भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में नेशनल पार्क कूनो में अफीक्रा के नामीबिया से लाये गये चीतों को छोड़ कर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में चीतों की वापसी से अब जैव विविधता की टूटी कड़ी पुन: जुड़ गई है। भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जाग्रत हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय अभ्यारण्य में चीतों को छोड़ कर देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएँ दीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज दुनिया की पहली बड़े जंगली मांसाहारी जीव की अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण परियोजना का चीता प्रोजेक्ट के अंतर्गत शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज सौभाग्य से हमें दशकों पहले जैव-विविधता की टूटी और विलुप्त कड़ी को जोड़ने का फिर से मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आया है। आजादी के अमृत महोत्सव में देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है। अमृत में तो वो सामर्थ्य होता है, जो मृत को भी पुनर्जीवित कर देता है। मुझे खुशी है कि आजादी के अमृतकाल में कर्त्तव्य और विश्वास का ये अमृत हमारी विरासत को, हमारी धरोहरों को और अब चीतों को भी भारत की धरती पर पुनर्जीवित कर रहा है।
चीतों को यहाँ के वातावरण में ढलने के लिये देना होगा समय
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि प्रकृति और पर्यावरण के सरंक्षण में ही हमारा भविष्य सुरक्षित है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि चीतों को यहाँ के वातावरण में ढ़लने के लिये समय देना है। तब तक हमें धैर्य रखना होगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने साथ मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र सिंह यादव, केन्द्रीय नागरिक उड्यन एवं इस्पाल मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अश्विनी चौबे, प्रदेश के वन मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह की गरिमामयी मौजूदगी में लीवर घुमाकर चीतों को छोड़ा गया। मुक्त होते ही चीते सुरक्षा के लिहाज से तैयार किये गये बाड़े में विचरण करने लगे।
अंतर्राष्ट्रीय गाइड लाइन के अनुसार क्वारेंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद उन्हें जंगल स्वच्छंद विचरण के लिये आजाद किया जायेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से आग्रह करते हुए कहा कि कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य पूर्वक इंतजार करना होगा। चीते हमारे मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं।
कूनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएँ, इसके लिए हमें इन चीतों को कुछ महीने का समय देना होगा।
अंतर्राष्ट्रीय गाइडलाइन्स का पालन करते हुए कूनो राष्ट्रीय उद्यान में इन चीतों को बसाने के पूरे प्रबंध किये गये हैं। वर्ष 1947 में भारत में सिर्फ 3 चीते शेष थे। शिकार हो जाने से उनका अस्तित्व खत्म हो गया और 1952 में भारत में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया। तबसे अब तक देश में फिर से चीतों के पुनर्वास के कोई सार्थक प्रयास नहीं हुए थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की धरती पर चीतों के पुनर्वास के लिये नामीबिया, साउथ अफ्रीका सहित भारत के वैज्ञानिकों और विषय-विशेषज्ञों के शोध के बाद तैयार विस्तृत चीता एक्शन प्लान को परिणाम मूलक बनाया गया।
ईको सिस्टम पुनर्जीवित होगा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विकास और समृद्धि के लिये प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण भी जरूरी है। इसी से हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है। दुनिया जब प्रकृति और पर्यावरण की ओर देखती है तो सस्टेनेबल डेवलपमेंट की बात करती है। हमारे लिये प्रकृति, पर्यावरण, पशु-पक्षी सिर्फ सस्टेनेबिलिटी और सिक्युरिटी न होकर सेन्सीबिलिटी और स्प्रिच्युलिटी के आधार भी है। आज सौभाग्य से हमारे सामने एक ऐसा ही क्षण है। उन्होंने कहा कि कूनो नेशनल पार्क में जब चीते फिर से दौड़ेंगे तो मैदानी ईको-सिस्टम फिर से पुनर्जीवित होगा, जैव विविधता बढ़ेगी, ईको-टूरिज्म बढ़ेगा, विकास की नई संभावनाएँ जन्म लेंगी और क्षेत्रवासियों के लिये रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
गत 8 वर्ष में जुड़े 250 नये संरक्षित वन क्षेत्र
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी का भारत, पूरी दुनिया को संदेश दे रहा है कि ईकॉनॉमी और ईकॉलॉजी परस्पर विरोधाभासी नहीं है। वर्ष 2014 के बाद देश में करीब ढाई सौ नए संरक्षित क्षेत्र जोड़े गए हैं। वन क्षेत्र का निरंतर विस्तार हो रहा है। पर्यावरण की रक्षा के साथ ही, देश की प्रगति भी हो सकती है, ये भारत ने दुनिया को करके दिखाया है। आज हम विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमारे यहाँ एशियाई शेरों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। गुजरात देश में एशियाई शेरों का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है।
देश में टाइगर की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य हमने तय समय से पहले हासिल किया है। असम में आज एक सींग वाले गैंडो की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, जिनका एक समय अस्तित्व खतरे में आ गया था। हाथियों की संख्या भी बढ़ कर पिछले वर्षों में 30 हजार से ज्यादा हो गई है। आज देश में 75 वेटलेंडस को रामसर साइट्स के रूप में घोषित किया गया है, जिनमें 26 साइट्स पिछले 4 वर्ष में ही जोड़ी गई हैं। देश के इन प्रयासों का प्रभाव आने वाली सदियों तक दिखेगा और प्रगति के नए पथ प्रशस्त करेगा।
फोटोग्राफी और चीता मित्रों से किया संवाद
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत भूमि पर 70 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पुर्नस्थापित किये जाने वाले चीतों की मुक्ति के एतिहासिक पलों को अपने कैमरे से कैद किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने चीतों की सुरक्षा के लिये तैनात किये गये चीता मित्रों से संवाद भी किया। चीतों की सुरक्षा के लिये आसपास के 10 गाँव के 457 चीता मित्र तैनात किये गये हैं।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में 16 दिसम्बर से आरंभ हो रही "विकसित भारत संकल्प यात्रा" के संबंध में कमिश्नर-कलेक्टर्स को मंत्रालय में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप जनहित और जनकल्याण के लिए आरंभ की गई यात्रा का क्रियान्वयन मोदी की गारंटी की साख और गरिमा के अनुरूप हो। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की जनहितैषी योजनाओं, लाभों और सुविधाओं के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने और समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजना की पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से "विकसित भारत संकल्प यात्रा" आरंभ की जा रही है। प्रमुख योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों, विशेष तौर से वंचित व आकांक्षी लोगों तक समयबद्ध तरीके से पहुंचाना, योजनाओं का प्रचार-प्रसार और जागरूकता, लाभार्थियों के अनुभव साझा करना और संभावित लाभार्थियों का चयन तथा नामांकन सुनिश्चित करना यात्रा का उद्देश्य है। 26 जनवरी 2024 को यात्रा का समापन गणतंत्र दिवस पर होगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करुणा धाम आश्रम में 4 दिसंबर से आरंभ शतचंडी यज्ञ में पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पूर्णाहुति अर्पित की।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विजय दिवस के बहादुर वीरों के प्रति पूरा देश नत मस्तक है। राष्ट्र आजीवन उन परिवारों का ऋणी है जिन्होंने अपने सपूतों को मातृभूमि के लिए कुर्बान कर दिया। अंतिम साँस तक लड़ते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले हर जवान को मैं नमन करता हूँ। उन्होंने विकसित भारत @2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों में आगे बढ़कर सहयोग का प्रदेशवासियों से आह्वान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है, भैया और मामा बनकर ही मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। मेरा प्रदेशवासियों से अद्भुत रिश्ता है। बहनों की जिंदगी बदलना, बच्चों की पढ़ाई के लिए बेहतर इंतजाम, युवाओं को रोजगार के लिए कौशल सिखाने और बीमारी में इलाज की व्यवस्था एवं हरसंभव सहायता, वरिष्ठजनों की तीर्थ-यात्रा का इंतजाम, किसानों को जीरो प्रतिशत पर ब्याज दिलाना, उनके लिए समय पर खाद की व्यवस्था और हर गरीब के रहने के लिए जमीन के पट्टे की व्यवस्था करना मेरे लिए महत्वपूर्ण है। मैं चैन की नींद लेने मुख्यमंत्री नहीं बना था, मैंने कभी भी 24 घंटे में 4 घंटे से ज्यादा नींद नहीं ली, जनता की जिंदगी बदलना ही मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान सीहोर जिले के ग्राम जहाजपुरा (बुधनी) में जन- संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्थानीय निवासी जमुना बाई को शाल, श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जब पहली बार विधायक के चुनाव के लिए जनसम्पर्क कर रहे थे, तब श्रीमती जमुना बाई ने उन्हें चुनाव लड़ने में अपने योगदान और सहयोग के रूप में 2 रूपए भेंट करते हुए, सफल होने का आशीर्वाद प्रदान किया था।
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है मध्यप्रदेश को विकास में टॉप पर ले जाने की मोदी की गारंटी है। उन्होने कहा कि लंबे समय तक जो सत्ता में रहे जनजातीय बंधुओं और उनके सम्मानित वीरों, नेताओं को कभी सम्मान नहीं दिया। आजादी के बाद दशकों तक एक ही दल का शासन रहा। आजादी सिर्फ एक ही परिवार के कारण नहीं मिली। हमने सबका सम्मान किया।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मुख्यमंत्री निवास 'समत्व भवन' में हुई। मंत्रि परिषद द्वारा 6 हजार करोड़ रूपये की 18 सिंचाई परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई। जिसमें चितावद - उज्जैन, मेढ़ा - बैतूल, पन्हेटी - गुना, लोनी - रीवा , खाम्हा - कटनी, डोकरीखेड़ी - नर्मदापुरम, सोनपुर - शिवपुरी, थावर-मण्डला, मुरकी-डिंडोरी, पावा-शिवपुरी, सिरमौर-रीवा, कनेरा-भिण्ड, मल्हारगढ़-मंदसौर, देवरी-नर्मदापुरम, सीतलझिरी-बैतूल, आहू-आगर मालवा, बगलीपीठ-बालाघाट और पहाड़िया-रीवा शामिल है। इन परियोजनाओं से 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज एक महासंकल्प पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में सिहंस्थ के वैचारिक महाकुंभ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये थे। वैचारिक महाकुंभ में श्री महाकाल महालोक के बारे में विचार किया गया था। बाबा महाकाल के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा से श्री महाकाल महालोक निर्माण के पुनीत कार्य की शुरूआत हुई। मुझे हर्ष है कि हमने महाकाल लोक निर्माण के दोनों चरणों को पूरा कर लिया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इस अमूल्य सौगात से नागरिकों को आवागमन में सुविधा होगी। साथ ही इस क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। श्री चौहान ने इस सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार माना। उन्होंने कहा कि इस रेल से प्रदेश का यह जनजातीय बाहुल्य जिला सीधे नागपुर से जुड़ेगा।