भोपाल। भारत विकासशील से विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगले 25 वर्षों को अमृतकाल का वर्ष कहा है। हमारी कोशिश होना चाहिए कि हम अपनी प्राचीन विरासत को संवारे। हमारी प्राचीन विरासत में मूलरूप से जल संपदा, वन संपदा शामिल हैं। हमारा प्रयास होना चाहिए कि पर्यावरण और जैवविविधता संरक्षण के क्षेत्र में हम सभी सामूहिक रूप से कार्य करें।यह विचार मप्र निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. भरत शरण सिंह ने गुरुवार को मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद में शुरू हुई तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए।
वन क्षेत्र के सतत् एवं स्थायी विकास की आवश्यकता एवं प्रक्रियाओं पर संबंधित हितधारकों हेतु आयोजित यह कार्यशाला पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार से प्रायोजित है। इस अवसर पर नर्मदा सम्रग के समन्वयक कार्तिक सप्रे, एमपीसीएसटी के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी, कार्यशाला के समन्वयक डॉ. राजीव सक्सेना सहित 15 जिलों से आये पर्यावरण एक्टिविस्ट, निजी संस्थाओं के सदस्य, रिसर्च स्कॉलर आदि उपस्थित थे।
भू-भाग को सुरक्षित रखने की है आवश्यकता
इस दौरान डॉ. भरत शरण सिंह ने कहा कि नदियां, हिमालय और वन यह सभी प्रकृति की देन हैं वहीं, भवन, बिल्डिंग आदि भौतिक वस्तुएं है। हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हमें जो पूर्वजों से मिला उसे समाप्त करने के बजाय हम उसे संरक्षित करके रखे। आज देश में 30 प्रतिशत वन अच्छादित है। ऐसे में अगर हमें अच्छी और शुद्ध वायु मिल रही है तो इसके कारण ही । ऐसे में हमें इस भू-भाग को सुरक्षित रखना होगा। यह विचार करने योग्य बात है कि आप करोड़ों रुपये खर्च करके प्लांटेशन तो लगा सकते हैं लेकिन वन तैयार नहीं किये जा सकते। वनों में हर वो महत्वपूर्ण चीज की उपलब्धता है जो जैवविविधता के लिए आवश्यक है इसलिए जरूरी है कि हम इसे संरक्षित करके रखे। 93 प्रतिशत पानी समुद्र में है, 4 प्रतिशत साउथ पोल में। 2 प्रतिशत पानी अंडरग्राउंड है। जबकि 1 प्रतिशत पानी नदियां, झीलों, कुएं जैसे जलाशयों में समाया है। ऐसे में हमारे शरीर को तैयार करने में महज 1 प्रतिशत पानी की मुख्य भूमिका होती है। जरूरी है कि हम इस एक प्रतिशत पानी को बचाना चाहिए।
युवाओं में दिखाई देता है प्रकृति प्रेम
इस दौरान डॉ. भरत शरण सिंह ने कहा कि आज युवाओं में प्रकृति प्रेम बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में शुभ संकेत हैं। आज 10 में से 8 विद्यार्थी प्रकृति प्रेमी, नेचर लवर है। युवाओं में पर्यावरण के लिए बढ़ती यह भावना उन्हें पुरानी विरासत को संजोने और सहेजने में मददगार साबित होगी। विश्व में 12 ऐसे देश हैं जो जैवविविधिता संपन्न हैं। यह खुशी की बात है कि उसमें भारत भी शामिल हैं। इसका कारण है कि हमारे यहां की छह ऋतुएं। भारत एक मात्र ऐसा देश हैं जहां समय-समय पर जैवविविधिता में परिवर्तन होता है जिसमें हमें सहेज कर रखने की आवश्यकता होती है।
संस्कृति सभ्यता का विकास नदी से हुआ
इस अवसर पर नर्मदा समग्र के कार्तिक सप्रे ने कहा कि हम सभी अपने अपने क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहे हैं। वनों में औषधीय पौधें है जिन्हें सहेज कर रखने की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि देश की 95 प्रतिशत नदियां पहाड़ों से निकलकर वनों के रास्ते होते हुए आती है। इसलिए वनों का होना पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और सभ्यता का विकास नदी से हुआ है। हमें पानी के स्वास्थ्य पर काम करने की आवश्यकता है। अगर हम दवाईयों का छीड़कांव, वनकटाव, जंगलों को जलाने आदि का कार्य बंद कर दें तो निश्चित ही यह समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जायेगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एमपीसीएसटी के महानिदेशक ड़ॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि पर्यावरण, वनों पर काम करके इन्हें संरक्षित करने की दिशा में काम किया जाये। पर्यावरण संरक्षण के लिए हम क्या बेहतर कर सकते हैं इस पर हम कार्य कर रहे हैं।
पर्यावरण और विधि विशेषज्ञ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन की स्थिति, पर्यावरण एवं जैवविविधता का सरंक्षण करने की आवश्यकता, उपाय और नियम पर चर्चा करते हुए प्रतिभागियों के साथ महत्वपूर्ण चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज मौसम के बदलाव से जलवायु परिर्वतन को समझने की आवश्यकता है। लगभग 200 देश बीते 30 सालों से अलग-अलग कांफ्रेंस के माध्यम से इस दिशा पर काम कर रहे हैं। अगर हम बीते सप्ताह हुई बारिश और ओले गिरने की घटना को देखे तो यह जलवायु परिवर्तन का बड़ा हिस्सा है।
जलवायु परिर्वतन तो होगा, क्योंकि इस पर हमारा अधिकार नहीं है। अगर हम कुछ कर सकते हैं तो वह है प्रकृति संरक्षण। हमें इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य पर्यावऱण संरक्षण के नाम पर खुद को संरक्षित करने का प्रयास कर रहा है। हम वन, नदियों के माध्यम से खुद को संरक्षित कर रहे हैं, क्योंकि अगर वो संरक्षित नहीं होगी तो निश्चित ही इसका नुकसान हमको और हमारी आने वाली पीढ़ी को होगा। प्रकृति का औसतन तापमान डेढ़ डिग्री पहुंच गया है। ऐसे कयास लगाये जा रहे हैं कि अगर यह तापमान दो डिग्री तक पहुंच गया तो पर्यावरण को बड़ा नुकसान हो सकता है।
इस दौरान उन्होंने 1986 में आये पर्यावरण अधीनियम संरक्षण, 1974 में ये जल संरक्षण कानून की जानकारी देते हुए 1984 में भोपाल में हुई इंडस्ट्रीयल ट्रैजेडी के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि यह ट्रेजडी होने के बाद ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम शुरू हुए हैं। कार्यशाला के दौरान पर्यावरण विशेषज्ञ जाकिर हुसैन ने वनो के सुधार एवं पर्यावरण संरक्षणों और वैज्ञानिक डॉ. सुमन मिश्रा ने वनो तथा वनोपजों के विनाश-विहिन विदोहन पर विस्तार से चर्चा की।वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डा राजेश सक्सेना ने आरंभ में सभी अतिथियों का स्वागत किया और प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में अवगत कराया।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय वायु सेना दिवस की शुभकामनाएं दीं हैं।
भोपाल। नरेला विधानसभा में रहवासियों को निरंतर विकास कार्यों की सौगात मिल रही है। रविवार को भी चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने रहवासियों को दो बड़ी सौगातें दीं। मंत्री श्री सारंग ने नरेला विधानसभा में एक और फ्लाईओवर की सौगात देते हुए प्रभात चौराहे पर थ्री टियर सिस्टम आधारित फ्लाईओवर का भूमिपूजन किया। उन्होंने करोंद क्षेत्र के पलासी में शासकीय महाविद्यालय नरेला का लोकार्पण भी किया। कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये बस सुविधा का विस्तार करते हुए बैरागढ़ चिचली से पलासी बड़वाई तक एसआर-4 सिटी बस का शुभारंभ भी किया। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, कार्यकर्ता सहित बड़ी संख्या में स्थानीय क्षेत्रीय रहवासी उपस्थित रहे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से ग्वालियर में अटल स्मारक, मंदसौर में पशुपतिनाथ लोक, अमरकंटक में मां नर्मदा महालोक और बड़वानी में नागलवाड़ी लोक का भूमिपूजन करेंगे। प्रदेश के पर्यटन स्थलों के विकास के 616 करोड़ 99 लाख रूपये के कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया जायेगा। प्रदेश के पर्यटन स्थलों को विश्व स्तरीय बनाने और पर्यटकों के लिए पर्यटन सुविधाओं का विकास करने के उद्देश्य से प्रदेश में स्मारक, लोक, म्यूजियम के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया जायेगा।
भोपाल। पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल ने कहा है कि अगले एक साल में सतना जिले के रामनगर के सभी गाँवों के खेतों तक नहरों का पानी पहुँचेगा। इस कार्य को प्राथमिकता के साथ कराया जा रहा है। राज्य मंत्री श्री पटेल सोमवार को सतना जिले के रामनगर में करीब 5 करोड़ रूपये लागत के नहरों के मरम्मत और लाइनिंग कार्य का भूमि-पूजन के बाद हुए समारोह को संबोधित कर रहे थे।
भोपाल। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि समूह जल प्रदाय योजनाओं को गति देने के लिये सशक्त मॉनिटरिंग और उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए। उन्होंने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले को पुरस्कृत किया जायेगा, वहीं काम न करने वाले को ब्लेकलिस्ट। मंत्री श्री शुक्ल ने जल भवन भोपाल में समूह जल प्रदाय योजनाओं की राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिये।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल हाट बाजार में स्वच्छता ही सेवा अभियान में 'एक तारीख-एक घंटा-एक साथ' कार्यक्रम में शामिल होकर श्रमदान किया। उन्होंने झाड़ू लेकर परिसर में सफाई की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वच्छता ही सेवा अभियान की वॉल पर "जहाँ स्वच्छता वहीं ईश्वर" लिखकर प्रदेशवासियों को स्वच्छता संदेश दिया।
भोपाल। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने नरेला विधानसभा अंतर्गत वार्ड 70 व 69 में स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत नागरिकों के साथ श्रमदान किया। मंत्री श्री सारंग ने स्वच्छता अभियान के दौरान स्वयं श्रमदान कर नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि अपने आसपास स्वच्छता का ध्यान रखें और स्वस्थ रहें। इस दौरान उन्होंने रहवासियो को स्वच्छता की शपथ भी दिलवाई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की "स्वच्छता के लिए एक घंटे के श्रमदान" की अपील के बाद देशव्यापी स्वच्छता अभियान चलाया गया।
भोपाल। जनसम्पर्क तथा पीएचई मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने गायत्री मंदिर परिसर रीवा में 12 लाख रूपये की लागत के विभिन्न निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया। मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण, पेवर ब्लॉक लगाने तथा शौचालय निर्माण का कार्य किया जाएगा। इस अवसर पर मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि आचार्य श्रीराम शर्मा ने सनातन धर्म को नई दिशा दी। उनकी विरासत को गायत्री परिवार आगे बढ़ा रहा है। गायत्री परिवार सनातन धर्म की लगातार सेवा कर रहा है।
भोपाल। जनसम्पर्क तथा पीएचई मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने रीवा कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समारोह में स्कीम नम्बर 6 के तहत वार्ड नम्बर 25, रिफ्यूजी कालोनी तथा चिरहुला कालोनी के परिवारों को आवासीय भूमि के पट्टे प्रदान किये। इससे लगभग सात सौ परिवारों को उनके मकान तथा जमीन पर मालिकाना हक प्राप्त हो गया है। नगर निगम की स्कीम नम्बर 6 में 1992 में 59 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की गई थी। इसमें से 32.34 एकड़ जमीन छोड़ दी गई थी। इस जमीन पर सैकड़ों परिवार बसे हैं। लेकिन इनके पास मालिकाना हक नहीं है। मंत्री श्री शुक्ल के लगातार प्रयासों से अगस्त माह में इस जमीन को डिनोटिफाई किया गया। मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि राजस्व अधिकारियों ने लगातार परिश्रम करके परिवारों के जमीनों के अधिकार पत्र तैयार किए।
भोपाल। अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस एक अक्टूबर को सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग द्वारा शासकीय होमियो चिकित्सालय में लगभग 400 वृद्धजनों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वृद्ध जनों ने भी अपनी गायन प्रतिभा का प्रदर्शन किया। नुक्कड़ नाटक एवं गायन प्रतियोगिता में उपस्थित लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।