भोपाल (एमपी मिरर)। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। वो सबसे ज्यादा समय तक मप्र पर शासन करने वाले नेता बन चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने सिंहस्थ का वो मिथक भी तोड़ दिया जो 1956 से लगातार चला आ रहा था। यहां हर बार सिंहस्थ के बाद या तो सरकार बदल जाती थी या फिर मुख्यमंत्री। सिंहस्थ 2016 के बाद ऐसा कतई नहीं हुआ। उल्टा सिंहस्थ से पहले जो सरकार दवाब में चल रही थी अब वो भी खत्म हो गया। इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उनके मंत्री बिना किसी दवाब के, पूरी आजादी के साथ काम कर रहे हैं। कोई तनाव नहीं है।
कब-किसकी कैसे बदली सत्ता
सिंहस्थ 2016 शुरू होने से पहले भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राजनीति का कारक ग्रह राहु तथा शनि को विशेष तौर पर माना गया है। जब भी गोचर काल में राहु-शनि का अन्य पाप ग्रहों से खडाष्टक अथवा दृष्टि संबंध या युति संबंध होता है तो राजनीति परिप्रेक्ष्य में परिवर्तन की स्थितियां बनती हैं। चूंकि बृहस्पति का गोचर काल सिंह राशि में बारह वर्ष बाद बनता है तब विपरीत स्थितियों में ग्रहों का दृष्टि संबंध शासन परिवर्तन करवाता है आैर प्राय: जब शनि, मंगल का भी गोचर काल वक्र गति से होता है तो वह परिवर्तन की स्थिति को बल प्रदान करता है। इस बार भी सिंहस्थ में इस प्रकार के योग बन रहे हैं, जो प्रदेश में सत्ता सहित बड़े स्तर पर शासकीय परिवर्तन की ओर से इशारा कर रहे हैं।
अप्रैल-मई 2004 में सिंहस्थ हुआ।
प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ 8 दिसंबर 2003 को मुख्यमंत्री बनीं भाजपा नेता उमा भारती एक साल भी पद पर काबिज नहीं रह सकीं। 1994 में हुए हुबली दंगा मामले में कर्नाटक की कोर्ट से अरेस्ट वारंट जारी होने के कारण उन्हें 23 अगस्त 2004 को रातों-रात इस्तीफा देकर पद छोड़ना पड़ा आैर 23 अगस्त 2004 को ही बाबूलाल गौर मुख्यमंत्री बने।
अप्रैल-मई 1992 में सिंहस्थ हुआ।
तब सुंदरलाल पटवा (5 मार्च 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक) मुख्यमंत्री थे। बाबरी मस्जिद ढहने के कारण भाजपा शासित प्रदेशों में 16 दिसंबर 1992 को रातों-रात सरकार बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। प्रदेश में 6 दिसंबर 1993 तक राष्ट्रपति शासन रहा। इसके बाद 7 दिसंबर 1993 को कांग्रेस के दिग्विजयसिंह मुख्यमंत्री बने।
मार्च-अप्रैल 1980 में सिंहस्थ हुआ।
जनता पार्टी की सरकार थी, वीरेंद्र सकलेचा 18 जनवरी 1978 से 19 जनवरी 1980 तक सीएम रहे। इनके बाद 20 जनवरी 80 से 17 फरवरी 80 तक सुंदरलाल पटवा सीएम रहे। इमरजेंसी के बाद प्रदेश में 18 फरवरी 1980 को राष्ट्रपति शासन लगा दिया। 8 जून 80 तक राष्ट्रपति शासन रहा। 9 जून 1980 को कांग्रेस के अर्जुन सिंह सीएम बने।
अप्रैल-मई 1968 आैर अप्रैल-मई 1969 में सिंहस्थ हुआ।
गोविंद नारायण सिंह (30 जुलाई 1967 से 12 मार्च 1969 तक) मुख्यमंत्री थे। इंदिरा आैर नेहरु कांग्रेस की उलझन के चलते 13 मार्च 1969 को राजा नरेशचंद्र सिंह मुख्यमंत्री बने। हालांकि वे भी केवल 25 मार्च 1969 तक ही सीएम रह सके। इनके बाद 26 मार्च 1969 को श्यामाचरण शुक्ल मुख्यमंत्री बने।
अप्रैल-मई 1956 आैर अप्रैल-मई 1957 में सिंहस्थ हुआ।
1 नवंबर 1956 को मप्र की स्थापना हुई, तब रविशंकर शुक्ल मुख्यमंत्री थे। 31 दिसंबर 1956 को उनके निधन के बाद भगवंत राव मंडलोई को 1 जनवरी 1957 को सीएम बनाया। वे भी 30 जनवरी 57 तक मात्र एक महीने मुख्यमंत्री रह सके। इनके बाद 31 जनवरी 1957 को कैलाशनाथ काटजू मुख्यमंत्री बने।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की बेटियों को शिक्षा में सहयोग के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में विकास और सामाजिक नेतृत्व के लिए सक्षम बनाया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना 2.0 का क्रियान्वयन इसी उद्देश्य से ही प्रारंभ किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज रविन्द्र भवन भोपाल में योजना के अंतर्गत 1477 लाड़ली लक्ष्मी बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए 1 करोड़ 85 लाख रूपये की राशि अंतरित कर संबोधित कर रहे थे।
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विकास कार्य गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूर्ण करें। यह हमारा कर्त्तव्य और धर्म है कि योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति कोमिले, लोगों की कठिनाईयाँ दूर हों और उनका जीवन सुगम हों। शासन-प्रशासन के माध्यम से हमें जन-सेवा का मौका मिला है। हम ईमानदारी के साथ मिशन मोड में अपने कर्त्तव्यों को निभाएँ। इससे प्रदेश प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा।
भोपाल। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 70 हजार शिक्षकों की कमी है। ऐसे में स्कूलों में 40 हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी चल रही है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में और सीएम राइज स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने जा रही है।
विदिशा। जिले में सोमवार रात को वर्षा थमने के बावजूद बेतवा का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण बेतवा किनारे बसी बस्तियों और गांवों में पानी घुस गया है। शहर के एक दर्जन से अधिक इलाकों में तीन से चार फीट पानी होने के कारण नाव से लोगों को निकालना पड़ रहा है।
भोपाल। यातायात को सुगम बनाने और औद्योगिक विकास के लिए मध्य प्रदेश में अधोसंरचना विकास के काम तेजी के साथ किए जा रहे हैं। भोपाल, इंदौर सहित 15 स्थानों पर रोप-वे बनाए जाएंगे। इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग लाजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी और लोक निर्माण विभाग के बीच अनुबंध हो चुका है।
भोपाल। पार्टी मुझे दरी बिछाने को कहेगी, तो शिवराज सिंह चौहान दरी बिछाने को भी राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का काम मानकर करेगा। दिल्ली जाओगे कि वहां जाओगे। मुझे कहीं नहीं जाना। पार्टी कहेगी कि जैत में रहो, तो जैत में रहूंगा। पार्टी कहेगी भोपाल में रहो, तो भोपाल में रहूंगा। मुझे कोई अहं नहीं।
कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में भी बुलंदशहर में दो साधुओं की नृशंस हत्या पर प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस ने बुलंदशहर में डबल मर्डर (दो साधुओं की हत्या) के मामले में प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।
Rajya Sabha Election 2020: गुजरात के राज्यसभा चुनाव में खींचतान के बीच भाजपा के लिए एक राहत की खबर यह है कि भारतीय ट्रायबल पार्टी (बीटीपी) ने चुनाव में समर्थन करने के संकेत दिए हैं। पार्टी के विधायक महेश वसावा ने उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से मुलाकात के बाद कहा कि 24 मार्च को कार्यकारणी की बैठक में समर्थन पर अंतिम फैसला होगा।
राज्यसभा चुनाव का प्रक्रिया जारी है और इस बीच बुधवार को 37 लोगों को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुन लिया गया। इनमें NCP (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) प्रमुख शरद पवार, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह शामिल हैं। बुधवार को नामांकन वापस लेने की समयसीमा बीत जाने के बाद इन प्रत्याशियों को निर्वाचित घोषित किया गया। मालूम हो की राज्यसभा की 55 सीटों के लिए 17 राज्यों में नामांकन भरे गए थे जिनमें से 37 का निर्विरोध चुनाव हो चुका है वहीं अब 26 मार्च को बची हुई 18 सीटों के लिए मतदान करावाया जाएगा। जिन सीटों के लिए मतदान होगा उनमें गुजरात और आंध्र प्रदेश में चार-चार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में तीन-तीन, झारखंड में दो और मणिपुर एवं मेघालय में एक-एक सीट शामिल है।
Three years of Yogi Sarkar : उत्तर प्रदेश में भारतीय जानता पार्टी (BJP) की योगी सरकार ने 18 मार्च को अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे कर लिये हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को बताया। लखनऊ में बुधवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि चुनौतियों और संभावनाओं के महासमर में संकल्पों और सिद्धांतों की नाव से यात्रा करते हुए आज उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार ने तीन वर्ष पूरे कर लिए हैं।