सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी शहर के रहवासियों के लिए बार-बार कांप रही धरती दहशत का सबब बन गई है। दिन में कई बार महसूस हो रहे भूकंप के हल्के झटकों के बीच उपनगरीय चूनाभट्टी-डूंडासिवनी के रहवासी दिन गुजारने को मजबूर है। यह सिलसिला तीन सालों से चला आ रहा है। झटकों के कारण कई बार लोगों की नींद अचानक टूट जाती है और उसी हालत में लोग दौड़कर घरों से बाहर निकल जाते हैं। हालाकि इस साल 25 अगस्त के बाद देर रात में भूकंप का तगड़ा झटका नहीं आया है।
तीन दिन पहले सुबह 5.20 बजे जोरदार धमाके साथ धरती हिलने के कारण चूना-भट्टी, डूंडासिवनी व कबीर वार्ड क्षेत्र के कई घरों में सो रहे लोगों की गहरी नींद टूट गई थी और जब तक लोग घरों से बाहर निकले तब तक सब कुछ सामान्य हो गया। इसके बाद 26 अगस्त की रात 10.40 बजे भूकंप का तगड़े झटके से घर व दुकानों में मौजूद लोग दहल गए थे। 27 अगस्त को सुबह से रात तक कई बार भूकंप के झटके क्षेत्रवासियों ने महसूस किए। शनिवार रात करीब 8 से 9 बजे के बीच दो से तीन बार तेज धमाकों के साथ धरती हिलने के कारण लोग कुछ देर के लिए दहशत में आ गए। हालाकि बाद में सब कुछ सामान्य हो गया।
भूकंप के झटकों से घरों में आ गई दरारें
साल 2020 से लगातार हर साल वर्षा के बाद सिवनी शहर व डूंडासिवनी क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं।हालाकि इस साल आए हल्के झटकों में कोई भी भूकंप मापी यंत्री (रिएक्टर स्केल) पर दर्ज नहीं हुआ है। साल 2020 में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिनमें कुछ रिएक्टर स्केल पर दर्ज हुए थे।बीते साल अक्टूबर-नवंबर माह में कई बार क्षेत्र के लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए थे, लेकिन रिक्टर स्केल में पांच बार भूकंप दर्ज हुआ था।4 अक्टूबर 2021 को रिक्टर स्केल पर सिवनी में 3.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज हुआ था। भूकंप से कोई बड़ी नुकसानी तो सामने नहीं आई है, लेकिन चूनाभट्टी छिड़िया पलारी, कबीर वार्ड और डूंडासिवनी क्षेत्र के कुछ घरों में गहरी-गहरी दरारें जरूर आ गई हैं।
वर्षा के बाद महसूस होते हैं भूकंप के झटके
भू-विज्ञानियों के मुताबिक, वर्षा का पानी जमीन की सतह से गहरी दरारों से होकर भू-गर्व में पहुंचने के कारण अंदर मौजूद चूना पत्थर और बेसाल्ट की चट्टानों के कारण तैयार ऊर्जा जब गैस के रूप में बाहर निकलती है, तो जमीन की सतह धमाके साथ हिल जाती है।बारिश थमने के कुछ माह के अंदर यह भूकंप के हल्के झटके स्वतः समाप्त हो जाते हैं।बीते दो सालों में भूकंप के झटके दर्ज होने के बाद भू-विज्ञानियों का दल सिवनी के प्रभावित क्षेत्रों का दौर कई बार कर चुका है। भू-विज्ञानियों का कहना है कि, सिवनी जिला संवेदनशील (एक्टिव जोन) में है। सोन नदी व नर्मदा बेसिन में होने के कारण जिले में हल्के भूकंप की आशंका बनी रहती है। इससे लोगों को घबराने या डरने की जरूरत नहीं है। यहां बड़े भूकंप की आशंका बेहद कम है। भूकंप पर किसी तरह भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। इसलिए लोगों को सर्तक व एहतियात के साथ रहना चाहिए।
शहर से ज्यादा डूंडासिवनी पर असर
भूकंप के झटकों का असर सिवनी शहर से ज्यादा नगर से लगे चूनाभट्टी, छिड़िया पलारी व डूंडासिवनी क्षेत्र में हर साल देखने को मिलता है। यहां पर भूकंप की तीव्रता सबसे ज्यादा होती है। चूनाभट्टी निवासी थानसिंह टेम्भरे, दुर्गाप्रसाद शरणागत, चैनसिंह टेम्भरे, बसंत शरणागत, सोनू सेन्द्रे सहित अन्य लोगों ने बताया कि, तीन सालों में क्षेत्र के कई कच्चे-पक्के मकानों को नुकसान हुआ था। कई घरों में गहरी दरारें आ गई हैं।हर साल बार-बार बरसात के बाद आ रहे भूकंप ने रहवासियों को चिंता बढ़ा दी है।लोगों को दिन-रात तेज भूकंप का डर बना रहता है।हालाकि कुछ लोग लगातार आ रहे झटकों के कारण इसके आदि हो चुके हैं।
अगले दो सालों में खत्म हो जाएंगे झटके
सिवनी में भूकंप की गंभीरता का अनुमान लगाने के लिए बीते साल माइक्रो जोनिंग कराई जा चुकी है। इसमें यही बात निकल कर सामने आई है, कौन से क्षेत्र संवेदनशील हैं। इस साल अभी तक रिएक्टर स्केल में भूकंप का झटका दर्ज नहीं हुआ है। जो झटके महसूस किए जा रहे हैं, वो पिछले सालों की तरह हैं, जिससे लोगों को डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। अगले-एक दो सालों में यह झटके भी स्वतः समाप्त हो जाएंगे।
-वेदप्रकाश सिंह, रेडार इंचार्ज, मौसम एवं पृथ्वी विज्ञान विभाग भोपाल
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन का "विशेष उपहार" दिए जाने पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने प्रदेश की जनता की ओर से उनके प्रति हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करते हुए उनका अभिनंदन किया है। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए किया जा रहे प्रयासों को मजबूती मिलेगी और महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त होंगी।
भोपाल। मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) में 6 हजार 36 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्य आने वाले समय में किए जाएंगे। इससे विद्युत वितरण व्यवस्था की तस्वीर बदल जाएगी। जहॉं एक ओर उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति मिलेगी वहीं विद्युत वितरण प्रणाली मजबूत होगी। ब्रेकडाउन कम होंगे और प्रणाली की क्षमता वृद्धि से उपभोक्ताओं को सीधे फायदा मिलेगा।
भोपाल। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी का वर्ष 2023-24 का बजट मंगलवार को संचालक मंडल की बैठक में प्रस्तुत किया गया। आगामी वित्तीय वर्ष के कुल 18 हजार 551 करोड़ रूपये के बजट की मंजूरी दी गई है।
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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले के ग्राम जैत में नर्मदा नदी के किनारे 4 करोड़ 88 लाख रूपये की लागत से बन रहे नर्मदा घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने घाट पर चल रहे निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इन्दौर में 29 अक्टूबर को होने जा रहे प्रदेश के 73 सीएम राइज स्कूलों के भूमि-पूजन कार्यक्रम का आयोजन बेहतर रूप में हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास पर आयोजन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी सहित अधिकारी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आगामी 15 नवम्बर को बिरसा मुंडा जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा। प्रदेश की सभी पंचायतों में यह कार्यक्रम होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास कार्यालय पर कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
भोपाल। दमोह जिले के दमोह देहात थाना के ग्राम देवरान में मंगलवार की सुबह गोली चलने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु होने की खबर मिलते ही जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई कर मुख्य आरोपी जगदीश पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना की बारीकी से जाँच की जा रही है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
भोपाल। आयुर्वेद हमारे देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है वर्तमान समय में इसे और लोकप्रिय बनाने की जरूरत है। आयुर्वेद ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें मानव शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। आयुर्वेद में उपयोग होने वाली दवाएँ हमारे आस-पास ही मौजूद होती हैं। आयुर्वेद और योग को अपना कर हम अपने जीवन को स्वस्थ एवं सुखी बना सकते हैं।
भोपाल। बिजली फॉल्ट एवं बिल संबंधी शिकायतें टोल फ्री नंबर 1912 और 0755-2551222 के साथ ही मोबाइल एप ‘उपाय (UPAY) पर भी दर्ज होंगी। इस एप से सीधे उपभोक्ता अपनी शिकायत कॉल सेंटर में दर्ज करा सकते हैं। कंपनी द्वारा एप के जरिए उपभोक्ताओं को बिजली बिल भुगतान के अलावा विद्युत अवरोध एवं बिलिंग संबंधी शिकायतें दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध कराई गयी है।