सांस्कृतिक वैभव का शानदार प्रतीक है वडोदरा

वडोदरा को सांस्कृतिक राजधानी क्यों कहा जाता है, इसकी असली वजह आप तभी जान सकेंगे, जब इस शहर को करीब से देखेंगे। कितना कुछ है यहां। कुदरत की कलाकारी, सुंदर भव्य ऐतिहासिक इमारतें, गरबा नृत्य की अनूठी प्रस्तुतियां, जिन्हें देखने के लिए नवरात्र पर देश व दुनिया से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। वडोदरा कई मायनों में खास है। इन दिनों यह शहर 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के कारण खास आकर्षण का केंद्र है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह भविष्य में भारतीय पर्यटन को नया आयाम देगी।

वडोदरा एक समय गायकवाड़ राजघराने की रियासत थी। कहते हैं गायकवाड़ राजघराना अपनी रियासत के उद्धार के लिए बहुत सजग था। इसमें महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय का नाम सबसे पहले आता है। इस राजघराने ने वक्त की नब्ज को पहचानते हुए न सिर्फ अंग्रेजों से मित्रतापूर्वक संबंध रखे, बल्कि अपनी प्रजा के लिए भी बहुत सारे काम किए। जैसे, महिला शिक्षा, विधवा विवाह, वित्तीय सुधार, बैंक ऑफ बड़ौदा की स्थापना आदि।

कैसे पड़ा नाम

आज का वडोदरा यानी पुराने जमाने का बड़ौदा। कैसे पड़ा यह नाम? इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है। कहते हैं यहां बड़ के पेड़ बहुतायत में हुआ करते थे, इसलिए इसे बड़ोधरा कहा जाने लगा यानि ऐसी धरा, जहां बहुत सारे बड़(बरगद) के पेड़ हों। इस तरह इस शहर का नाम पहले बड़ौदा और फिर बाद में वडोदरा हो गया।  गरबा से भी है खास पहचान

हर साल नवरात्र में यहां प्रसिद्ध गरबा खेलने लाखों लोग जमा होते हैं। पूरे वडोदरा में जगह-जगह गरबा के लिए विशेष पंडाल सजाए जाते हैं। यहां का 'यूनाइटेड गरबा' पूरी दुनिया में जाना जाता है। एक समय में 40 से 45 हजार लोगों द्वारा गरबा का नाम गिनीज बुक ऑफ व‌र्ल्ड रिकॉर्ड में भी आ चुका है।

आसपास घूमने वाली जगहें

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

वडोदरा से 89 किलोमीटर दूर नर्मदा जिले में स्थापित दुनिया की सबसे ऊंची (182 मीटर) सरदार वल्लभ भाई पटेल की इस विशालतम प्रतिमा से तीन किमी की दूरी पर एक टेंट सिटी बनाई गई है। स्टैच्यू के नीचे एक म्यूजियम है, जहां सरदार पटेल के जीवन से जुड़ी कई चीजें रखी गई हैं। लिफ्ट से स्टैच्यू की छाती तक पहुंचकर वहां से सरदार सरोवर डैम और उसके 200 किलोमीटर में फैले जलाशय को देख सकते हैं। प्रतिमा सरदार सरोवर बांध से 3 किमी दूर साधु बेट, केवड़िया में स्थित है।


गायकवाड़ बडोदरा गोल्फ क्लब

गोल्फ खेलने के शौकिनों के लिए गायकवाड़ वड़ोदरा गोल्फ क्लब, जिसे महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ के पौत्र महाराजा प्रताप सिंह ने 1930 में स्थापित किया था। शुरू में यह गोल्फ कोर्स विदेशी मेहमानों के लिए बना था। आजादी के बाद 1990 में इसका पुननिर्माण करके आम लोगों के लिए खोल दिया गया। नेपथ्य में बने विशाल लक्ष्मी विलास पैलेस की आगे हरे-भरे गोल्फ कोर्स मे गोल्फ का आनंद लेना आपको राजसी ठाठ का आनंद देगा।

सरदार सरोवर डैम

आधुनिक इंजीनियरिंग और सिंचाई तकनीक का सजीव उदाहरण है सरदार सरोवर डैम। आप जब स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने जाएं तो सरदार सरोवर डैम देखने जरूर जाएं। विशाल जलाशय आपकी आंखें चुंधिया देगा। यहां कैनाल हेड पवर हाउस, रिवर बेड पवर हाउस हैं। इस डैम के कुछ हिस्सों को देखने के लिए अलग से अनुमति लेनी पड़ती है। इसकी स्थापना पंडित जवाहरलाल नेहरू ने1961 मे नर्मदा नदी पर की थी। इसके आसपास गार्डेन बनाए गए हैं, जहां से पर्यटक इसकी खूबसूरती निहार सकते हैं। 1,210 मीटर लंबा और163 मीटर की ऊंचाई वाला यह देश का तीसरा सबसे ऊंचा बांध है।

जरवानी फॉल्स

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से मात्र 13 किमी की दूरी पर जरवानी फॉल्स है। यहां लोग पिकनिक मनाने आते हैं। और इस वॉटर फॉल में नहाते भी हैं। अगर आप जंगल में कैंपिंग करना चाहते हैं तो उसका भी आनंद यहां आकर ले सकते हैं।

"पर्यटन" से अन्य खबरें

दो दिनों की छुट्टी एन्जॉय करने के लिए बेहतरीन है दिल्ली के आसपास बसी ये 4 जगहें

फरवरी खत्म होते ही मौसम सुहावना होने लगता है। इस मौसम में घूमने-फिरने का अपना अलग ही मजा होता है। बीच हो या हिल स्टेशन हर एक जगह का अलग रोमांच होता है। लेकिन अगर आप सफर में बहुत ज्यादा टाइम नहीं गवाना चाहते तो दिल्ली के आसपास बसी इन जगहों पर डालें एक नजर। जहां मिलेगा एडवेंचर का भरपूर मौका।

Read More

कर रहे हैं घूमने की प्लानिंग और सस्ता है बजट तो जा सकते हैं इन 3 जगहों पर

सर्दियों का मौसम वैसे तो अच्छा लगता है लेकिन इस समय घूमने का भी एक अलग ही आनंद होता है. जी हाँ, इन दिनों अगर घूमने को कह दिया जाए तो उसके लिए कोई मना नहीं करता क्योंकि मौसम बहुत आकर्षक होता है. ऐसे में आज हम आपको उन तीन जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ ठहरने का खर्च और हवाई यात्रा का खर्च बहुत कम है. केवल इतना ही नहीं, इन जगहों पर होने वाली ऐक्टिविटी के बारे में भी जान लीजिए जिसे करने में आपको खूब मजा आएगा. आइए बताते हैं आपको आपके लिए विंटर वेकशन के लिए बेस्ट जगह.

Read More

कंबोडिया में बसा है दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, जिसके बनने की कहानी है बड़ी ही रोमांचक

12वीं शताब्दी के अंकोरवाट मंदिर को चूना पत्थर की विशाल चट्टानों से कुछ ही दशकों में बना लिया गया था। डेढ़ टन से ज्यादा वजन वाली ये चट्टानें बहुत दूर से लाई जाती थीं। सैकड़ों किलोमीटर दूर से विशाल चट्टानों को लाना तब असंभव सा था। तत्कालीन हिंदू राजा ने मंदिर के लिए करीब स्थित माउंट कुलेन से चट्टानें लाने में भूमिगत नहरों की मदद ली। नावों में लादकरक ये चट्टानें पहुंचाई गई।

Read More

HAPPY NEW YEAR 2020: यह है दिल्ली की 3 बेस्ट जगह, जंहा ले सकते पिकनिक का भरपूर आनंद

यह तो हम सभी जानते है कि नव वर्ष की शुरूआत हो चुकी है. ऐसे में अपने परिवार और दोस्तों के साथ बाहर घूमने फिरने जाने का मन तो हर किसी का होता है.अगर समय की कमी के चलते 31 दिसंबर की रात पार्टी नहीं कर पाए हैं तो कोई बात नहीं. दिल्ली में बहुत सी ऐसी शानदार जगहें  हैं जहां पर परिवार और दोस्तों के साथ सैर सपाटे के लिए जाना अच्छा लगेगा. तो चलिए जानें ऐसी ही कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में जहां पर नए साल के मौके पर घूमने के लिए जाया जा सकता है. दिल्ली और दिल्ली के आसपास कई ऐसी जगहें हैं, जहां हरियाली के बीच आप अपनों के साथ पिकनिक मनाने जा सकते हैं. इन जगहों पर जाने के लिए किसी विेशेष अवसर या खास दिन की जरूरत नहीं, बल्कि आप वीकेंड पर भी दोस्तों या परिवार के साथ जा सकते हैं.

Read More

वीकेंड मस्ती के लिए पुणे के आसपास बसी इन जगहों की सैर रहेगी यादगार

मॉनसून में घूमने की प्लानिंग करना थोड़ा रिस्की होता है लेकिन इंडिया में कुछ जगहें ऐसी हैं जहां की खूबसूरती मॉनसून में अपने चरम पर होती है। ऐसी ही जगहों में शामि है पुणे, जिसके आसपास बिखरी है बेशुमार खूबसूरती। वीकेंड में दोस्तों के साथ मस्ती करना चाह रहे हैं या सोलो ट्रिप पर जाना हो, बिंदास होकर इन जगहों का बना सकते हैं प्लान।

Read More

कार या बाइक नहीं इंडिया की इन 10 जगहों पर लें साइकिल से घूमने-फिरने का मज़ा

घूमने का मतलब सिर्फ डेस्टिनेशन कवर करना नहीं होता बल्कि उस जगह के खानपान, कल्चर और अलग-अलग तरह के एडवेंचर से भी रूबरू होना होता है। ग्रूप और सोलो जैसे ही रोड ट्रिप का भी अपना अलग ही मज़ा होता है और वो भी जब आपकी सवारी साइकिल हो। जी हां, साइकिलिंग करते हुए आराम से उस जगह की हर एक चीज़ के बारे में जानना। हालांकि, इसके साथ डेस्टिनेशन तक पहुंचना इतना आसान नहीं होता लेकिन एडवेंचर के शौकीन इसे बहुत एन्जॉय करते हैं। तो अगर आप भी उनमें से एक है तो इंडिया में साइकिलिंग के लिए कौन से जगहें बेस्ट हैं, इसके बारे में जानेंगे।      

Read More

इंडिया की ये 8 जगहें हैं बेस्ट सर्फिंग के अनोखे एक्सपीरिएंस के लिए

इंडिया में सर्फिंग का क्रेज रीवर रॉफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कूबा डाइविंग और बंजी-जंपिग जितना नहीं, बाहर से आने वाले टूरिस्ट्स के बीच ये एडवेंचर बहुत पॉप्युलर है। लेकिन अब इंडिया में भी धीरे-धीरे लोग इस एडवेंचर को न सिर्फ ट्राय कर रहे हैं बल्कि एन्जॉय भी। तो इस एडवेंचर को एन्जॉय करने के लिए इंडिया में कौन सी जगहें हैं बेस्ट, जानते हैं यहां।    

Read More

इन लज़ीज पारंपरिक ज़ायकों के बिना अधूरा है असम का बिहू फेस्टिवल

बिहू की शुरूआत होते ही असम का नज़ारा देखने लायक होता है। चारों ओर खेतों में लहलहाती फसल, झूमते-नाचते लोग और तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोज़न इसकी रौनक में चार चांद लगाने का काम करते हैं। असम में रहने वाले ज्यादातर लोग कृषि पर निर्भर हैं इसलिए यहां इस त्योहार का खासा महत्व है। कोई भी फेस्टिवल वहां के पारंपरिक खान-पान के बिना अधूरा है। खानपान के साथ ही लोकगीत और नृत्य का तालमेल बिहू को बनाता है लोकप्रिय। फेस्टिवल में बनाए जाने वाले अलग-अलग तरह के पकवानों में चावल, नारियल, गुड़, तिल और दूध का खासतौर से इस्तेमाल किया जाता है। तो आइए जानते हैं इन व्यंजनों के बारे में...

Read More

चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के इन 6 मंदिरों का दर्शन करेगा मनचाही इच्छा की पूर्ति

शक्ति का अवतार मां दुर्गा को ब्रम्हांड के रक्षक के रूप में जाना जाता है। शक्ति और मनोकामना की पूर्ति के लिए मां दुर्गा को पूजा जाता है खासतौर से नवरात्रि के दौरान। चैत्र हो या शरद नवरात्रि, दोनों ही हिंदुओं के लिए बहुत मायने रखता है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु नौ दिनों का उपवास रखते हैं और देवी की पूजा-अराधना करते हैं। भारत में अलग-अलग जगहों पर मां दुर्गा के अनेक मंदिर स्थित हैं जिनकी अलग मान्यताएं और कहानियां हैं। कहते हैं इन जगहों के दर्शन मात्र से बिगड़े हुए काम बन जाते हैं। तो आज इन्हीं मंदिरों के बारे में जानेंगे।

Read More

खूबसूरत बीच, टेस्टी फूड और अनोखे कल्चर का लेना हो एक्सपीरियंस, तो फुकेत है बेहतरीन जगह

भारत के सबसे करीब स्थित थाईलैंड सालभर सैलानियों से भरा रहता है। खासतौर पर फुकेत यहां आकर्षण का केंद्र है। यह दक्षिण पूर्व एशिया के लोगों के लिए लोकप्रिय स्थान है, जहां का रेतीला समुद्री तट उन्हें आकर्षित करता है।

Read More