मालदीव एक ऐसी डेस्टिनेशन जो बॉलीवुड सितारों की ट्रिप लिस्ट में हमेशा से शामिल रही है। बॉलीवुड सितारे अक्सर मालदीव ट्रिप की फोटो करते हैं। जैसे-कुछ दिनों पहले मलाइका अरोड़ा अपनी गर्ल्स गैंग के साथ मालदीव में छुट्टियां बिता रही थीं। उन्होंने अपनी कई खूबसूरत फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की। ऐसे में अगर आप भी इन गर्मियों में कहीं घूमने-फिरने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो मालदीव आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है। आइए, जानते हैं यहां के दिलचस्प नजारों के बारे में।
मालदीव वैसे तो हनीमून डेस्टिनेशन के तौर पर मशहूर है लेकिन दोस्तों और फैमिली के साथ भी जाकर यहां मौज-मस्ती की जा सकती है। तो आइए जानते हैं यहां आकर कैसे करें अपना ट्रिप एन्जॉय।
सुकून भरी छुट्टियों के लिए दुनिया की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है मालदीव। जिसका एक फीसदी हिस्सा ही जमीन है, बाकी 99% पानी। यहां 26 द्वीप समूहों में 1192 छोटे-छोटे द्वीप हैं जिनमें से केवल दो सौ पर ही लोग रहते हैं। मौसम और माहौल, दोनों ही लिहाज से यह बेहद शानदार जगह है। समुद्र और उससे जुड़ी चीजों के अलावा यहां देखने वाली जगहों में शानदार कला का नमूना इसलामिक सेंटर, 17वीं सदी की बनी हुस्कुरू मिस्किली (जामा मसजिद), 1906 में बना महल मुल्ली-आगी, जहां अब राष्ट्रपति का दफ्तर है और राष्ट्रीय संग्रहालय प्रमुख हैं।
मालदीव आकर इन एक्टिविटीज का भी लें मज़ा
स्कूबा डाइविंग: मालदीव में चूंकि चारों तरफ नजर घुमाने पर पानी ही नजर आता है, इसलिए यहां की सारी गतिविधियां इसी से जुड़ी हैं। या तो आप इनका लुत्फ उठाएं या फिर आराम से अपनी कॉटेज में पसरे रहें। मालदीव का लगभग हर रिसॉर्ट अपने पास स्कूबा डाइविंग के इंतजाम रखता है। सीखने वालों के लिए यहां डाइविंग स्कूल और कोर्स भी हैं। पूरे सालभर डाइविंग के मज़े ले सकते हैं। हर रिसॉर्ट के पास द्वीप के नीचे अपनी एक समुद्री दीवार (रीफ) होती है जिसके चलते तेज लहरों या हवाओं के दौरान भी डाइविंग में कोई बाधा नहीं आती।
अंडरवाटर फोटोग्राफी: डाइविंग करें तो इसमें भी हाथ जरूर आजमाएं। जानकारों का कहना है कि अंडरवाटर फोटोग्राफी के लिए यह दुनिया की बेहतरीन जगहों में से एक है। कोरल रीफ और मछलियों की इतनी किस्में शायद ही कहीं और हो। रही बात कैमरे की तो यहां के डाइविंग स्कूलों में अंडरवाटर कैमरे भी किराये पर मिल जाते हैं।
स्नोर्कलिंग: यह डाइविंग का मास्क और तैरने वाले पंजे लगाकर पानी की सतह के थोड़ा ही नीचे तैरना है। इसका मुख्य मकसद पानी के अंदर की जिंदगी से रूबरू होना है, खास तौर पर उन लोगों के लिए जिन्हें गहरे उतरने की इच्छा नहीं होती। इसके उपकरण भी ज्यादातर रिसॉर्ट में उपलब्ध होते हैं। यह अनुभव इसलिए भी बेहद शानदार है क्योंकि यहां के साफ पानी में आप पचास मीटर दूर तक अच्छे से देख सकते हैं।
सबमैरिन(पनडुब्बी): समुद्र की गहराई का मजा लेने का हक केवल डाइविंग व स्नोर्कलिंग करने वालों को ही नहीं है। मालदीव के रोमांच में हाल का इजाफा जर्मन पनडुब्बी का है जो हर किसी को पानी के नीचे की दुनिया दिखा सकती है- वह भी यार-दोस्तों के साथ एयरकंडीशंड माहौल में। यह दुनिया की सबसे गहरी उतरने वाली और सबसे बड़ी यात्री पनडुब्बी है जो समुद्र में सौ फुट नीचे उतरकर उस दुनिया से आपका परिचय करा सकती है जो अबतक केवल स्कूबा डाइवरों के लिए ही खुली थी। सौ फीसदी सुरक्षा वाला यह रोमांच दुनिया में केवल गिने-चुने स्थानों पर ही उपलब्ध है और मालदीव जाने पर इसका मौका चूकना ठीक न होगा।
सर्फिग: यह अनुभव मालदीव के लिए थोड़ा नया लेकिन तेजी से पांव जमाता हुआ है। अब तो यहां सर्फिग मुकाबले तक होने लगे हैं।
व्हेल व डॉल्फिन: अब यह बात बहुत कम ही लोगों को पता होगी कि मालदीव की गिनती व्हेल व डॉल्फिन के नजारे लेने के लिए दुनिया की पांच सर्वश्रेष्ठ जगहों में होती है। इन दोनों मछलियों की बीस किस्मों का ठिकाना मालदीव के समुद्र में है (यह संख्या इनकी कुल किस्मों की चौथाई है)। इनमें विशालकाय ब्लू व्हेल (दुनिया का सबसे बड़ा प्राणी) से लेकर बेहद छोटी लेकिन उतनी ही कलाबाज स्पिनर डॉल्फिन तक सब शामिल हैं।
राजधानी माले का हवाई अड्डा शहर से परे एक अलग द्वीप पर है। यात्रियों को राजधानी ले जाने के लिए हवाईअड्डा द्वीप से दिन के समय हर पंद्रह मिनट में और आधी रात के बाद हर आंधे घंटे पर एक नौका राजधानी जाती है। जाने का इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं। पर्यटकों के लिए रिसॉर्ट राजधानी माले के अलावा कई अन्य द्वीपों पर हैं। इनमें से कई पर हवाईपट्टियां हैं जहां के लिए एयर टैक्सी उपलब्ध हो जाती है।मालदीव आने के लिए पहले से वीजा की जरूरत नहीं होती। यहां आने के सभी स्थानों पर पहुंचते ही पर्यटकों को तीस दिन का फ्री वीजा दे दिया जाता है।
यहां का मौसम आम तौर पर गरम और उमसभरा होता है। सूरज देवता रोज चमकते हैं और औसत तापमान पूरे सालभर 32 से 29 डिग्री सेल्शियस के बीच रहता है। यहां का मौसम मुख्य रूप से मानसून पर ही निर्भर रहता है। लेकिन फरवरी साल का सबसे सूखा महीना होता है। अप्रैल के बाद से फिर बारिश का दौर शुरू हो जाता है। लेकिन भूमध्य रेखा के निकट होने के कारण यहां तूफान व चक्रवात शायद ही कभी आते हैं। यहां का समय भारतीय समय से आधा घंटा पीछे है।
कैसे जाएं
राजधानी माले के लिए केरल में तिरुवनंतपुरम से सीधी उड़ान है। दिल्ली से कोलंबो होते हुए भी कुछ उड़ानें माले के लिए शुरू हुई हैं। कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें मुंबई होते हुए भी माले जाती हैं। किराया भी बहुत ज्यादा नहीं। तिरुवनंतपुरम से माले का एक व्यक्ति का इकोनॉमी क्लास का वापसी किराया लगभग साढ़े आठ हजार रुपये है। यह उड़ान महज 40 मिनट लेती है।
फरवरी खत्म होते ही मौसम सुहावना होने लगता है। इस मौसम में घूमने-फिरने का अपना अलग ही मजा होता है। बीच हो या हिल स्टेशन हर एक जगह का अलग रोमांच होता है। लेकिन अगर आप सफर में बहुत ज्यादा टाइम नहीं गवाना चाहते तो दिल्ली के आसपास बसी इन जगहों पर डालें एक नजर। जहां मिलेगा एडवेंचर का भरपूर मौका।
सर्दियों का मौसम वैसे तो अच्छा लगता है लेकिन इस समय घूमने का भी एक अलग ही आनंद होता है. जी हाँ, इन दिनों अगर घूमने को कह दिया जाए तो उसके लिए कोई मना नहीं करता क्योंकि मौसम बहुत आकर्षक होता है. ऐसे में आज हम आपको उन तीन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ ठहरने का खर्च और हवाई यात्रा का खर्च बहुत कम है. केवल इतना ही नहीं, इन जगहों पर होने वाली ऐक्टिविटी के बारे में भी जान लीजिए जिसे करने में आपको खूब मजा आएगा. आइए बताते हैं आपको आपके लिए विंटर वेकशन के लिए बेस्ट जगह.
12वीं शताब्दी के अंकोरवाट मंदिर को चूना पत्थर की विशाल चट्टानों से कुछ ही दशकों में बना लिया गया था। डेढ़ टन से ज्यादा वजन वाली ये चट्टानें बहुत दूर से लाई जाती थीं। सैकड़ों किलोमीटर दूर से विशाल चट्टानों को लाना तब असंभव सा था। तत्कालीन हिंदू राजा ने मंदिर के लिए करीब स्थित माउंट कुलेन से चट्टानें लाने में भूमिगत नहरों की मदद ली। नावों में लादकरक ये चट्टानें पहुंचाई गई।
यह तो हम सभी जानते है कि नव वर्ष की शुरूआत हो चुकी है. ऐसे में अपने परिवार और दोस्तों के साथ बाहर घूमने फिरने जाने का मन तो हर किसी का होता है.अगर समय की कमी के चलते 31 दिसंबर की रात पार्टी नहीं कर पाए हैं तो कोई बात नहीं. दिल्ली में बहुत सी ऐसी शानदार जगहें हैं जहां पर परिवार और दोस्तों के साथ सैर सपाटे के लिए जाना अच्छा लगेगा. तो चलिए जानें ऐसी ही कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में जहां पर नए साल के मौके पर घूमने के लिए जाया जा सकता है. दिल्ली और दिल्ली के आसपास कई ऐसी जगहें हैं, जहां हरियाली के बीच आप अपनों के साथ पिकनिक मनाने जा सकते हैं. इन जगहों पर जाने के लिए किसी विेशेष अवसर या खास दिन की जरूरत नहीं, बल्कि आप वीकेंड पर भी दोस्तों या परिवार के साथ जा सकते हैं.
मॉनसून में घूमने की प्लानिंग करना थोड़ा रिस्की होता है लेकिन इंडिया में कुछ जगहें ऐसी हैं जहां की खूबसूरती मॉनसून में अपने चरम पर होती है। ऐसी ही जगहों में शामि है पुणे, जिसके आसपास बिखरी है बेशुमार खूबसूरती। वीकेंड में दोस्तों के साथ मस्ती करना चाह रहे हैं या सोलो ट्रिप पर जाना हो, बिंदास होकर इन जगहों का बना सकते हैं प्लान।
घूमने का मतलब सिर्फ डेस्टिनेशन कवर करना नहीं होता बल्कि उस जगह के खानपान, कल्चर और अलग-अलग तरह के एडवेंचर से भी रूबरू होना होता है। ग्रूप और सोलो जैसे ही रोड ट्रिप का भी अपना अलग ही मज़ा होता है और वो भी जब आपकी सवारी साइकिल हो। जी हां, साइकिलिंग करते हुए आराम से उस जगह की हर एक चीज़ के बारे में जानना। हालांकि, इसके साथ डेस्टिनेशन तक पहुंचना इतना आसान नहीं होता लेकिन एडवेंचर के शौकीन इसे बहुत एन्जॉय करते हैं। तो अगर आप भी उनमें से एक है तो इंडिया में साइकिलिंग के लिए कौन से जगहें बेस्ट हैं, इसके बारे में जानेंगे।
इंडिया में सर्फिंग का क्रेज रीवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कूबा डाइविंग और बंजी-जंपिग जितना नहीं, बाहर से आने वाले टूरिस्ट्स के बीच ये एडवेंचर बहुत पॉप्युलर है। लेकिन अब इंडिया में भी धीरे-धीरे लोग इस एडवेंचर को न सिर्फ ट्राय कर रहे हैं बल्कि एन्जॉय भी। तो इस एडवेंचर को एन्जॉय करने के लिए इंडिया में कौन सी जगहें हैं बेस्ट, जानते हैं यहां।
बिहू की शुरूआत होते ही असम का नज़ारा देखने लायक होता है। चारों ओर खेतों में लहलहाती फसल, झूमते-नाचते लोग और तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोज़न इसकी रौनक में चार चांद लगाने का काम करते हैं। असम में रहने वाले ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर हैं इसलिए यहां इस त्योहार का खासा महत्व है। कोई भी फेस्टिवल वहां के पारंपरिक खान-पान के बिना अधूरा है। खानपान के साथ ही लोकगीत और नृत्य का तालमेल बिहू को बनाता है लोकप्रिय। फेस्टिवल में बनाए जाने वाले अलग-अलग तरह के पकवानों में चावल, नारियल, गुड़, तिल और दूध का खासतौर से इस्तेमाल किया जाता है। तो आइए जानते हैं इन व्यंजनों के बारे में...
शक्ति का अवतार मां दुर्गा को ब्रम्हांड के रक्षक के रूप में जाना जाता है। शक्ति और मनोकामना की पूर्ति के लिए मां दुर्गा को पूजा जाता है खासतौर से नवरात्रि के दौरान। चैत्र हो या शरद नवरात्रि, दोनों ही हिंदुओं के लिए बहुत मायने रखता है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु नौ दिनों का उपवास रखते हैं और देवी की पूजा-अराधना करते हैं। भारत में अलग-अलग जगहों पर मां दुर्गा के अनेक मंदिर स्थित हैं जिनकी अलग मान्यताएं और कहानियां हैं। कहते हैं इन जगहों के दर्शन मात्र से बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। तो आज इन्हीं मंदिरों के बारे में जानेंगे।
भारत के सबसे करीब स्थित थाईलैंड सालभर सैलानियों से भरा रहता है। खासतौर पर फुकेत यहां आकर्षण का केंद्र है। यह दक्षिण पूर्व एशिया के लोगों के लिए लोकप्रिय स्थान है, जहां का रेतीला समुद्री तट उन्हें आकर्षित करता है।