषी योजनाओं, लाभों और सुविधाओं के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजना की पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से "विकसित भारत संकल्प यात्रा" आरंभ की जा रही है। प्रमुख योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों, विशेष तौर से वंचित व आकांक्षी लोगों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाना, योजनाओं का प्रचार-प्रसार और जागरूकता, लाभार्थियों के अनुभव साझा करना और संभावित लाभार्थियों का चयन तथा नामांकन सुनिश्चित करना यात्रा का उद्देश्य है। 26 जनवरी 2024 को यात्रा का समापन गणतंत्र दिवस पर होगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करुणा धाम आश्रम में 4 दिसंबर से आरंभ शतचंडी यज्ञ में पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पूर्णाहुति अर्पित की।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विजय दिवस के बहादुर वीरों के प्रति पूरा देश नत मस्तक है। राष्ट्र आजीवन उन परिवारों का ऋणी है जिन्होंने अपने सपूतों को मातृभूमि के लिए कुर्बान कर दिया। अंतिम साँस तक लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले हर जवान को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों में आगे बढ़कर सहयोग का प्रदेशवासियों से आह्वान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है, भैया और मामा बनकर ही मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। मेरा प्रदेशवासियों से अद्भुत रिश्ता है। बहनों की जिंदगी बदलना, बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर इंतजाम, युवाओं को रोजगार के लिए कौशल सिखाने और बीमारी में इलाज की व्यवस्था एवं हरसंभव सहायता, वरिष्ठजनों की तीर्थ-यात्रा का इंतजाम, किसानों को जीरो प्रतिशत पर ब्याज दिलाना, उनके लिए समय पर खाद की व्यवस्था और हर गरीब के रहने के लिए जमीन के पट्टे की व्यवस्था करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैं चैन की नींद लेने मुख्यमंत्री नहीं बना था, मैंने कभी भी 24 घंटे में 4 घंटे से ज्यादा नींद नहीं ली, जनता की जिंदगी बदलना ही मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान सीहोर जिले के ग्राम जहाजपुरा (बुधनी) में जन- संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्थानीय निवासी जमुना बाई को शाल, श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जब पहली बार विधायक के चुनाव के लिए जनसम्पर्क कर रहे थे, तब श्रीमती जमुना बाई ने उन्हें चुनाव लड़ने में अपने योगदान और सहयोग के रूप में 2 रूपए भेंट करते हुए, सफल होने का आशीर्वाद प्रदान किया था।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है मध्यप्रदेश को विकास में टॉप पर ले जाने की मोदी की गारंटी है। उन्होने कहा कि लंबे समय तक जो सत्ता में रहे जनजातीय बंधुओं और उनके सम्मानित वीरों, नेताओं को कभी सम्मान नहीं दिया। आजादी के बाद दशकों तक एक ही दल का शासन रहा। आजादी सिर्फ एक ही परिवार के कारण नहीं मिली। हमने सबका सम्मान किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मुख्यमंत्री निवास 'समत्व भवन' में हुई। मंत्रि परिषद द्वारा 6 हजार करोड़ रूपये की 18 सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई। जिसमें चितावद - उज्जैन, मेढ़ा - बैतूल, पन्हेटी - गुना, लोनी - रीवा , खाम्हा - कटनी, डोकरीखेड़ी - नर्मदापुरम, सोनपुर - शिवपुरी, थावर-मण्डला, मुरकी-डिंडोरी, पावा-शिवपुरी, सिरमौर-रीवा, कनेरा-भिण्ड, मल्हारगढ़-मंदसौर, देवरी-नर्मदापुरम, सीतलझिरी-बैतूल, आहू-आगर मालवा, बगलीपीठ-बालाघाट और पहाड़िया-रीवा शामिल है। इन परियोजनाओं से 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज एक महासंकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में सिहंस्थ के वैचारिक महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये थे। वैचारिक महाकुंभ में श्री महाकाल महालोक के बारे में विचार किया गया था। बाबा महाकाल के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से श्री महाकाल महालोक निर्माण के पुनीत कार्य की शुरूआत हुई। मुझे हर्ष है कि हमने महाकाल लोक निर्माण के दोनों चरणों को पूरा कर लिया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस अमूल्य सौगात से नागरिकों को आवागमन में सुविधा होगी। साथ ही इस क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। श्री चौहान ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार माना। उन्होंने कहा कि इस रेल से प्रदेश का यह जनजातीय बाहुल्य जिला सीधे नागपुर से जुड़ेगा।