संवैधानिक बेंच तय करेगी समलैंगिकता अपराध है या नहीं

सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ समलैंगिक यौन संबंधों के मुद्दे सहित चार अहम मामलों पर आज से सुनवाई शुरू करेगी। मुख्‍य न्‍यायाधीश की अगुवाई वाली बेंच ने मामले को संवैधानिक बेंच को रेफर किया था। समलैंगिकता अपराध की श्रेणी में रखा जाए या नहीं, यह बेंच तय करेगी। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में रिव्यू पिटिशन पहले खारिज कर चुका है, जिसके बाद सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव पिटीशन) दाखिल किया गया था जो पहले से बड़े बेंच को भेजा गया था।

इस याचिका में धारा-377 के कानूनी प्रावधान को चुनौती दी गई है। धारा-377 के तहत कानूनी प्रावधान है कि दो बालिग भी अगर सहमति से अप्राकृतिक संबंध बनाते हैं तो वह अपराध माना जाएगा और इस मामले में 10 साल तक कैद या फिर उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। याचिका में कहा गया है कि 377 के तहत जो प्रावधान है वह संविधान के खिलाफ हैं।

बता दें कि शीर्ष अदालत ने 11 दिसंबर 2013 को समलैंगिकों के बीच यौन संबंधों को अपराध घोषित कर दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2009 में अपने एक फैसले में कहा था कि आपसी सहमति से समलैंगिकों के बीच बने यौन संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं होंगे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को खारिज करते हुए समलैंगिक संबंधों को आईपीसी की धारा 377 के तहत अवैध घोषित कर दिया था। शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गईं और जब उन्हें भी खारिज कर दिया गया तो प्रभावित पक्षों ने क्यूरेटिव पिटीशन दायर की ताकि मूल फैसले का फिर से परीक्षण हो।

क्या है IPC की धारा 377

आईपीसी की धारा 377 के तहत दो लोग आपसी सहमति या असहमति से अप्राकृतिक संबंध करने पर अगर दोषी करार दिए जाते हैं, तो उन्हें 10 साल से लेकर उम्रकैद की सजा हो सकती है।


समलैंगिक कब-क्‍या हुआ

- वर्ष 2001 में समलैंगिक लोगों के लिए आवाज उठाने वाली संस्था नाज फाउंडेशन की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल


- वर्ष 2004 में दिल्‍ली हाई कोर्ट ने अर्जी खारिज की। इसके बाद  याचिकाकर्ताओं ने रिव्यू पिटिशन दाखिल किया। कोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया।

-  हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। तब अदालत ने हाई कोर्ट से इस मामले को दोबारा सुनने को कहा।

- वर्ष 2008 में हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।

- दिल्ली हाई कोर्ट ने 2009 में अपने एक फैसले में कहा था कि आपसी सहमति से समलैंगिकों के बीच बने यौन संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं होंगे

- हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। 15 फरवरी, 2012 से इस मामले में रोजाना सुनवाई। मार्च 2012 को सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित रखा।

- 11 दिसंबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में समलैंगिकता के मामले में उम्रकैद तक की सजा के प्रावधान वाले कानून को बहाल रखा।

- 28 जनवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट होमो सेक्सुअलिटी मामले में दिए गए फैसले को रिव्यू करने की अर्जी खारिज कर दी थी।

मौजूदा कानून का इतिहास

1290 में इंग्लैंड के फ्लेटा में अप्राकृतिक संबंध बनाने का मामला सामने आया और उसके बाद पहली बार कानून बनाकर इसे अपराध की श्रेणी में रखा गया। 1861 में ही लॉर्ड मेकाले ने इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) ड्राफ्ट किया और उसी के तहत धारा-377 का प्रावधान किया गया।

"मुख्य ख़बरें" से अन्य खबरें

अंग दान है कई लोगों को जीवन देने का पुनीत कार्य : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एम्स भोपाल में हुए मध्य भारत के पहले हार्ट ट्रांसप्लांट से पुनर्जीवन प्राप्त करने वाले मरीज दिनेश मालवीय से उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि के लिए एम्स भोपाल की टीम को बधाई दी। 

Read More

सिंहस्थ: 2028 की व्यवस्थाओं का विस्तार उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक होगा : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिहंस्थ: 2028 का व्यवस्थित और सफल आयोजन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिंहस्थ की व्यवस्थाओं का विस्तार उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक होगा, अत: इसमें पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। सिंहस्थ के आयोजन में श्रद्धालुओं के आवागमन की दृष्टि से उज्जैन जनपद विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, इंडस्ट्रियल बेल्ट भी इसी क्षेत्र में विद्यमान है। 

Read More

मप्र में शुरू होगी हाईटेक बस सेवा, सरकारी कंपनी निजी ऑपरेटरों के मार्फत करेगी संचालन, इंदौर-उज्जैन से शुरुआत

 भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी यात्री बस सेवा का संचालन कंपनियों के माध्यम से किया जाएगा। इसको लेकर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसको कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इससे पहले परिवहन विभाग ने संबंधित अन्य विभागों से यात्री परिवहन बस संचालन को लेकर राय ली। इसमें शहरी विकास विभागऔर विधि विभाग ने अपनी राय दे दी है। इसके तहत एक राज्य स्तर की कंपनी बनाई जाएगी। 

Read More

किसानों के कल्याण के लिये कृत संकल्पित है मप्र सरकार

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर किसानों के कल्याण के लिये कृत संपल्पित होकर कार्य कर रही है। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज्ञान (GYAN) से ध्यान पर फोकस करते हुए 4 मिशन के क्रियान्वयन पर जोर दिया है। जल्द ही प्रदेश में किसान कल्याण के लिये मिशन भी प्रारंभ होने वाला है। वर्तमान में किसानों के कल्याण की विभिन्न योजनाएँ संचालित हो रही है।

Read More

माँ नर्मदा के अविरल प्रवाह ने प्रदेश को समृद्ध और खुशहाल बनाया : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने माँ नर्मदा जयंती की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा के अविरल प्रवाह ने मध्यप्रदेश को समृद्ध और खुशहाल बनाया है। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा माँ नर्मदा का आशीर्वाद ऐसे ही अनवरत बरसता रहे, यही कामना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नर्मदा जयंती पर प्रदेशवासियों से जल और संस्कृति के संरक्षण के लिए संकल्पित होने का आव्हान किया है।

Read More

युवा वर्ग अपने सपनों को साकार करें : राज्य सरकार हरसंभव सहयोग के लिए तत्पर : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवा वर्ग अपने सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़े। राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। इस क्रम में कल 5 फरवरी को सभी पात्र निर्धारित विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की जाएगी। युवा वर्ग अपनी प्रावीण्यता का लाभ ले और अपने साथियों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनें, इस उद्देश्य से यह उपक्रम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा न केवल उद्यमी बनें अपितु सब प्रकार से सक्षम भी बनें और अपने लक्ष्य प्राप्ति में सफल हों।

Read More

देश की सांस्कृतिक एकता का संवाहक है मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्वोत्तर राज्यों से भारत एकात्मता यात्रा पर आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रप्रेम की भावना को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को इस विविधता का सम्मान करने और भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा दी। 

Read More

प्रदेश के सामाजिक, आर्थिक विकास के साथ यात्री सुविधाओं में मील का पत्थर साबित होगा रेल बजट : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में पेश केन्द्रीय बजट में मध्यप्रदेश के लिए रेलवे सुविधाओं के लिए 14 हजार 745 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त कर मध्यप्रदेश के नागरिकों की ओर से धन्यवाद दिया है।

Read More

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को प्रोटेम स्पीकर पद की दिलाई शपथ

भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।

 

Read More

संकल्प पत्र-2023 का क्रियान्वयन मिशन मोड में किया जाए : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें। 

Read More