नागालैंड की अनूठी संस्कृति और विरासत को देखने के लिए बने 'हॉर्नबिल फेस्टिवल' का हिस्सा

हॉर्नबिल फेस्टिवल, नागालैंड के खास और शानदार फेस्टिवल्स में से एक है। जिसमें स्थानीय लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। हॉर्नबिल नागालैंड का पूजनीय पक्षी है जिसकी झलक आपको यहां के लोकगीतों, नृत्यों और भाव-भंगिमाओं तक में देखने को मिलेगा। हर साल दिसंबर महीने की 1 से 10 तारीख तक पूरा नागालैंड इस फेस्टिवल की धूम से सरोबार हो जाता है।
कहां मनाया जाता है हॉर्नबिल फेस्टिवल

ये फेस्टिवल नागालैंड की राजधानी कोहिमा से 12 किमी किसामा के नागा हेरिटेज गांव में मनाया जाता है। सुबह 9 बजे से इसकी शुरूआत होती है। जिसके लिए आपको टिकट भी लेनी पड़ती है। यहां तक आप टैक्सी बुक करके भी आसानी से पहुंच सकते हैं।
हॉर्नबिल फेस्टिवल के आकर्षण

नागालैंड सरकार द्वारा हर साल आयोजित किए जाने वाले हॉर्नबिल फेस्टिवल को 'फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवल्स' के नाम से भी जाना जाता है। जिसमें यहां की रहने वाली जन-जातियों के अलग ट्रेडिशन, कल्चर और भी कई दूसरी चीज़ों को देखने का मौका मिलता है। फेस्टिवल का खास आकर्षण होता है लोकगीत, नृत्य, प्रतियोगिताएं और अलग-अलग तरह की कलाओं का अनूठा प्रदर्शन। दुकानों पर सजे हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम के आइटम्स कला का अनूठा नमूना पेश करते हैं। स्टॉल्स पर स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ अलग-अलग तरह के दूसरे स्वाद भी मौजूद होते हैं। हां, राइस बियर को चखना बिल्कुल न भूलें।
शाम को हॉर्नबिल रॉक कॉन्सर्ट से पूरा नागालैंड गूंज उठता है। जिसमें देश-विदेश के लोग हिस्सा लेते हैं। शाम के दौरान बाजारों की रौनक ही अलग होती है लेकिन उससे भी ज्यादा एडवेंचरस होता है नागा चिली ईटिंग और पोर्क इटिंग फेस्टिवल, जिसे बिल्कुल भी मिस न करें।

अजमेर कौमी एकता का गुलदस्ता
यह भी पढ़ें
फेस्टिवल के लिए जरूरी टिप्स

1. सिर्फ नागालैंड के ही नहीं इंडिया के खास फेस्टिवल में शामिल है हॉर्नबिल। जिसे देखने देश-विदेश से सैलानी आते हैं। तो अगर आप भी इसका हिस्सा बनने की सोच रहे हैं तो बेहतर होगा इसकी बुकिंग पहले से ही करा लें जिससे किसी भी तरह की भागदौड़ से बचे रहेंगे।
2. यहां लगी दुकानों पर मिलने वाली चीज़ों को खरीदने से रोक पाना मुश्किल है तो अपने साथ कैश जरूर रखें। वैसे कुछ एक स्टॉल्स पर मोलभाव कराकर आप बजट शॉपिंग भी कर सकते हैं।

3. विदेशी सैलानियों को किसी खास परमिशन की जरूरत नहीं होती है। बस उन्हें फॉरेन रिजस्ट्रेशन ऑफिस में नागालैंड में एंट्री के 24 घंटों के अंदर उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती है।

4. फेस्टिवल के अलावा आसपास घूमने वाली जगहों की भी प्लानिंग कर लें जिससे पूरी छुट्टियों को अच्छे से एन्जॉय कर पाएं।
कैसे पहुंचे

हवाई मार्ग

यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन दीमापुर है जो कोहिमा से 74 किमी दूर है। कोलकाता या दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचकर फिर दीमापुर तक की फ्लाइट लेनी पड़ती है। यहां से कैब और टैक्सी लेकर आप कोहिमा तक पहुंच सकते हैं। वैसे एयरपोर्ट पर हेलीकॉप्टर की सुविधा भी अवेलेबल रहती है।

रेल मार्ग

ट्रेन से आने के लिए भी नज़दीकी रेलवे स्टेशन दीमापुर ही है। जो गुवाहाटी और कोलकाता के सभी बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है। बजट ट्रैवलिंग के लिए ट्रेन का सफर हमेशा ही बेस्ट होता है। जिसमें आप आसपास के खूबसूरत नज़ारों का मज़ा ले सकते हैं।

सड़क मार्ग

मेघालय, अरूणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मिज़ोरम, मणिपुर से कोहिमा तक NH39 रूट द्वारा पहुंचा जा सकता है। वैसे बसों और कैब का भी ऑप्शन है आपके पास।

 

"पर्यटन" से अन्य खबरें

दो दिनों की छुट्टी एन्जॉय करने के लिए बेहतरीन है दिल्ली के आसपास बसी ये 4 जगहें

फरवरी खत्म होते ही मौसम सुहावना होने लगता है। इस मौसम में घूमने-फिरने का अपना अलग ही मजा होता है। बीच हो या हिल स्टेशन हर एक जगह का अलग रोमांच होता है। लेकिन अगर आप सफर में बहुत ज्यादा टाइम नहीं गवाना चाहते तो दिल्ली के आसपास बसी इन जगहों पर डालें एक नजर। जहां मिलेगा एडवेंचर का भरपूर मौका।

Read More

कर रहे हैं घूमने की प्लानिंग और सस्ता है बजट तो जा सकते हैं इन 3 जगहों पर

सर्दियों का मौसम वैसे तो अच्छा लगता है लेकिन इस समय घूमने का भी एक अलग ही आनंद होता है. जी हाँ, इन दिनों अगर घूमने को कह दिया जाए तो उसके लिए कोई मना नहीं करता क्योंकि मौसम बहुत आकर्षक होता है. ऐसे में आज हम आपको उन तीन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ ठहरने का खर्च और हवाई यात्रा का खर्च बहुत कम है. केवल इतना ही नहीं, इन जगहों पर होने वाली ऐक्टिविटी के बारे में भी जान लीजिए जिसे करने में आपको खूब मजा आएगा. आइए बताते हैं आपको आपके लिए विंटर वेकशन के लिए बेस्ट जगह.

Read More

कंबोडिया में बसा है दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, जिसके बनने की कहानी है बड़ी ही रोमांचक

12वीं शताब्दी के अंकोरवाट मंदिर को चूना पत्थर की विशाल चट्टानों से कुछ ही दशकों में बना लिया गया था। डेढ़ टन से ज्यादा वजन वाली ये चट्टानें बहुत दूर से लाई जाती थीं। सैकड़ों किलोमीटर दूर से विशाल चट्टानों को लाना तब असंभव सा था। तत्कालीन हिंदू राजा ने मंदिर के लिए करीब स्थित माउंट कुलेन से चट्टानें लाने में भूमिगत नहरों की मदद ली। नावों में लादकरक ये चट्टानें पहुंचाई गई।

Read More

HAPPY NEW YEAR 2020: यह है दिल्ली की 3 बेस्ट जगह, जंहा ले सकते पिकनिक का भरपूर आनंद

यह तो हम सभी जानते है कि नव वर्ष की शुरूआत हो चुकी है. ऐसे में अपने परिवार और दोस्तों के साथ बाहर घूमने फिरने जाने का मन तो हर किसी का होता है.अगर समय की कमी के चलते 31 दिसंबर की रात पार्टी नहीं कर पाए हैं तो कोई बात नहीं. दिल्ली में बहुत सी ऐसी शानदार जगहें  हैं जहां पर परिवार और दोस्तों के साथ सैर सपाटे के लिए जाना अच्छा लगेगा. तो चलिए जानें ऐसी ही कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में जहां पर नए साल के मौके पर घूमने के लिए जाया जा सकता है. दिल्ली और दिल्ली के आसपास कई ऐसी जगहें हैं, जहां हरियाली के बीच आप अपनों के साथ पिकनिक मनाने जा सकते हैं. इन जगहों पर जाने के लिए किसी विेशेष अवसर या खास दिन की जरूरत नहीं, बल्कि आप वीकेंड पर भी दोस्तों या परिवार के साथ जा सकते हैं.

Read More

वीकेंड मस्ती के लिए पुणे के आसपास बसी इन जगहों की सैर रहेगी यादगार

मॉनसून में घूमने की प्लानिंग करना थोड़ा रिस्की होता है लेकिन इंडिया में कुछ जगहें ऐसी हैं जहां की खूबसूरती मॉनसून में अपने चरम पर होती है। ऐसी ही जगहों में शामि है पुणे, जिसके आसपास बिखरी है बेशुमार खूबसूरती। वीकेंड में दोस्तों के साथ मस्ती करना चाह रहे हैं या सोलो ट्रिप पर जाना हो, बिंदास होकर इन जगहों का बना सकते हैं प्लान।

Read More

कार या बाइक नहीं इंडिया की इन 10 जगहों पर लें साइकिल से घूमने-फिरने का मज़ा

घूमने का मतलब सिर्फ डेस्टिनेशन कवर करना नहीं होता बल्कि उस जगह के खानपान, कल्चर और अलग-अलग तरह के एडवेंचर से भी रूबरू होना होता है। ग्रूप और सोलो जैसे ही रोड ट्रिप का भी अपना अलग ही मज़ा होता है और वो भी जब आपकी सवारी साइकिल हो। जी हां, साइकिलिंग करते हुए आराम से उस जगह की हर एक चीज़ के बारे में जानना। हालांकि, इसके साथ डेस्टिनेशन तक पहुंचना इतना आसान नहीं होता लेकिन एडवेंचर के शौकीन इसे बहुत एन्जॉय करते हैं। तो अगर आप भी उनमें से एक है तो इंडिया में साइकिलिंग के लिए कौन से जगहें बेस्ट हैं, इसके बारे में जानेंगे।      

Read More

इंडिया की ये 8 जगहें हैं बेस्ट सर्फिंग के अनोखे एक्सपीरिएंस के लिए

इंडिया में सर्फिंग का क्रेज रीवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कूबा डाइविंग और बंजी-जंपिग जितना नहीं, बाहर से आने वाले टूरिस्ट्स के बीच ये एडवेंचर बहुत पॉप्युलर है। लेकिन अब इंडिया में भी धीरे-धीरे लोग इस एडवेंचर को न सिर्फ ट्राय कर रहे हैं बल्कि एन्जॉय भी। तो इस एडवेंचर को एन्जॉय करने के लिए इंडिया में कौन सी जगहें हैं बेस्ट, जानते हैं यहां।    

Read More

इन लज़ीज पारंपरिक ज़ायकों के बिना अधूरा है असम का बिहू फेस्टिवल

बिहू की शुरूआत होते ही असम का नज़ारा देखने लायक होता है। चारों ओर खेतों में लहलहाती फसल, झूमते-नाचते लोग और तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोज़न इसकी रौनक में चार चांद लगाने का काम करते हैं। असम में रहने वाले ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर हैं इसलिए यहां इस त्योहार का खासा महत्व है। कोई भी फेस्टिवल वहां के पारंपरिक खान-पान के बिना अधूरा है। खानपान के साथ ही लोकगीत और नृत्य का तालमेल बिहू को बनाता है लोकप्रिय। फेस्टिवल में बनाए जाने वाले अलग-अलग तरह के पकवानों में चावल, नारियल, गुड़, तिल और दूध का खासतौर से इस्तेमाल किया जाता है। तो आइए जानते हैं इन व्यंजनों के बारे में...

Read More

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के इन 6 मंदिरों का दर्शन करेगा मनचाही इच्छा की पूर्ति

शक्ति का अवतार मां दुर्गा को ब्रम्हांड के रक्षक के रूप में जाना जाता है। शक्ति और मनोकामना की पूर्ति के लिए मां दुर्गा को पूजा जाता है खासतौर से नवरात्रि के दौरान। चैत्र हो या शरद नवरात्रि, दोनों ही हिंदुओं के लिए बहुत मायने रखता है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु नौ दिनों का उपवास रखते हैं और देवी की पूजा-अराधना करते हैं। भारत में अलग-अलग जगहों पर मां दुर्गा के अनेक मंदिर स्थित हैं जिनकी अलग मान्यताएं और कहानियां हैं। कहते हैं इन जगहों के दर्शन मात्र से बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। तो आज इन्हीं मंदिरों के बारे में जानेंगे।

Read More

खूबसूरत बीच, टेस्टी फूड और अनोखे कल्चर का लेना हो एक्सपीरियंस, तो फुकेत है बेहतरीन जगह

भारत के सबसे करीब स्थित थाईलैंड सालभर सैलानियों से भरा रहता है। खासतौर पर फुकेत यहां आकर्षण का केंद्र है। यह दक्षिण पूर्व एशिया के लोगों के लिए लोकप्रिय स्थान है, जहां का रेतीला समुद्री तट उन्हें आकर्षित करता है।

Read More