भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि भारत के सांस्कृतिक वैभव की पुनर्स्थापना का लाभ न केवल भारत को अपितु पूरे विश्व एवं समूची मानवता को मिलेगा। उज्जैन में ‘श्री महाकाल लोक’ की स्थापना इसी की कड़ी है। यह काल के कपाल पर कालातीत अस्तित्व का शिलालेख है। उज्जैन आज भारत की सांस्कृतिक अमरता की घोषणा और नये कालखण्ड का उद्घोष कर रहा है। हमारे लिये धर्म का अर्थ कर्त्तव्यों का सामूहिक संकल्प, विश्व का कल्याण एवं मानव मात्र की सेवा है। हमने आजादी के पहले जो खोया था, उसकी आज पुनर्स्थापना हो रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी आज उज्जैन में ‘श्री महाकाल लोक’ के लोकार्पण के बाद जन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि ‘श्री महाकाल लोक’ दिव्य है। यहाँ सब कुछ अलौकिक, अविस्मरणीय एवं अविश्वसनीय है। महाकाल की आराधना अन्त से अनन्त की यात्रा है, आनन्द की यात्रा है, इससे काल की रेखाएँ भी मिट जाती हैं। महाकाल लोक आने वाली कई पीढ़ियों को अलौकिक दिव्यता और सांस्कृतिक ऊर्जा की चेतना प्रदान करेगा। इस अदभुत कार्य के लिये मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, उनकी सरकार और मन्दिर समिति का मैं हृदय से अभिनन्दन करता हूँ, जिन्होंने निरन्तर पूरे समर्पण से सेवा-यज्ञ किया है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन वह नगरी है, जो प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है। “प्रलयो न बाध्यते, तत् महाकाल पूज्यते”। उज्जैन न केवल काल गणना एवं ज्योतिषिय गणना का केन्द्र है, अपितु यह भारत की आत्मा का केन्द्र भी है। यह पवित्र सात पुरियों में एक है। यहाँ भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की। विक्रमादित्य के प्रताप से भारत के स्वर्णकाल की शुरूआत हुई। विक्रम संवत महाकाल की भूमि से ही शुरू हुआ।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि उज्जैन के क्षण-क्षण में इतिहास, कण-कण में आध्यात्म और कोने-कोने में ईश्वरीय ऊर्जा है। यहाँ कालचक्र के चौरासी कल्पों के प्रतीक चौरासी महादेव, चार महावीर, छह विनायक, आठ भैरव, अष्टमातृका, नौ ग्रह, दस विष्णु, ग्यारह रूद्र, बारह आदित्य, चौबीस देवियाँ एवं 88 तीर्थ हैं। इन सबके केन्द्र में कालाधिराज महाराज विराजमान हैं। पूरे ब्रह्माण्ड की ऊर्जा को ऋषियों ने प्रतीक रूप में समाहित किया। उज्जैन ने एक हजार वर्षों तक भारत की सभ्यता, संस्कृति, ज्ञान, गरिमा, साहित्य, कला का नेतृत्व किया। कालिदास एवं बाणभट्ट की रचनाओं में यहाँ की सभ्यता, संस्कृति, शिल्प और वैभव का वर्णन मिलता है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि किसी राष्ट्र का सांस्कृतिक वैभव, उसकी पहचान उसकी सफलता की सबसे बड़ी निशानी है। भारत में हमारे धार्मिक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का निरन्तर विकास किया जा रहा है। उज्जैन सहित सोमनाथ, केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि केन्द्रों का समुचित विकास किया जा रहा है। चारधाम प्रोजेक्ट में ऑल वेदर रोड बनाये जा रहे हैं। हमने स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजनाएँ चलाई हैं। हमारे धार्मिक एवं आध्यात्मिक केन्द्रों का गौरव पुनर्स्थापित हो रहा है। महाकाल लोक आज अतीत के गौरव के साथ भविष्य के स्वागत के लिये तैयार हो चुका है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि हमारे प्राचीन मन्दिरों की दिव्यता, भव्यता, वास्तु और कला हमें आश्चर्यचकित करती है। कोणार्क का सूर्य मन्दिर, एलोरा का कैलाश मन्दिर, मोढेरा का सूर्य मन्दिर, तंजौर का ब्रह्मदेवेश्वर मन्दिर, कांचीपुरम का तिरूमल मन्दिर, रामेश्वरम मन्दिर, मीनाक्षी मन्दिर और श्रीनगर का शंकराचार्य मन्दिर बेजोड़ है। हमारे मन्दिरों का आध्यात्मिक सन्देश आज भी स्पष्ट रूप से सुनाई देता है। पीढ़ियाँ इसे देखती हैं, सुनती हैं। ये हमारी निरन्तरता और परम्परा के वाहक हैं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि महाकाल लोक में हमारी सांस्कृतिक परम्परा को कला एवं शिल्प के रूप में उकेरा गया है। यहाँ शिव पुराण की कथाओं पर आधारित कलाकृतियाँ बनाई गई हैं। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे यहाँ अवश्य आयें। यहाँ भगवान शिव के दर्शन के साथ ही उनकी महिमा और महत्व के दर्शन भी होंगे। यहाँ निर्मित पंचमुखी शिव, डमरू, अर्धचंद्र, सप्तऋषि मण्डल अद्वितीय हैं। शिव ही ज्ञान है। शिव दर्शन ब्रह्माण्ड दर्शन है। ज्योतिर्लिंगों का विकास भारत की आध्यात्मिक ज्योति ज्ञान एवं दर्शन का विकास है। भारत आज विश्व के मार्गदर्शन के लिये फिर तैयार है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि श्री महाकालेश्वर में की जाने वाली भस्म आरती अवसान से पुनर्जीवन और अन्त से अनन्त की यात्रा का प्रतीक है। जहाँ महाकाल हैं, वहाँ विष भी कुंदन होता है। यह भारत की जीवटता और अपराजेय अस्तित्व की प्रतीक है। भारत सदियों से अजर-अमर है। हमारी सभ्यता, परम्परा, आत्मा-जागृत है। श्री महाकालेश्वर विश्व में एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। मन्दिर हमारी आस्था के प्रमाणित केन्द्र हैं। इनके माध्यम से भारत पुनर्जीवित हो रहा है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत में हजारों वर्षों से कुंभ मेले की परम्परा है। हर बारह वर्ष में हम अमृत मंथन करते हैं और उसमें निकलने वाले अमृत पथ पर चलते हैं। पिछले कुंभ मेले में मैं उज्जैन आया था। उस समय मेरे मन में श्री महाकाल लोक सम्बन्धी संकल्प आया, जिसे आज संकल्प के रूप में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने चरितार्थ किया है, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूँ।
आज प्राचीन मूल्यों पर नया भारत खड़ा हो रहा है। हमारी विज्ञान और शोध की परम्पराएँ जीवित हैं। खगोल विद्या के क्षेत्र में चंद्र यान, गगन यान मिशन महत्वपूर्ण सफलताएँ हैं। रक्षा के क्षेत्र में हम आत्म-निर्भर हैं। हमारे युवा स्किल, स्पोर्ट्स, स्टार्टअप्स के क्षेत्र में विश्व में भारत का डंका बजा रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत में ही सभ्यता के सूर्य का उदय हुआ। हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम् एवं सर्वे भवन्तु सुखिन: भी है। हमारा सन्देश विश्व कल्याण का है। भारत के इसी सन्देश को स्वामी विवेकानन्द ने सारी दुनिया को दिया। एक नरेन्द्र ने जो किया दूसरा नरेन्द्र आज उसे पूरा कर रहा है। हमारा योग, उपनिषद, गीता-ज्ञान, आयुष वे दुनिया में लेकर गये। आज नरेन्द्र मोदी गौरवशाली, वैभवशाली, शक्तिशाली भारत का निर्माण कर रहे हैं।
श्री चौहान ने कहा कि 2016 के सिंहस्थ में विचार महाकुंभ भी हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री श्री मोदी आये थे। विचार महाकुंभ में 51 अमृत बिन्दु निकले, जिनमें से एक श्री महाकाल लोक की स्थापना का कार्य भी था। प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से इस कार्य की शुरूआत की गई। वर्ष 2018 में केबिनेट ने इसे स्वीकृति दी, वर्ष 2019-20 में यह कार्य मंद हो गया, लेकिन वर्ष 2020 के बाद तेजी से हुआ। आज इसका लोकार्पण हो रहा है। भगवान शिव सबका कल्याण करने वाले हैं, थोड़ी-सी पूजा से वे प्रसन्न हो जाते हैं, जिसे दुनिया ठुकराती है, उसे अपनाते हैं। उन्होंने पूरी दुनिया को अमृत दिया और स्वयं जहर पिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज भौतिकता से दग्ध मानवता को शाश्वत शान्ति का अदभुत दर्शन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत करायेगा। हम सभी भारत के नवनिर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ दें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उपस्थित सभी को विश्व एवं प्राणीमात्र के कल्याण का संकल्प दिलाया।
प्रारम्भ में प्रधानमंत्री श्री मोदी को राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नन्दी द्वार की प्रतिकृति भेंट की। श्री मोदी का मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रूद्राक्ष की माला, अंग वस्त्र एवं पगड़ी पहना कर स्वागत किया। प्रसिद्ध भजन गायक कैलाश खेर ने सुमधुर शिव-स्तुति प्रस्तुत की। समूचा वातावरण शिवभक्ति से ओत-प्रोत हो गया।
उल्लेखनीय है कि श्री महाकाल लोक के लोकार्पण अवसर पर महाकाल मन्दिर सहित पूरे प्रदेश के प्रमुख मन्दिरों एवं देवस्थलों पर रोशनी की गई और स्थानीय लोगों ने स्क्रीन पर लोकार्पण समारेाह को देखा। मन्दिरों में भजन-कीर्तन सहित शिव आरती भी हुई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों से न केवल मध्य प्रदेश के 52 जिले, बल्कि पूरे भारत सहित 40 से अधिक देश इस अदभुत समारोह के साक्षी बने। चारों ओर शिव महिमा की गूँज सुनाई दी। सभी लोग श्री महाकाल लोक के लोकार्पण से आनन्दित और भक्तिमय हो गये।
जिसने देखा मंत्रमुग्ध हो उठा
धार्मिक और आध्यात्मिक रूप में विकसित किये गये श्री महाकाल लोक को देख कर भारत सहित अन्य देश के लोग भी मंत्रमुग्ध हो उठे। बनारस कॉरिडोर की तर्ज पर बने इस लोक के आकर्षण से कोई भी अछूता नहीं रहा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भी श्री महाकाल लोक को देख कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों पर प्रसन्नता जाहिर की।
लोकार्पण समारोह में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके, उत्तराखण्ड के राज्यपाल गुरमीत सिंह, केन्द्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अध्यिाकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक, इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केन्द्रीय जलशक्ति एवं खाद्य प्र-संस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल सहित मध्य प्रदेश के मंत्रीगण एवं बड़ी संख्या में साधु-सन्त, श्रद्धालु और नागरिक उपस्थित थे।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 16 दिसम्बर से आरंभ हो रही "विकसित भारत संकल्प यात्रा" के संबंध में कमिश्नर-कलेक्टर्स को मंत्रालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप जनहित और जनकल्याण के लिए आरंभ की गई यात्रा का क्रियान्वयन मोदी की गारंटी की साख और गरिमा के अनुरूप हो। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की जनहितैषी योजनाओं, लाभों और सुविधाओं के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजना की पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से "विकसित भारत संकल्प यात्रा" आरंभ की जा रही है। प्रमुख योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों, विशेष तौर से वंचित व आकांक्षी लोगों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाना, योजनाओं का प्रचार-प्रसार और जागरूकता, लाभार्थियों के अनुभव साझा करना और संभावित लाभार्थियों का चयन तथा नामांकन सुनिश्चित करना यात्रा का उद्देश्य है। 26 जनवरी 2024 को यात्रा का समापन गणतंत्र दिवस पर होगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करुणा धाम आश्रम में 4 दिसंबर से आरंभ शतचंडी यज्ञ में पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पूर्णाहुति अर्पित की।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विजय दिवस के बहादुर वीरों के प्रति पूरा देश नत मस्तक है। राष्ट्र आजीवन उन परिवारों का ऋणी है जिन्होंने अपने सपूतों को मातृभूमि के लिए कुर्बान कर दिया। अंतिम साँस तक लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले हर जवान को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों में आगे बढ़कर सहयोग का प्रदेशवासियों से आह्वान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है, भैया और मामा बनकर ही मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। मेरा प्रदेशवासियों से अद्भुत रिश्ता है। बहनों की जिंदगी बदलना, बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर इंतजाम, युवाओं को रोजगार के लिए कौशल सिखाने और बीमारी में इलाज की व्यवस्था एवं हरसंभव सहायता, वरिष्ठजनों की तीर्थ-यात्रा का इंतजाम, किसानों को जीरो प्रतिशत पर ब्याज दिलाना, उनके लिए समय पर खाद की व्यवस्था और हर गरीब के रहने के लिए जमीन के पट्टे की व्यवस्था करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैं चैन की नींद लेने मुख्यमंत्री नहीं बना था, मैंने कभी भी 24 घंटे में 4 घंटे से ज्यादा नींद नहीं ली, जनता की जिंदगी बदलना ही मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान सीहोर जिले के ग्राम जहाजपुरा (बुधनी) में जन- संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्थानीय निवासी जमुना बाई को शाल, श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जब पहली बार विधायक के चुनाव के लिए जनसम्पर्क कर रहे थे, तब श्रीमती जमुना बाई ने उन्हें चुनाव लड़ने में अपने योगदान और सहयोग के रूप में 2 रूपए भेंट करते हुए, सफल होने का आशीर्वाद प्रदान किया था।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है मध्यप्रदेश को विकास में टॉप पर ले जाने की मोदी की गारंटी है। उन्होने कहा कि लंबे समय तक जो सत्ता में रहे जनजातीय बंधुओं और उनके सम्मानित वीरों, नेताओं को कभी सम्मान नहीं दिया। आजादी के बाद दशकों तक एक ही दल का शासन रहा। आजादी सिर्फ एक ही परिवार के कारण नहीं मिली। हमने सबका सम्मान किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मुख्यमंत्री निवास 'समत्व भवन' में हुई। मंत्रि परिषद द्वारा 6 हजार करोड़ रूपये की 18 सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई। जिसमें चितावद - उज्जैन, मेढ़ा - बैतूल, पन्हेटी - गुना, लोनी - रीवा , खाम्हा - कटनी, डोकरीखेड़ी - नर्मदापुरम, सोनपुर - शिवपुरी, थावर-मण्डला, मुरकी-डिंडोरी, पावा-शिवपुरी, सिरमौर-रीवा, कनेरा-भिण्ड, मल्हारगढ़-मंदसौर, देवरी-नर्मदापुरम, सीतलझिरी-बैतूल, आहू-आगर मालवा, बगलीपीठ-बालाघाट और पहाड़िया-रीवा शामिल है। इन परियोजनाओं से 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज एक महासंकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में सिहंस्थ के वैचारिक महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये थे। वैचारिक महाकुंभ में श्री महाकाल महालोक के बारे में विचार किया गया था। बाबा महाकाल के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से श्री महाकाल महालोक निर्माण के पुनीत कार्य की शुरूआत हुई। मुझे हर्ष है कि हमने महाकाल लोक निर्माण के दोनों चरणों को पूरा कर लिया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस अमूल्य सौगात से नागरिकों को आवागमन में सुविधा होगी। साथ ही इस क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। श्री चौहान ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार माना। उन्होंने कहा कि इस रेल से प्रदेश का यह जनजातीय बाहुल्य जिला सीधे नागपुर से जुड़ेगा।