भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिविल सेवकों से कहा कि आपका जीवन सिर्फ अपने लिए नहीं अपनों के लिए होता है। जन-कल्याण सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है। आम जनता से जुड़े छोटे-छोटे कार्य, वास्तव में बड़े-बड़े कार्य होते हैं। सिविल सेवक इन कार्यों को समय पर पूरा करवा लें, यही सुशासन है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी, भोपाल के सभा कक्ष में सिविल सर्विस-डे के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारा मूल काम समाज सेवा है। हम जो भी कार्य करते हैं, आम नागरिकों के लिए ही होता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने टीम मध्यप्रदेश को सिविल सेवा दिवस की बधाई और शुभकामनाएँ दी। सिविल सेवा दिवस पर हुए इस विशेष कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षाविद, लेखक इन्फोसिस के पूर्व सदस्य और वर्तमान में मणिपाल ग्लोबल एजुकेशनल के अध्यक्ष मोहनदास पाई थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिविल सर्विस-डे का अर्थ यही है कि हम लोक सेवक हैं और देश की सेवा हमारा मुख्य उद्देश्य है। लोकतंत्र में जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन होता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिविल सेवा दिवस 2023 की थीम "विकसित भारत, नागरिकों को सशक्त करना और अंतिम व्यक्ति तक पहुँचना है।" उन्होंने टीम मध्यप्रदेश को बधाई देते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि सबने मिल कर मध्यप्रदेश को समृद्ध और विकसित बनाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। टीम मध्यप्रदेश ने जुट कर कार्य किया है। मध्यप्रदेश में तेजी से सकारात्मक परिवर्तन आया है।
सिंचाई की क्षमता को हमने आश्चर्यजनक रूप से साढ़े 7 लाख हेक्टयर से बढ़ा कर 45 लाख हेक्टेयर तक पहुँचा दिया है। इसे क्रास कर अब 65 लाख हेक्टेयर पर काम करेंगे। आज 4 लाख किलोमीटर सड़कें प्रदेश में बन चुकी हैं। किसी समय यह सिर्फ 71 हजार किलोमीटर हुआ करती थी और टूटी-फूटी हालत में होती थी। अब प्रदेश में शानदार सड़कें हैं। प्रदेश में ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में अद्भुत कार्य हुआ है। प्रदेश में अच्छे संसाधन हैं, इसलिए हम कार्य कर पा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में निर्माण विभाग भी सक्रिय रहे। मध्यप्रदेश की गिनती आज विकसित प्रांतों में है, मध्यप्रदेश बीमारू नहीं है। इसका श्रेय टीम मध्यप्रदेश के असाधारण परिश्रम को है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आम जन के बिना हमारा कार्य नहीं होता, हम हितग्राही तक पहुँच जाते हैं। प्रदेश में विकास यात्राएँ जन- कल्याण यात्राएँ बन गई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अधो-संरचना की बात करें तो यह देखने को मिलता है कि काफी सकारात्मक परिवर्तन आया है। कृषि उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है। अनाज के भंडार भरे हैं। प्रति व्यक्ति आय बड़ी है। देश की जीएसडीपी में मध्यप्रदेश का योगदान बढ़ा है। वर्ष 2005-06 में प्रदेश में का बजट आकार 25 हजार करोड़ होता था, वो बढ़ कर वर्ष 2012-13 में एक लाख करोड़, वर्ष 2020-21 में दो लाख करोड़ और इस बार 3 लाख करोड़ को पार कर गया है, यह आसान बात नहीं है। असाधारण उपलब्धि है। मध्यप्रदेश ने तुलनात्मक रूप से लम्बी छलांग लगाई है, जिसका श्रेय टीम मध्यप्रदेश को जाता है।
सुशासन से जनता और प्रशासन की दूरी हुई है समाप्त
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में जनता और प्रशासन के बीच की दूरी समाप्त की गई है, जो सुशासन के प्रयासों से संभव हुआ है। मुख्यमंत्री जन-सेवा अभियान से केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं से 83 लाख से अधिक हितग्राहियों को जोड़ने में सफलता मिली। हमारे कार्यक्रम जनता के कार्यक्रम बन गए। जनता की निर्णयों में भी भागीदारी हो गई है। आगामी 10 से 25 मई तक समस्याओं के निराकरण के लिए पुन: अभियान संचालित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिविल सेवकों को यह चुनौती स्वीकार करना है कि नागरिकों को अपने कामों के लिए भटकना न पड़े। गाँव और शहरों के वार्डों में शिविरों के माध्यम से समस्याएँ हल की जाएँ। सीएम हेल्प लाइन सहित सुशासन की दिशा में अनेक उपायों को लागू किया गया। जन सुनवाई, वन-डे गर्वेनेंस और समाधान ऑनलाइन ऐसे ही उपाय हैं। इनको तकनीकी से जोड़ कर कार्यों के निपटारे के साथ सामने आने वाली विसंगतियों को भी दूर करने पर ध्यान देना है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गीता के श्लोकों के माध्यम से सिविल सेवक की भूमिका कैसी हो, इसका विस्तारपूर्वक उल्लेख भी किया।
मध्यप्रदेश में सुशासन और अधिकारियों की श्रेष्ठ भूमिका
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में सुशासन के क्षेत्र में निरंतर कार्य हुआ है। बुरहानपुर में हर घर जल पहुँचाने और गति शक्ति प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के कार्य हुए हैं। प्रदेश में अनेक नवाचार भी प्रशासनिक स्तर पर हुए हैं। अधिकांश सिविल सेवक श्रेष्ठ भूमिका का निर्वहन करते हुए सरकार की जन-कल्याणकारी नीतियों को जमीन पर उतारने का कार्य कुशलता से कर रहे हैं। प्रदेश के सिविल सेवक तेजी से क्रियान्वयन का गुण भी रखते हैं, मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना बनने के बाद दो माह में आवश्यक वातावरण निर्माण और एक करोड़ से अधिक पंजीयन इसका उदाहरण है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिविल सेवक एक लीडर भी हैं और उनका दायित्व सभी को सम दृष्टि से देख कर सबका उत्साह भी बढ़ाना है। व्यक्ति में अहंकार न हो। उत्साह में कमी न हो। धैर्य के साथ समस्याओं के समाधान का रास्ता निकाला जाए। मनोवृत्ति यह होना चाहिए कि किसी निराशा से घिरे व्यक्ति को भी उत्साहित कर दें। व्यक्ति जैसा सोचता है वैसा बन भी जाता है। सिविल सेवक सिर्फ अपने लिए कार्य नहीं करता बल्कि उसके कार्य से जनता और पूरा देश प्रभावित होता है। अप्रासंगिक कार्य को भी प्रासंगिक बनाने की कला होना चाहिए। एक व्यक्ति चाहे तो देश के प्रति विश्व की धारणा बदल सकता है। यह बात समस्त देशवासियों ने अनुभव की है। इसी तरह एक सिविल सेवक सही दिशा में कार्य कर विभाग को बदल सकता है। सिविल सेवक अधिकतम योगदान देने का प्रयास करें। इसलिए सिविल सेवाएँ सिर्फ व्यक्ति के लिए न होकर, राष्ट्र के लिए उपयोगी मानी गई हैं।
आनंद और प्रसन्नता के साथ करें कार्य
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने मनुष्य को अनंत शक्तियों का भंडार बताया है। किसी कार्य में पूरी तरह प्रयत्न करना आवश्यक है। यदि एक बार सफल नहीं हुए तो पुन: प्रयास करना ही चाहिए। समय का भी सद्पयोग करना चाहिए। एक-एक क्षण कीमती है। जब तक व्यक्ति का जीवन है, दूसरों की जिन्दगी को बेहतर बनाने के लिए हर पल का उपयोग किया जाए। प्राय: धन-दौलत से सुख प्राप्त नहीं होता। ईमानदारी पूर्वक कार्य करने से अच्छे परिणाम निकलते हैं। कोरोना काल में अधिकारियों ने जिस जज्बे से कार्य किया वो गर्व करने लायक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिविल सेवकों से आहवान किया कि आनंद और प्रसन्नता से कार्य करें। परिवार में सभी सदस्यों का ध्यान रखते हुए मनोयोग पूर्वक अपने शासकीय दायित्वों को निभाना आसान होता है। ऐसा ही जीवन प्रासंगिक होता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य के लिए हम तेजी से कार्य करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। इस कार्य को पूरी निष्ठा से पूर्ण करना है।
योजनाएँ जनता के सुझावों पर बनी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनता भी विकास कार्यों में भागीदारी कर रही है। मध्यप्रदेश जन-अभियान परिषद हो या अन्य संगठन, सभी मिल कर योजनाओं के क्रियान्वयन में भागीदार हैं। मध्यप्रदेश में अनेक योजनाएँ आम जनता के सुझावों पर बनी हैं। प्रदेश में एक आदर्श कार्य-संस्कृति निर्मित हुई है। जिलों में जनता और कलेक्टर के बीच की दूरी खत्म हुई है।
अपेक्षाओं पर खरे उतरे हैं सिविल सेवक
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि सिविल सर्विसेज की लंबी परंपरा देश में रही है। विशेष परिस्थितियों और चुनौतीपूर्ण स्थितियों का हमारी प्रशासनिक व्यवस्था डट कर मुकाबला करती है। श्री बैंस ने कहा कि अपने लंबे कार्यकाल में उन्हें ऐसा अवसर याद नहीं आता जब हमें कोई विशेष दायित्व दिया गया हो और अपेक्षा पर खरे नहीं उतरे हों। मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसी दक्ष टीम के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है, इस बात का संतोष है और गर्व भी है।
उन्होंने कहा कि चाहे कोरोना काल की बात हो या सिंहस्थ के आयोजन की बात हो या फिर माफिया के खिलाफ कार्रवाई का समय हो, अधो-संरचना का विकास हो या जनता की समस्याओं के निराकरण की व्यवस्था हो, मध्यप्रदेश में सभी प्रशासनिक आयामों पर अनेक उपलब्धियों का इतिहास रचा गया है। मुख्य सचिव ने कहा कि हम जो भी कार्य करते हैं उसका विश्लेषण भी किया जाता है। अनेक कमियाँ भी सामने आती हैं और बहुत सा अच्छा कार्य कमियों के आगे दब जाता है। अपने श्रेष्ठ कार्यों को प्रचारित करने और उनकी व्याख्या करने के प्रति भी हमें सजग रहना चाहिए।
प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान और अतिथियों ने दीप जला कर सिविल सर्विस-डे का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान का अनिरुद्ध मुखर्जी ने स्वागत किया। मुख्य सचिव और अन्य अतिथियों का भी स्वागत पुष्प-गुच्छ से किया गया। पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार सहित बड़ी संख्या में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी, भारतीय पुलिस सेवा और वन सेवा के अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर्स, कमिश्नर्स और मुख्य कार्यपालन अधिकारी भी वर्चुअली जुड़े।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 16 दिसम्बर से आरंभ हो रही "विकसित भारत संकल्प यात्रा" के संबंध में कमिश्नर-कलेक्टर्स को मंत्रालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप जनहित और जनकल्याण के लिए आरंभ की गई यात्रा का क्रियान्वयन मोदी की गारंटी की साख और गरिमा के अनुरूप हो। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की जनहितैषी योजनाओं, लाभों और सुविधाओं के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजना की पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से "विकसित भारत संकल्प यात्रा" आरंभ की जा रही है। प्रमुख योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों, विशेष तौर से वंचित व आकांक्षी लोगों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाना, योजनाओं का प्रचार-प्रसार और जागरूकता, लाभार्थियों के अनुभव साझा करना और संभावित लाभार्थियों का चयन तथा नामांकन सुनिश्चित करना यात्रा का उद्देश्य है। 26 जनवरी 2024 को यात्रा का समापन गणतंत्र दिवस पर होगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करुणा धाम आश्रम में 4 दिसंबर से आरंभ शतचंडी यज्ञ में पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पूर्णाहुति अर्पित की।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विजय दिवस के बहादुर वीरों के प्रति पूरा देश नत मस्तक है। राष्ट्र आजीवन उन परिवारों का ऋणी है जिन्होंने अपने सपूतों को मातृभूमि के लिए कुर्बान कर दिया। अंतिम साँस तक लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले हर जवान को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों में आगे बढ़कर सहयोग का प्रदेशवासियों से आह्वान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है, भैया और मामा बनकर ही मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। मेरा प्रदेशवासियों से अद्भुत रिश्ता है। बहनों की जिंदगी बदलना, बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर इंतजाम, युवाओं को रोजगार के लिए कौशल सिखाने और बीमारी में इलाज की व्यवस्था एवं हरसंभव सहायता, वरिष्ठजनों की तीर्थ-यात्रा का इंतजाम, किसानों को जीरो प्रतिशत पर ब्याज दिलाना, उनके लिए समय पर खाद की व्यवस्था और हर गरीब के रहने के लिए जमीन के पट्टे की व्यवस्था करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैं चैन की नींद लेने मुख्यमंत्री नहीं बना था, मैंने कभी भी 24 घंटे में 4 घंटे से ज्यादा नींद नहीं ली, जनता की जिंदगी बदलना ही मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान सीहोर जिले के ग्राम जहाजपुरा (बुधनी) में जन- संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्थानीय निवासी जमुना बाई को शाल, श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जब पहली बार विधायक के चुनाव के लिए जनसम्पर्क कर रहे थे, तब श्रीमती जमुना बाई ने उन्हें चुनाव लड़ने में अपने योगदान और सहयोग के रूप में 2 रूपए भेंट करते हुए, सफल होने का आशीर्वाद प्रदान किया था।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है मध्यप्रदेश को विकास में टॉप पर ले जाने की मोदी की गारंटी है। उन्होने कहा कि लंबे समय तक जो सत्ता में रहे जनजातीय बंधुओं और उनके सम्मानित वीरों, नेताओं को कभी सम्मान नहीं दिया। आजादी के बाद दशकों तक एक ही दल का शासन रहा। आजादी सिर्फ एक ही परिवार के कारण नहीं मिली। हमने सबका सम्मान किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मुख्यमंत्री निवास 'समत्व भवन' में हुई। मंत्रि परिषद द्वारा 6 हजार करोड़ रूपये की 18 सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई। जिसमें चितावद - उज्जैन, मेढ़ा - बैतूल, पन्हेटी - गुना, लोनी - रीवा , खाम्हा - कटनी, डोकरीखेड़ी - नर्मदापुरम, सोनपुर - शिवपुरी, थावर-मण्डला, मुरकी-डिंडोरी, पावा-शिवपुरी, सिरमौर-रीवा, कनेरा-भिण्ड, मल्हारगढ़-मंदसौर, देवरी-नर्मदापुरम, सीतलझिरी-बैतूल, आहू-आगर मालवा, बगलीपीठ-बालाघाट और पहाड़िया-रीवा शामिल है। इन परियोजनाओं से 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज एक महासंकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में सिहंस्थ के वैचारिक महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये थे। वैचारिक महाकुंभ में श्री महाकाल महालोक के बारे में विचार किया गया था। बाबा महाकाल के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से श्री महाकाल महालोक निर्माण के पुनीत कार्य की शुरूआत हुई। मुझे हर्ष है कि हमने महाकाल लोक निर्माण के दोनों चरणों को पूरा कर लिया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस अमूल्य सौगात से नागरिकों को आवागमन में सुविधा होगी। साथ ही इस क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। श्री चौहान ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार माना। उन्होंने कहा कि इस रेल से प्रदेश का यह जनजातीय बाहुल्य जिला सीधे नागपुर से जुड़ेगा।