शक्ति का अवतार मां दुर्गा को ब्रम्हांड के रक्षक के रूप में जाना जाता है। शक्ति और मनोकामना की पूर्ति के लिए मां दुर्गा को पूजा जाता है खासतौर से नवरात्रि के दौरान। चैत्र हो या शरद नवरात्रि, दोनों ही हिंदुओं के लिए बहुत मायने रखता है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु नौ दिनों का उपवास रखते हैं और देवी की पूजा-अराधना करते हैं। भारत में अलग-अलग जगहों पर मां दुर्गा के अनेक मंदिर स्थित हैं जिनकी अलग मान्यताएं और कहानियां हैं। कहते हैं इन जगहों के दर्शन मात्र से बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। तो आज इन्हीं मंदिरों के बारे में जानेंगे।
वैष्णव देवी, जम्मू-कश्मीर
वैष्णव देवी मंदिर की लोकप्रियता का अंदाजा आप यहां आने वाले भक्तों की भीड़ से लगा सकते हैं। त्रिकूट पर्वत पर बसे, जम्मू से 61 किमी उत्तर की ओर और समुद्र तल से 1584 मीटर ऊंचे इस मंदिर की अपनी अलग ही धार्मिक मान्यताएं हैं। यहां मंदिर के पास ही भैरवनाथ का भी डेरा है यहां आने वाले भक्त मां के बाद इनका दर्शन करने जरूर आते हैं। साल में कभी भी यहां आने का प्लान बनाया जा सकता है, हालांकि सर्दियों में दर्शन थोड़ा कठिन होता है।
मंशा देवी मंदिर, उत्तराखंड
मंशा देवी मंदिर, हरिद्वार के पास झुंझुनू गांव में बसा है। इस मंदिर के नाम के पीछे मान्यता है कि मां दुर्गा यहां आने वाले भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करती हैं। 1975 में इस मंदिर को सेठ सूरजमलजी ने बनवाया था। मां दुर्गा ने उनके सपने में आकर इस मंदिर को बनाने की इच्छा जताई थी। 41 कमरे, श्री लंबोरिया महादेवजी मंदिर, श्री लंबोरिया बालाजी मंदिर और सिंहद्वार वाले इस मंदिर में सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है।
चामुंडा देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश
बनेर नदी के किनारे स्थित चामुंडा देवी मंदिर भी भारत के उन मंदिरों में शामिल है जहां भक्त अपनी मनचाही मुराद लेकर पहुंचते हैं। पालमपुर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी तय करके आप यहां तक पहुंच सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि मां को प्रसन्न करने के लिए लोग यहां बलि देते थे। मंदिर के परिसर में एक छोटा तालाब भी बना हुआ है। मंदिर में मां की मूर्ति लाल कपड़े से ढ़की हुई है। दूसरी ओर हनुमान जी और भैरो की मूर्तियां स्थापित हैं।
कामाख्या मंदिर, असम
गुवाहाटी का कामाख्या मंदिर भी मां दुर्गा के लोकप्रिय मंदिरों में से एक है जो नीलांचल पर्वत पर स्थित है। कामाख्या देवी को शक्ति का अवतार माना जाता है। मां दुर्गा के 108 शक्तिपीठ में से एक है कामाख्या। माना जाता है मां सती की योनि यहां गिरी थी जहां मंदिर का निर्माण हुआ है। जिसे सिल्क की साड़ी में लपेटकर फूलों से ढ़ककर मंदिर के अंदर रखा गया है। तांत्रिक दृष्टि से ये जगह बहुत ही खास मानी जाती है। यहां लगने वाले आंबुची मेले और दुर्गा पूजा में भक्तों की भारी भीड़ जुटती है।
अंबा माता मंदिर, गुजरात
गुजरात के जूनागढ़ का अंबा माता मंदिर में माथा टेकने दुनियाभर से भक्त आते हैं। मंदिर बहुत ही खूबसूरत है। गिरनार पर्वत और उसके आसपास का नज़ारा मंदिर को बनाता है और भी बेहतरीन। नव विवाहित जोड़े अपनी खुशहाल जिंदगी की कामना लेकर माता के दर्शन को आते हैं। मंदिर की सबसे ऊंचाई पर पहुंचकर आप यहां के सबसे खूबसूरत नज़ारे को देख सकते हैं।
दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता
कोलकाता के उत्तर में विवेकानंद पुल के पास दक्षिणेश्वर काली मंदिर स्थित है। यह मंदिर मां काली का विश्व में सबसे प्रसिद्ध मंदिर है। भारत के सांस्कृतिक धार्मिक तीर्थ स्थलों में भी दक्षिणेश्वर काली मंदिर सबसे प्राचीन माना जाता है। मंदिर की उत्तर दिशा में राधाकृष्ण का दालान स्थित है। पश्चिम दिशा की ओर बारह शिव मंदिर बंगाल के अटचाला रूप में हैं। चांदनी स्नान घाट के चारों तरफ शिव के छ: मंदिर घाट के दोनों ओर स्थित हैं।
फरवरी खत्म होते ही मौसम सुहावना होने लगता है। इस मौसम में घूमने-फिरने का अपना अलग ही मजा होता है। बीच हो या हिल स्टेशन हर एक जगह का अलग रोमांच होता है। लेकिन अगर आप सफर में बहुत ज्यादा टाइम नहीं गवाना चाहते तो दिल्ली के आसपास बसी इन जगहों पर डालें एक नजर। जहां मिलेगा एडवेंचर का भरपूर मौका।
सर्दियों का मौसम वैसे तो अच्छा लगता है लेकिन इस समय घूमने का भी एक अलग ही आनंद होता है. जी हाँ, इन दिनों अगर घूमने को कह दिया जाए तो उसके लिए कोई मना नहीं करता क्योंकि मौसम बहुत आकर्षक होता है. ऐसे में आज हम आपको उन तीन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ ठहरने का खर्च और हवाई यात्रा का खर्च बहुत कम है. केवल इतना ही नहीं, इन जगहों पर होने वाली ऐक्टिविटी के बारे में भी जान लीजिए जिसे करने में आपको खूब मजा आएगा. आइए बताते हैं आपको आपके लिए विंटर वेकशन के लिए बेस्ट जगह.
12वीं शताब्दी के अंकोरवाट मंदिर को चूना पत्थर की विशाल चट्टानों से कुछ ही दशकों में बना लिया गया था। डेढ़ टन से ज्यादा वजन वाली ये चट्टानें बहुत दूर से लाई जाती थीं। सैकड़ों किलोमीटर दूर से विशाल चट्टानों को लाना तब असंभव सा था। तत्कालीन हिंदू राजा ने मंदिर के लिए करीब स्थित माउंट कुलेन से चट्टानें लाने में भूमिगत नहरों की मदद ली। नावों में लादकरक ये चट्टानें पहुंचाई गई।
यह तो हम सभी जानते है कि नव वर्ष की शुरूआत हो चुकी है. ऐसे में अपने परिवार और दोस्तों के साथ बाहर घूमने फिरने जाने का मन तो हर किसी का होता है.अगर समय की कमी के चलते 31 दिसंबर की रात पार्टी नहीं कर पाए हैं तो कोई बात नहीं. दिल्ली में बहुत सी ऐसी शानदार जगहें हैं जहां पर परिवार और दोस्तों के साथ सैर सपाटे के लिए जाना अच्छा लगेगा. तो चलिए जानें ऐसी ही कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में जहां पर नए साल के मौके पर घूमने के लिए जाया जा सकता है. दिल्ली और दिल्ली के आसपास कई ऐसी जगहें हैं, जहां हरियाली के बीच आप अपनों के साथ पिकनिक मनाने जा सकते हैं. इन जगहों पर जाने के लिए किसी विेशेष अवसर या खास दिन की जरूरत नहीं, बल्कि आप वीकेंड पर भी दोस्तों या परिवार के साथ जा सकते हैं.
मॉनसून में घूमने की प्लानिंग करना थोड़ा रिस्की होता है लेकिन इंडिया में कुछ जगहें ऐसी हैं जहां की खूबसूरती मॉनसून में अपने चरम पर होती है। ऐसी ही जगहों में शामि है पुणे, जिसके आसपास बिखरी है बेशुमार खूबसूरती। वीकेंड में दोस्तों के साथ मस्ती करना चाह रहे हैं या सोलो ट्रिप पर जाना हो, बिंदास होकर इन जगहों का बना सकते हैं प्लान।
घूमने का मतलब सिर्फ डेस्टिनेशन कवर करना नहीं होता बल्कि उस जगह के खानपान, कल्चर और अलग-अलग तरह के एडवेंचर से भी रूबरू होना होता है। ग्रूप और सोलो जैसे ही रोड ट्रिप का भी अपना अलग ही मज़ा होता है और वो भी जब आपकी सवारी साइकिल हो। जी हां, साइकिलिंग करते हुए आराम से उस जगह की हर एक चीज़ के बारे में जानना। हालांकि, इसके साथ डेस्टिनेशन तक पहुंचना इतना आसान नहीं होता लेकिन एडवेंचर के शौकीन इसे बहुत एन्जॉय करते हैं। तो अगर आप भी उनमें से एक है तो इंडिया में साइकिलिंग के लिए कौन से जगहें बेस्ट हैं, इसके बारे में जानेंगे।
इंडिया में सर्फिंग का क्रेज रीवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कूबा डाइविंग और बंजी-जंपिग जितना नहीं, बाहर से आने वाले टूरिस्ट्स के बीच ये एडवेंचर बहुत पॉप्युलर है। लेकिन अब इंडिया में भी धीरे-धीरे लोग इस एडवेंचर को न सिर्फ ट्राय कर रहे हैं बल्कि एन्जॉय भी। तो इस एडवेंचर को एन्जॉय करने के लिए इंडिया में कौन सी जगहें हैं बेस्ट, जानते हैं यहां।
बिहू की शुरूआत होते ही असम का नज़ारा देखने लायक होता है। चारों ओर खेतों में लहलहाती फसल, झूमते-नाचते लोग और तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोज़न इसकी रौनक में चार चांद लगाने का काम करते हैं। असम में रहने वाले ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर हैं इसलिए यहां इस त्योहार का खासा महत्व है। कोई भी फेस्टिवल वहां के पारंपरिक खान-पान के बिना अधूरा है। खानपान के साथ ही लोकगीत और नृत्य का तालमेल बिहू को बनाता है लोकप्रिय। फेस्टिवल में बनाए जाने वाले अलग-अलग तरह के पकवानों में चावल, नारियल, गुड़, तिल और दूध का खासतौर से इस्तेमाल किया जाता है। तो आइए जानते हैं इन व्यंजनों के बारे में...
शक्ति का अवतार मां दुर्गा को ब्रम्हांड के रक्षक के रूप में जाना जाता है। शक्ति और मनोकामना की पूर्ति के लिए मां दुर्गा को पूजा जाता है खासतौर से नवरात्रि के दौरान। चैत्र हो या शरद नवरात्रि, दोनों ही हिंदुओं के लिए बहुत मायने रखता है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु नौ दिनों का उपवास रखते हैं और देवी की पूजा-अराधना करते हैं। भारत में अलग-अलग जगहों पर मां दुर्गा के अनेक मंदिर स्थित हैं जिनकी अलग मान्यताएं और कहानियां हैं। कहते हैं इन जगहों के दर्शन मात्र से बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। तो आज इन्हीं मंदिरों के बारे में जानेंगे।
भारत के सबसे करीब स्थित थाईलैंड सालभर सैलानियों से भरा रहता है। खासतौर पर फुकेत यहां आकर्षण का केंद्र है। यह दक्षिण पूर्व एशिया के लोगों के लिए लोकप्रिय स्थान है, जहां का रेतीला समुद्री तट उन्हें आकर्षित करता है।