देश के 52 शक्तिपीठों में से तीन मध्य प्रदेश में हैं, उज्जैन की हरसिद्धी माता, मैहर की मां शारदा और अमरकंट में शोण शक्तिपीठ इनमें शामिल हैं। देवास की माता टेकरी पर माता सती का रक्त गिरा था, इसलिए इसे भी शक्तिपीठ माना जाता है। नवरात्र के दौरान यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता का आशीर्वाद पाने पहुंचते हैं। इनके साथ ही दतिया में मां पीतांबरा पीठ दतिया, सलकनपुर में मां विंध्यवासिनी और नलेखड़ा में मां बगलामुखी मुखी के मंदिर में देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं।
सोमवार से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है। नवरात्रि का पहला दिन मां देवी शैलपुत्री को समर्पित है। वे मां दुर्गा के नौ अवतारों में से पहला रूप हैं। इस दिन घटस्थापना और शैलपुत्री पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को भवानी, पार्वती और हेमावती के नाम से भी जाना जाता है। वह सांसारिक सार के रूप में जानी जाती है। उनकी पूजा घटस्थापना के साथ शुरू होती है, एक अनुष्ठान जो महिला शक्ति का प्रतीक है। घटस्थापना नवरात्रि के पहले दिन की जाती है और इसे नवरात्रि का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है। जानिये इसके बारे में सब कुछ।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दूध को चंद्रमा का कारक माना जाता है। धार्मिक रूप से दूध का विशेष महत्व है। कच्चे दूध का इस्तेमाल शिवलिंग पर चढ़ाने के साथ-साथ पूजन सामग्री में रखने तक का होता है। शकुन शास्त्र में दूध को कई शुभ और अशुभ संकेतों से जोड़ा जाता है। उबलता हुआ दूध गिरना काफी अपशकुन होता है। ऐसा माना जाता है कि गैस पर चढ़ा दूध बार-बार गिरने से चंद्र दोष लगता है। साथ ही घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश होता है। मान्यता है कि बार-बार दूध गिरने से देवी अन्नपूर्णा भी नाराज हो जाती हैं।
जीवन के लिए धन काफी अहम है। इसके अभाव में जीवन संकटों से घिर जाता है। अगर आप पैसों की परेशानी के कारण दुख और तकलीफ का सामना कर रहे हैं, तो कुछ ज्योतिष उपाय को आजमाकर देखें। इन सरल टोटका से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। वहीं व्यक्ति पर कृपा बरसाती है। आइए जानते हैं धन वृद्धि के टोटके।
हिंदू धर्म में पूजा पाठ में कपूर का इस्तेमाल होता है। इसके बिना आरती और हवन अधूरा माना जाता है। कपूर जलाने से घर का वातावरण सुगंधित रहता है। साथ ही ये नकारात्मक ऊर्जा को भी नष्ट करता है। कपूर जलाने से घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है। इसमें औषधीय गुण भी होते हैं। साथ ही ज्योतिष उपायों में कपूर का इस्तेमाल किया जाता है। कपूर के टोटके से वास्तु और ग्रह दोष दूर होता है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक शुक्र ग्रह जीवन में विलासिता के पक्ष को प्रभावित करता है। जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होता है, उसके जीवन में सुख शांति व वैभव बना रहता है। ज्योतिष के मुताबिक 24 सितंबर को शुक्र ग्रह कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष शास्त्र में शुक्र को विलासिता, धन, वैभव, रोमांस और ऐश्वर्य दाता का कारक ग्रह माना जाता है, वहीं बुध ग्रह के कारण जातक बुद्धि, तर्क, संवाद और संचार के क्षेत्र में प्रभावी भूमिका निभाता है।
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ होता है। वहीं उससे एक दिन पहले यानी अमावस्या को सभी पितृ गण विदा हो जाते हैं। जिसके बाद मां दुर्गा का आगमन होता है। कलश स्थापना के साथ पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है।
Surya Gochar 2022 ग्रहों के राजा सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। 17 सितंबर को सूर्य अपनी स्वराशि सिंह से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्यदेव 16 अक्टूबर 2022 तक इसी राशि में गोचर करेंगे।
हिंदू धर्म में ब्रह्म कमल को काफी पवित्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह फूल भगवान शिव का भी काफी पसंद है। यह फूल आमतौर पर अधिक ऊंचाई वाले या हिमालय क्षेत्रों में पाया जाता है। केदारनाथ, बद्रीनाथ और तुंगनाथ के पवित्र मंदिरों में इस भगवान शिव को अर्पित किया जाता है। ब्रह्म कमल का नाम भगवान ब्रह्मा के नाम पर रखा गया है और यह वही फूल है, जिसे देवता अपने हाथ में रखते हैं। इसके अलावा यह भी धार्मिक मान्यता है कि Brahma Kamal का फूल को भगवान शिव को अर्पित करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पितृ पक्ष या श्राद्ध, भाद्रपद के महीने में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दौरान शुरू होने वाली 15 दिनों की अवधि कल 10 सितंबर, 2022 से शुरू होने वाली है। पितृ पक्ष कृष्ण पक्ष या सर्व पितृ की अमावस्या तिथि को समाप्त होगा। 25 सितंबर 2022 को अमावस्या पर इसका समापन होगा। इस अवधि के दौरान, हिंदू अपने पूर्वजों की दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देते हैं।