भोपाल। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया है कि भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष कराये जाने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण में हर वर्ष की तरह मध्यप्रदेश फिर एक बार स्वच्छता के कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है। अभी तक प्राप्त सूचनाओं के अनुसार प्रदेश के 11 नगरीय निकायों को स्वच्छता के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये सम्मानित किया जायेगा। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू इंदौर को स्वच्छता में श्रेष्ठता के लिये सम्मानित करेंगी। सम्मानों की घोषणा एक अक्टूबर को नई दिल्ली में की जायेगी।
मंत्री श्री सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा नई दिल्ली में 30 सितम्बर को स्वच्छता लीग के विजेता नगरीय निकायों खजुराहो और उज्जैन को सम्मानित किया गया। स्वच्छ भारत मिशन 2.0 पूरे होने पर केन्द्र सरकार द्वारा स्वच्छ अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
ताल कटोरा स्टेडियम में एक अक्टूबर को नगरीय निकाय इंदौर, बड़ौनी, भोपाल, छिंदवाड़ा, खुरई, महू कैंट, मुंगावली, औबेदुल्लागंज, पेटलावद, फूफकला और उज्जैन को विभिन्न घटकों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जायेगा।
गौरतलब है कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 से अब तक प्रदेश का प्रदर्शन हर वर्ष बेहतर से बेहतरीन हुआ है। पहले स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 में प्रदेश को देश के चौथे स्वच्छ राज्य का सम्मान मिला था, जो वर्ष 2020-21 में तीसरे स्थान पर आ गया। इस वर्ष प्रदेश को श्रेष्ठ स्थान प्राप्त होने की संभावना है। वर्ष 2021 में प्रदेश के 8 शहरों ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किये थे तथा 13 शहरों को उनकी 5 स्टार एवं 3 स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त हुआ था। इसके अलावा विशेष प्रतियोगिता सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में प्रदेश के तीन शहरों इंदौर, भोपाल और उज्जैन को विशेष राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआ था।
वर्ष 2022 के दौरान प्रदेश में खुले में शौच से मुक्ति के बाद संवहनीयता की स्थिति बनाये रखने को लक्षित किया गया, जिसके अंतर्गत ओडीएफ प्लस और ओडीएफ डबल प्लस के प्रोटोकॉल को लागू करने के लिये जोर दिया गया। जारी वर्ष में प्रदेश के 323 नगरीय निकायों ने ओडीएफ डबल प्लस के प्रमाणीकरण को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की। प्रदेश के 6 निकाय ओडीएफ प्लस और 37 निकाय ओडीएफ प्रमाणित हुए। इसके अलावा प्रदेश के 27 नगरीय निकायों ने कचरा मुक्त शहरों की रेटिंग को प्राप्त किया था। वर्ष 2022 में प्रदेश के 350 नगरीय निकायों ने स्टार रेटिंग के प्रमाणीकरण के लिये अपने दावे प्रस्तुत किये थे, जिसके परिणाम आना शेष हैं।
वर्ष 2017 में मध्यप्रदेश के सभी शहर खुले में शौच से मुक्त घोषित किये जा चुके हैं। इस लक्ष्य को संवहनीय बनाने के लिये तीन इंडीकेटर बनाये गये, जिन्हें हम ओडीएफ प्लस, ओडीएफ डबल प्लस और वॉटर प्लस के नाम से जानते हैं। ओडीएफ प्लस के प्रमाणीकरण के लिये शहर में लक्षित व्यक्तिगत शौचालयों का 100 प्रतिशत निर्माण, सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के साथ 10 प्रतिशत सार्वजनिक शौचालयों में विश्वस्तरीय सुविधाएँ एवं शेष 90 प्रतिशत में समस्त आधारभूत सुविधाएँ होना चाहिये।
वॉटर प्लस प्रमाणीकरण के लिये किसी भी शहर में ओडीएफ डबल प्लस के प्रोटोकॉल को पूरी तरह से लागू होने के साथ शहर में उपयोगी जल का प्रबंधन किया जाना अनिवार्य है। उक्त तीनों प्रमाणीकरण भारत सरकार द्वारा अनुबंधित तृतीय पक्ष द्वारा प्रत्यक्ष अवलोकन, सिटीजन फीडबैक एवं निर्धारित मानकों के तहत किए जाते हैं।
स्टार रेटिंग
स्टार रेटिंग नगरीय निकायों को कचरा मुक्त बनाये जाने के मापदण्डों के आधार पर प्रदान की जाती है। इन मापदण्डों में निकायों में पृथक्कीकरण, कचरा संग्रहण, परिवहन, प्र-संस्करण, सार्वजनिक स्थान, वार्ड आदि में सफाई, कचरे के ढेर न होना, नाली, नाले और अन्य जलाशय साफ होना, निकाय में पॉलीथीन और सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित होना, पार्क आदि साफ होना, हर घर से कचरा अलग-अलग ही प्राप्त होना एवं कचरा प्रबंधन के लिये उपभोक्ता प्रभार नागरिकों द्वारा दिये जाने जैसे 24 मानदण्डों पर निकाय की स्वच्छता का परीक्षण किया जाता है। इनके आधार पर निकाय को 1, 3, 5 अथवा 7 स्टार श्रेणी प्रदान की जाती है। परीक्षण की इस प्रक्रिया में समस्त सार्वजनिक स्थान, सरकारी और निजी कार्यालयों, धर्म स्थलों, व्यावसायिक परिसर भी शामिल होते हैं। यहाँ टीम द्वारा भ्रमण करके स्वच्छता का परीक्षण किया जाता है।
उक्त समस्त परीक्षण वार्ड आधार पर होता है, अगर निकाय का एक भी वार्ड किसी भी एक मानदण्ड पर असफल होता है, तो निकाय को स्टार रेटिंग से बाहर कर दिया जाता है। इसका जमीनी परीक्षण भारत सरकार द्वारा निर्धारित एजेंसी के माध्यम से किया जाता है, जो वर्ष में एक बार हर वार्ड में जाकर अवलोकन करती है, नागरिकों से फीडबैक लेती है एवं निकाय द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों एवं साक्ष्यों का परीक्षण करके निकाय को स्टार रेटिंग प्रदान करती है।
स्वच्छ भारत मिशन, शहरी मध्यप्रदेश का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसे सरकार के साथ नागरिकों का भी पूरा सहयोग प्राप्त हुआ है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग संचालनालय में स्वच्छ भारत मिशन सैल का गठन किया गया है। यह प्रदेश के नगरीय निकायों में स्वच्छता में निरंतर सहयोग के साथ ही मॉनीटरिंग भी करता है।
वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के आगाज के साथ ही मध्यप्रदेश में स्वच्छता की एक सामाजिक क्रांति का सूत्रपात हुआ। प्रदेश में सही अर्थों में स्वच्छता को जन आंदोलन बनाया गया है। शहरों और नागरिकों ने स्वच्छता को अपने अभिमान के रूप में आत्मसात किया है। प्रदेश में जहाँ एक ओर स्वच्छता के अधोसरचनाएँ जैसे व्यक्तिगत, सामुदायिक, सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण किया गया, वहीं दूसरी ओर कचरा प्र-संस्करण इकाइयों और सुविधाओं के निर्माण को प्राथमिकता दी गई।
मध्यप्रदेश ने स्वच्छता को एक पूर्णकालिक विषय के रूप में स्थापित किया है। मध्यप्रदेश के सभी शहरों ने पिछले 7 सालों के दौरान अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास किए। नागरिकों को व्यक्तिगत शौचालय, सार्वजनिक शौच सुविधाएँ, अपशिष्ट प्रबंधन आदि प्रयासों से मध्यप्रदेश में स्वच्छता जन-आदोलन का आरम्भ हुआ। आज प्रदेश के सभी शहरों में घरों और व्यावसायिक परिसरों से वाहनों द्वारा कचरा संग्रहण व्यवस्था संचालित की जा रही है। इस व्यवस्था के सुचारू संचालन में नागरिकों का बड़ा योगदान है। नागरिक आवासों एवं परिसरों से पृथक्कीकृत कचरा संग्रहण संपूर्ण प्रक्रिया की धुरी है। नागरिक अपने घरों में कचरा दो, तीन, चार भागों में अलग-अलग करके ही कचरा संग्रह वाहन को दे रहे हैं। इंदौर के लाखों परिवार अपने कचरे को 6 भागों में (सूखा, गीला प्लास्टिक सेनेटरी, घरेलू हानिकारक और ई-वेस्ट) कचरा वाहन को देते हैं।
प्रदेश के शहरी नागरिकों को होम कंपोस्टिंग अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। अब तक प्रदेश के 3 लाख से अधिक नागरिक अपने घरों से निकलने वाले कचरे की होम कंपोस्टिंग कर रहे हैं। प्रदेश में अधिक मात्रा मे कचरा उत्सर्जित करने वाली संस्थाओं दुकानों होटल आदि के लिए स्पॉट कंपोस्टिंग अनिवार्य की गई है। वे या तो स्पॉट कंपोस्टिंग को अपना रहे है अथवा नगरीय निकायों में स्थित केन्द्रीकृत कंपोस्टिंग इकाइयों के माध्यम से अपने गीले कचरे को प्र-संस्कृत कर रहे हैं। प्रदेश में अमानक पॉलीथिन और सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जा चुका है। इसके लिए सघन जागरूकता अभियान, प्रतीकात्मक चालानी कार्यवाही और प्रचार- प्रसार किया जा रहा है। प्रदेश में वर्ष 2020-21 से जीरो वेस्ट ईवेंट आयोजनों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत निकायों में जीरो वेस्ट ईवेंट प्रोटोकाल जारी किया गया है। शहरी स्वच्छता की स्थापना में नागरिकों, अशासकीय संगठनों एवं सफाई मित्रों का विशेष योगदान है। नगरीय निकायों में नियमित प्रक्रिया के तहत स्वच्छता सहयोगियों का निरंतर सम्मान कर प्रोत्साहित किया जाता है।
स्वच्छ भारत मिशन, शहरी अंतर्गत प्रदेश की गतिविधियाँ एवं उपलब्धियाँ
प्रदेश के 100 प्रतिशत नगरीय क्षेत्रों में आवासों और व्यावसायिक क्षेत्रों से कचरा संग्रहण व्यवस्था का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के नगरीय निकायों को 5423 से अधिक मोटराइज्ड वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। इन कचरा संग्रहण वाहनों में सूखे गीले के साथ कचरे के अन्य अवयवों को अलग-अलग रखने के लिए कंपार्टमेंट बनाए गए हैं। इन वाहनों में जीपीएस और पीए सिस्टम लगाए गए हैं। जीपीएस कचरा संग्रहण व्यवस्था की निगरानी में सहयोगी है, वहीं पीए सिस्टम स्वच्छता विषयों व संदेशों के प्रचार प्रसार के लिए एक सहज सुलभ और कम खर्च का माध्यम है।
गीले कचरे के प्र-संस्करण और निष्पादन हेतु होम कंपोस्टिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश के 2 लाख 60 हजार से अधिक परिवार होम कंपोस्टिंग और 343 नगरीय निकाय केन्द्रीयकत इकाइयों से कंपोस्टिंग कर रहे हैं। निकायों की केन्द्रीयकृत कंपोस्टिंग इकाइयों में संग्रहित गीले कचरे की कंपोस्ट बनाई जाती है। यह कपोस्ट नगरीय क्षेत्रों और लगे हुए ग्रामीण क्षेत्रों में खाद के रूप में प्रयोग की जाती है।
सूखे कचरे के प्र-संस्करण के लिये 256 नगरीय निकायों में 275 मटेरियल रिकवरी फेसिलिटी इकाइयों का निर्माण किया गया है। इनके माध्यम से सूखे कचरे को अलग-अलग घटकों में विभक्त करके प्र-संस्करण और पुनर्चक्रण के लिये भेजा जाता है। नगर निगम क्षेत्रों में जहाँ मैकेनिकल ट्रांसफर स्टेशन तथा प्रसंस्करण इकाईयों का निर्माण किया गया है वहीं दूसरी ओर छोटी नगरीय निकायों में भी कम्पोस्ट और प्रसंस्कृत अपशिष्ट के विक्रय से आय अर्जित की जा रही है।
निकायों में लीगेसी अपशिष्ट को पूरी तरह समाप्त करना हमारा लक्ष्य है। अब तक 50 निकायों के शत प्रतिशत लीगेसी अपशिष्ट का प्रसंस्करण पूर्ण कर दिया गया है। प्रदेश में 5 एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्लस्टर्स के तहत 60 नगरीय निकायों को कवर किया गया है। इसके अलावा 316 नगरीय निकायों में स्टैंड अलोन परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये कार्यवाही की जा रही है।
प्रदेश में फीकल स्लज के निष्पादन को प्राथमिकता में शामिल करते हुए 354 एफएसटीपी और 18 निकायों में शहरों में 51 एसटीपी संचालित हैं।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 16 दिसम्बर से आरंभ हो रही "विकसित भारत संकल्प यात्रा" के संबंध में कमिश्नर-कलेक्टर्स को मंत्रालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप जनहित और जनकल्याण के लिए आरंभ की गई यात्रा का क्रियान्वयन मोदी की गारंटी की साख और गरिमा के अनुरूप हो। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की जनहितैषी योजनाओं, लाभों और सुविधाओं के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजना की पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से "विकसित भारत संकल्प यात्रा" आरंभ की जा रही है। प्रमुख योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों, विशेष तौर से वंचित व आकांक्षी लोगों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाना, योजनाओं का प्रचार-प्रसार और जागरूकता, लाभार्थियों के अनुभव साझा करना और संभावित लाभार्थियों का चयन तथा नामांकन सुनिश्चित करना यात्रा का उद्देश्य है। 26 जनवरी 2024 को यात्रा का समापन गणतंत्र दिवस पर होगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करुणा धाम आश्रम में 4 दिसंबर से आरंभ शतचंडी यज्ञ में पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पूर्णाहुति अर्पित की।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विजय दिवस के बहादुर वीरों के प्रति पूरा देश नत मस्तक है। राष्ट्र आजीवन उन परिवारों का ऋणी है जिन्होंने अपने सपूतों को मातृभूमि के लिए कुर्बान कर दिया। अंतिम साँस तक लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले हर जवान को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों में आगे बढ़कर सहयोग का प्रदेशवासियों से आह्वान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है, भैया और मामा बनकर ही मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। मेरा प्रदेशवासियों से अद्भुत रिश्ता है। बहनों की जिंदगी बदलना, बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर इंतजाम, युवाओं को रोजगार के लिए कौशल सिखाने और बीमारी में इलाज की व्यवस्था एवं हरसंभव सहायता, वरिष्ठजनों की तीर्थ-यात्रा का इंतजाम, किसानों को जीरो प्रतिशत पर ब्याज दिलाना, उनके लिए समय पर खाद की व्यवस्था और हर गरीब के रहने के लिए जमीन के पट्टे की व्यवस्था करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैं चैन की नींद लेने मुख्यमंत्री नहीं बना था, मैंने कभी भी 24 घंटे में 4 घंटे से ज्यादा नींद नहीं ली, जनता की जिंदगी बदलना ही मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान सीहोर जिले के ग्राम जहाजपुरा (बुधनी) में जन- संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्थानीय निवासी जमुना बाई को शाल, श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जब पहली बार विधायक के चुनाव के लिए जनसम्पर्क कर रहे थे, तब श्रीमती जमुना बाई ने उन्हें चुनाव लड़ने में अपने योगदान और सहयोग के रूप में 2 रूपए भेंट करते हुए, सफल होने का आशीर्वाद प्रदान किया था।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है मध्यप्रदेश को विकास में टॉप पर ले जाने की मोदी की गारंटी है। उन्होने कहा कि लंबे समय तक जो सत्ता में रहे जनजातीय बंधुओं और उनके सम्मानित वीरों, नेताओं को कभी सम्मान नहीं दिया। आजादी के बाद दशकों तक एक ही दल का शासन रहा। आजादी सिर्फ एक ही परिवार के कारण नहीं मिली। हमने सबका सम्मान किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मुख्यमंत्री निवास 'समत्व भवन' में हुई। मंत्रि परिषद द्वारा 6 हजार करोड़ रूपये की 18 सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई। जिसमें चितावद - उज्जैन, मेढ़ा - बैतूल, पन्हेटी - गुना, लोनी - रीवा , खाम्हा - कटनी, डोकरीखेड़ी - नर्मदापुरम, सोनपुर - शिवपुरी, थावर-मण्डला, मुरकी-डिंडोरी, पावा-शिवपुरी, सिरमौर-रीवा, कनेरा-भिण्ड, मल्हारगढ़-मंदसौर, देवरी-नर्मदापुरम, सीतलझिरी-बैतूल, आहू-आगर मालवा, बगलीपीठ-बालाघाट और पहाड़िया-रीवा शामिल है। इन परियोजनाओं से 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज एक महासंकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में सिहंस्थ के वैचारिक महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये थे। वैचारिक महाकुंभ में श्री महाकाल महालोक के बारे में विचार किया गया था। बाबा महाकाल के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से श्री महाकाल महालोक निर्माण के पुनीत कार्य की शुरूआत हुई। मुझे हर्ष है कि हमने महाकाल लोक निर्माण के दोनों चरणों को पूरा कर लिया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस अमूल्य सौगात से नागरिकों को आवागमन में सुविधा होगी। साथ ही इस क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। श्री चौहान ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार माना। उन्होंने कहा कि इस रेल से प्रदेश का यह जनजातीय बाहुल्य जिला सीधे नागपुर से जुड़ेगा।