भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिज्ञासा और जिद, विज्ञान की जननी हैं। विज्ञान को प्रौद्योगिकी की जननी माना जाता है, पर जिज्ञासा तो विज्ञान की भी जननी है। जिज्ञासा ही हमें विज्ञान या गणित के किसी सूत्र को समझने में मदद करती है।
हमारा यह लक्ष्य होना चाहिए कि हम अपनी अधिक से अधिक ऊर्जा जन-मानस में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा जागृत करने में लगायें। अगर किसी विषय के लिए जिज्ञासा हो और उसे पूरा करने की जिद न हो तो वह काम कभी पूरा नहीं हो सकता। किसी भी काम में कई गतिरोध आते हैं लेकिन यह जिद ही है, जो हमें उस काम को पूरा करने के संकल्प पर कायम रखती है। जिज्ञासा और जिद के इसी फार्मूले को ध्यान में रख कर प्रदेश में विज्ञान तकनीक और नवाचार नीति-2022 लागू की गई है। वैज्ञानिक सोच और समझ को दैनिक जीवन का अंग बनाना, सरकार और समाज में आधुनिक तकनीकों का अधिक से अधिक उपयोग तथा नया सोचने, नया सीखने और नई पहल करने वाली पीढ़ी के निर्माण के तीन बिन्दु हमारी नीति का आधार हैं। प्रदेश में स्टार्टअप के लिए श्रेष्ठतम ईको सिस्टम विद्यमान है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आठवें भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने महोत्सव भोपाल में करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार माना।
डिजिटल प्रस्तुतिकरण द्वारा हुआ कार्यक्रम के लक्ष्यों का प्रदर्शन
भोपाल के मेनिट में शुरू हुए महोत्सव में केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा, केन्द्रीय प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद, केन्द्रीय जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव डॉ. राजेश गोखले, पृथ्वी मंत्रालय के सचिव एम. रविचंद्रन, विज्ञान भारती के महासचिव प्रो. सुधीर भदौरिया, महानिदेशक सी.एस.आई डॉ. एन. कलईसेल्वी और प्रदेश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी निकुंज श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव का शुभारंभ किया। आरंभ में प्रसिद्ध नृत्यांगना कल्याणी वैदेही द्वारा द्वैत-अद्वैत पर केन्द्रीय ओडिसी नृत्य प्रस्तुत किया गया। डिजिटल प्रस्तुतिकरण द्वारा कार्यक्रम के लक्ष्यों का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शैक्षणिक फेकल्टी, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान और केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. सिंह ने महोत्सव स्थल पर लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा विज्ञान महोत्सव के 21 जनवरी के न्यूज बुलेटिन का विमोचन भी किया।
पूर्णत: वैज्ञानिक है प्रधानमंत्री मोदी की सोच
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आरंभ से ही भारत की सोच वैज्ञानिक रही है। हजारों वर्षों से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारत आगे रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत की इन क्षमताओं का प्रकटीकरण हुआ है। कोविड काल में आठ माह की कम अवधि में दो वैक्सीन बनाना, दुनिया के 100 से अधिक देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराना और विश्व के कई देशों के उपग्रह भारत से लांच करना भारत की प्रतिभा और क्षमता को प्रदर्शित करता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत गौरवशाली, समृद्ध, संपन्न और शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में अग्रसर हो रहा है। इसमें विज्ञान और तकनीकी की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसे प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सही दिशा प्रदान की है। संपूर्ण विश्व स्वीकारता है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की सोच पूरी तरह वैज्ञानिक है।
भारत भूमि ज्ञान के साथ वैज्ञानिक परंपरा की भी जननी है
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत की समृद्ध विरासत रही है। भारत भूमि ज्ञान के साथ वैज्ञानिक परंपरा की भी जननी है। आज से 7 हजार साल पहले रामायण काल में विमान की कल्पना की गई थी। महर्षि कणाद के परमाणुवाद, भास्कराचार्य के खगोल शास्त्रीय सिद्धांत प्राचीन भारतीय मेधा के प्रमाण हैं। वाराणसी और तक्षशिला औषधि विज्ञान के बड़े केन्द्र रहे। महर्षि सुश्रुत और चरक का चिकित्सा में योगदान अतुलनीय है। आर्यभट्ट और वाराहमिहिर से हमें नवग्रह की जानकारी प्राप्त होती है। भारत का दर्शन यह मानता है कि धर्म और विज्ञान एक दूसरे के समर्थक हैं। प्रसिद्ध वैज्ञानिक सी.वी. रमन ने कहा था कि 20वीं सदी विज्ञान की हो सकती है लेकिन 21वीं सदी वैज्ञानिक अध्यात्म की सदी होगी।
मध्यप्रदेश में युवाओं को नवाचार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में युवाओं को नवाचार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। प्रदेश में एक साल में 2600 से अधिक स्टार्टअप शुरू हुए हैं। केवल बड़े शहरों से ही नहीं कस्बों से भी वैज्ञानिक सोच के साथ युवा आगे बढ़ रहे हैं। राज्य सरकार सभी तरह के स्टार्टअप और नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
विज्ञान को जन-जन से जोड़ना कार्यक्रम का उद्देश्य
केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि विज्ञान को जन-जन से जोड़ने के उद्देश्य से ही यह कार्यक्रम उत्सव के रूप में किया गया है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से ही वर्ष 2047 के भारत की तस्वीर निर्धारित होगी। हमें इस क्षेत्र में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विज्ञान के अध्ययन और शोध की व्यवस्था को सरल एवं तर्कसंगत बनाया है। इससे युवाओं के लिए नए अवसर सृजित हुए हैं और देश के विकास की गति तेज हुई है। मध्यप्रदेश में कृषि, बाँस तथा "वेस्ट-टू-वेल्थ" के क्षेत्र में गतिविधियों की बहुत अधिक संभावनाएँ हैं। केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. सिंह ने महोत्सव के लिए राज्य सरकार से मिले सहयोग और सुविधा के लिए मुख्यमंत्री श्री चौहान का आभार माना।
हम आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं
प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा कि प्रदेश की विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति-2022 के क्रियान्वयन से वैज्ञानिक शोध और नवाचार को गति तथा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिल रहा है। हम आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैं।
वैज्ञानिक जीवन जीने के तरीकों का उत्सव है विज्ञान महोत्सव
केन्द्रीय प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय सूद ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव वैज्ञानिक सोच, वैज्ञानिक व्यवहार और वैज्ञानिक जीवन जीने के तरीकों का उत्सव है। विज्ञान की अपनी निरंतरता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के वर्ष 2070 तक कार्बन नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हम सबको प्रयास करने होंगे। ग्रीन हाइड्रोजन, सेमी कंडक्टर और क्वांटम टेक्नालॉजी भविष्य के क्षेत्र हैं। प्रो. सूद ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जिम्मेदारी पूर्ण उपयोग के लिए भी सतर्क किया।
विज्ञान देश के जन-जन में समाहित हो
विज्ञान भारती के महासचिव प्रो. सुधीर भदौरिया ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि विज्ञान देश के जन-जन में समाहित हो और देश को नई दृष्टि मिले। भारत की एक निश्चित विज्ञान परंपरा रही है। योग, आयुर्वेद से लेकर आर्किटेक्चर और एस्ट्रोनॉमी तक में हमें निरंतरता मिलती है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के संकल्प के अनुरूप देश वैज्ञानिक उपलब्धियों की दिशा में अग्रसर हो रहा है।
समृद्ध भारत के लिए विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार में रचनात्मकता को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग और राज्य शासन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। केन्द्रीय जैव प्रौद्योगिकी विभाग नोडल एजेंसी तथा स्थानीय स्तर पर मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद और विज्ञान भारती संस्था महोत्सव के आयोजक हैं। आज से शुरू हुआ 4 दिवसीय महोत्सव 24 जनवरी तक चलेगा। इसमें 15 क्षेत्रों में गतिविधियाँ होंगी, जिनमें विद्यार्थी, युवा वैज्ञानिक, स्टार्टअप से जुड़ी गतिविधियाँ प्रमुख हैं।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 16 दिसम्बर से आरंभ हो रही "विकसित भारत संकल्प यात्रा" के संबंध में कमिश्नर-कलेक्टर्स को मंत्रालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप जनहित और जनकल्याण के लिए आरंभ की गई यात्रा का क्रियान्वयन मोदी की गारंटी की साख और गरिमा के अनुरूप हो। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की जनहितैषी योजनाओं, लाभों और सुविधाओं के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजना की पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से "विकसित भारत संकल्प यात्रा" आरंभ की जा रही है। प्रमुख योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों, विशेष तौर से वंचित व आकांक्षी लोगों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाना, योजनाओं का प्रचार-प्रसार और जागरूकता, लाभार्थियों के अनुभव साझा करना और संभावित लाभार्थियों का चयन तथा नामांकन सुनिश्चित करना यात्रा का उद्देश्य है। 26 जनवरी 2024 को यात्रा का समापन गणतंत्र दिवस पर होगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करुणा धाम आश्रम में 4 दिसंबर से आरंभ शतचंडी यज्ञ में पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पूर्णाहुति अर्पित की।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विजय दिवस के बहादुर वीरों के प्रति पूरा देश नत मस्तक है। राष्ट्र आजीवन उन परिवारों का ऋणी है जिन्होंने अपने सपूतों को मातृभूमि के लिए कुर्बान कर दिया। अंतिम साँस तक लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले हर जवान को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों में आगे बढ़कर सहयोग का प्रदेशवासियों से आह्वान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है, भैया और मामा बनकर ही मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। मेरा प्रदेशवासियों से अद्भुत रिश्ता है। बहनों की जिंदगी बदलना, बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर इंतजाम, युवाओं को रोजगार के लिए कौशल सिखाने और बीमारी में इलाज की व्यवस्था एवं हरसंभव सहायता, वरिष्ठजनों की तीर्थ-यात्रा का इंतजाम, किसानों को जीरो प्रतिशत पर ब्याज दिलाना, उनके लिए समय पर खाद की व्यवस्था और हर गरीब के रहने के लिए जमीन के पट्टे की व्यवस्था करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैं चैन की नींद लेने मुख्यमंत्री नहीं बना था, मैंने कभी भी 24 घंटे में 4 घंटे से ज्यादा नींद नहीं ली, जनता की जिंदगी बदलना ही मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान सीहोर जिले के ग्राम जहाजपुरा (बुधनी) में जन- संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्थानीय निवासी जमुना बाई को शाल, श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जब पहली बार विधायक के चुनाव के लिए जनसम्पर्क कर रहे थे, तब श्रीमती जमुना बाई ने उन्हें चुनाव लड़ने में अपने योगदान और सहयोग के रूप में 2 रूपए भेंट करते हुए, सफल होने का आशीर्वाद प्रदान किया था।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है मध्यप्रदेश को विकास में टॉप पर ले जाने की मोदी की गारंटी है। उन्होने कहा कि लंबे समय तक जो सत्ता में रहे जनजातीय बंधुओं और उनके सम्मानित वीरों, नेताओं को कभी सम्मान नहीं दिया। आजादी के बाद दशकों तक एक ही दल का शासन रहा। आजादी सिर्फ एक ही परिवार के कारण नहीं मिली। हमने सबका सम्मान किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मुख्यमंत्री निवास 'समत्व भवन' में हुई। मंत्रि परिषद द्वारा 6 हजार करोड़ रूपये की 18 सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई। जिसमें चितावद - उज्जैन, मेढ़ा - बैतूल, पन्हेटी - गुना, लोनी - रीवा , खाम्हा - कटनी, डोकरीखेड़ी - नर्मदापुरम, सोनपुर - शिवपुरी, थावर-मण्डला, मुरकी-डिंडोरी, पावा-शिवपुरी, सिरमौर-रीवा, कनेरा-भिण्ड, मल्हारगढ़-मंदसौर, देवरी-नर्मदापुरम, सीतलझिरी-बैतूल, आहू-आगर मालवा, बगलीपीठ-बालाघाट और पहाड़िया-रीवा शामिल है। इन परियोजनाओं से 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज एक महासंकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में सिहंस्थ के वैचारिक महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये थे। वैचारिक महाकुंभ में श्री महाकाल महालोक के बारे में विचार किया गया था। बाबा महाकाल के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से श्री महाकाल महालोक निर्माण के पुनीत कार्य की शुरूआत हुई। मुझे हर्ष है कि हमने महाकाल लोक निर्माण के दोनों चरणों को पूरा कर लिया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस अमूल्य सौगात से नागरिकों को आवागमन में सुविधा होगी। साथ ही इस क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। श्री चौहान ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार माना। उन्होंने कहा कि इस रेल से प्रदेश का यह जनजातीय बाहुल्य जिला सीधे नागपुर से जुड़ेगा।