साल की सभी पूर्णिमा में आश्विन पूर्णिमा जिसे शरद पूर्णिमा भी कहा जाता है विशेष मानी गई है. शरद पूर्णिमा का चंद्रमा सोलह कलाओं से युक्त होता है. शास्त्रों के अनुसार इस तिथि पर चंद्रमा से निकलने वाली किरणों में सभी प्रकार के रोगों को हरने की क्षमता होती है. इसी आधार पर कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात आकाश से अमृत वर्षा होती है.
अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. इसे रास पूर्णिमा, कोजागिरी पूर्णिमा या कौमुदी व्रत भी कहा जाता है. शरद पूर्णिमा पर खीर बनाई जाती है और उसे पूरी रात खुले आसमान के नीचे रखा जाता है.
शरद पूर्णिमा के मावा लड्डू बनाने का सही और सरल तरीका
इससे यह अमृत के समान हो जाती है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि खुले आसमान के नीचे रखी जाने वाली इस खीर को खाने से सभी रोगों से मुक्ति मिल जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन चांद अपनी सभी 16 कलाओं से भरा होता है, जिस वजह से चांद रात 12 बजे धरती पर अमृत बरसाता है. इसी अमृत को प्रसाद के तौर पर ग्रहण करने के लिए खीर चांद की रोशनी में रखी जाती है रात 12 बजे के बाद खीर उठाकर प्रसाद के तौर पर खाई जाती है.
खीर के लिए सामग्री
चावल- 100 ग्राम
दूध- 2 लीटर
चीनी- 100 ग्राम
इलाइची- 4 पिसी हुई
बादाम- 8 से 10 बारीक कटे हुए
काजू- 8 से 10 कटे हुए
चिरौंजी- 1 बड़ा चम्मच
घी- 1 बड़ा चम्मच
विधि
– चावल को साफ करके अच्छे से धो लें और पानी में कुछ देर के लिए भिगो कर रख दें.
– अब एक कढ़ाई में घी डालें, घी गर्म होने पर इसमें चावल को छानकर डाल दें और 2 से 3 मिनट के लिए भूनें.
– अब इसमें दूध डालें और उसमें आधा कप पानी मिलाएं 8 से 10 मिनट के लिए खीर को पकने के लिए छोड़ दें. स्वादिष्ट खीर बनकर तैयार हो जाएगी.
सर्दियों के मौसम में मूंगफली और गुड़ खाना किसे पसंद नहीं होता। मूंगफली स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी काफी लाभदायक होती है तो वहीं गुड़ भी काफी फायदेमंद होता है। ऐसे में अगर गुड़ और मूंगफली से बनी चिक्की मिल जाये तो सर्दियों का मजा भी दोगुना हो जाता है। तो देर किस बात की, अगर आप बाजार से चिक्की नहीं खरीदना चाहते हैं तो घर पर ही बना डालिये और इसका स्वाद लीजिये।
साल की सभी पूर्णिमा में आश्विन पूर्णिमा जिसे शरद पूर्णिमा भी कहा जाता है विशेष मानी गई है. शरद पूर्णिमा का चंद्रमा सोलह कलाओं से युक्त होता है. शास्त्रों के अनुसार इस तिथि पर चंद्रमा से निकलने वाली किरणों में सभी प्रकार के रोगों को हरने की क्षमता होती है. इसी आधार पर कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात आकाश से अमृत वर्षा होती है.
आज हम आपके लिए लाये है एक आसान विधि जिसकी मदद से आप स्वादिष्ट भरवां करेला बना सकते है। नीचे दी गई विधि को फॉलो करे और लाजवाब भरवां करेला बनाकर सबको खुश करे। करेला कड़वा होता है जिसके कारण कई लोग इसे खाना पसंद नहीं करते।
ठंड के मौसम में गुड़ खाना सेहत के लिए अच्छा होता है। खास बात है कि गुड़ का इस्तेमाल कई तरह से भी किया जा सकता है। कुछ लोग गुड़ के साथ अपना पूरा खाना खा लेते हैं तो कुछ लोग खाना खाने के बाद मीठे के नाम पर गुड़ का सेवन करते हैं।
ओवन को 400 डिग्री पर प्री हीट होने के लिए रख दें।
अंडा- 4, ब्राउन ब्रेड- 8, ऑलिव ऑयल- 1 टीस्पून, नमक-स्वादानुसार, काली मिर्च- स्वादानुसार, चिली सॉस- 2 टीस्पून, मस्टर्ड सॉस- 2 टीस्पून, चीज- 4 स्लाइस
बादाम को 10 मिनट तक गरम पानी में भिगो दें। फिर इसका छिलका निकालें और अलग रख दें।कड़ाही में तेल गरम करें। फिर इसमें लहसुन, प्याज डालें और प्याज के नरम होने तक पका लें।फिर इसमें ब्रोकली डालकर एक मिनट तक पकाएं।
2 कप आटा, 1 कप मूंगदाल भिगोई हुई, 1/2 टीस्पून अजवाइन, 1 टीस्पून हरी मिर्च बारीक कटी,1 टीस्पून शक्कर, 1 टीस्पून लाल मिर्च पाउडर, 1/2 टीस्पून गरम मसाला, 1/4 टीस्पून हींग, 1/2 टीस्पून अदरक पेस्ट, स्वादानुसार नमक, 1 कप बारीक कटी मेथी, 1 नींबू का रस, 1 टीस्पून हल्दी, तेल
कितने लोगों के लिए : 4
सामग्री :