हिंदू धर्म में भाद्रपद पूर्णिमा का बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा करने पर भक्तों को इसका खास लाभ मिलता है। इस बार भाद्रपद पूर्णिमा 10 नवंबर 2022 के दिन पड़ रही है। इस तिथि को श्राद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
मंगल ग्रह क्रिया, ऊर्जा को दर्शाता है। यह आपकी इच्छाओं और उन्हें पूरा करने के पीछे के तरीकों, योजनाओं और उद्देश्यों पर प्रकाश डालता है। इतना ही नहीं, जिस तरह से आप आक्रामकता और क्रोध को व्यक्त करते हैं या उससे निपटते हैं, वह भी ज्योतिष में मंगल ग्रह द्वारा नियंत्रित होता है। यह आपके व्यक्तित्व में शक्ति कारक को प्रभावित करने की शक्ति भी रखता है
शनि देव को कर्मफल का देवता कहा जाता है। इनकी चाल और ग्रह गोचर का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार फिलहाल शनि वक्री अवस्था में है। वह 23 अक्टूबर को मकर राशि में मार्गी हो जाएंगे और 17 जनवरी 2023 तक रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शनि व्रकी होते हैं तो ये पीड़ित हो जाते हैं।
एस्ट्रोलॉजी यानी ज्योतिष, वास्तु में कई समस्याओं के हल मिलते हैं। इसमें हमारी दैनिक जीवन की बातें भी शामिल हैं। आम तौर पर वास्तु के अनुसार माना जाता है कि दक्षिण एवं उत्तर दिशा में सिर या पैर करके नहीं सोना चाहिये। दक्षिण दिशा पितरों की होती है एवं उत्तर दिशा निषेध है। ऐसे में संभव हो तो पूर्व अथवा पश्चिम दिशा में सिर, पैर करके सोने का प्रयास करें।
ज्योतिष के मुताबिक एक निश्चित समय अवधि पर हर ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर और वक्री होते हैं। ग्रहों के गोचर या वक्री होने का असर सभी राशियों पर पड़ता है। पंचांग के अनुसार गुरु ग्रह जुलाई महीने में मीन राशि में वक्री हुए हैं। वे मीन राशि में 24 नवंबर तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे। गुरु के वक्री होने के कारण तीन राशियां ऐसी हैं, जिनमें केंद्र त्रिकोण राजयोग बन रहा है।
गणेशोत्सव का पर्व 31 अगस्त बुधवार से प्रारंभ होने जा रहा है। गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था, इस कारण से हर वर्ष भाद्रपद चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्मोत्सव बड़े ही उत्साह और धूम-धाम के साथ मनाया जाता है
गणेश पुराण के अनुसार भाद्रपद महीने के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था, इस कारण से हर वर्ष भाद्रपद चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्मोत्सव बड़े ही उत्साह और धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।
इस साल गणेश उत्सव की शुरुआत 31 अगस्त 2022 से हो रही है। ये हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणपति बप्पा की स्थापना की जाती है। गणेश चतुर्थी का त्योहार गणेश जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान लोग अपने बप्पा को ढोल नगाड़ों के साथ बड़ी ही धूमधाम से घर में लाते हैं।
'Sheetala Ashtami 2020': आज शीतलाष्टमी या 'बसौड़ा' मनाया जा रहा है। यह पर्व चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतलाष्टमी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन माता शीतला की पूजा अर्चना से व्यक्ति के जीवन से सभी प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती है और व्रती के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। यह पर्व माता शीतला को समर्पित होता है और उत्तर भारत में इसे बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व का विशेष महत्व इसलिए है क्योंकि माता शीतला को प्रसाद के रूप में बासी भोजन भेंट किया जाता है।
अंग्रेजी कैलेंडर के तीसरे माह मार्च का प्रारंभ हो गया है। मार्च 2020 के पहले सप्ताह में होलाष्टक का प्रारंभ हो रहा है। इसमें ही श्री दुर्गाष्टमी व्रत, श्री अन्नपूर्णाष्टमी व्रत, आमल की एकादशी व्रत, रंगभरी एकादशी, गोविंद द्वादशी व्रत, शनि प्रदोष व्रत, फाल्गुन पूर्णिमा, होलिका दहन एवं महाप्रभु चैतन्य जयंती आने वाली है। आइए जानते हैं कि ये महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार किस तारीख को पड़ने वाले हैं।