गर्मी की छुट्टियां आने वाली हैं। बच्चों की जिद होती है कि ऐसी जगह घूमने चलें जहां वो एन्जॉय कर पाएं। तो वहीं पत्नी चाहती है कि डेस्टिनेशन ऐसा हो जहां समंदर के किनारे खूब मस्ती भी हो जाए और मन भर के शॉपिंग भी। आप चाहेंगे कि नेचर के करीब या किसी हेरीटेज साइट पर जाकर इतिहास से रूबरू हों या फिर जंगल के बीच चिडिय़ों की चहचहाट के बीच भोर हो। आपके परिवार का जो चाहे मत हो, हर विकल्प है आपके पास, तो फिर देर क्यों? जल्दी से कर लीजिए प्लान एक लॉन्ग वेकेशन का। कुछ फैमिली डेस्टिनेशंस तो हमेशा के लिए आपके मन में बस जाऐंगे।
रोमांच पसंद आएगा बच्चों को
बच्चों को समंदर की मस्ती चाहिए, एडवेंचरस के साथ ही खेलने के ऑप्शन्स भी हों तो इसके लिए आप चुन सकते हैं...
कोवलम बीच
उथले पानी और कम ऊंची लहरें उठने के कारण केरल का कोवलम बीच बच्चों के घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह है। यहां वे समुद्री हवाओं के बीच पानी में मौज-मस्ती कर सकते हैं।
रानीखेत
अगर बच्चे एडवेंचर के शौकीन हैं तो उनके लिए उत्तराखंड में बसा खूबसूरत हिल स्टेशन रानीखेत है। कुमांऊ की पहाडिय़ों के बीच पैराग्लाइडिंग का आनंद भी ले सकते हैं।
ये वादियां और ये फिजाएं
अगर मन है खूबसूरत वादियों में गुम होने और ठंड का अहसास करने का, तो इनमें से किसी पहाड़ की सैर कर आइए।
कलिमपोंग
पश्चिम बंगाल का महत्वपूर्ण हिल स्टेशन है। दार्जिलिंग में बसा कलिमपोंग समुद्र से 1250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण अपने सुहावने मौसम के लिए जाना जाता है। छुट्टियां एंजॉय करने के लिए यह बेस्ट है। दार्जिलिंग से कलिमपोंग के रास्ते में हरे-भरे जंगल और चाय के बागान हैं। लवर्स मीट पर रूककर तीस्ता और रंगीन नदियों का संगम देखा जा सकता है। साथ ही पहाड़ों और नदियों के रास्ते से होकर सिलीगुड़ी भी घूमा जा सकता है।
औली
जिला चमोली में जोशीमठ के पास समुद्रतल से 9 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित औली गढ़वाल एक पर्यटन स्थल है। यहां से चारों ओर खूबसूरत पहाडिय़ों व जंगल का नजारा लिया जा सकता है। यहां ठंड का आनंद भी मिलेगा।
ऊटी
तमिलनाडु के ऊटी में चीड़ के पेड़ों पर बर्फ देखने को मिल सकती है। प्राकृतिक नजारों से घिरे ऊटी के सुंदर कॉटेज, बोटेनिकल गार्डन और फूलों के बाग आकर्षण के प्रमुख केंद्र हैं।
कुर्ग
कर्नाटक में स्थित कुर्ग को भारत का स्कॉटलैंड भी कहा जाता है। यहां के खूबसूरत नजारों में मंडालपत्ती, तिब्बती मठ, कावेरी नदी, इरूपू फॉल, इगुथापा मंदिर, ओंकारेश्र्वर मंदिर, ब्रह्मागिरी पहाड़ी और नाल्कनद महल जैसी जगहें हैं। कुर्ग के कॉफी और मसालों की खेती प्रसिद्ध है।
उत्तर-पूर्व भी है अनोखा
हमारे देश का नॉर्थ-ईस्ट भाग प्राकृतिक सुंदरता से तो भरपूर है। यहां के नजारे पूरे परिवार को लुभाऐंगे।
दार्जिलिंग
पहाड़ों की रानी के नाम से मशहूर दार्जिलिंग एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है। यहां टॉय ट्रेन सुंदर वादियों की सैर कराती है। यहां की टाइगर हिल्स पर सनराइज देखा जा सकता है। साथ ही कंचनजंघा की ऊंची-ऊंची चोटियों को भी रंग बदलते देख सकते हैं। सेंचल झील एक वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी है जो यहीं स्थित है, वहां कई तरह के पक्षियों को देखने का लुत्फ उठा सकते हैं।
शिलॉन्ग
इसे पूरब का स्कॉटलैण्ड भी कहा जाता है। शिलॉन्ग नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के लिए घूमने की पसंदीदा जगहों में से एक है। लंबे-लंबे पाइन के पेड़, पाइनएप्पल की झाडिय़ों के नज़ारे देश-विदेश से सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। समुद्र से 1,520 मीटर की ऊंचाई पर स्थित शिलॉन्ग में क्रिनोलिन फॉल्स और गुन्नर फॉल्स लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशंस हैं। हैप्पी वैली और स्वीट वाटरफॉल शिलॉन्ग के सबसे खूबसूरत वाटरफॉल हैं।
सिक्किम
दिल्ली से बागडोगरा की सीधी फ्लाइट लेकर कैब से सिक्किम की राजधानी गंगटोक पहुंच सकते हैं। गंगटोक में बहुत सी मोनेस्ट्री, वाटर फॉल और झील आदि हैं जो आपको बहुत पसंद आऐंगे।
फरवरी खत्म होते ही मौसम सुहावना होने लगता है। इस मौसम में घूमने-फिरने का अपना अलग ही मजा होता है। बीच हो या हिल स्टेशन हर एक जगह का अलग रोमांच होता है। लेकिन अगर आप सफर में बहुत ज्यादा टाइम नहीं गवाना चाहते तो दिल्ली के आसपास बसी इन जगहों पर डालें एक नजर। जहां मिलेगा एडवेंचर का भरपूर मौका।
सर्दियों का मौसम वैसे तो अच्छा लगता है लेकिन इस समय घूमने का भी एक अलग ही आनंद होता है. जी हाँ, इन दिनों अगर घूमने को कह दिया जाए तो उसके लिए कोई मना नहीं करता क्योंकि मौसम बहुत आकर्षक होता है. ऐसे में आज हम आपको उन तीन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ ठहरने का खर्च और हवाई यात्रा का खर्च बहुत कम है. केवल इतना ही नहीं, इन जगहों पर होने वाली ऐक्टिविटी के बारे में भी जान लीजिए जिसे करने में आपको खूब मजा आएगा. आइए बताते हैं आपको आपके लिए विंटर वेकशन के लिए बेस्ट जगह.
12वीं शताब्दी के अंकोरवाट मंदिर को चूना पत्थर की विशाल चट्टानों से कुछ ही दशकों में बना लिया गया था। डेढ़ टन से ज्यादा वजन वाली ये चट्टानें बहुत दूर से लाई जाती थीं। सैकड़ों किलोमीटर दूर से विशाल चट्टानों को लाना तब असंभव सा था। तत्कालीन हिंदू राजा ने मंदिर के लिए करीब स्थित माउंट कुलेन से चट्टानें लाने में भूमिगत नहरों की मदद ली। नावों में लादकरक ये चट्टानें पहुंचाई गई।
यह तो हम सभी जानते है कि नव वर्ष की शुरूआत हो चुकी है. ऐसे में अपने परिवार और दोस्तों के साथ बाहर घूमने फिरने जाने का मन तो हर किसी का होता है.अगर समय की कमी के चलते 31 दिसंबर की रात पार्टी नहीं कर पाए हैं तो कोई बात नहीं. दिल्ली में बहुत सी ऐसी शानदार जगहें हैं जहां पर परिवार और दोस्तों के साथ सैर सपाटे के लिए जाना अच्छा लगेगा. तो चलिए जानें ऐसी ही कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में जहां पर नए साल के मौके पर घूमने के लिए जाया जा सकता है. दिल्ली और दिल्ली के आसपास कई ऐसी जगहें हैं, जहां हरियाली के बीच आप अपनों के साथ पिकनिक मनाने जा सकते हैं. इन जगहों पर जाने के लिए किसी विेशेष अवसर या खास दिन की जरूरत नहीं, बल्कि आप वीकेंड पर भी दोस्तों या परिवार के साथ जा सकते हैं.
मॉनसून में घूमने की प्लानिंग करना थोड़ा रिस्की होता है लेकिन इंडिया में कुछ जगहें ऐसी हैं जहां की खूबसूरती मॉनसून में अपने चरम पर होती है। ऐसी ही जगहों में शामि है पुणे, जिसके आसपास बिखरी है बेशुमार खूबसूरती। वीकेंड में दोस्तों के साथ मस्ती करना चाह रहे हैं या सोलो ट्रिप पर जाना हो, बिंदास होकर इन जगहों का बना सकते हैं प्लान।
घूमने का मतलब सिर्फ डेस्टिनेशन कवर करना नहीं होता बल्कि उस जगह के खानपान, कल्चर और अलग-अलग तरह के एडवेंचर से भी रूबरू होना होता है। ग्रूप और सोलो जैसे ही रोड ट्रिप का भी अपना अलग ही मज़ा होता है और वो भी जब आपकी सवारी साइकिल हो। जी हां, साइकिलिंग करते हुए आराम से उस जगह की हर एक चीज़ के बारे में जानना। हालांकि, इसके साथ डेस्टिनेशन तक पहुंचना इतना आसान नहीं होता लेकिन एडवेंचर के शौकीन इसे बहुत एन्जॉय करते हैं। तो अगर आप भी उनमें से एक है तो इंडिया में साइकिलिंग के लिए कौन से जगहें बेस्ट हैं, इसके बारे में जानेंगे।
इंडिया में सर्फिंग का क्रेज रीवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कूबा डाइविंग और बंजी-जंपिग जितना नहीं, बाहर से आने वाले टूरिस्ट्स के बीच ये एडवेंचर बहुत पॉप्युलर है। लेकिन अब इंडिया में भी धीरे-धीरे लोग इस एडवेंचर को न सिर्फ ट्राय कर रहे हैं बल्कि एन्जॉय भी। तो इस एडवेंचर को एन्जॉय करने के लिए इंडिया में कौन सी जगहें हैं बेस्ट, जानते हैं यहां।
बिहू की शुरूआत होते ही असम का नज़ारा देखने लायक होता है। चारों ओर खेतों में लहलहाती फसल, झूमते-नाचते लोग और तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोज़न इसकी रौनक में चार चांद लगाने का काम करते हैं। असम में रहने वाले ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर हैं इसलिए यहां इस त्योहार का खासा महत्व है। कोई भी फेस्टिवल वहां के पारंपरिक खान-पान के बिना अधूरा है। खानपान के साथ ही लोकगीत और नृत्य का तालमेल बिहू को बनाता है लोकप्रिय। फेस्टिवल में बनाए जाने वाले अलग-अलग तरह के पकवानों में चावल, नारियल, गुड़, तिल और दूध का खासतौर से इस्तेमाल किया जाता है। तो आइए जानते हैं इन व्यंजनों के बारे में...
शक्ति का अवतार मां दुर्गा को ब्रम्हांड के रक्षक के रूप में जाना जाता है। शक्ति और मनोकामना की पूर्ति के लिए मां दुर्गा को पूजा जाता है खासतौर से नवरात्रि के दौरान। चैत्र हो या शरद नवरात्रि, दोनों ही हिंदुओं के लिए बहुत मायने रखता है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु नौ दिनों का उपवास रखते हैं और देवी की पूजा-अराधना करते हैं। भारत में अलग-अलग जगहों पर मां दुर्गा के अनेक मंदिर स्थित हैं जिनकी अलग मान्यताएं और कहानियां हैं। कहते हैं इन जगहों के दर्शन मात्र से बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। तो आज इन्हीं मंदिरों के बारे में जानेंगे।
भारत के सबसे करीब स्थित थाईलैंड सालभर सैलानियों से भरा रहता है। खासतौर पर फुकेत यहां आकर्षण का केंद्र है। यह दक्षिण पूर्व एशिया के लोगों के लिए लोकप्रिय स्थान है, जहां का रेतीला समुद्री तट उन्हें आकर्षित करता है।