भारत एक ऐसी जगह है जहां घूमने के लिए इतने सारे डेस्टिनेशनंस हैं और हर एक जगह की अपनी अलग खासियत। फरवरी का महीना ऐसा होता है जब मौसम बहुत ही खुशगवार होता है। ऐसे में किले, वाइल्डलाइफ सेंचुरी और हिलस्टेशन जाकर न सिर्फ बहुत सारी चीज़ें देखने का मौका मिलता है बल्कि दो से तीन दिन की छुट्टियां भी इन्हें घूमने के लिए काफी होती हैं। तो आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ शानदार जगहों के बारे में...
टूरिस्ट डेस्टिनेशन जो हैं फरवरी महीने में घूमने के लिए बेस्ट
माल देवता, उत्तराखंड
देहरादून लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां के करीब 18 किमी. की दूरी पर माल देवता है। प्रकृति के गोद में बसा माल देवता का दृश्य देखते ही बनता है। यहां पहाड़ों से गिरने वाले छोटे-छोटे झरने पर्यटकों को आकर्षित ही नहीं बल्कि उन्हें वहां वक्त गुजारने पर मजबूर कर देते हैं। कहते हैं कि देहरादून आए और माल देवता नहीं गए तो आपने बहुत कुछ मिस कर दिया। नेचर वॉक के अलावा, तमाम तरह के एक्टिविटीज में भी हिस्सा ले सकते हैं। अगर चिडि़यों का चहचहाना पसंद है, तो बर्ड वॉचिंग का भी लुत्फ उठा सकते हैं। यहां की खूबसूरत वादियों में कैंपिंग का मन करे, तो रेंट पर कैंप आसानी से मिल जाते हैं। साथ ही यहां ट्रेकिंग का शौक भी पूरा कर सकते हैं। देहरादून का नजदीकी हवाई अड्डा जौली ग्रांट है, जो शहर से 20 किमी. दूर स्थित है। दिल्ली से दूहरादून के लिए वोल्वो, डीलक्स और उत्तराखंड राज्य परिवहन के बसें भी चलती है। ट्रेन से भी देहरादून जा सकते हैं।
आगरा, उत्तर प्रदेश
वीकेंड के लिए आगरा भी अच्छा ऑप्शन है जहां दिल्ली से यमुना एक्सप्रेस वे के जरिए एक दिन में घूमकर आ सकते हैं। फरवरी महीने में यहां ताज महोत्सव भी आयोजित होता है। आगरा में ताजमहल और इसके आसपास कई दूसरी घूमने वाली जगहें भी हैं। ताजमहल की वास्तुकला को दुनिया में सबसे नायाब मना जाता है। इसके अलावा मेहताब बाग जा सकते हैं। इस बाग की कल्पना ताजमहल से पहले की गई थी। यह उन जगहों में से एक है जहां से ताजमहल का नज़ारा देखा जा सकता है। आप फतेहपुर सीकरी भी जा सकते हैं, जो आगरा से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित है। इस शहर को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल का दर्जा दिया गया है।
मोरनी, हरियाणा
हरियाणा स्थित मोरनी एक खूबसूरत जगह है। यह सिर्फ प्रकृति प्रेमियों को ही नहीं बल्कि एडवेंचर पसंद लोगों को भी आकर्षित करता है। यह जगह बोटिंग, ट्रैकिंग और कैंपिंग के लिए अनुकूल है। शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित पुराना ऐतिहासिक किला और यहां से 9 किमी की दूरी पर स्थित टिक्कर ताल घूमने वाली बहुत ही खूबसूरत जगहें हैं। अगर बच्चों के साथ जा रहे हैं तो यहां एडवेंचर थीम पार्क भी है। यहां पहुंचने के बाद लगेगा मानो भीड़भाड़ की दुनिया से कहीं दूर प्रकृति की गोद में आ गए हैं। मोरनी की सुखना झील भी टूरिस्टों को खूब भाती है। इसके अलावा सैलानी पाइन ट्रैक, रिवर ट्रैक और टीकर ताल ट्रैक में ट्रैकिंग और रिवर वैली में रॉफ्टिंग का मजा भी ले सकते हैं। मोरनी पहुंचने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन कालका और चंडीगढ़ है।
नीमराणा, राजस्थान
राजस्थान के अलवर जिले में स्थित नीमराणा वीकेंड गेटवे की तरह है। अरावली रेंज में स्थित नीमराणा ऐतिहासिक फोर्ट के साथ-साथ खूबसूरत लेक, वैली और वाइल्डलाइफ के लिए भी मशहूर है। यह दिल्ली से करीब 122 किमी की दूरी पर दिल्ली-जयपुर हाइवे पर स्थित है। यहां का नीमराणा फोर्ट पैलेस काफी लोकप्रिय है। यह देश के प्राचीनतम हेरिटेज रिजॉर्ट्स में से एक है। यह भव्य किला बाहर से देखने में तो मनमोहक है ही, किले के अंदर से बाहर का नज़ारा उससे भी कहीं अधिक आकर्षक है। यह किला तीन एकड़ इलाके में पहाड़ी को काटकर बनाया गया है। इस तरह महल में नीचे से ऊपर जाना पहाड़ी चढ़ने जैसा ही है। यह काफी कलात्मक है। ज्यादातर कमरों की अपनी अलग बॉलकनी है, जो आसपास की प्रकृति का पूरा नजारा देती है। इसके आसपास महल, बाला किला, सरिस्का नेशनल पार्क, कैसरौली आदि भी घूमने वाली जगहें हैं। दिल्ली से अलवर के लिए बस मिलती है। वैसे खुद भी ड्राइव करके नीमराणा तक 3-4 घंटे में पहुंचा जा सकता है।
शिमला, हिमाचल प्रदेश
फैमिली के साथ स्नोफॉल के रोमांच से रूबरू होना चाहते हैं, तो फिर शिमला आइडियल डेस्टिनेशन हो सकता है। चारों तरफ प्रकृति के बेहद खूबसूरत नजारों से घिरे इस जगह पर इस मौसम में बर्फबारी का आनंद लिया जा सकता है। यहां का माल रोड खाने-पीने और शॉपिंग के लिए परफेक्ट है। पास ही में खूबसूरत चर्च भी है, जहां जाना न भूलें। अगर आपके पास समय है, तो जाखू मंदिर जरूर जा सकते हैं, यहां हमुमानजी की बड़ी प्रतिमा है। काली बारी मंदिर भी यहां का मुख्य आकर्षण है, यह मंदिर शहर से केंद्र में स्थित है। माल रोड पर फैमिली के साथ पारंपरिक परिधानों में फोटो खिंचवा सकते हैं। हालांकि उस समय यह आपको थोड़ा असहज लग सकता है, लेकिन इन यादों को लंबे समय तक संजो कर रखना चाहेंगे। शिमला दिल्ली से 370 किमी. और चंडीगढ़ से 117 किमी. दूर है। दिल्ली से कालका तक ट्रेन से जाकर कालका से शिमला तक का सफर टॉय ट्रेन से भी तय कर सकते हैं। 103 सुरंगों और हरी-भरी पहाडि़यों से गुजरते हुए इस सफर का अलग ही मजा है।
फरवरी खत्म होते ही मौसम सुहावना होने लगता है। इस मौसम में घूमने-फिरने का अपना अलग ही मजा होता है। बीच हो या हिल स्टेशन हर एक जगह का अलग रोमांच होता है। लेकिन अगर आप सफर में बहुत ज्यादा टाइम नहीं गवाना चाहते तो दिल्ली के आसपास बसी इन जगहों पर डालें एक नजर। जहां मिलेगा एडवेंचर का भरपूर मौका।
सर्दियों का मौसम वैसे तो अच्छा लगता है लेकिन इस समय घूमने का भी एक अलग ही आनंद होता है. जी हाँ, इन दिनों अगर घूमने को कह दिया जाए तो उसके लिए कोई मना नहीं करता क्योंकि मौसम बहुत आकर्षक होता है. ऐसे में आज हम आपको उन तीन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ ठहरने का खर्च और हवाई यात्रा का खर्च बहुत कम है. केवल इतना ही नहीं, इन जगहों पर होने वाली ऐक्टिविटी के बारे में भी जान लीजिए जिसे करने में आपको खूब मजा आएगा. आइए बताते हैं आपको आपके लिए विंटर वेकशन के लिए बेस्ट जगह.
12वीं शताब्दी के अंकोरवाट मंदिर को चूना पत्थर की विशाल चट्टानों से कुछ ही दशकों में बना लिया गया था। डेढ़ टन से ज्यादा वजन वाली ये चट्टानें बहुत दूर से लाई जाती थीं। सैकड़ों किलोमीटर दूर से विशाल चट्टानों को लाना तब असंभव सा था। तत्कालीन हिंदू राजा ने मंदिर के लिए करीब स्थित माउंट कुलेन से चट्टानें लाने में भूमिगत नहरों की मदद ली। नावों में लादकरक ये चट्टानें पहुंचाई गई।
यह तो हम सभी जानते है कि नव वर्ष की शुरूआत हो चुकी है. ऐसे में अपने परिवार और दोस्तों के साथ बाहर घूमने फिरने जाने का मन तो हर किसी का होता है.अगर समय की कमी के चलते 31 दिसंबर की रात पार्टी नहीं कर पाए हैं तो कोई बात नहीं. दिल्ली में बहुत सी ऐसी शानदार जगहें हैं जहां पर परिवार और दोस्तों के साथ सैर सपाटे के लिए जाना अच्छा लगेगा. तो चलिए जानें ऐसी ही कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में जहां पर नए साल के मौके पर घूमने के लिए जाया जा सकता है. दिल्ली और दिल्ली के आसपास कई ऐसी जगहें हैं, जहां हरियाली के बीच आप अपनों के साथ पिकनिक मनाने जा सकते हैं. इन जगहों पर जाने के लिए किसी विेशेष अवसर या खास दिन की जरूरत नहीं, बल्कि आप वीकेंड पर भी दोस्तों या परिवार के साथ जा सकते हैं.
मॉनसून में घूमने की प्लानिंग करना थोड़ा रिस्की होता है लेकिन इंडिया में कुछ जगहें ऐसी हैं जहां की खूबसूरती मॉनसून में अपने चरम पर होती है। ऐसी ही जगहों में शामि है पुणे, जिसके आसपास बिखरी है बेशुमार खूबसूरती। वीकेंड में दोस्तों के साथ मस्ती करना चाह रहे हैं या सोलो ट्रिप पर जाना हो, बिंदास होकर इन जगहों का बना सकते हैं प्लान।
घूमने का मतलब सिर्फ डेस्टिनेशन कवर करना नहीं होता बल्कि उस जगह के खानपान, कल्चर और अलग-अलग तरह के एडवेंचर से भी रूबरू होना होता है। ग्रूप और सोलो जैसे ही रोड ट्रिप का भी अपना अलग ही मज़ा होता है और वो भी जब आपकी सवारी साइकिल हो। जी हां, साइकिलिंग करते हुए आराम से उस जगह की हर एक चीज़ के बारे में जानना। हालांकि, इसके साथ डेस्टिनेशन तक पहुंचना इतना आसान नहीं होता लेकिन एडवेंचर के शौकीन इसे बहुत एन्जॉय करते हैं। तो अगर आप भी उनमें से एक है तो इंडिया में साइकिलिंग के लिए कौन से जगहें बेस्ट हैं, इसके बारे में जानेंगे।
इंडिया में सर्फिंग का क्रेज रीवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कूबा डाइविंग और बंजी-जंपिग जितना नहीं, बाहर से आने वाले टूरिस्ट्स के बीच ये एडवेंचर बहुत पॉप्युलर है। लेकिन अब इंडिया में भी धीरे-धीरे लोग इस एडवेंचर को न सिर्फ ट्राय कर रहे हैं बल्कि एन्जॉय भी। तो इस एडवेंचर को एन्जॉय करने के लिए इंडिया में कौन सी जगहें हैं बेस्ट, जानते हैं यहां।
बिहू की शुरूआत होते ही असम का नज़ारा देखने लायक होता है। चारों ओर खेतों में लहलहाती फसल, झूमते-नाचते लोग और तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोज़न इसकी रौनक में चार चांद लगाने का काम करते हैं। असम में रहने वाले ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर हैं इसलिए यहां इस त्योहार का खासा महत्व है। कोई भी फेस्टिवल वहां के पारंपरिक खान-पान के बिना अधूरा है। खानपान के साथ ही लोकगीत और नृत्य का तालमेल बिहू को बनाता है लोकप्रिय। फेस्टिवल में बनाए जाने वाले अलग-अलग तरह के पकवानों में चावल, नारियल, गुड़, तिल और दूध का खासतौर से इस्तेमाल किया जाता है। तो आइए जानते हैं इन व्यंजनों के बारे में...
शक्ति का अवतार मां दुर्गा को ब्रम्हांड के रक्षक के रूप में जाना जाता है। शक्ति और मनोकामना की पूर्ति के लिए मां दुर्गा को पूजा जाता है खासतौर से नवरात्रि के दौरान। चैत्र हो या शरद नवरात्रि, दोनों ही हिंदुओं के लिए बहुत मायने रखता है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु नौ दिनों का उपवास रखते हैं और देवी की पूजा-अराधना करते हैं। भारत में अलग-अलग जगहों पर मां दुर्गा के अनेक मंदिर स्थित हैं जिनकी अलग मान्यताएं और कहानियां हैं। कहते हैं इन जगहों के दर्शन मात्र से बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। तो आज इन्हीं मंदिरों के बारे में जानेंगे।
भारत के सबसे करीब स्थित थाईलैंड सालभर सैलानियों से भरा रहता है। खासतौर पर फुकेत यहां आकर्षण का केंद्र है। यह दक्षिण पूर्व एशिया के लोगों के लिए लोकप्रिय स्थान है, जहां का रेतीला समुद्री तट उन्हें आकर्षित करता है।