भोपाल। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि मध्यप्रदेश में वित्तीय और लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन (पीएएम) के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयास सराहनीय है। राज्य की जीएसडीपी की वृद्धि दर विगत 10 वर्षों में राष्ट्रीय जीडीपी वृद्धि दर से अधिक रही है। वर्ष 2021-22 में मध्यप्रदेश की आर्थिक वृद्धि दर 19.74 प्रतिशत रही, जो देश में सर्वाधिक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2025 तक देश की अर्थ-व्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर पहुँचाने के लक्ष्य की पूर्ति की दिशा में भी मध्यप्रदेश के प्रयास सराहनीय हैं।
केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने आज मंत्रालय में वित्त विभाग द्वारा प्रस्तुत प्रेजेन्टेशन को देखने के बाद यह बात कही। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस सहित वित्त विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। विशेष रूप से वित्तीय प्रबंधन के मामले में राज्य ने अनेक नवाचार कर अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किये हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं को प्रदेश में तेजी से गति प्रदान कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। साथ ही स्व-रोजगार के प्रयास भी बेहतर हो रहे हैं, जिससे स्टार्टअप को बढ़ावा मिल रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत में मध्यप्रदेश अपना बेहतर योगदान दे रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा जीएसडीपी में वृद्धि के लिये विशेष प्रयास किये जा रहे है। इसके लिए गठित राज्य स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में वर्ष 2025-26 तक देश की अर्थ-व्यवस्था में 550 बिलियन डालर के राज्य के योगदान का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्ष्य पूर्ति के लिये मध्यप्रदेश सरकार जीएसडीपी टास्क फोर्स की अनुशंसाओं के अनुरूप राज्य के आर्थिक एवं समग्र विकास के लिए आर्थिक रणनीतियाँ तैयार की गई हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अर्थ-व्यवस्था के संरचनात्मक परिवर्तन के लिय ज्ञान आधारित उद्योगों जैसे सेमी कंडक्टर एवं जीव विज्ञान उद्योगों को प्रोत्साहन देना, उद्योगों का विकेंद्रीकरण, फार्मास्यूटिकल खाद्य प्र-संस्करण एवं टेक्सटाइल्स उद्योगों में क्लस्टर और लॉजिस्टिक हब तैयार करने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन द्वारा राजकोषीय मापदण्डों का निरंतर पालन किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 2005-06 से वर्ष 2018-19 तक राज्य में लगातार राजस्व आधिक्य, वर्ष 2010-11 से वर्ष 2019-20 तक ऋण जीएसडीपी का अनुपात 25 प्रतिशत की सीमा में तथा ऋणों का ब्याज भुगतान कुल राजस्व का 10 प्रतिशत की सीमा में रहा। वर्ष 2020-21 में कोविड के दुष्प्रभाव के कारण राजकोषीय मापदण्ड प्रभावित हुए। मेरे द्वारा राज्य के स्वयं के वित्तीय संसाधनों की निरन्तर मासिक समीक्षा की जा रही है। राज्य के राजस्व में वृद्धि दिखी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में राजस्व आधिक्य की स्थिति रहना अनुमानित है। राज्य शासन द्वारा अपने राजकोषीय घाटे को निर्धारित सीमा में बनाये रखा गया है। साथ ही राजस्व संसाधन में वृद्धि के लिये महत्वपूर्ण कदम उठाये गये हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अनुपयोगी शासकीय परिसंपत्तियों के निर्वर्तन एवं प्रबंधन के लिये वर्ष 2020 में लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग का गठन किया गया है। परिसंपत्तियों का निर्वर्तन ऑनलाईन पारदर्शी प्रक्रिया से किया जा रहा है। ईपीएफओ को 14.50 करोड़ रूपये का भुगतान कर जब्त 8 परिसंपत्तियों को विमुक्त कराया गया। इस वित्तीय वर्ष में शासकीय परिसंपत्तियों के निर्वर्तन एवं विनिवेश के फलस्वरूप 600 करोड़ रूपये की प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि इस वर्ष नई आबकारी नीति लागू करने के फलस्वरूप आबकारी राजस्व में लगभग 25 प्रतिशत की वृद्धि संभावित है। वाणिज्यिक कर विभाग की डेटा विश्लेषण इकाई द्वारा, चिन्हित करदाताओं द्वारा अपात्र आईजीएसटी के आईटीसी का रिवर्सल कराया गया, इसके फलस्वरूप प्रदेश को अक्टूबर माह में 694 करोड़ रूपये की अतिरिक्त राजस्व प्राप्ति हुई। जीएसटी टैक्स बेस में वृद्धि के लिये विशेष अभियान में जनवरी से अक्टूबर 2022 की अवधि में 69 हजार 894 नवीन पंजीयन कराये गये हैं, जो पिछले वर्ष की समान अवधि से 24 प्रतिशत अधिक है।
प्रेजेन्टेशन में बताया गया कि सिंचाई में उपभोक्ता शुल्क का संशोधन और 12 खनिज ब्लॉक की नीलामी पूर्ण की गई एवं 22 ब्लॉक के ऑक्शन किये जा रहे हैं। लाईमस्टोन के रॉयल्टी रेट्स का पुनरीक्षण किया जा रहा है। वन विभाग में इमारती लकड़ी का ऑक्शन वर्तमान वर्ष से प्रारंभ किया गया है, जिससे अतिरिक्त राजस्व प्राप्ति संभावित है।
प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये मिशन के रूप में कार्य करते हुए आगामी 1 वर्ष में 1 लाख पदों पर भर्ती किये जाने की स्वीकृतियों जारी की जा चुकी हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, पीएम स्वनिधि योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना और संत रविदास स्व-रोजगार योजना में विगत एक वर्ष में 31 लाख 19 हजार से अधिक स्व-रोजगार के अवसर सृजित किये गये हैं।
राज्य में अधो-संरचनात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने एवं अर्थ-व्यवस्था की वृद्धि को बनाये रखने के लिये पूँजीगत कार्यों पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य के पूंजीगत व्यय की उपलब्धि जीएसडीपी का 3.75 प्रतिशत होने का अनुमान है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी पूँजीगत व्यय का लक्ष्य जीएसडीपी का 3.87 प्रतिशत रखा गया है। राज्य शासन द्वारा आगामी वर्षों में भी पूँजीगत कार्यों पर व्यय की इस गति को निरंतर बनाये रखने का लक्ष्य रखा गया है।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 16 दिसम्बर से आरंभ हो रही "विकसित भारत संकल्प यात्रा" के संबंध में कमिश्नर-कलेक्टर्स को मंत्रालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप जनहित और जनकल्याण के लिए आरंभ की गई यात्रा का क्रियान्वयन मोदी की गारंटी की साख और गरिमा के अनुरूप हो। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की जनहितैषी योजनाओं, लाभों और सुविधाओं के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजना की पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से "विकसित भारत संकल्प यात्रा" आरंभ की जा रही है। प्रमुख योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों, विशेष तौर से वंचित व आकांक्षी लोगों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाना, योजनाओं का प्रचार-प्रसार और जागरूकता, लाभार्थियों के अनुभव साझा करना और संभावित लाभार्थियों का चयन तथा नामांकन सुनिश्चित करना यात्रा का उद्देश्य है। 26 जनवरी 2024 को यात्रा का समापन गणतंत्र दिवस पर होगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करुणा धाम आश्रम में 4 दिसंबर से आरंभ शतचंडी यज्ञ में पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पूर्णाहुति अर्पित की।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विजय दिवस के बहादुर वीरों के प्रति पूरा देश नत मस्तक है। राष्ट्र आजीवन उन परिवारों का ऋणी है जिन्होंने अपने सपूतों को मातृभूमि के लिए कुर्बान कर दिया। अंतिम साँस तक लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले हर जवान को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों में आगे बढ़कर सहयोग का प्रदेशवासियों से आह्वान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है, भैया और मामा बनकर ही मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। मेरा प्रदेशवासियों से अद्भुत रिश्ता है। बहनों की जिंदगी बदलना, बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर इंतजाम, युवाओं को रोजगार के लिए कौशल सिखाने और बीमारी में इलाज की व्यवस्था एवं हरसंभव सहायता, वरिष्ठजनों की तीर्थ-यात्रा का इंतजाम, किसानों को जीरो प्रतिशत पर ब्याज दिलाना, उनके लिए समय पर खाद की व्यवस्था और हर गरीब के रहने के लिए जमीन के पट्टे की व्यवस्था करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैं चैन की नींद लेने मुख्यमंत्री नहीं बना था, मैंने कभी भी 24 घंटे में 4 घंटे से ज्यादा नींद नहीं ली, जनता की जिंदगी बदलना ही मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान सीहोर जिले के ग्राम जहाजपुरा (बुधनी) में जन- संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्थानीय निवासी जमुना बाई को शाल, श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जब पहली बार विधायक के चुनाव के लिए जनसम्पर्क कर रहे थे, तब श्रीमती जमुना बाई ने उन्हें चुनाव लड़ने में अपने योगदान और सहयोग के रूप में 2 रूपए भेंट करते हुए, सफल होने का आशीर्वाद प्रदान किया था।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है मध्यप्रदेश को विकास में टॉप पर ले जाने की मोदी की गारंटी है। उन्होने कहा कि लंबे समय तक जो सत्ता में रहे जनजातीय बंधुओं और उनके सम्मानित वीरों, नेताओं को कभी सम्मान नहीं दिया। आजादी के बाद दशकों तक एक ही दल का शासन रहा। आजादी सिर्फ एक ही परिवार के कारण नहीं मिली। हमने सबका सम्मान किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मुख्यमंत्री निवास 'समत्व भवन' में हुई। मंत्रि परिषद द्वारा 6 हजार करोड़ रूपये की 18 सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई। जिसमें चितावद - उज्जैन, मेढ़ा - बैतूल, पन्हेटी - गुना, लोनी - रीवा , खाम्हा - कटनी, डोकरीखेड़ी - नर्मदापुरम, सोनपुर - शिवपुरी, थावर-मण्डला, मुरकी-डिंडोरी, पावा-शिवपुरी, सिरमौर-रीवा, कनेरा-भिण्ड, मल्हारगढ़-मंदसौर, देवरी-नर्मदापुरम, सीतलझिरी-बैतूल, आहू-आगर मालवा, बगलीपीठ-बालाघाट और पहाड़िया-रीवा शामिल है। इन परियोजनाओं से 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज एक महासंकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में सिहंस्थ के वैचारिक महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये थे। वैचारिक महाकुंभ में श्री महाकाल महालोक के बारे में विचार किया गया था। बाबा महाकाल के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से श्री महाकाल महालोक निर्माण के पुनीत कार्य की शुरूआत हुई। मुझे हर्ष है कि हमने महाकाल लोक निर्माण के दोनों चरणों को पूरा कर लिया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस अमूल्य सौगात से नागरिकों को आवागमन में सुविधा होगी। साथ ही इस क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। श्री चौहान ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार माना। उन्होंने कहा कि इस रेल से प्रदेश का यह जनजातीय बाहुल्य जिला सीधे नागपुर से जुड़ेगा।