भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड या अन्य वजहों से माता-पिता को खोने वाले बच्चों की जिंदगी में खुशियों के रंग भरेंगे। राज्य सरकार ने जहाँ 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चों को प्रति माह आर्थिक सहायता देने के लिए "मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना" क्रियान्वित की, वहीं इस योजना का लाभ मिलने के बाद भी अनेक बच्चे पात्रता में नहीं आ पा रहे थे। ऐसे बच्चों की देख-रेख और संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना प्रारंभ की गई है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य के प्रथम सेवक के नाते मेरा कर्त्तव्य भी है कि ऐसे बच्चों के साथ त्यौहारों में शामिल रहूँ, जिससे बच्चे इन त्यौहारों को प्रसन्नता से मना कर जीवन के उदास क्षणों को भुला सकें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं चाहता हूँ कि बच्चों की मुस्कराहट बनी रहे और उनका भविष्य उज्ज्वल हो। राज्य सरकार इसी उद्देश्य से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज दीपोत्सव-2022 कार्यक्रम में कोविड काल में माता-पिता को खो चुके बच्चों के साथ मुख्यमंत्री निवास में दीपावली मनाई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऐसे बेटा-बेटियों के लिए मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना बनाई गई है, जो इन बच्चों की उच्च शिक्षा और केरियर के लिए उपयोगी रहेगी। योजना बच्चों का आत्म-विश्वास बढ़ाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चों के लिए खेल और सांस्कृतिक प्रतियोगिता भी होगी। इसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। जो पढ़ाई-लिखाई में अच्छा प्रदर्शन करेगा उसे भी पुरस्कृत किया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने महिला एवं बाल विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक शाह को इस संबंध में निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के क्रियान्वयन के संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इन बच्चों का यदि मेडिकल या इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश होता है तो उनकी फीस भरवाने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग बच्चों की पूर्ण देख-रेख करेगा। जिला स्तर तक इस बारे में अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। कोई भी पात्र बच्चा योजना के लाभ से वंचित नहीं रहेगा।
मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा कि आप लोग अकेले नहीं हैं, हम आपके साथ हैं। कोविड में अपने माता-पिता को खो चुके बच्चों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बच्चों से खूब मेहनत और अच्छे से पढ़ाई करने को कहा। आपका एडमिशन किसी कॉलेज में भी होता है तो फीस की चिंता मत करना, फीस सरकार भरेगी। ठहर कर जिंदगी नहीं चल सकती। जो गुजर गया उसे भूल जाओ और आगे बढ़ने की प्रेरणा लो। हमें घबराना नहीं चाहिए। जीवन कभी ठहरता नहीं है। पार वही होता है जो सफर में चलता है। मध्यप्रदेश सरकार ऐसे बच्चों के साथ है। किसी भी पल अकेला नहीं रहने देंगे।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना : एक नजर में
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ऐसे बच्चों, जो 18 वर्ष के हो गए हैं और बाल देख-रेख संस्थाओं से निर्मुक्त हुए हैं, को इस योजना से लाभान्वित किए जाएगा। योजना में 18 वर्ष की आयु से अधिक आयु के बालक-बालिकाओं को आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग देने का प्रावधान है। आफ्टर केयर के अंतर्गत बाल देख-रेख संस्था में निर्मुक्ति दिनांक के वर्ष को शामिल करते हुए निरंतर पाँच वर्ष तक निवासरत बच्चे पात्र होंगे। स्पान्सरशिप अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र के अनाथ बच्चे, जो रिश्तेदार अथवा संरक्षक की देखरेख में रह रहे हों और मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना के तहत पात्रता में नहीं आते, पात्र होंगे।
स्पॉन्सरशिप में प्रतिमाह 4 हजार रूपए की आर्थिक सहायता का प्रावधान है। आफ्टर केयर में दी जाने वाली सहायता में इंटर्नशिप का लाभ देकर रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। इंटर्नशिप की अवधि में 5 हजार रूपए की मासिक सहायता अधिकतम एक वर्ष के लिए दी जाएगी। योजना में व्यावसायिक प्रशिक्षण का भी प्रावधान है। पॉलीटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई, पैरामेडिकल पाठ्यक्रम, नर्सिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास कार्यक्रम में शासकीय संस्थाओं में नि:शुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण अवधि में अधिकतम दो वर्ष के लिए हर महीने 5 हजार रूपए दिए जाएंगे। नीट, जेईई या क्लेट में प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों के लिए निश्चित सीमा तक देय शुल्क शासन द्वारा वहन करने और आजीविका व्यय के लिए 5 हजार रूपए प्रतिमाह देने का प्रावधान किया गया है। पाठ्यक्रम अवधि तक फीस नियामक आयोग द्वारा निर्धारित फीस राज्य शासन वहन करेगा। शासकीय और अशासकीय संस्थाओं में प्रवेश करने वाले केयर लीवर्स को श्रेणीवार सहायता का मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति द्वारा निर्धारण किया जाएगा। चिकित्सा सहायता के लिए स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान कार्ड भी बना कर देगा। योजना का लाभ लेने के लिए महिला-बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी से संपर्क करना होगा।
गीतों पर बच्चों के साथ झूमे मुख्यमंत्री, साथ मनाईं रोशनी पर्व की खुशियाँ
मुख्यमंत्री निवास में दीपोत्सव-2022 पर गायक कलाकारों ने अनेक गीत प्रस्तुत किए, जिन पर बच्चों के साथ मुख्यमंत्री श्री चौहान भी झूम उठे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों के साथ नृत्य भी किया। इन गीतों में लोकप्रिय गीत बम बम भोले... और सुनो-सुनो ऐ दुनिया वालो बुरी नजर न हम पर डालो.. जय हो ..., ये देश है वीर जवानों का... और बालिका पावना अहिरवार द्वारा स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की कविता-आओ फिर से दिया जलाएँ ... शामिल हैं। एक अन्य गीत “बच्चे मन के सच्चे,ये वो नन्हे फूल हैं जो भगवान को लगते प्यारे...” भी सभी ने मिल कर गाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रेरक गीत “नदिया चले, चले रे धारा...” और "छोड़ो कल की बातें.." गीत गाया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों के साथ दीपक और फुलझड़ियाँ भी जलाईं। इसके पहले उन्होंने रहमान और रिया को अपनी गाड़ी में बैठा कर स्मार्ट उद्यान की सैर करवाई।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह चौहान ने भी बच्चों के साथ खुशियाँ मनाई। प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों के साथ दीप जलाये। अंत में बच्चों को उपहार दिए गए और सह भोज भी हुआ जिसमें मुख्यमंत्री ने बच्चों को अपने हाथों से भोजन कराया। कुछ बच्चों को योजना में सहायता राशि के चेक भी दिए गए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम में जिन बच्चों ने भागीदारी की उनमें तन्वी, प्रीति, पूनम, मिष्ठी, तनुश्री, संजना, पावना अहिरवार, एग्नेट यादव के साथ रिया और रहमान पौध-रोपण में भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कुछ बच्चों को आयुष किट भी प्रदान की।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 16 दिसम्बर से आरंभ हो रही "विकसित भारत संकल्प यात्रा" के संबंध में कमिश्नर-कलेक्टर्स को मंत्रालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप जनहित और जनकल्याण के लिए आरंभ की गई यात्रा का क्रियान्वयन मोदी की गारंटी की साख और गरिमा के अनुरूप हो। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की जनहितैषी योजनाओं, लाभों और सुविधाओं के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजना की पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से "विकसित भारत संकल्प यात्रा" आरंभ की जा रही है। प्रमुख योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों, विशेष तौर से वंचित व आकांक्षी लोगों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाना, योजनाओं का प्रचार-प्रसार और जागरूकता, लाभार्थियों के अनुभव साझा करना और संभावित लाभार्थियों का चयन तथा नामांकन सुनिश्चित करना यात्रा का उद्देश्य है। 26 जनवरी 2024 को यात्रा का समापन गणतंत्र दिवस पर होगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करुणा धाम आश्रम में 4 दिसंबर से आरंभ शतचंडी यज्ञ में पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पूर्णाहुति अर्पित की।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विजय दिवस के बहादुर वीरों के प्रति पूरा देश नत मस्तक है। राष्ट्र आजीवन उन परिवारों का ऋणी है जिन्होंने अपने सपूतों को मातृभूमि के लिए कुर्बान कर दिया। अंतिम साँस तक लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले हर जवान को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों में आगे बढ़कर सहयोग का प्रदेशवासियों से आह्वान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है, भैया और मामा बनकर ही मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। मेरा प्रदेशवासियों से अद्भुत रिश्ता है। बहनों की जिंदगी बदलना, बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर इंतजाम, युवाओं को रोजगार के लिए कौशल सिखाने और बीमारी में इलाज की व्यवस्था एवं हरसंभव सहायता, वरिष्ठजनों की तीर्थ-यात्रा का इंतजाम, किसानों को जीरो प्रतिशत पर ब्याज दिलाना, उनके लिए समय पर खाद की व्यवस्था और हर गरीब के रहने के लिए जमीन के पट्टे की व्यवस्था करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैं चैन की नींद लेने मुख्यमंत्री नहीं बना था, मैंने कभी भी 24 घंटे में 4 घंटे से ज्यादा नींद नहीं ली, जनता की जिंदगी बदलना ही मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान सीहोर जिले के ग्राम जहाजपुरा (बुधनी) में जन- संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्थानीय निवासी जमुना बाई को शाल, श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जब पहली बार विधायक के चुनाव के लिए जनसम्पर्क कर रहे थे, तब श्रीमती जमुना बाई ने उन्हें चुनाव लड़ने में अपने योगदान और सहयोग के रूप में 2 रूपए भेंट करते हुए, सफल होने का आशीर्वाद प्रदान किया था।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है मध्यप्रदेश को विकास में टॉप पर ले जाने की मोदी की गारंटी है। उन्होने कहा कि लंबे समय तक जो सत्ता में रहे जनजातीय बंधुओं और उनके सम्मानित वीरों, नेताओं को कभी सम्मान नहीं दिया। आजादी के बाद दशकों तक एक ही दल का शासन रहा। आजादी सिर्फ एक ही परिवार के कारण नहीं मिली। हमने सबका सम्मान किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मुख्यमंत्री निवास 'समत्व भवन' में हुई। मंत्रि परिषद द्वारा 6 हजार करोड़ रूपये की 18 सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई। जिसमें चितावद - उज्जैन, मेढ़ा - बैतूल, पन्हेटी - गुना, लोनी - रीवा , खाम्हा - कटनी, डोकरीखेड़ी - नर्मदापुरम, सोनपुर - शिवपुरी, थावर-मण्डला, मुरकी-डिंडोरी, पावा-शिवपुरी, सिरमौर-रीवा, कनेरा-भिण्ड, मल्हारगढ़-मंदसौर, देवरी-नर्मदापुरम, सीतलझिरी-बैतूल, आहू-आगर मालवा, बगलीपीठ-बालाघाट और पहाड़िया-रीवा शामिल है। इन परियोजनाओं से 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज एक महासंकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में सिहंस्थ के वैचारिक महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये थे। वैचारिक महाकुंभ में श्री महाकाल महालोक के बारे में विचार किया गया था। बाबा महाकाल के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से श्री महाकाल महालोक निर्माण के पुनीत कार्य की शुरूआत हुई। मुझे हर्ष है कि हमने महाकाल लोक निर्माण के दोनों चरणों को पूरा कर लिया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस अमूल्य सौगात से नागरिकों को आवागमन में सुविधा होगी। साथ ही इस क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। श्री चौहान ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार माना। उन्होंने कहा कि इस रेल से प्रदेश का यह जनजातीय बाहुल्य जिला सीधे नागपुर से जुड़ेगा।