मशहूर टीवी जोड़ी दिव्यांका त्रिपाठी पति विवेक दाहिया के साथ स्विट्जरलैंड में मना रही हैं छुट्टियां। बॉलीवुड सितारों का क्रिसमस से शुरू हुआ हॉलीडे अभी भी जारी है। हाल ही में करीना और सैफ भी तैमूर के साथ यहां नज़र आए थे। स्विट्जरलैंड बॉलीवुड सेलिब्रिटीज के फेवरेट डेस्टिनेश्स में से एक है और डीडीएलजे मूवी के बाद तो इसका क्रेज डबल हो गया। इसलिए यहां साल के ज्यादातर महीनों में टूरिस्टों की भीड़ देखी जा सकती है। खैर अभी हम दिव्यांका और विवेक के रोमांटिक हॉलीडे के बारे में बात करेंगे। जो लगातार अपने इंस्टाग्राम पर वहां की खूबसूरत तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं।
तो अगर आपके भी ट्रैवल लिस्ट में स्विट्जरलैंड शामिल है तो तस्वीरों से अलग और भी कई चीज़ों के बारे में जान लेना जरूरी है जिससे आप वहां वेकेशन को जमकर एन्जॉय कर सकें।
कब जाएं
वैसे तो आप साल में कभी भी स्विट्ज़रलैंड जाने की प्लानिंग कर सकते हैं और साथ ही जमकर मस्ती भी। लेकिन सीज़न में जाना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि उस दौरान और नेचर, एडवेंचर हर एक चीज़ का लुत्फ उठा सकते हैं।
स्विट्ज़रलैंड में तीन टूरिस्ट सीज़न होते हैं।
लो सीज़न (अक्टूबर- मार्च)- इस दौरान यहां पहाड़ों पर रिजॉर्ट्स बंद रहते हैं। रेस्टोरेंट्स भी बहुत ही कम देर के लिए खुलते हैं। हां लेकिन इस दौरान आपको हर एक चीज़ आधे दाम पर मिलेगी।
मिड सीज़न (अप्रैल-जून और सितंबर)- गर्मियों के चलते पहाड़ों के रिजॉर्ट्स टूरिस्टों के लिए खुल जाते हैं। इस दौरान भी आपको चीज़ें बजट में मिल जाएंगी।
हाई सीज़न (जुलाई, अगस्त और दिसंबर-अप्रैल)- इस दौरान सारी चीज़ें खुली रहती हैं और पूरा स्विट्ज़रलैंड टूरिस्टों से भरा रहता है।
स्विट्ज़रलैंड के लिए पैकिंग
स्विट्ज़रलैंड घूमने जाने की प्लानिंग जिस भी सीज़न में करें आप आराम से उस हिसाब से चीज़ों की पैकिंग कर सकते हैं। हां लेकिन सर्दियों में यहां का तापमान बहुत गिरता है और पहाड़ों पर रूकने की सोच रहे हैं तो मौसम कोई भी हो गर्म कपड़ें जरूर साथ रखें।
स्विट्ज़रलैंड जाकर इन चीज़ों को करें एन्जॉय
बर्न की खूबसूरती को करें एक्सप्लोर
हालांकि ये बहुत ही छोटा शहर है लेकिन इसे स्विट्ज़रलैंड का कैपिटल कहा जाता है। यहां की सड़कों और इमारतों पर मध्यकालीन आर्किटेक्चर देखने को मिलेगा। पुरानी क्लॉक टावर, चर्च, कॉबलस्टोन स्ट्रीट और फेडरल पैलेस यहां देखने वाली खूबसूरत जगहें हैँ। जिसे आप आराम से पैदल वॉक करते हुए एन्जॉय कर सकते हैं।
एडवेंचरस है इंटरलेकन
स्विट्ज़रलैंड का एडवेंचर कैपिटल है इंटरलेकन। स्काई-डाइविंग से लेकर स्कीइंग, हाइकिंग जैसी कई एक्टिविटीज टूरिस्टों को करती है अपनी ओर अट्रैक्ट।
राइन फॉल्स
यूरोप के सबसे बड़ा वॉटरफॉल है यहां। जिसे देखना वाकई अद्भुत है। ये एक बहुत ही खूबसूरत पिकनिक स्पॉट भी है। आसापस के गांव इस जगह को बनाते हैं और भी शानदार।
ज्यूरिख
पहाड़ और झीलों से सजा हुआ है ज्यूरिख। ऐतिहासिक सिटी सेंटर, झील और पार्क, बार- रेस्टोरेंट्स और नाइटलाइफ टूरिस्टों को आकर्षित करने का कोई मौका नहीं छोड़ती।
स्विट्ज़रलैंड के मशहूर खानपान
रोस्टी (Rosti)
आलू को अच्छे से कद्दूकस कर उसे पैन में क्रिस्पी गोल्डेन फ्राई करते हैं। ये यहां की नेशनल डिशेज़ में से एक है। इसे ब्रेकफास्ट के तौर पर खाया जाता है। इसके ऊपर सॉल्टी बेकन, फ्राइड अंडे और मेल्टेड चीज़ की टॉपिंग होती है। जो इसे बनाता है और ज्यादा टेस्टी।
एल्पलरमॉगरोनन (Alplermagronen)
मैक्रॉनी और नॉर्मल चीज़ से अलग स्विट्जरलैंड का एल्पलरमॉगरोनन जरूर ट्राय करें। स्विट्जरलैंड के दावोस में इसे सबसे ज्यादा खाया जाता है। आलू, मैक्रॉनी, चीज़ और क्रीम से तैयार एल्पलरमॉगरोनन बहुत ही टेस्टी होता है।
फोंडू (Fondue)
ये यह पिघली हुई चीज़ है जिसे एमेंटल किया जाता है फिर लहसुन और कभी-कभी कुछ मिक्स हर्ब्स के साथ मिलाया जाता है। इसमें ब्रेड के छोटे-छोटे टुकड़े कर चीज में डुबोकर खास तरह के मिट्टी के बर्तन में सर्व किया जाता है।
बेसल स्टाइल रोस्टेड फ्लार सूप (Basel style roasted flour soup)
इस सूप को कई अलग-अलग तरीकों से बनाया जाता है। लेकिन आमतौर पर आटा, मक्खन, प्याज और बीफ स्टॉक से इसे तैयार किया जाता है। इसे तब तक पकाया जाता है जब तक आटे का रंग ब्राउन न हो जाए।
रासलेत (Raclette)
एक गाय के दूध से बनने वाला चीज़ है। चीज़ को पिघलाकर इसे आलू और अचार के साथ सर्व किया जाता है।
फरवरी खत्म होते ही मौसम सुहावना होने लगता है। इस मौसम में घूमने-फिरने का अपना अलग ही मजा होता है। बीच हो या हिल स्टेशन हर एक जगह का अलग रोमांच होता है। लेकिन अगर आप सफर में बहुत ज्यादा टाइम नहीं गवाना चाहते तो दिल्ली के आसपास बसी इन जगहों पर डालें एक नजर। जहां मिलेगा एडवेंचर का भरपूर मौका।
सर्दियों का मौसम वैसे तो अच्छा लगता है लेकिन इस समय घूमने का भी एक अलग ही आनंद होता है. जी हाँ, इन दिनों अगर घूमने को कह दिया जाए तो उसके लिए कोई मना नहीं करता क्योंकि मौसम बहुत आकर्षक होता है. ऐसे में आज हम आपको उन तीन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ ठहरने का खर्च और हवाई यात्रा का खर्च बहुत कम है. केवल इतना ही नहीं, इन जगहों पर होने वाली ऐक्टिविटी के बारे में भी जान लीजिए जिसे करने में आपको खूब मजा आएगा. आइए बताते हैं आपको आपके लिए विंटर वेकशन के लिए बेस्ट जगह.
12वीं शताब्दी के अंकोरवाट मंदिर को चूना पत्थर की विशाल चट्टानों से कुछ ही दशकों में बना लिया गया था। डेढ़ टन से ज्यादा वजन वाली ये चट्टानें बहुत दूर से लाई जाती थीं। सैकड़ों किलोमीटर दूर से विशाल चट्टानों को लाना तब असंभव सा था। तत्कालीन हिंदू राजा ने मंदिर के लिए करीब स्थित माउंट कुलेन से चट्टानें लाने में भूमिगत नहरों की मदद ली। नावों में लादकरक ये चट्टानें पहुंचाई गई।
यह तो हम सभी जानते है कि नव वर्ष की शुरूआत हो चुकी है. ऐसे में अपने परिवार और दोस्तों के साथ बाहर घूमने फिरने जाने का मन तो हर किसी का होता है.अगर समय की कमी के चलते 31 दिसंबर की रात पार्टी नहीं कर पाए हैं तो कोई बात नहीं. दिल्ली में बहुत सी ऐसी शानदार जगहें हैं जहां पर परिवार और दोस्तों के साथ सैर सपाटे के लिए जाना अच्छा लगेगा. तो चलिए जानें ऐसी ही कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में जहां पर नए साल के मौके पर घूमने के लिए जाया जा सकता है. दिल्ली और दिल्ली के आसपास कई ऐसी जगहें हैं, जहां हरियाली के बीच आप अपनों के साथ पिकनिक मनाने जा सकते हैं. इन जगहों पर जाने के लिए किसी विेशेष अवसर या खास दिन की जरूरत नहीं, बल्कि आप वीकेंड पर भी दोस्तों या परिवार के साथ जा सकते हैं.
मॉनसून में घूमने की प्लानिंग करना थोड़ा रिस्की होता है लेकिन इंडिया में कुछ जगहें ऐसी हैं जहां की खूबसूरती मॉनसून में अपने चरम पर होती है। ऐसी ही जगहों में शामि है पुणे, जिसके आसपास बिखरी है बेशुमार खूबसूरती। वीकेंड में दोस्तों के साथ मस्ती करना चाह रहे हैं या सोलो ट्रिप पर जाना हो, बिंदास होकर इन जगहों का बना सकते हैं प्लान।
घूमने का मतलब सिर्फ डेस्टिनेशन कवर करना नहीं होता बल्कि उस जगह के खानपान, कल्चर और अलग-अलग तरह के एडवेंचर से भी रूबरू होना होता है। ग्रूप और सोलो जैसे ही रोड ट्रिप का भी अपना अलग ही मज़ा होता है और वो भी जब आपकी सवारी साइकिल हो। जी हां, साइकिलिंग करते हुए आराम से उस जगह की हर एक चीज़ के बारे में जानना। हालांकि, इसके साथ डेस्टिनेशन तक पहुंचना इतना आसान नहीं होता लेकिन एडवेंचर के शौकीन इसे बहुत एन्जॉय करते हैं। तो अगर आप भी उनमें से एक है तो इंडिया में साइकिलिंग के लिए कौन से जगहें बेस्ट हैं, इसके बारे में जानेंगे।
इंडिया में सर्फिंग का क्रेज रीवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कूबा डाइविंग और बंजी-जंपिग जितना नहीं, बाहर से आने वाले टूरिस्ट्स के बीच ये एडवेंचर बहुत पॉप्युलर है। लेकिन अब इंडिया में भी धीरे-धीरे लोग इस एडवेंचर को न सिर्फ ट्राय कर रहे हैं बल्कि एन्जॉय भी। तो इस एडवेंचर को एन्जॉय करने के लिए इंडिया में कौन सी जगहें हैं बेस्ट, जानते हैं यहां।
बिहू की शुरूआत होते ही असम का नज़ारा देखने लायक होता है। चारों ओर खेतों में लहलहाती फसल, झूमते-नाचते लोग और तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोज़न इसकी रौनक में चार चांद लगाने का काम करते हैं। असम में रहने वाले ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर हैं इसलिए यहां इस त्योहार का खासा महत्व है। कोई भी फेस्टिवल वहां के पारंपरिक खान-पान के बिना अधूरा है। खानपान के साथ ही लोकगीत और नृत्य का तालमेल बिहू को बनाता है लोकप्रिय। फेस्टिवल में बनाए जाने वाले अलग-अलग तरह के पकवानों में चावल, नारियल, गुड़, तिल और दूध का खासतौर से इस्तेमाल किया जाता है। तो आइए जानते हैं इन व्यंजनों के बारे में...
शक्ति का अवतार मां दुर्गा को ब्रम्हांड के रक्षक के रूप में जाना जाता है। शक्ति और मनोकामना की पूर्ति के लिए मां दुर्गा को पूजा जाता है खासतौर से नवरात्रि के दौरान। चैत्र हो या शरद नवरात्रि, दोनों ही हिंदुओं के लिए बहुत मायने रखता है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु नौ दिनों का उपवास रखते हैं और देवी की पूजा-अराधना करते हैं। भारत में अलग-अलग जगहों पर मां दुर्गा के अनेक मंदिर स्थित हैं जिनकी अलग मान्यताएं और कहानियां हैं। कहते हैं इन जगहों के दर्शन मात्र से बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। तो आज इन्हीं मंदिरों के बारे में जानेंगे।
भारत के सबसे करीब स्थित थाईलैंड सालभर सैलानियों से भरा रहता है। खासतौर पर फुकेत यहां आकर्षण का केंद्र है। यह दक्षिण पूर्व एशिया के लोगों के लिए लोकप्रिय स्थान है, जहां का रेतीला समुद्री तट उन्हें आकर्षित करता है।