श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर के भारत में विलय के मौके पर अलगाववादियों द्वारा प्रदर्शनों को रोकने के लिए प्रशासन ने शुक्रवार को विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिबंध लगाए हैं. अलगाववादी नेताओं सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारुख और यासीन मलिक के संयुक्त प्रतिरोध नेतृत्व (जेआरएल) ने लोगों से 27 अक्टूबर को कश्मीर में काला दिवस के रूप में मनाने की बात कही थी.
27 अक्टूबर 1947 को कश्मीर के भारत में विलय के बाद भारतीय सेना श्रीनगर हवाईअड्डे पर उतरी थी. पुलिस अधिकारी ने बताया, "नौहट्टा, एम.आर.गंज, सफा कदल, रैनवाड़ी, खानयार, क्रालखुद और मैसूमा में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध बना रहेगा."
क्षेत्र में पैदल यात्रियों और वाहनों के आवागमन पर रोकने के लिए राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की भारी संख्या में तैनाती की गई. घाटी में सुरक्षा के मद्देनजर शुक्रवार को रेल सेवाएं भी रद्द कर दी गई.
कश्मीर विलय से जुड़ी खास बातें
- 1947 में ब्रिटेन ने भारत से आपना शासन हटाने और भारत के 30 करोड़ लोगों को आज़ादी देने का फैसला किया था. उस समय मध्य और दक्षिण भारत में हिंदुओं की आबादी बहुसंख्यक थी..जबकि पूर्व और उत्तर पश्चिम भारत में मुस्लिम जनसंख्या ज्यादा थी.
- ब्रिटेन के आयोग ने धार्मिक आधार पर अखंड भारत को मुस्लिम जनसंख्या वाले..पाकिस्तान और हिंदू जनसंख्या वाले भारत में बांटने का फैसला किया.
- भारत की रियासतों में से सिर्फ जम्मू कश्मीर ही एक ऐसी रियासत थी..जिसकी बहुसंख्यक मुस्लिम जनसंख्या पर हिंदू शासक महाराज हरि सिंह का नियंत्रण था
और यही बात पाकिस्तान के गले नहीं उतर रही थी..जबकि जम्मू कश्मीर का भारत में बने रहना भारत की सर्वधर्म समभाव वाली छवि से मेल खाता था.
- इसी जलन की वजह से 1947 में पाकिस्तान के North West Frontier Province के रास्ते कबाइली हमलावरों ने पाकिस्तानी सरकार की मदद से कश्मीर पर हमला कर दिया.
- इसी बीच अक्टूबर 1947 में कश्मीर का भारत में विलय हो गया..और पाकिस्तान समर्थित हमलावरों से मुकाबले के लिए भारतीय सेना कश्मीर भेजी गई.
- इसके बाद 1 जनवरी 1948 को भारत, कश्मीर विवाद का हल ढूंढने के लिए United Nations security Council चला गया.
- इसके बाद 1 जनवरी 1949 को दोनों देशों के बीच सीज़फायर लाइन अस्तित्व में आई लेकिन तब तक पाकिस्तान कश्मीर के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर चुका था जिसे आज Pak Occupied कश्मीर यानी PoK के नाम से जाना जाता है.
- इसके बाद 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान चीन ने लद्दाख के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा कर लिया जिसे अब अक्साइ चिन कहा जाता है... आपको बता दें कि अक्साइ चिन पर आज भी चीन का कब्जा है.
- इसके बाद 1963 में चीन और पाकिस्तान के बीच हुए एक समझौते के दौरान पाकिस्तान ने POK का 5180 वर्ग किलोमीटर का इलाका गैरकानूनी ढंग से चीन को सौंप दिया.
- 1970 में पाकिस्तान में गिलगित Agency और बाल्टिस्तान District को मिलाकर Northern Area बना दिया..जिसका एक बड़ा हिस्सा 1963 से ही चीन के कब्जे में है.
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एम्स भोपाल में हुए मध्य भारत के पहले हार्ट ट्रांसप्लांट से पुनर्जीवन प्राप्त करने वाले मरीज दिनेश मालवीय से उनकी कुशलक्षेम पूछी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि के लिए एम्स भोपाल की टीम को बधाई दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सिहंस्थ: 2028 का व्यवस्थित और सफल आयोजन राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिंहस्थ की व्यवस्थाओं का विस्तार उज्जैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों तक होगा, अत: इसमें पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। सिंहस्थ के आयोजन में श्रद्धालुओं के आवागमन की दृष्टि से उज्जैन जनपद विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, इंडस्ट्रियल बेल्ट भी इसी क्षेत्र में विद्यमान है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी यात्री बस सेवा का संचालन कंपनियों के माध्यम से किया जाएगा। इसको लेकर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है। इसको कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इससे पहले परिवहन विभाग ने संबंधित अन्य विभागों से यात्री परिवहन बस संचालन को लेकर राय ली। इसमें शहरी विकास विभागऔर विधि विभाग ने अपनी राय दे दी है। इसके तहत एक राज्य स्तर की कंपनी बनाई जाएगी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर किसानों के कल्याण के लिये कृत संपल्पित होकर कार्य कर रही है। सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज्ञान (GYAN) से ध्यान पर फोकस करते हुए 4 मिशन के क्रियान्वयन पर जोर दिया है। जल्द ही प्रदेश में किसान कल्याण के लिये मिशन भी प्रारंभ होने वाला है। वर्तमान में किसानों के कल्याण की विभिन्न योजनाएँ संचालित हो रही है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने माँ नर्मदा जयंती की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि माँ नर्मदा के अविरल प्रवाह ने मध्यप्रदेश को समृद्ध और खुशहाल बनाया है। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा माँ नर्मदा का आशीर्वाद ऐसे ही अनवरत बरसता रहे, यही कामना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नर्मदा जयंती पर प्रदेशवासियों से जल और संस्कृति के संरक्षण के लिए संकल्पित होने का आव्हान किया है।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि युवा वर्ग अपने सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़े। राज्य सरकार हरसंभव सहयोग प्रदान करने के लिए तत्पर है। इस क्रम में कल 5 फरवरी को सभी पात्र निर्धारित विद्यार्थियों को स्कूटी प्रदान की जाएगी। युवा वर्ग अपनी प्रावीण्यता का लाभ ले और अपने साथियों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनें, इस उद्देश्य से यह उपक्रम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा न केवल उद्यमी बनें अपितु सब प्रकार से सक्षम भी बनें और अपने लक्ष्य प्राप्ति में सफल हों।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्वोत्तर राज्यों से भारत एकात्मता यात्रा पर आए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश केवल भौगोलिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी देश की एकता और अखंडता को दर्शाता है। उन्होंने प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और राष्ट्रप्रेम की भावना को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को इस विविधता का सम्मान करने और भारतीय संस्कृति को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में पेश केन्द्रीय बजट में मध्यप्रदेश के लिए रेलवे सुविधाओं के लिए 14 हजार 745 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त कर मध्यप्रदेश के नागरिकों की ओर से धन्यवाद दिया है।
भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गोपाल भार्गव को राजभवन में विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का गरिमामय आयोजन राजभवन के दरबार हॉल में किया गया था। समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप-मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप-मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र को साकार कर जनता की जिन्दगी बदलना ही हमारी सरकार का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में जन-सामान्य ने अपना विश्वास व्यक्त किया है, उनके नेतृत्व में विकास की प्रक्रिया जारी है। विकास और जनकल्याण के लक्ष्य को संकल्प पत्र-2023 के अनुरूप धरातल पर उतारना हमारा उद्देश्य है। सभी विभाग संकल्प पत्र के सभी वादों, संकल्पों और घोषणाओं की पूर्ति का काम मिशन मोड में आरंभ कर समय-सीमा में लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करें।