आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को चीन ने फिर से एक अरब डॉलर का क़र्ज़ दिया है. पाकिस्तान के ख़ज़ाने में विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है और आलम यह है कि कुछ ही हफ़्ते के आयात भर की रक़म बची हुई है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स से पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय के दो सूत्रों ने इस क़र्ज़ की पुष्टि की है. कहा जा रहा है कि पाकिस्तान एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में जा सकता है.
इससे पहले पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक के गवर्नर तारिक़ बाजवा ने फ़ाइनैंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा था कि चीनी बैंकों से पाकिस्तान ने अप्रैल महीने में एक अरब डॉलर का क़र्ज़ लिया था. बाजवा ने कहा था, ''प्रतिस्पर्द्धी ब्याज दर पर यह क़र्ज़ चीन समर्थित बैंकों से लिया गया है.''
पाकिस्तानी अख़बार डॉन का कहना है कि इस क़र्ज़ से एक बार फिर साफ़ हो गया है कि चीन पर पाकिस्तान की निर्भरता लगातार बढ़ रही है.
पिछले हफ़्ते पाकिस्तान की विेदेशी मुद्रा कम होकर 9.66 अरब डॉलर हो गई जो कि मई 2017 में 16.4 अरब डॉलर थी. हालांकि 2017 के मुक़ाबले देखें तो अप्रैल 2016 तक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 18.1 अरब डॉलर था.
इस क़र्ज़ के साथ ही चीन से पाकिस्तान इस वित्तीय वर्ष में पाँच अरब डॉलर से ज़्यादा का क़र्ज ले चुका है.
रॉयटर्स ने पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के दस्तावेजों के हवाले से बताया है कि इस वित्त वर्ष के पहले 10 महीने में चीन पाकिस्तान को 1.5 अरब डॉलर क़र्ज़ दे चुका है.
इसी वक़्त पाकिस्तान ने कई व्यावसायिक बैंकों से 2.9 अरब डॉलर के क़र्ज़ लिए. रॉयटर्स का कहना है कि ज़्यादातर बैंक चीन के हैं.
कई आर्थिक विश्लेषकों का कहना है कि चीन नहीं चाहता है कि पाकिस्तान किसी गंभीर आर्थिक संकट में फंसे, क्योंकि इससे उसकी महत्वाकांक्षी परियोजना चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) पर बुरा असर पड़ेगा.
सीपीईसी परियोजना क़रीब 60 अरब डॉलर का है. हालांकि कई विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि चीन का यह क़र्ज़ पाकिस्तान के संकट को कम करने के लिए काफ़ी नहीं है.
13वीं बार आईएमएफ़ की शरण में
पाकिस्तान में 25 जुलाई को चुनाव है और कहा जा रहा है कि नई सरकार को एक बार फिर से 2013 की तरह आईएमएफ़ के पास जाना होगा. 2013 में आईएमएफ़ ने पाकिस्तान को 6.7 अरब डॉलर की आर्थिक मदद की थी.
फाइनैंशल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान 1988 से अब तक 12 बार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की शरण में जा चुका है.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के मुखिया इमरान ख़ान तो संकेत भी दे चुके हैं कि अगर वो चुनाव जीतकर सत्ता में आते हैं तो आईएमएफ़ का रुख़ करेंगे. पाकिस्तान इस बार आईएमएफ़ गया तो 13वीं बार मदद के लिए जाएगा.
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चौतरफ़ा संकट से घिरी हुई है. आयात और निर्यात का संतुलन हद से ज़्यादा ख़राब हो गया है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष के पहले 10 महीने में पाकिस्तान का चालू खाता घाटा 14.03 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.
स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान के अनुसार पिछले वित्तीय वर्ष में इसी वक़्त यह घाटा 9.35 अरब डॉलर का था.
कहा जा रहा है कि कच्चे तेल की बढ़ती क़ीमत के कारण पाकिस्तान का चालू खाता घाटा 16 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से आयातित पेट्रोलियम पर निर्भर है.
पाकिस्तान पिछले छह महीने में तीन बार अपनी मुद्रा का अवमूल्यन कर चुका है ताकि घाटे को कम किया जा सके. कहा जा रहा है पाकिस्तानी रुपए के अवमूल्यन से निर्यात में तो बढ़ोतरी हुई, लेकिन आयात में कोई कमी नहीं आई.
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के अनुसार इस वित्तीय वर्ष के पहले 10 महीने में पाकिस्तान का चालू खाता घाटा 14.03 अरब डॉलर रहा जो कि पिछले पूरे वित्तीय वर्ष के घाटे से लगभग दो अरब डॉलर ज़्यादा है.
चीन क़र्ज़ देकर ख़ुश क्यों?
कई विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान बुरी तरह से आर्थिक संकट में फंसा है फिर भी चीन क़र्ज़ देकर ख़ुशी महसूस करता है. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन नहीं चाहता है कि चाइना पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर में पाकिस्तान को कितना क़र्ज़ दिया गया है वो सार्वजनिक हो.
क़रीब 60 अरब डॉलर की सीपीईसी परियोजना के तहत चीन पाकिस्तान में आधारभूत ढांचा का विकास कर रहा है. फाइनैंशियल टाइम्स की रिपोर्ट का कहना है कि चीन हमेशा से इस परियोजना के तहत पाकिस्तान को मिले क़र्ज़ को सार्वजनिक करने को लेकर अनिच्छुक रहा है.
पाकिस्तान के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि चीन से क़र्ज़ समस्या का समाधान नहीं है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के पूर्व अर्थशास्त्री मुश्ताक़ ख़ान ने फाइनैंशियल टाइम्स से कहा, ''पाकिस्तानी नीति निर्माता आर्थिक घाटे को कम करने के लिए कोई ठोस क़दम नहीं उठा रहे हैं. ये केवल नुक़सान के गैप को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. चीन से हमारी समस्या का समाधान नहीं हो सकता है.''
पाकिस्तान को लेकर अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भी कड़ा रुख़ अपना लिया है. अमरीका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद लगभग रोक दी है.
इसका असर यह हुआ कि पाकिस्तान की चीन पर निर्भरता और बढ़ गई. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल पाकिस्तान ने 51.4 करोड़ डॉलर के हथियार चीन से आयात किए जबकि अमरीका से महज 2.1 करोड़ डॉलर का ही हथियार सौदा हुआ.
एक ही टोकरी में सारे अंडे?
सीपीईसी परियोजना को लेकर कहा जा रहा है कि पाकिस्तान ने सारे अंडे एक ही टोकरी में रख दिए हैं और अगर अंडे फूटे तो एक भी नहीं बचेगा.
सीपीईसी से पाकिस्तान की ऊर्जा संकट के समाधान की बात कही जा रही है, लेकिन इसे लेकर कई तरह की दिक़्क़तें भी हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक़ चीन पाकिस्तान को अपने इस प्रोजेक्ट में चीनी उपकरण ही ख़रीदने पर मजबूर कर रहा है. पाकिस्तान को चीन इसलिए क़र्ज़ बढ़ाते जा रहा है और पाकिस्तान इसमें और उलझता जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान पर विदेशी क़र्ज़ 91.8 अरब डॉलर हो गया है. क़रीब पांच साल पहले नवाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी तब से इसमें 50 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
पाकिस्तान पर क़र्ज़ और उसकी जीडीपी का अनुपात 70 फ़ीसदी तक पहुंच गया है. कई विश्लेषकों का कहना है कि चीन का दो तिहाई क़र्ज़ सात फ़ीसदी के उच्च ब्याज दर पर है.
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की बेटियों को शिक्षा में सहयोग के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सामाजिक नेतृत्व के लिए सक्षम बनाया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 का क्रियान्वयन इसी उद्देश्य से ही प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज रविन्द्र भवन भोपाल में योजना के अंतर्गत 1477 लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए 1 करोड़ 85 लाख रूपये की राशि अंतरित कर संबोधित कर रहे थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विकास कार्य गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करें। यह हमारा कर्त्तव्य और धर्म है कि योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति कोमिले, लोगों की कठिनाईयाँ दूर हों और उनका जीवन सुगम हों। शासन-प्रशासन के माध्यम से हमें जन-सेवा का मौका मिला है। हम ईमानदारी के साथ मिशन मोड में अपने कर्त्तव्यों को निभाएँ। इससे प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।
भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 70 हजार शिक्षकों की कमी है। ऐसे में स्कूलों में 40 हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी चल रही है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में और सीएम राइज स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
विदिशा। जिले में सोमवार रात को वर्षा थमने के बावजूद बेतवा का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण बेतवा किनारे बसी बस्तियों और गांवों में पानी घुस गया है। शहर के एक दर्जन से अधिक इलाकों में तीन से चार फीट पानी होने के कारण नाव से लोगों को निकालना पड़ रहा है।
भोपाल। यातायात को सुगम बनाने और औद्योगिक विकास के लिए मध्य प्रदेश में अधोसंरचना विकास के काम तेजी के साथ किए जा रहे हैं। भोपाल, इंदौर सहित 15 स्थानों पर रोप-वे बनाए जाएंगे। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग लाजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी और लोक निर्माण विभाग के बीच अनुबंध हो चुका है।
भोपाल। पार्टी मुझे दरी बिछाने को कहेगी, तो शिवराज सिंह चौहान दरी बिछाने को भी राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का काम मानकर करेगा। दिल्ली जाओगे कि वहां जाओगे। मुझे कहीं नहीं जाना। पार्टी कहेगी कि जैत में रहो, तो जैत में रहूंगा। पार्टी कहेगी भोपाल में रहो, तो भोपाल में रहूंगा। मुझे कोई अहं नहीं।
कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में भी बुलंदशहर में दो साधुओं की नृशंस हत्या पर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस ने बुलंदशहर में डबल मर्डर (दो साधुओं की हत्या) के मामले में प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
Rajya Sabha Election 2020: गुजरात के राज्यसभा चुनाव में खींचतान के बीच भाजपा के लिए एक राहत की खबर यह है कि भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) ने चुनाव में समर्थन करने के संकेत दिए हैं। पार्टी के विधायक महेश वसावा ने उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से मुलाकात के बाद कहा कि 24 मार्च को कार्यकारणी की बैठक में समर्थन पर अंतिम फैसला होगा।
राज्यसभा चुनाव का प्रक्रिया जारी है और इस बीच बुधवार को 37 लोगों को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिया गया। इनमें NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) प्रमुख शरद पवार, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह शामिल हैं। बुधवार को नामांकन वापस लेने की समयसीमा बीत जाने के बाद इन प्रत्याशियों को निर्वाचित घोषित किया गया। मालूम हो की राज्यसभा की 55 सीटों के लिए 17 राज्यों में नामांकन भरे गए थे जिनमें से 37 का निर्विरोध चुनाव हो चुका है वहीं अब 26 मार्च को बची हुई 18 सीटों के लिए मतदान करावाया जाएगा। जिन सीटों के लिए मतदान होगा उनमें गुजरात और आंध्र प्रदेश में चार-चार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में तीन-तीन, झारखंड में दो और मणिपुर एवं मेघालय में एक-एक सीट शामिल है।
Three years of Yogi Sarkar : उत्तर प्रदेश में भारतीय जानता पार्टी (BJP) की योगी सरकार ने 18 मार्च को अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे कर लिये हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को बताया। लखनऊ में बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चुनौतियों और संभावनाओं के महासमर में संकल्पों और सिद्धांतों की नाव से यात्रा करते हुए आज उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार ने तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं।