भोपाल। पहले मंत्रिमंडल चयन और अब मंत्रियों के विभाग वितरण में फंसे पेंच ने यह साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने मन के फैसले नहीं कर पा रहे हैं। मंत्रिमंडल गठन के बाद कैबिनेट की तीन बैठकें हो चुकी हैं। महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जा रहे हैं, लेकिन गुरुवार रात तक मंत्रियों के विभागों के बारे में फैसला नहीं हो पाया था।
कमलनाथ की गिनती सियासी जगत में आला दर्जे के नेता के तौर पर होती है। वे कांग्रेस के संभवत: ऐसे इकलौते नेता हैं जिन्हें कांग्रेस में सक्रिय गांधी परिवार के लगभग सभी हुक्मरानों के विश्वासपात्र रहने का मौका मिला।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी उनके पुत्र संजय गांधी, राजीव गांधी बाद में सोनिया गांधी और अब राहुल गांधी तक, सबके निकट रहने का नाथ को अवसर मिला। इसी निकटता और पार्टी में उनकी वरिष्ठता के चलते उन्हें मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का सात माह पहले अध्यक्ष बनाया गया और सरकार बनने पर मुख्यमंत्री।
हालांकि उनका नाम फाइनल होने से पहले दो दिन तक दिल्ली में मैराथन बैठक होती रही। नाथ के साथ-साथ कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार बताए जा रहे थे, इसलिए कमलनाथ के चयन में विलंब हुआ। नाथ की शपथ के बाद विभागों को लेकर भी खूब मशक्कत हुई।
कमल नाथ, सिंधिया, दिग्विजय सिंह के बीच पांच दिन तक दिल्ली में मंत्रियों के नामों को लेकर माथापच्ची होती रही। सिंधिया के समर्थकों को ठीक-ठाक संख्या में लेने पर सहमति बनी, तब जाकर लिस्ट फाइनल हुई और मंत्रियों की शपथ हो पाई। शपथ के बाद विभाग वितरण में फिर पेंच उलझ गया।
शपथ मंगलवार को हुई और गुरुवार रात तक यह तय नहीं था कि किस मंत्री को कौन-सा विभाग मिलेगा। जबकि इस बीच कैबिनेट की एक औपचारिक और दो अनौपचारिक बैठकें भी हो चुकी है।
मंत्री, उनके समर्थक, ब्यूरोक्रेसी से लेकर पूरा प्रदेश यह जानने को उत्सुक है कि विभाग वितरण में आखिर विलंब क्यों हो रहा है। माना जाता है कि विभाग वितरण मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है, क्योंकि रिजल्ट उन्हें देने हैं इसलिए यह अधिकार तो उनके पास सुरक्षित रहता है कि किससे-कौन सा काम कराएं, लेकिन जिस तरह से रस्साकशी चल रही है उसे देखकर नहीं लगता कि कमलनाथ के पास फ्री हैंड हो।
नाथ के समर्थक उनका समन्वयवादी रूख मानते हैं। समर्थकों का कहना है कि चूंकि सरकार सभी की कोशिशों से आई है इसलिए नाथ सभी गुटों को स्थान देने के लिए उनकी राय जान रहे हैं। जबकि असलियत यह है कि प्रभावशाली विभागों के चक्कर में मंत्री और उनके अलंबरदारों का दबाव है।
भोपाल। कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने कहा कि सिल्क टूरिज्म के विकास से रेशम का व्यापक प्रचार प्रसार होगा और लोग रेशम का उपयोग करने के लिए प्रेरित होंगे। रेशम को बढ़ावा देकर आम लोगों में रेशम के वस्त्रों के प्रति रुझान बढ़ाया जाएगा। पर्यटन स्थलों पर आने वाले टूरिस्ट को भी रेशम वस्त्र की जानकारी दी जाएगी। उन्हें रेशम के वस्त्र खरीदने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की लाड़ली बहनों को रक्षाबंधन का "विशेष उपहार" दिए जाने पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने प्रदेश की जनता की ओर से उनके प्रति हार्दिक धन्यवाद व्यक्त करते हुए उनका अभिनंदन किया है। मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए किया जा रहे प्रयासों को मजबूती मिलेगी और महिलाएं हर क्षेत्र में सशक्त होंगी।
भोपाल। मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र के भोपाल, नर्मदापुरम्, ग्वालियर एवं चंबल संभाग के 16 जिलों में रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) में 6 हजार 36 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्य आने वाले समय में किए जाएंगे। इससे विद्युत वितरण व्यवस्था की तस्वीर बदल जाएगी। जहॉं एक ओर उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति मिलेगी वहीं विद्युत वितरण प्रणाली मजबूत होगी। ब्रेकडाउन कम होंगे और प्रणाली की क्षमता वृद्धि से उपभोक्ताओं को सीधे फायदा मिलेगा।
भोपाल। मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी का वर्ष 2023-24 का बजट मंगलवार को संचालक मंडल की बैठक में प्रस्तुत किया गया। आगामी वित्तीय वर्ष के कुल 18 हजार 551 करोड़ रूपये के बजट की मंजूरी दी गई है।
भोपाल। आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रामकिशोर ‘नानो’ कावरे ने कहा है कि संत रविदास जयंती 5 फरवरी से शुरू होने वाली विकास यात्रा का उद्देश्य जन-कल्याण, स्वराज के लक्ष्य को प्राप्त करना है। साथ ही विकास यात्रा के माध्यम से सरकारी योजना से छूटे हितग्राहियों को लाभान्वित करना भी है। उन्होंने अधिकारियों से अपने विभाग से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी अपडेट करने के लिये भी कहा। राज्य मंत्री एवं उमरिया जिले के प्रभारी मंत्री कावरे आज जिला अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले के ग्राम जैत में नर्मदा नदी के किनारे 4 करोड़ 88 लाख रूपये की लागत से बन रहे नर्मदा घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने घाट पर चल रहे निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इन्दौर में 29 अक्टूबर को होने जा रहे प्रदेश के 73 सीएम राइज स्कूलों के भूमि-पूजन कार्यक्रम का आयोजन बेहतर रूप में हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास पर आयोजन की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी सहित अधिकारी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आगामी 15 नवम्बर को बिरसा मुंडा जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाएगा। प्रदेश की सभी पंचायतों में यह कार्यक्रम होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास कार्यालय पर कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे।
भोपाल। दमोह जिले के दमोह देहात थाना के ग्राम देवरान में मंगलवार की सुबह गोली चलने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मृत्यु होने की खबर मिलते ही जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई कर मुख्य आरोपी जगदीश पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना की बारीकी से जाँच की जा रही है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
भोपाल। आयुर्वेद हमारे देश की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है वर्तमान समय में इसे और लोकप्रिय बनाने की जरूरत है। आयुर्वेद ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें मानव शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। आयुर्वेद में उपयोग होने वाली दवाएँ हमारे आस-पास ही मौजूद होती हैं। आयुर्वेद और योग को अपना कर हम अपने जीवन को स्वस्थ एवं सुखी बना सकते हैं।