भोपाल। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने कहा है कि जनजातीय समाज का विकास पूरे देश के विकास से जुड़ा हुआ है। जनजातीय समाज एवं वंचित वर्गों के विकास और सशक्तिकरण में मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है। मध्यप्रदेश में जनजातीय महापुरूषों की स्मृति को बनाए रखने और भावी पीढ़ी तक पहुँचाने के लिये सराहनीय प्रयास किये हैं। इसके लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगुभाई पटेल सहित सभी संबंधित बधाई के पात्र है।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि आज मध्यप्रदेश में जनजातीय वर्गों के कल्याण के लिये जिन प्रकल्पों को प्रारंभ किया गया है, वे सभी राष्ट्रीय महत्व के हैं। अनुसूचित क्षेत्रों के लिये बनाए गए नये नियम जनजातीय क्षेत्रों के सशक्तिकरण एवं जनजातीय वर्ग को उनके अधिकार दिलाने में प्रभावी होंगे। सम्पूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम, मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान, बिरसा मुण्डा स्व-रोजगार योजना, टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना, महिला उद्यमियों का सम्मान सभी जनजातीय सशक्तिकरण में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे।
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु आज लालपुर, शहडोल में राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। राष्ट्रपति ने मध्यप्रदेश के सम्पूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना पुस्तिका का विमोचन किया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु को पेसा अधिनियम नियमावली की प्रथम प्रति सौंपी। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने सर्वप्रथम भगवान बिरसा मुण्डा के चित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित की। राज्यपाल श्री पटेल ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का वीरन माला, जनजातीय दुपट्टा पहना कर स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु का जनजातीय पगड़ी पहना कर स्वागत किया और उन्हें भील पिथोरा चित्र कलाकृति भेंट की।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि आज क्लाइमेट चेंज और ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों को देखते हुए हमें जनजातीय जीवन-शैली से शिक्षा लेने की आवश्यकता है। जनजातीय जीवन प्रकृति पर आधारित होता है और वे प्रकृति की रक्षा करते है। उनके लिये मानव समाज, वनस्पति जीव-जंतु समान महत्व के है। जनजातीय वर्ग व्यक्ति के स्थान पर समूह को, प्रतिस्पर्धा के स्थान पर सहकारिता को और विशिष्टता के स्थान पर समानता को अधिक महत्व देता है। उनमें स्त्री और पुरूष समान होते हैं और लिंगानुपात बेहतर होता है। जनजातीय समाज की ये विशेषताएँ अनुकरणीय हैं।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी मध्यप्रदेश के ही सपूत थे, जिन्होंने जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन कर जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिये ऐतिहासिक योगदान दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की सोच को आगे बढ़ाते हुए आज यह मंत्रालय जनजातीय वर्ग के समग्र कल्याण के कार्य कर रहा है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के कार्यों की भी सराहना की।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि मध्यप्रदेश में समृद्ध जनजातीय विरासत हैं। यहाँ देश की कुल 10 करोड़ जनजातीय जनसंख्या में सर्वाधिक डेढ़ करोड़ जनजाति आबादी निवास करती है। मध्यप्रदेश के जनजातीय नायकों किशोर सिंह, खाज्या नायक, रानी फूलकुंवर, सीताराम कुंवर, महुआ कौल, शंकर शाह, रघुनाथ शाह आदि ने न्याय के लिये सर्वस्व बलिदान कर दिया। सोलहवीं शताब्दी में रानी दुर्गावती ने आत्म-गौरव के लिये बलिदान दिया और उसके 300 वर्षों बाद उनके ही वंश के शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर किये।
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनजातियों की अपनी विशिष्टताएँ हैं। बैगा जनजाति अपने परंपरागत जड़ी-बूटियों के ज्ञान एवं उपचार के उपयोग के लिये प्रसिद्ध हैं। मध्यप्रदेश के चंबल, मालवा, बुंदेलखंड, बघेलखंड, महाकौशल क्षेत्रों की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने में जनजातीय समुदाय का महत्वपूर्ण योगदान है। राष्ट्रपति ने कहा कि गत सितंबर माह में मुझे बैगा परंपरा पर आधारित मध्यप्रदेश की फिल्म "मांदल के बोल" को पुरस्कार देने का अवसर मिला।
मध्यप्रदेश में जनजातीय विकास एवं उनकी परंपराओं को अक्षुण्ण रखने के लिये विशेष कदम उठाये जा रहे हैं। भगवान बिरसा मुंडा के जन्म-दिवस को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाये जाने और इस कार्यक्रम में जनजातीय समुदाय की व्यापक भागीदारी के लिये मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं राज्यपाल श्री पटेल बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि आज यहाँ जनजातीय विकास गाथा पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन कर मुझे न केवल प्रसन्नता हुई, अपितु प्रेरणा भी मिली है।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आज से मध्यप्रदेश में लागू किये गये पेसा एक्ट के नये नियम जनजातीय वर्ग के सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे। इन नियमों के लागू होने से ग्राम सभाएँ बहुत अधिक शक्तिशाली हो जायेंगी। पेसा एक्ट के नये नियमों के अनुसार जल, जमीन और जंगल का प्रबंधन, छोटे-मोटे विवादों का निराकरण, स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल, आँगनवाडी केन्द्रों का निरीक्षण, विभिन्न योजनाओं की मॉनिटरिंग आदि कार्य ग्राम सभा के हाथ में होंगे।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने सामान्य जनजातीय परिवार से देश के सर्वोच्च पद पर पहुँच कर नया इतिहास रचा है। वे सबके लिये प्रेरणा बन गयी हैं। राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से देश में ग्राम स्वराज की परिकल्पना मूर्तरूप ले रही है। सबका विकास और सामाजिक न्याय चरितार्थ हो रहा है।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि जनजातीय वर्ग में सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन के लिये प्रदेश में निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के दूसरे चरण में 226 करोड़ रूपये व्यय किये जायेंगे। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे इस गंभीर बीमारी से लोगों को बचाने के लिये घर-घर जाकर परीक्षण कराएँ और उन्हें दवा दिलवाएँ। इस बीमारी को आयुष्मान भारत योजना में शामिल कर लिया गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज प्रदेश के लिये सौभाग्य का विषय है कि भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु मध्यप्रदेश आई हैं। उनकी उपस्थिति में प्रदेश में जनजातीय वर्ग के सशक्तिकरण के लिये पेसा एक्ट लागू किया जा रहा है। इसके नियम जनजातीय वर्ग को जल, जंगल और जमीन के अधिकार दिलाएंगे। नये नियमों को सामाजिक समरसता के साथ प्रदेश में लागू किया जायेगा। आज का दिन सामाजिक क्रांति का दिन है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पेसा एक्ट के नये नियमों के अनुसार हर साल पटवारी को गाँव, जमीन का नक्शा, खसरा नकल, गाँव में लाकर ग्राम सभा में दिखाने होंगे, जिससे रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी न कर सके। गड़बड़ी होने पर ग्राम सभा को उसे ठीक करने का अधिकार होगा। किसी योजना के लिये जमीन लेने के लिये ग्राम सभा की सहमति आवश्यक होगी। कोई भी व्यक्ति छल-कपट, धर्मांतरण आदि कर गाँव वालों की जमीन नहीं हड़प पायेगा। यदि ऐसा होता है, तो ग्राम सभा को उसे वापस करवाने का अधिकार होगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रेत खदान, गिट्टी-पत्थर के ठेके देना है या नहीं यह भी ग्राम सभा तय करेगी। इन्हें पहले जनजातीय समाज सहकारी समिति को दिया जायेगा। ग्राम सभा तालाबों का प्रबंधन, उनमें मत्स्याखेट, सिंघाड़ा उगाने की सहमति ग्राम सभा देगी। सौ एकड़ सिंचाई तालाबों का प्रबंधन, वनोपज का संग्रहण एवं न्यूनतम मूल्य निर्धारण करेगी। जनजातीय भाई वनोपज संग्रहण करेंगे और उन्हें बेचेंगे। तेंदूपत्ता की तुड़ाई और ब्रिकी का कार्य भी जनजातीय वर्ग करेंगे। इस वर्ष 15 दिसम्बर तक इस संबंध में प्रस्ताव देना होगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मनरेगा के पैसे से कौन सा कार्य कराया जाये, यह ग्राम सभा ही तय करेगी। कार्य का मस्टर रोल भी ग्राम सभा देखेगी। यदि ग्राम से मजदूरों को बाहर ले जाना हो तो पहले ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी। गाँव में बाहर से आने वाले व्यक्ति की जानकारी भी ग्राम सभा को देनी होगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में सिर्फ लायसेंसधारी साहूकार ही निर्धारित ब्याज दर पर पैसा उधार दे पायेंगे। इसकी जानकारी भी ग्राम सभा को देना होगी। अधिक ब्याज लेने पर कार्यवाही होगी। हितग्राही मूलक योजना में पहले किसे लाभ मिले, यह प्राथमिकता ग्राम सभा तय करेगी। बिना ग्राम सभा की अनुमति के कोई नई शराब की दुकान नहीं खुलेगी। किसी शराब दुकान को हटाने की अनुशंसा ग्राम सभा कर सकेगी। छोटे झगड़े सुलझाने का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनजातीय क्षेत्र में किसी थाने में एफआईआर दर्ज होने पर इसकी सूचना ग्राम सभा को देनी होगी। स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आँगनवाड़ी केन्द्र, आश्रम शालाएँ, छात्रावास आदि के निरीक्षण का अधिकार भी ग्राम सभा को होगा। मेला एवं बाजार का प्रबंधन भी ग्राम सभा करेगी। नये नियमों को प्रभावी ठंग से लागू किये जाने के लिये पेसा कोऑर्डिनेटर बनाये जायेंगे। आगामी 20 दिसंबर से विशेष यात्राएँ निकाली जायेंगी, जो 4 जनवरी को पातालपानी इंदौर में भगवान बिरसा मुंडा के बलिदान दिवस पर संपन्न होंगी।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश में जनजातीय समाज के उत्थान, विकास और उनकी परंपराओं को अक्षुण्ण रखने के लिये सराहनीय कार्य हो रहे हैं। हर जनजातीय क्षेत्र में एकलव्य आदर्श रहवासी विद्यालय संचालित हैं। मध्यप्रदेश में केन्द्रीय योजनाओं में अच्छा कार्य हो रहा है। यहाँ वनाधिकार अधिनियम का अच्छा क्रियान्वयन हुआ है। इसके लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बधाई के पात्र हैं। मध्यप्रदेश सरकार नये पेसा एक्ट के माध्यम से स्वराज के मूल तत्व को लागू कर रही है। यह बताता है कि सांवैधानिक नियमों से जोड़ते हुए किस प्रकार जनजातीय परंपराओं को बनाया रखा जाये।
केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिन है। मध्यप्रदेश में पेसा एक्ट के नये नियम लागू किये जाने का निर्णय क्रांतिकारी है। आज जनजातीय वर्ग की वर्षों की प्रतीक्षा पूरी हुई है। उन्हें जल-जंगल-जमीन पर अधिकार मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में सुदूर जनजातीय क्षेत्रों तक विकास पहुँचाया है।
जनजातीय नायको की प्रदर्शनी
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु सहित केन्द्रीय मंत्रियों ने कार्यक्रम स्थल पर लगी जनजातीय नायकों की चित्र-प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों के विभिन्न स्टॉल पर उनके द्वारा तैयार किये गये उत्पाद देखे।
मध्यप्रदेश की जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह मांडवे ने स्वागत भाषण दिया। गोंड जनजातीय कलाकरों द्वारा सैला रीना नृत्य की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह, वन मंत्री कुंवर विजय शाह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सांसद वी.डी. शर्मा सहित अन्य जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि एवं नागरिक उपस्थित थे।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 16 दिसम्बर से आरंभ हो रही "विकसित भारत संकल्प यात्रा" के संबंध में कमिश्नर-कलेक्टर्स को मंत्रालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप जनहित और जनकल्याण के लिए आरंभ की गई यात्रा का क्रियान्वयन मोदी की गारंटी की साख और गरिमा के अनुरूप हो। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की जनहितैषी योजनाओं, लाभों और सुविधाओं के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजना की पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से "विकसित भारत संकल्प यात्रा" आरंभ की जा रही है। प्रमुख योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों, विशेष तौर से वंचित व आकांक्षी लोगों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाना, योजनाओं का प्रचार-प्रसार और जागरूकता, लाभार्थियों के अनुभव साझा करना और संभावित लाभार्थियों का चयन तथा नामांकन सुनिश्चित करना यात्रा का उद्देश्य है। 26 जनवरी 2024 को यात्रा का समापन गणतंत्र दिवस पर होगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करुणा धाम आश्रम में 4 दिसंबर से आरंभ शतचंडी यज्ञ में पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पूर्णाहुति अर्पित की।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विजय दिवस के बहादुर वीरों के प्रति पूरा देश नत मस्तक है। राष्ट्र आजीवन उन परिवारों का ऋणी है जिन्होंने अपने सपूतों को मातृभूमि के लिए कुर्बान कर दिया। अंतिम साँस तक लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले हर जवान को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों में आगे बढ़कर सहयोग का प्रदेशवासियों से आह्वान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है, भैया और मामा बनकर ही मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। मेरा प्रदेशवासियों से अद्भुत रिश्ता है। बहनों की जिंदगी बदलना, बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर इंतजाम, युवाओं को रोजगार के लिए कौशल सिखाने और बीमारी में इलाज की व्यवस्था एवं हरसंभव सहायता, वरिष्ठजनों की तीर्थ-यात्रा का इंतजाम, किसानों को जीरो प्रतिशत पर ब्याज दिलाना, उनके लिए समय पर खाद की व्यवस्था और हर गरीब के रहने के लिए जमीन के पट्टे की व्यवस्था करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैं चैन की नींद लेने मुख्यमंत्री नहीं बना था, मैंने कभी भी 24 घंटे में 4 घंटे से ज्यादा नींद नहीं ली, जनता की जिंदगी बदलना ही मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान सीहोर जिले के ग्राम जहाजपुरा (बुधनी) में जन- संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्थानीय निवासी जमुना बाई को शाल, श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जब पहली बार विधायक के चुनाव के लिए जनसम्पर्क कर रहे थे, तब श्रीमती जमुना बाई ने उन्हें चुनाव लड़ने में अपने योगदान और सहयोग के रूप में 2 रूपए भेंट करते हुए, सफल होने का आशीर्वाद प्रदान किया था।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है मध्यप्रदेश को विकास में टॉप पर ले जाने की मोदी की गारंटी है। उन्होने कहा कि लंबे समय तक जो सत्ता में रहे जनजातीय बंधुओं और उनके सम्मानित वीरों, नेताओं को कभी सम्मान नहीं दिया। आजादी के बाद दशकों तक एक ही दल का शासन रहा। आजादी सिर्फ एक ही परिवार के कारण नहीं मिली। हमने सबका सम्मान किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मुख्यमंत्री निवास 'समत्व भवन' में हुई। मंत्रि परिषद द्वारा 6 हजार करोड़ रूपये की 18 सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई। जिसमें चितावद - उज्जैन, मेढ़ा - बैतूल, पन्हेटी - गुना, लोनी - रीवा , खाम्हा - कटनी, डोकरीखेड़ी - नर्मदापुरम, सोनपुर - शिवपुरी, थावर-मण्डला, मुरकी-डिंडोरी, पावा-शिवपुरी, सिरमौर-रीवा, कनेरा-भिण्ड, मल्हारगढ़-मंदसौर, देवरी-नर्मदापुरम, सीतलझिरी-बैतूल, आहू-आगर मालवा, बगलीपीठ-बालाघाट और पहाड़िया-रीवा शामिल है। इन परियोजनाओं से 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज एक महासंकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में सिहंस्थ के वैचारिक महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये थे। वैचारिक महाकुंभ में श्री महाकाल महालोक के बारे में विचार किया गया था। बाबा महाकाल के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से श्री महाकाल महालोक निर्माण के पुनीत कार्य की शुरूआत हुई। मुझे हर्ष है कि हमने महाकाल लोक निर्माण के दोनों चरणों को पूरा कर लिया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस अमूल्य सौगात से नागरिकों को आवागमन में सुविधा होगी। साथ ही इस क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। श्री चौहान ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार माना। उन्होंने कहा कि इस रेल से प्रदेश का यह जनजातीय बाहुल्य जिला सीधे नागपुर से जुड़ेगा।