वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले अपने अंतिम बजट में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर वर्तमान के शून्य फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया है तथा 99 फीसदी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर को घटाकर 25 फीसदी कर दिया है. लेकिन उन्होंने आयकर दाताओं के लिए कर संरचना में कोई बदलाव नहीं किया है.
वित्तमंत्री का जोर ग्रामीण भारत और कृषि पर था, लेकिन अगले साल के आम चुनाव को देखते हुए उन्होंने कई योजनाओं और प्रोत्साहनों की घोषणा की है. खरीफ फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल की लागत का डेढ़ गुना कर दिया है. वित्त वर्ष 2018-19 के लिए संस्थागत कृषि ऋण के लिए 11 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि पहले यह 8.5 लाख करोड़ रुपये था. उनके बजट भाषण में शिक्षा और स्वास्थ सेवाओं पर भी ध्यान दिया गया है.
वित्तमंत्री ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा का लक्ष्य जीडीपी का 3.2 फीसदी से बढ़ाकर 3.5 फीसदी कर दिया, तथा अगले वित्त वर्ष में इसे जीडीपी का तीन से 3.3 फीसदी (5.95 लाख करोड़ रुपये) तक रखने का लक्ष्य रखा है. उन्होंने संकेत दिया है कि सरकार अपने खातों को संतुलित रखने के लिए बाजार से और धन कर्ज पर लेगी.
सरकार ने एक स्वास्थ्य बीमा की घोषणा की है, जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण सेवा नाम दिया गया है. इसके तहत प्रति परिवार को पांच लाख रुपये इलाज के लिए मिलेंगे. इस योजना के तहत सरकार ने 10 करोड़ गरीब परिवारों को लाने का लक्ष्य रखा है. इस योजना पर सरकार 4,000 करोड़ रुपये व्यय करेगी. वित्तमंत्री ने इस योजना को दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना करार दिया है.
सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए धन जुटाने के लिए सरकार ने समग्र सीमा शुल्क पर 10 फीसदी की दर से समाज कल्याण सरचार्ज लगाया है. यह सरचार्ज पहले लगाए जा रहे शिक्षा और उच्च शिक्षा सरचार्ज की जगह पर लगाया गया है.
बजट पर शेयर बाजारों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है. शुरू में बाजारों में तेजी थी, लेकिन दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर की घोषणा के बाद से इसमें गिरावट होने लगी. अब एक साल बाद शेयर बेचने पर अगर एक लाख रुपये का मुनाफा होता है तो इस पर 10 फीसदी कर चुकाना होगा. अभी एक साल से कम समय में शेयर बेचने पर 15 फीसदी का अल्पकालिक पूंजी लाभ कर देना होता है. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस नए कर से सरकार को 36,000 करोड़ रुपये की आय होगी.
जेटली ने इसके अलावा शेयरों में निवेश करनेवाली म्यूचुअल फंड कंपनियों पर 10 फीसदी का लाभांश वितरण कर लगाया है.
व्यक्तिगत कर दाताओं से परिवहन और मेडिकल पुनर्भुगतान की सुविधा छीन ली गई है. इसके बदले 40,000 रुपये की मानक कटौती का लाभ दिया जाएगा. इसके अलावा बैंकों में जमा धन पर मिलनेवाले ब्याज पर कर छूट को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है. स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर खर्च की जानेवाली रकम पर कर छूट की सीमा 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है. वहीं, निजी आयकर पर सेस को तीन फीसदी से बढ़ाकर चार फीसदी कर दिया गया है. इससे सरकार को व्यक्तिगत करदाताओं से 11,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्त होंगे. इस सेस को अब स्वास्थ्य और शिक्षा सेस नाम दिया गया है.
अपने एक घंटा 45 मिनट लंबे बजट भाषण में वित्तमंत्री ने अंग्रेजी के अलावा हिन्दी में भी बात की.
आगामी वित्त वर्ष 2018-19 में केंद्र सरकार ने विनिवेश के जरिए 80,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है, जोकि चालू वित्त वर्ष के अनुमान 72,500 रुपये के मुकाबले करीब 10 फीसदी ज्यादा है.
जेटली ने अगले वित्त वर्ष में विनिवेश लक्ष्य में 10 फीसदी का इजाफा करने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा, "मुझे सदन को बताने में खुशी हो रही है कि हमने पहले के बजट में तय अनुमान से ज्यादा हासिल कर लिया है. मेरा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2017-18 में 1,00,000 रुपये हासिल हो जाएगा."
उन्होंने कहा, "वित्त वर्ष 2018-19 में विनिवेश के जरिए 80,000 करोड़ रुपये जुटाने का मेरा लक्ष्य है."
जेटली के मुताबिक, सरकार ने दो बीमा कंपनियों समेत शेयर बाजार में सूचीबद्ध केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले 14 उपक्रमों में विनिवेश को मंजूरी प्रदान की है.
कॉरपोरेट कर में छूट देने की अपनी पहल की घोषणा को लागू करते हुए वित्तमंत्री ने कॉरपोरेट कर की दर घटा कर 25 फीसदी कर दी है. यह उन कंपनियों पर लागू होगा, जिनका कारोबार 250 करोड़ रुपये तक है. वित्तमंत्री ने कहा कि इसके दायरे में 99 फीसदी तक कंपनियां आएंगी. इससे सरकार की कमाई में 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा. देश में केवल 250 कंपनियां हैं, जिनका सालाना कारोबार 250 करोड़ रुपये से अधिक है. साथ ही कंपनियों के लिए भी आधार कार्ड बनाने का प्रावधान किया गया है.
जेटली ने इसके अलावा मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है. साथ ही टीवी और उसके पूर्जो पर 15 फीसदी का सीमा शुल्क लगेगा.
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एम्स भोपाल में हुए मध्य भारत के पहले हार्ट ट्रांसप्लांट से पुनर्जीवन प्राप्त करने वाले मरीज दिनेश मालवीय से उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि के लिए एम्स भोपाल की टीम को बधाई दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिहंस्थ: 2028 का व्यवस्थित और सफल आयोजन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिंहस्थ की व्यवस्थाओं का विस्तार उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक होगा, अत: इसमें पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। सिंहस्थ के आयोजन में श्रद्धालुओं के आवागमन की दृष्टि से उज्जैन जनपद विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, इंडस्ट्रियल बेल्ट भी इसी क्षेत्र में विद्यमान है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी यात्री बस सेवा का संचालन कंपनियों के माध्यम से किया जाएगा। इसको लेकर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसको कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इससे पहले परिवहन विभाग ने संबंधित अन्य विभागों से यात्री परिवहन बस संचालन को लेकर राय ली। इसमें शहरी विकास विभागऔर विधि विभाग ने अपनी राय दे दी है। इसके तहत एक राज्य स्तर की कंपनी बनाई जाएगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर किसानों के कल्याण के लिये कृत संपल्पित होकर कार्य कर रही है। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज्ञान (GYAN) से ध्यान पर फोकस करते हुए 4 मिशन के क्रियान्वयन पर जोर दिया है। जल्द ही प्रदेश में किसान कल्याण के लिये मिशन भी प्रारंभ होने वाला है। वर्तमान में किसानों के कल्याण की विभिन्न योजनाएँ संचालित हो रही है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने माँ नर्मदा जयंती की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा के अविरल प्रवाह ने मध्यप्रदेश को समृद्ध और खुशहाल बनाया है। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा माँ नर्मदा का आशीर्वाद ऐसे ही अनवरत बरसता रहे, यही कामना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नर्मदा जयंती पर प्रदेशवासियों से जल और संस्कृति के संरक्षण के लिए संकल्पित होने का आव्हान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवा वर्ग अपने सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़े। राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। इस क्रम में कल 5 फरवरी को सभी पात्र निर्धारित विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की जाएगी। युवा वर्ग अपनी प्रावीण्यता का लाभ ले और अपने साथियों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनें, इस उद्देश्य से यह उपक्रम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा न केवल उद्यमी बनें अपितु सब प्रकार से सक्षम भी बनें और अपने लक्ष्य प्राप्ति में सफल हों।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्वोत्तर राज्यों से भारत एकात्मता यात्रा पर आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रप्रेम की भावना को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को इस विविधता का सम्मान करने और भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में पेश केन्द्रीय बजट में मध्यप्रदेश के लिए रेलवे सुविधाओं के लिए 14 हजार 745 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त कर मध्यप्रदेश के नागरिकों की ओर से धन्यवाद दिया है।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।