देश की पश्चिमी और उत्तरी सीमा पर यानी पाकिस्तान और चीन से एक साथ जंग हो जाए तो सेना कैसे निपटेगी? यह कल्पना ही चिंता में डाल देती है. लेकिन अब भारतीय सेना ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है. ऐसी स्थिति में सेना जंग के दौरान सैनिकों की सहूलियत के लिए भारतीय रेलवे की मदद से ले सकती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार सेना ऐसी स्थिति में अपने सैनिकों, साजो-सामान की सुचारु तरीके से आवाजाही के लिए भारतीय रेलवे के साथ तालमेल करेगी ताकि पाकिस्तान और चीन सीमा के बीच सैनिकों की जरूरत पड़ने पर तत्काल आवाजाही सुनिश्चित हो सके.
रेलवे ने शुरू किया निर्माण कार्य
खबर के अनुसार, भारतीय रेलवे ने तो देश में विभिन्न जगहों पर सेना की जरूरतों के लिहाज से बुनियादी ढांचे का निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया है. इनमें अरुणाचल प्रदेश के भालुकपोंग, नगालैंड के दीमापुर, सिलापत्थर, मिसामारी और असम के मुर्कोंगसेलेक जैसे खास भौगोलिक इलाकों में टैंकों, हॉवित्जर तोपों और इनफैंट्री कॉम्बैक्ट व्हीकल्स के लिए कॉन्क्रीट का रैम्प बनाना शामिल है. जाहिर है कि चीनी सीमा को ध्यान में रखकर यह निर्माण कार्य किए जा रहे हैं.
एक अधिकारी के अनुसार उन रूट पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है जिधर से सेना की विशेष ट्रेनें जाती हैं. इसके लिए परीक्षण किए जा रहे हैं. इससे सेना की तेजी से आवाजाही सुनिश्चित हो सकेगी.
असल में साल 2011 में संसद पर हमले के बाद सेना ने 'ऑपरेशन पराक्रम' शुरू किया था. पश्चिमी मोर्चे पर सैनिकों की आवाजाही से मिले कड़वे अनुभवों से सेना ने यह सबक लिया कि यह कारगर नहीं है.
भारत को ऑपरेशन पराक्रम के तहत अपने सैनिकों को भेजने में एक महीने से ज्यादा का समय लग गया था. इससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दखल देने और पाकिस्तान को अपनी प्रतिरक्षा ताकत बढ़ाने का मौका मिल गया.
इसके बाद सेना ने 'प्रो एक्टिव कन्वेशनल वार स्ट्रेटेजी' अपनाई, जिसे 'कोल्ड स्टार्ट' डॉक्ट्रिन कहा गया. इसमें सीमावर्ती इलाकों में कई मोर्चो पर सेना की सहज आवाजाही की बात शामिल है.
गौरतलब है कि सेना हर साल अपने बटालियन्स की आवाजाही तथा टैंकों, तोपों, गोला-बारूद आदि साजो-सामान की आवाजाही के लिए 750 से 800 ट्रेन का इस्तेमाल करती है. सेना इसके लिए हर साल रेलवे को करीब 2,000 करोड़ रुपये का भुगतान भी करती है. हालांकि अक्सर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए रेलवे अपने बजट का इस्तेमाल करती है.' यही नहीं, सेना को रेलवे की ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम तक पहुंच दी जाती है ताकि वह अपने 5,000 ट्रेन वैगन पर नजर रख सके.
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एम्स भोपाल में हुए मध्य भारत के पहले हार्ट ट्रांसप्लांट से पुनर्जीवन प्राप्त करने वाले मरीज दिनेश मालवीय से उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि के लिए एम्स भोपाल की टीम को बधाई दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिहंस्थ: 2028 का व्यवस्थित और सफल आयोजन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिंहस्थ की व्यवस्थाओं का विस्तार उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक होगा, अत: इसमें पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। सिंहस्थ के आयोजन में श्रद्धालुओं के आवागमन की दृष्टि से उज्जैन जनपद विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, इंडस्ट्रियल बेल्ट भी इसी क्षेत्र में विद्यमान है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी यात्री बस सेवा का संचालन कंपनियों के माध्यम से किया जाएगा। इसको लेकर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसको कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इससे पहले परिवहन विभाग ने संबंधित अन्य विभागों से यात्री परिवहन बस संचालन को लेकर राय ली। इसमें शहरी विकास विभागऔर विधि विभाग ने अपनी राय दे दी है। इसके तहत एक राज्य स्तर की कंपनी बनाई जाएगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर किसानों के कल्याण के लिये कृत संपल्पित होकर कार्य कर रही है। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज्ञान (GYAN) से ध्यान पर फोकस करते हुए 4 मिशन के क्रियान्वयन पर जोर दिया है। जल्द ही प्रदेश में किसान कल्याण के लिये मिशन भी प्रारंभ होने वाला है। वर्तमान में किसानों के कल्याण की विभिन्न योजनाएँ संचालित हो रही है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने माँ नर्मदा जयंती की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा के अविरल प्रवाह ने मध्यप्रदेश को समृद्ध और खुशहाल बनाया है। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा माँ नर्मदा का आशीर्वाद ऐसे ही अनवरत बरसता रहे, यही कामना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नर्मदा जयंती पर प्रदेशवासियों से जल और संस्कृति के संरक्षण के लिए संकल्पित होने का आव्हान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवा वर्ग अपने सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़े। राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। इस क्रम में कल 5 फरवरी को सभी पात्र निर्धारित विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की जाएगी। युवा वर्ग अपनी प्रावीण्यता का लाभ ले और अपने साथियों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनें, इस उद्देश्य से यह उपक्रम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा न केवल उद्यमी बनें अपितु सब प्रकार से सक्षम भी बनें और अपने लक्ष्य प्राप्ति में सफल हों।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्वोत्तर राज्यों से भारत एकात्मता यात्रा पर आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रप्रेम की भावना को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को इस विविधता का सम्मान करने और भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में पेश केन्द्रीय बजट में मध्यप्रदेश के लिए रेलवे सुविधाओं के लिए 14 हजार 745 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त कर मध्यप्रदेश के नागरिकों की ओर से धन्यवाद दिया है।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।