म्यूचुअल फंड को बाजार में निवेश का सबसे सुरक्षित जरिया माना जाता है। निवेशक कर से बचने के लिए भी इसमें निवेश करते हैं, लेकिन बाजार नियामक संस्था सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के आंतरिक अध्ययन में व्यापक वित्तीय अनियमितता का पता चला है। एसेट मैनेजरों द्वारा शुल्क के तौर पर म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों से 1,600 से 1,700 करोड़ रुपये अतिरिक्त वसूले गए हैं। सेबी की आंतरिक जांच में एसेट मैनेजरों द्वारा गलत तरीके से शुल्क लेने की बात सामने आई है। बाजार नियमाक संस्था की बैठक में इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कार्रवाई के अलावा भविष्य में इस तरह की अनियमितताओं से निवेशकों को बचाने के लिए उठाए जाने वाले कदम की रूपरेखा भी तय किए जाने की संभावना है। ‘मिंट’ के अनुसार, सेबी की एडवायजरी कमेटी ने एसेट मैनेजमेंट कंपनियों द्वारा वसूले गए शुल्क को वापस म्यूचुअल फंड स्कीम में ही लगाने की सिफारिश की थी। इस योजना के अमल में आने के बाद निवेशकों से गलत तरीके से ज्यादा शुल्क वसूला जाने लगा।
निवेशकों से इस तरह वसूली ज्यादा राशि: वर्ष 2012 तक एसेट मैनेजमेंट कंपनियां सेल्स और मार्केटिंग एक्सपेंस के तौर पर निवेशकों से ‘एग्जिट लोड’ के तौर पर अतिरिक्त शुल्क वसूलते थे। एग्जिट लोड के तहत समयपूर्व म्यूचुअल फंड स्कीम को रिडीम (म्यूचुअल फंड से बाहर निकलना या उसे खत्म कराना) कराने वाले निवेशकों से अतिरिक्त शुल्क लिया जाता था, ताकि निर्धारित समय से पहले ही निवेश को खत्म करने पर आने वाले खर्च की क्षतिपूर्ति की जा सके। सितंबर, 2012 में सेबी ने सभी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को एग्जिट लोड के तहत वसूली गई राशि को वापस म्यूचुअल फंड स्कीम में ही लगाने का निर्देश दिया था। कंपनियों को वित्तीय नुकसान न उठाना पड़े इसको ध्यान में रखते हुए सेबी ने एक्सपेंस रेशीयो के तौर पर निवेशकों से अतिरिक्त .20 फीसद (या 20 बेसिस प्वाइंट्स) चार्ज वसूलने की अनुमति दे दी थी। एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने इसी सुविधा का फायदा उठाया। कंपनियों ने समयपूर्व फंड से बाहर न निकलने वाले निवेशकों से भी एग्जिट लोड और अतिरिक्त शुल्क लेना शुरू कर दिया था। इतना ही नहीं इन कंपनियों ने एग्जिट लोड के तौर पर शुल्क का भुगतान करने वालों से भी 20 बेसिस प्वाइंट के हिसाब से अतिरिक्त राशि वसूलनी शुरू कर दी थी।
डेढ़ हजार करोड़ से ज्यादा की वसूली: दिसंबर, 2017 तक एसेट मैनेजरों ने निवेशकों से 1,600-1,700 करोड़ रुपये अतिरिक्त वसूल लिए थे। सेबी की आंतरिक जांच में ऐसी कंपनियों द्वारा वसूली गई राशि में 10 फीसद का म्यूचुअल फंड में लगाने की बात सामने आई है। इस तरह निवेशकों को पांच वर्षों में तकरीबन 1,500 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि सेबी द्वारा शर्तों के साथ 20 बेसिस प्वाइंट तक अतिरिक्त चार्ज वसूलने की सुविधा का एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने गलत फायदा उठाया। अब सेबी के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस राशि को संबंधित निवेशकों को लौटाने की है। इसके लिए विशेष तौर-तरीकों का भी निर्धारण करना होगा।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एम्स भोपाल में हुए मध्य भारत के पहले हार्ट ट्रांसप्लांट से पुनर्जीवन प्राप्त करने वाले मरीज दिनेश मालवीय से उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि के लिए एम्स भोपाल की टीम को बधाई दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिहंस्थ: 2028 का व्यवस्थित और सफल आयोजन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिंहस्थ की व्यवस्थाओं का विस्तार उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक होगा, अत: इसमें पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। सिंहस्थ के आयोजन में श्रद्धालुओं के आवागमन की दृष्टि से उज्जैन जनपद विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, इंडस्ट्रियल बेल्ट भी इसी क्षेत्र में विद्यमान है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी यात्री बस सेवा का संचालन कंपनियों के माध्यम से किया जाएगा। इसको लेकर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसको कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इससे पहले परिवहन विभाग ने संबंधित अन्य विभागों से यात्री परिवहन बस संचालन को लेकर राय ली। इसमें शहरी विकास विभागऔर विधि विभाग ने अपनी राय दे दी है। इसके तहत एक राज्य स्तर की कंपनी बनाई जाएगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर किसानों के कल्याण के लिये कृत संपल्पित होकर कार्य कर रही है। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज्ञान (GYAN) से ध्यान पर फोकस करते हुए 4 मिशन के क्रियान्वयन पर जोर दिया है। जल्द ही प्रदेश में किसान कल्याण के लिये मिशन भी प्रारंभ होने वाला है। वर्तमान में किसानों के कल्याण की विभिन्न योजनाएँ संचालित हो रही है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने माँ नर्मदा जयंती की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा के अविरल प्रवाह ने मध्यप्रदेश को समृद्ध और खुशहाल बनाया है। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा माँ नर्मदा का आशीर्वाद ऐसे ही अनवरत बरसता रहे, यही कामना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नर्मदा जयंती पर प्रदेशवासियों से जल और संस्कृति के संरक्षण के लिए संकल्पित होने का आव्हान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवा वर्ग अपने सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़े। राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। इस क्रम में कल 5 फरवरी को सभी पात्र निर्धारित विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की जाएगी। युवा वर्ग अपनी प्रावीण्यता का लाभ ले और अपने साथियों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनें, इस उद्देश्य से यह उपक्रम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा न केवल उद्यमी बनें अपितु सब प्रकार से सक्षम भी बनें और अपने लक्ष्य प्राप्ति में सफल हों।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्वोत्तर राज्यों से भारत एकात्मता यात्रा पर आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रप्रेम की भावना को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को इस विविधता का सम्मान करने और भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में पेश केन्द्रीय बजट में मध्यप्रदेश के लिए रेलवे सुविधाओं के लिए 14 हजार 745 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त कर मध्यप्रदेश के नागरिकों की ओर से धन्यवाद दिया है।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।